😡😡
ट्रिक्स,शब्द और रणनीति।
आजकल जिहादी लोग वेद,उपनिषद और गीता लिख रहे हैं, उनका उद्देश्य पारंपरिक धर्म की गलत व्याख्या और अवहेलना करना है
यह भी सामरिक जिहाद का एक उदाहरण है।
#हाराफप्रकाशनी की पुस्तक,ये पुस्तकें कोलकाता से प्रकाशित हो रही हैं। आक्रामकता आज भी नहीं रुकी है!
हिंदू धर्म का अपमान करने के लिए,वे वेदों के संदर्भ में हिंदुओं की गलत व्याख्या करेंगे।
यह कहा जाएगा कि वेद गायों को खाने वाले हिंदुओं की बात करते हैं।इस तरह तो गलत जानकारी के साथ पारंपरिक धर्म को दूषित करेंगे वे,सोशल मीडिया फेसबुक पर हिंदू लड़कियों और लड़कों के नाम के साथ...
विभिन्न समूह,आईडी,पेज बनाए गए हैं।
ये षड्यंत्रकारी जन,जिनमें धर्म की गलत व्याख्या शामिल है,चतुराई से अभियोजन में लगे हुए हैं।अलग-अलग समूह या आईडी खोलना, ज़ाकिर नाइक की डुप्लीकेट व्याख्याओं को पोस्ट करना या इस्कॉन,वैष्णववाद,शाक्त, शाकाहारी, मांसाहारी,आर्यन,सनातनी,वैदिक, ब्राह्मण..
क्षत्रिय वैश्य शूद्र,दलित अदिति,पूर्ति पूजा, निराकार ईश्वर शाक्य के बारे में बहस करना। समर्थ परम निपुणता के साथ निन्दा सहित सभी जिहादी गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं।
इसलिए,हिंदुओं को समय का ध्यान रखना चाहिए,अन्यथा,अगली पीढ़ी के लिए भविष्य बहुत ही भयानक होगा..😐😣
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#नागा_साधु 🙏
1664 में नागा साधुओं ने औरंगजेब से काशी विश्वनाथ मंदिर को बचाया और 1757 में 4000नागा साधुओं ने अफगानियों को हराकर गोकुल की रक्षा की और उस प्रकरण में2000 साधुओं ने अपनी जान गवाई🙏
नागा साधुओं के लिए शौर्य और धर्म एक ही था। वे योद्धा संत इस्लामी चोरों के खिलाफ कई...
संघर्ष किये और उसके बाद अंग्रेजों के खिलाफ।
इस तरह से हिंदुओं और मंदिरों को अफगानीयों से और सरदार खान से गोकुल को छीनने वाले नागा साधुओं की वीरता से कौन उत्सुक है।
कुछ सदियों तक वे हिंदुओं और मंदिरों की ढाल बने रहे।
क्या आप जानते हैं नागा साधुओं ने औरंगज़ेब और उनकी शक्तियों..
को वाराणसी में बुरी तरह कुचल दिया था।
यह लड़ाई 1664 में करीब काशी विश्वनाथ मंदिर वारानसी के पास हुई जब औरंगजेब और उसकी शक्तियां काशी विश्वनाथ मंदिर को लूटने के लिए आई थीं।