Shree Somnath Temple Profile picture
Sep 16, 2020 4 tweets 2 min read Read on X
#शिवमहिम्नःस्तोत्रम्
अकाण्ड-ब्रह्माण्ड-क्षयचकित-देवासुरकृपा-
विधेयस्याऽऽसीद् यस्त्रिनयन विषं संहृतवतः।।
स कल्माषः कण्ठे तव न कुरुते न श्रियमहो।
विकारोऽपि श्लाघ्यो भुवन-भय-भंग-व्यसनिनः।। १४।।
#भावार्थ:
जब समुद्रमंथन हुआ तब अन्य मूल्यवान रत्नों के साथ महाभयानक विष निकला, जिससे समग्र सृष्टि का विनाश हो सकता था। आपने बड़ी कृपा करके उस विष का पान किया। विषपान करने से आपके कंठ में नीला चिन्ह हो गया और आप नीलकंठ कहलाये।
परंतु हे प्रभु, क्या ये आपको कुरुप बनाता है ? कदापि नहीं, ये तो आपकी शोभा को और बढाता है। जो व्यक्ति औरों के दुःख दूर करता है उसमें अगर कोई विकार भी हो तो वो पूजा पात्र बन जाता है।
श्री सोमनाथ महादेव मंदिर,
प्रथम ज्योतिर्लिंग - गुजरात (सौराष्ट्र)
दिनांकः16 सितंबर 2020, भाद्रपद कृष्ण चतुर्दशी - बुधवार
प्रातः शृंगार
Virajben_PS-09202461

• • •

Missing some Tweet in this thread? You can try to force a refresh
 

Keep Current with Shree Somnath Temple

Shree Somnath Temple Profile picture

Stay in touch and get notified when new unrolls are available from this author!

Read all threads

This Thread may be Removed Anytime!

PDF

Twitter may remove this content at anytime! Save it as PDF for later use!

Try unrolling a thread yourself!

how to unroll video
  1. Follow @ThreadReaderApp to mention us!

  2. From a Twitter thread mention us with a keyword "unroll"
@threadreaderapp unroll

Practice here first or read more on our help page!

More from @Somnath_Temple

Oct 27, 2020
#शिवतांडवस्तोत्रम्
दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजंग मौक्तिकमस्रजो-
र्गरिष्ठरत्नलोष्टयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः ।
तृणारविंदचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः
समं प्रवर्तयन्मनः कदा सदाशिवं भजे ॥12॥
#भावार्थ:
कड़े पत्थर और कोमल विचित्र शय्या में सर्प और मोतियों की मालाओं में मिट्टी के टुकड़ों और बहुमूल्य रत्नों में, शत्रु और मित्र में, तिनके और कमललोचननियों में, प्रजा और महाराजाधिकराजाओं के समान दृष्टि रखते हुए कब मैं शिवजी का भजन करूँगा।
श्री सोमनाथ महादेव मंदिर,
प्रथम ज्योतिर्लिंग - गुजरात (सौराष्ट्र)
दिनांकः 27 अक्तूबर 2020, आश्विन शुक्ल एकादशी - मंगलवार
प्रातः शृंगार
Virajben_PS-10202904
Read 4 tweets
Oct 26, 2020
#शिवतांडवस्तोत्रम्
जयत्वदभ्रविभ्रम भ्रमद्भुजंगमस्फुर-
द्धगद्धगद्वि निर्गमत्कराल भाल हव्यवाट्-
धिमिद्धिमिद्धिमि नन्मृदंगतुंगमंगल-
ध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्ड ताण्डवः शिवः ॥11॥
#भावार्थ:
अत्यंत शीघ्र वेगपूर्वक भ्रमण करते हुए सर्पों के फुफकार छोड़ने से क्रमशः ललाट में बढ़ी हुई प्रचंड अग्नि वाले मृदंग की धिम-धिम मंगलकारी उधा ध्वनि के क्रमारोह से चंड तांडव नृत्य में लीन होने वाले शिवजी सब भाँति से सुशोभित हो रहे हैं।
श्री सोमनाथ महादेव मंदिर, प्रथम ज्योतिर्लिंग - गुजरात (सौराष्ट्र)
दिनांकः 26 अक्तूबर 2020, आश्विन शुक्ल दशमी - सोमवार
प्रात: शृंगार
Virajben_PS-10202894
Read 4 tweets
Oct 25, 2020
#शिवतांडवस्तोत्रम्
अगर्वसर्वमंगला कलाकदम्बमंजरी-
रसप्रवाह माधुरी विजृंभणा मधुव्रतम्‌ ।
स्मरांतकं पुरातकं भावंतकं मखांतकं
गजांतकांधकांतकं तमंतकांतकं भजे ॥10॥
#भावार्थ:
कल्याणमय, नाश न होने वाली समस्त कलाओं की कलियों से बहते हुए रस की मधुरता का आस्वादन करने में भ्रमररूप, कामदेव को भस्म करने वाले, त्रिपुरासुर, विनाशक, संसार दुःखहारी, दक्षयज्ञविध्वंसक, गजासुर तथा अंधकासुर को मारनेवाले और यमराज के भी यमराज श्री शिवजी का मैं भजन करता हूँ।
श्री सोमनाथ महादेव मंदिर, प्रथम ज्योतिर्लिंग - गुजरात (सौराष्ट्र)
दिनांकः 25 अक्तूबर 2020, आश्विन शुक्ल नवमी - रविवार
प्रात: शृंगार
10202886 Image
Read 4 tweets
Oct 24, 2020
#शिवतांडवस्तोत्रम्
प्रफुल्ल नील पंकज प्रपंचकालिमच्छटा-
विडंबि कंठकंध रारुचि प्रबंधकंधरम्‌
स्मरच्छिदं पुरच्छिंद भवच्छिदं मखच्छिदं
गजच्छिदांधकच्छिदं तमंतकच्छिदं भजे ॥9॥
#भावार्थ:
फूले हुए नीलकमल की फैली हुई सुंदर श्याम प्रभा से विभूषित कंठ की शोभा से उद्भासित कंधे वाले, कामदेव तथा त्रिपुरासुर के विनाशक, संसार के दुखों के काटने वाले, दक्षयज्ञविध्वंसक, गजासुरहंता, अंधकारसुरनाशक और मृत्यु के नष्ट करने वाले श्री शिवजी का मैं भजन करता हूँ।
श्री सोमनाथ महादेव मंदिर, प्रथम ज्योतिर्लिंग - गुजरात (सौराष्ट्र)
दिनांकः 24 अक्तूबर 2020, आश्विन शुक्ल नवमी - शनिवार
प्रात: शृंगार
10202877
Read 4 tweets
Oct 23, 2020
#शिवतांडवस्तोत्रम्
नवीन मेघ मंडली निरुद्धदुर्धरस्फुर-
त्कुहु निशीथिनीतमः प्रबंधबंधुकंधरः ।
निलिम्पनिर्झरि धरस्तनोतु कृत्ति सिंधुरः
कलानिधानबंधुरः श्रियं जगंद्धुरंधरः ॥8॥
#भावार्थ:
नवीन मेघों की घटाओं से परिपूर्ण अमावस्याओं की रात्रि के घने अंधकार की तरह अति गूढ़ कंठ वाले, देव नदी गंगा को धारण करने वाले, जगचर्म से सुशोभित, बालचंद्र की कलाओं के बोझ से विनम, जगत के बोझ को धारण करने वाले शिवजी हमको सब प्रकार की सम्पत्ति दें।
श्री सोमनाथ महादेव मंदिर, प्रथम ज्योतिर्लिंग - गुजरात (सौराष्ट्र)
दिनांकः 23 अक्तूबर 2020, आश्विन शुक्ल सप्तमी - शुक्रवार
प्रात: शृंगार
Virajben_PS-10202869
Read 4 tweets
Oct 22, 2020
#शिवतांडवस्तोत्रम्
कराल भाल पट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वल-
द्धनंजया धरीकृतप्रचंडपंचसायके ।
धराधरेंद्र नंदिनी कुचाग्रचित्रपत्रक-
प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने मतिर्मम ॥7॥
#भावार्थ:
जलती हुई अपने मस्तक की भयंकर ज्वाला से प्रचंड कामदेव को भस्म करने वाले तथा पर्वत राजसुता के स्तन के अग्रभाग पर विविध भांति की चित्रकारी करने में अति चतुर त्रिलोचन में मेरी प्रीति अटल हो।
श्री सोमनाथ महादेव मंदिर, प्रथम ज्योतिर्लिंग - गुजरात (सौराष्ट्र)
दिनांकः 22 अक्तूबर 2020, आश्विन शुक्ल षष्ठी - गुरुवार
प्रात: शृंगार
Virajben_PS-10202861 Image
Read 4 tweets

Did Thread Reader help you today?

Support us! We are indie developers!


This site is made by just two indie developers on a laptop doing marketing, support and development! Read more about the story.

Become a Premium Member ($3/month or $30/year) and get exclusive features!

Become Premium

Don't want to be a Premium member but still want to support us?

Make a small donation by buying us coffee ($5) or help with server cost ($10)

Donate via Paypal

Or Donate anonymously using crypto!

Ethereum

0xfe58350B80634f60Fa6Dc149a72b4DFbc17D341E copy

Bitcoin

3ATGMxNzCUFzxpMCHL5sWSt4DVtS8UqXpi copy

Thank you for your support!

Follow Us!

:(