बहुत ही ज्वलंत और चिंताजनक मुद्दा है यह क्या आप जानते है? भारत में सबसे बड़ा कॉर्पोरेट कौन है?🙄🤔
टाटा ? नहीं।
अम्बानी ? नहीं।
अदानी ? नहीं।
चौंकिए मत और आगे पढ़िए।
3,00,000 लाख करोड़ सम्पति वाला कोई और नहीं यह है , The_Syro_Malabar_Church_केरल।
इसका
10000 से ज्यादा संस्थानों पर कण्ट्रोल है और इसकी अन्य बहुत सी सहायक ऑर्गेनाइजेशन्स भी हैं।
मेरी समझ में यह एक ऐसा छद्म बिज़नेस ऑर्गेनाइजेशन है, जो सम्पत्ति के मामले में भारत में टाटा, अम्बानी आदि का मुकाबला करने में सक्षम है। ये सारे औद्योगिक घराने इसके आसपास भी नहीं हैं।
यकीन नहीं हो रहा है ना ,?
तो ठीक है,ये आंकडे देखिए।
इनके अधीन
👉9000 प्रीस्ट
👉37000 नन
👉50 लाख चर्च मेम्बर
👉34 Dioceses
👉3763 चर्च
👉71 पादरी शिक्षा संस्थान
👉4860 शिक्षा संस्थान
👉2614 हॉस्पिटल्स और क्लिनिक
👉77 ईसाई शिक्षा संस्थान
कुल मिलकर 11000 छोटे बड़े संस्थान।
इनके ऊपर सबसे शक्तिशाली चर्च है CMA
CMA के अन्दर ही 1514 संस्थान आते हैं। जिनमें देश भर में फैले स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल और अनाथालय हैं।😡
चर्च के 50 ऐसे ऑर्गेनाइजेशन हैं जो स्टॉक मार्केट में लिस्टेड हैं
अगर आप इस चर्च का सालाना टर्न ओवर देखेंगे तो कोई भी कंपनी इनके आसपास भी नहीं
फटकती है।
पूरे भारत में चर्च की पहुऺच गांवों तक है और विदेशों में भी इसके सहयोगी संस्थान हैं।
इस चर्च के सारे सदस्य मलेशिया के हैं। पूरी मनेजमेंट टीम भी मलेशिया की ही है
इसके अध्यक्ष को मेजर आर्चबिशप कहा जाता है।
Synod इस चर्च की सबसे ताकतवर कमेटी है, इसका मुखिया बिशप ही होता है।
The SYRO मालाबार चर्च दुनिया के कैथोलिक इसाईयत का सबसे शक्तिशाली विंग है, जिसका ओहदा उसकी अपनी सम्पत्ति की वजह से है।🙄🤔
अब क्योंकि यह माइनॉरिटी संस्थान है। इसलिए यह इनकम टैक्स भी नहीं देता है और सरकार इसकी सम्पति का ब्यौरा भी नहीं देख सकती है।
इस वजह से इसकी वास्तविक
सम्पति किसी को पता भी नहीं है।
इनका ऑडिट भी नहीं हो सकता।😡
अल्पसंख्यक के नाम पर यह बहुत बड़ा गोरखधंधा भारत में चल रहा है। यह एक प्रकार का ईस्ट इंडिया कम्पनी जैसा ही कारोबार है l😡
लेकिन बिडम्बना यह है कि सरकार इसके सामने अपने ही संविधान से असहाय है।
इसके पास जो जमीनें हैं
उसका भी सरकारों के पास कोई व्यवस्थित लेखा-जोखा नहीं है l अगर किसी एक के खिलाफ कोई कोर्ट जाता है तो हज़ारों और खड़े हो जाते हैं जैसे रक्तबीज हों।
इनकी सारी सम्पति का लगभग 50% तो सिर्फ शिक्षा संस्थानों के पास है।
जहाँ हिन्दुओं के बच्चे महंगी फीस देकर पढ़ते हैं, यही पैसा लोगों
को कन्वर्ट करने में, साधुओं की हत्या प्लानिंग में, नक्सलवाद में और ना जाने कितनी ही अन्य साजिशों में उपयोग हो रहा है l
उल्लेखनीय है कि हिन्दू संस्थाओं द्वारा संचालित स्कूलों पर टैक्स भी लगता है और RTE जैसे कानून भी लगते हैं, जो की कान्वेंट स्कूल पर लागु नहीं हैं।
उन स्कूलों की
फीस इन कॉन्वेंट स्कूलों के मुकाबले कुछ अधिक हो सकती है। हर बड़े शहरों में स्कूल भी नहीं बना सकते क्योंकि चर्च की तरह उनके पास प्रत्येक गांव, कस्बे और शहर में जमीनें भी नहीं होंगी।आपको ऐसे स्कूलों के लिए थोडा दूर भी जाना पड़ सकता है।
लेकिन आपका हर कदम आने वाली पीढ़ी के कदमों को
इस देश में मजबूती से जमाएगा l
अब निर्णय आपका है
ये स्वयं हिन्दुओं को समझना चाहिए की उनका पैसा ही एक दिन उनकी आने वाली पीढ़ियों को निगल ना जाये ।
यह एक गंभीर विषय है। अधिक से अधिक लोगो तक इस जानकारी को पहुचानें मै मदद कीजिए
जय_श्री_राम 🚩 @ekhivillain@bwali_guru@Sanaya_Speaks
• • •
Missing some Tweet in this thread? You can try to
force a refresh
सनातनी भाई बहनों, आप जानते हो मुस्लिम सलवार क्यों पहनते है?
कुर्ते के साथ पायजामा पहना जाता है लेकिन पठानी कुर्ते और सलवार की जोड़ी क्यों है, हिन्दू वीरों की ये गौरव गाथा जानिए
मेरे सनातनी भाई बहनों
मुस्लिमों के रोज रोज के झगड़ों और औरतों व् बच्चों पर अत्याचारों से परेशान
होकर महाराजा रणजीत सिंह के सेनापति हरी सिंह नलवा ने उनको उनकी औकात बताने के लिये अफगानिस्तान पर आक्रमण कर दिया।
मुस्लिमों को गाजरमूली की तरह काटा और अफगानिस्तान पर अधिकार कर लिया।
हजारों मुस्लिमों को बंदी बनाकर एक बाड़े में रोक दिया कि कल इन सबको काट देंगे ताकि फिर ना रहेगा
बांस ना बजेगी बांसुरी।
उनकी बीवियां आकर रोने लगीं, उनकी जान बख्शने की विनती करने लगी, हिन्दू धर्म का वास्ता देने लगी।
आखिर नारी जाति को रोते देख हरी सिंह नलवा जी का हृदय पसीज गया और उन्होंने कहा कि ठीक है कल आप बाड़े के सामने एक एक सलवार ले कर पहुँच जाना, जिसका पति सलवार
अफवाह नहीं सच्चाई है....यह !
300 करोड़ की लागत से फ़िल्म 'महाभारत 2020' की शूटिंग प्रारम्भ हो चुकी है. फ़िल्म का प्रोड्यूसर अर्थात मालिक... आमिर खान है ! फ़िल्म की मुख्य-मुख्य कास्टिंग इस प्रकार है :-
भगवान कृष्ण..... आमिरखान
द्रौपदी - दीपिका पादुकोण
युधिष्ठिर -अर्जुन रामपाल
अर्जुन - फरहान खान
भीष्म -अमिताभ बच्चन
सुना है कि सैफ अली खान और इमरान हाशमी भी साइन किये गए हैं(Not confirmed)...
किसी को भारत में डर लगता है, कोई घोर नशेडिन है.अभी NCB में फिर बुलाई जाएगी ! अर्जुन रामपाल अपने से 30 साल छोटी बालिका को पत्नी के रूप में रखते हैं.उनके साले
अर्थात सैम्युअल को NCB ने सुशांत केस में जेल में डाला हुआ है ... फरहान खान... जावेद अख्तर के पुत्र है... शाहीनबाग के समर्थन में मुम्बई की सड़कों पर उतरते हैं....
बचे भीष्म अर्थात अमिताभ बच्चन, तो उनकी और उनकी पत्नी की तो जितनी तारीफ की जाए सो कम है. सुशांत मरे या दिशा सालियान.
एक अंधेरी रात में एक काफिला एक रेगिस्तानी सराय में जाकर ठहरा। उस काफिले के पास सौ ऊंट थे। उन्होंने खूंटियां गाड़कर ऊंट बांधे, किंतु अंत में पाया कि एक ऊंट अनबंधा रह गया है। उनकी एक खूंटी और रस्सी कहीं खो गई थी। अब आधी रात वे कहां खूंटी-रस्सी लेने
जाएं!
काफिले के सरदार ने सराय मालिक को उठाया - "बड़ी कृपा होगी यदि एक खूंटी और रस्सी हमें मिल जाती। 99 ऊंट बंध गए, एक रह गया–अंधेरी रात है, वह कहीं भटक सकता है।"
बूढ़ा बोला- मेरे पास न तो रस्सी है, और न खूंटी, किंतु 1 युक्ति है। जाओ और खूंटी गाड़ने का नाटक करो और ऊंट
को कह दो–सो जाए।
सरदार बोला- अरे, कैसा पागलपन है??
बूढ़ा बोला-" बड़े नासमझ हो, ऐसी खूंटियां भी गाड़ी जा सकती हैं जो न हों, और ऐसी रस्सियां भी बांधी जा सकती हैं जिनका कोई अस्तित्व न हो। अंधेरी रात है, आदमी धोखा खा जाता है, ये तो एक ऊंट है?"
‘हंस के लिया है पाकिस्तान, लड़ के लेंगे हिन्दुस्तान’ की पूर्ति के लिए नवनिर्मित पाकिस्तान ने 1947 में ही कश्मीर पर हमला कर दिया। देश रक्षा के दीवाने संघ के स्वयंसेवकों ने उनका प्रबल प्रतिकार किया। उन्होंने भारतीय सेना, शासन तथा जम्मू-
कश्मीर के महाराजा हरिसिंह को इन षड्यन्त्रों की समय पर सूचना दी। इस गाथा का एक अमर अध्याय 27 नवम्बर, 1948 को कोटली में लिखा गया, जो इस समय पाक अधिकृत कश्मीर में है।
युद्ध के समय भारतीय वायुयानों द्वारा फेंकी गयी गोला-बारूद की कुछ पेटियां शत्रु सेना के पास जा गिरीं। उन्हें उठाकर
लाने में बहुत जोखिम था। वहां नियुक्त कमांडर अपने सैनिकों को गंवाना नहीं चाहते थे, अतः उन्होंने संघ कार्यालय में सम्पर्क किया। उन दिनों स्थानीय पंजाब नैशनल बैंक के प्रबंधक श्री चंद्रप्रकाश कोटली में नगर कार्यवाह थे। उन्होंने कमांडर से पूछा कि कितने जवान चाहिए ? कमांडर ने कहा - आठ
मनमोहन सिंह सत्ता में थे... प्रतिभा पाटिल देश की राष्ट्रपति थी तभी अचानक एक खबर ने सबको चौंका दिया कि एक बेहद कट्टरपंथी मुस्लिम गुलाम वाहनवटी भारत का अटार्नी जनरल नियुक्त हुआ
गुलाम वाहनवती अपने हिंदू विरोधी उसके लिए मशहूर था
उसने सुप्रीम कोर्ट ने में भारत सरकार की तरफ से वह
केस लड़ा था जिसमें रामसेतु तोड़ने की बात थी और इसी गुलाम वाहनवती के सलाह पर भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दिया था की रामायण काल्पनिक है राम रावण युद्ध कभी हुआ ही नहीं था रामसेतु तो एक प्राकृतिक संरचना है
मुसलमानों को ओबीसी कोटे में शामिल करने का केस हो
इतना ही नहीं उस
वक्त भारतीय सेना के प्रमुख थे जनरल वीके सिंह यह गुलाम वाहनवती उनके फर्जी सर्टिफिकेट बना कर सुप्रीम कोर्ट में उन्हें जबरदस्ती रिटायर करने की अपील किया था हालांकि सुप्रीम कोर्ट में इसे लात खानी पड़ी थी क्योंकि जांच में वह सर्टिफिकेट फर्जी निकला ।इतना कट्टर मुसलमान भारत का अटार्नी