आप बॉलीवुड मूवीज देखो या IPL......
अंत मे कमाएगा तो इस्लामिक आतंकवादी दाऊद ही।
जरिया ड्रग्स तो है ही एक्सटॉरसन मानी व सट्टेबाजी भी दोनों में ही।
आपने देखा होगा IPL के दौरान पूरे डेढ़ माह तक कोई भी बड़ी फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज नही होती.
क्यों ?? सोचा है कभी ??
IPL के दौरान बड़ी फिल्मों के सिनेमाघरों में रिलीज न करने पर बॉलीबुड अपनी सफाई में इसकी वजह IPL की लोकप्रियता बताता है। अर्थात बॉलीबुड के मुताबिक दर्शक IPL देखने में व्यस्त रहते हैं। अतः उनकी फिल्मों को कौन देखेगा? वे फ्लॉप हो जाएंगी?
किन्तु क्या ये सत्य है ??
ऐसा नही है कि IPL के दौरान कभी बड़ी फिल्मे रिलीज नही हुई अथवा वे फ्लॉप रही। हाउसफुल, हाउसफुल 2, तनु वेड्स मनु, तनु वेड्स मनु रिटर्न्स, विकी डोनर जैसी दर्जनों बड़ी फिल्मे है, जो IPL के दौरान रिलीज भी हुई और सुपरहिट भी साबित हुई।
अतः ये तर्क खारिज हो जाता है..
फिर अचानक से ऐसा क्या हुआ कि IPL के दौरान बड़े बैनर की फिल्में आना बिल्कुल बन्दसी हो गई?
क्यों ??
D कम्पनी.. जी हाँ बिल्कुल सत्य पढ़ा आपने D कम्पनी। IPL और बॉलीबुड दोनो ही D के धंधे हैं। बॉलीबुड पर D का अधिपत्य चलता है। बिना दुबई, कराची की मर्जी के बॉलीबुड में पत्ता भी नही हिलता।
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बॉलीबुड D कम्पनी का all time धंधा है(बारह मासी) और Ipl सीजनल बिजिनेस। बारह मासी धंधे से अधिक प्यारा सीजनल बिजिनेस होता हैं, अतः IPL के दौरान बड़ी फिल्में रिलीज होने से दर्शक न बंटे। IPL की दर्शक संख्या घटने से TRP न घटे।
अतः D के इशारे पर पूरे IPL के दौरान बड़ी फिल्मों की रिलीज पर रोक लगा दी जाती है।
दर्शक संख्या, Trp पर सट्टेबाजी निर्भर करती है। चेन्नई, मुम्बई, कोलकाता की टीमों पर सबसे अधिक सट्टा लगता है।
D कम्पनी जितना पैसा अवैध तरीके से बॉलीबुड में सालभर कमाती है।
लगभग उतना ही पैसा IPL से मात्र 2 माह में कमा लेती है।
अतः यदि आप #BoycottBollywood कर रहे हैं, तो IPL के प्रति इतनी दीवानगी क्यों?
आप बॉलीबुड की काली करतूतों से आहत होकर उसका बहिष्कार कर उसके अर्थतंत्र पर चोट पहुंचाकर उसे सबक सिखाना चाहते हैं। इस हेतु आप कमर भी कस चुके हैं।
किन्तु वहीं दूसरी और आप IPL देखकर उस D को मजबूत कर रहे हैं, जो बॉलीबुड का बॉस है।
ये ठीक उसी प्रकार है जब आप अपनी नाँव डूबने से बचाने हेतु उसमे भर आये पानी(बॉलीबुड) को उलच(बहिष्कार) रहे हैं। लेकिन दूसरी और IPL देखकर उसी नाँव में छेद कर पानी भी भरे जा रहे हैं।
क्या ऐसे बचेगी नाँव?
बॉलीबुड के दूषित होने का मुख्य कारण D है. रेडिकल Eस्लामिक बॉलीबुड, एन्टी नेशनल बॉलीबुड बनने का मुख्य कारण D कम्पनी है।
जड़ पर मट्ठा डालिए। मात्र टहनियों पर वार से वृक्ष सुरक्षित रहेगा। अतः बॉलीबुड के साथ-साथ सम्पूर्ण #IPL का बहिष्कार कीजिए। जड़ सहित वृक्ष को उखाड़ फेंकिए।
तभी नाँव बचेगी.. #BoycottBollywood #boycottipl2020 #SayNoToBollywood
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📌#वैलेंटाइन_का_दुष्परिणाम 👉🏻भारत में वैलेंटाइन के 7 दिन के पागलपन के चक्कर में हर साल लगभग 😳60-70 लाख लड़कियों के Nude picks और MMS व्हाट्स एप्प पर वायरल होते हैं...उन picks/MMS को देशी पोर्न साइट्स बेचकर करोड़ो रूपये💸💵💴💶 कमाती हैं...
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------ लेकिन कभी किसी nude pick/MMS में को ध्यान से देखना, सब लड़की के सामने और लड़की की मर्जी से क्लिक/रिकॉर्ड किया गया रहता है...
जिसमे से 60% ऐसा मिलेगा जिसमे लड़की ने खुद से ही अपने फोन से फोटो/वीडियो बनाया होता है...🤐
*लड़कियों में इच्छा शक्ति 10 गुना, और तार्किक क्षमता 1/10 गुना होती है...*
🌅भारत संतों का देश है, यहाँ एक से बढ़कर एक संत हुए हैं एक ऐसे ही संत हुए जो बड़े ही सदाचारी और लोकसेवी थे। उनके जीवन का मुख्य लक्ष्य परोपकार था।
एक बार उनके आश्रम के निकट से देवताओं की टोली जा रही थी। संत आसन जमाये साधना में लीन थे। आखें खोली तो देखा सामने देवता गण खड़े हैं। संत ने उनका अभिवादन कर उन सबको आसन दिया और उनकी खूब सेवा की।
देवता गण उनके इस व्यवहार और उनके परोपकार के कार्य से प्रसन्न होकर उनसे वरदान मांगने को कहा। संत ने आदरपूर्वक कहा – “हे देवगण! मेरी कोई इच्छा नहीं है। आप लोगों की दया से मेरे पास सब कुछ है।”
*कॉरपोरेट मिशनरी*
*बहुत ही ज्वलंत और चिंताजनक मुद्दा है यह।*
*क्या आप जानते है भारत में सबसे बड़ा कॉर्पोरेट कौन है?
*टाटा ? नहीं।*
*अम्बानी ? नहीं।*
*अदानी ? नहीं।*
*चौंकिए मत और आगे पढ़िए।*
*3,00,000 लाख करोड़ सम्पति वाला कोई और नहीं यह है , #The_Syro_Malabar_Church_केरल।*
*इसका 10000से ज्यादा संस्थानों पर कण्ट्रोल है और इसकी अन्य बहुत सी सहायक ऑर्गेनाइजेशन्स भी हैं।*
*मेरी समझ में यह एक ऐसा छद्म बिज़नेस ऑर्गेनाइजेशन है, जो सम्पत्ति के मामले में भारत में टाटा, अम्बानी आदि का मुकाबला करने में सक्षम है। ये सारे औद्योगिक घराने इसके आसपास भी नहीं हैं।*
*यकीन नहीं हो रहा है ना ,,,,?*
*तो ठीक है,ये आंकडे देखिए।*
*इनके अधीन*
*9000 प्रीस्ट*
*37000 नन*
*50 लाख चर्च मेम्बर*
*34 Dioceses*
*3763 चर्च*
*71 पादरी शिक्षा संस्थान*
*4860 शिक्षा संस्थान*
*2614 हॉस्पिटल्स और क्लिनिक*
*77 ईसाई शिक्षा संस्थान*
आओ समझें किसान बिल का APMC Act सरल भाषा में: वर्तमान APMC system
आजादी के बाद भारत में गांवों की संपूर्ण वितरण प्रणाली (whole distribution system) को साहूकार या व्यापारी नियंत्रित करते थे. जिससे किसानों को बहुत कम लाभ होता था.
इससे छुटकारा पाने के लिए और कृषकों को लाभ पहुँचाने के लिए राज्य सरकारों ने कृषि बाजार स्थापित किये, जिसके लिए APMC अधिनियमों को लागू किया. Agricultural Produce Market Committee (APMC) एक marketing board है, जो आमतौर पर भारत में एक राज्य सरकार द्वारा स्थापित किया जाता है
ताकि किसानों को बड़े खुदरा विक्रेताओं(retailers) के शोषण से बचाया जा सके. जिससे किसान कर्ज के जाल में न फंसे. साथ ही यह भी सुनिश्चित करता है कि खेत से लेकर retail price तक मूल्य उच्च स्तर तक न पहुँचे. 1970 में यह एपीएमसी एक्ट बनाया गया था.