(थ्रेड लम्बा है ज़रूर पढ़े)
इस वितीय वर्ष की पहली तिमाही के आंकड़े सामने आए है जिसमे भारी गिरावट दर्ज हुई है।इस समय भारत मे लॉक डाउन था और दुनियाँ के ज्यादातर देशों की जीडीपी इस दौरान गिरी है।
@Bankers_United
नोटबन्दी व जीएसटी से टकराई रेल पटरी से उतर गई थी मगर खाली खेतों में उड़ते धूल-धूसर के बीच दिखाई नहीं दे रही थी।स्वतंत्र निकायों का एक-एक करके गला दबा दिया गया।
ट्रैन के आगे की तरफ व पीछे की तरफ गरीब लोगों के बैठने के लिए व्यवस्था होती है।
सत्ता में बैठे लोगों की हरकतें,इनकी बातें सुनकर तो ऐसा लगता है,
हकीकत के धरातल पर देखा जाएं तो जीडीपी का पूंजी के वितरण से कोई मतलब नहीं है।किसानों-मजदूरों की जीडीपी 70%तक गिरी है और मध्यम वर्ग की 50%तक।
साहब अब यह 18 घंटे हार्डवर्क वाला शगूफा बंद करिये
साभार:- प्रेमाराम सियाग