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Mar 25, 2021 28 tweets 21 min read Read on X
आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः।
नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति।।

अर्थ –व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन आलस्य होता है, व्यक्ति का परिश्रम ही उसका सच्चा मित्र होता है। क्योंकि जब भी मनुष्य परिश्रम करता है तो वह दुखी नहीं होता है और हमेशा खुश ही रहता है।
#संस्कृत Image
उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः।
न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगा:।।

अर्थ–व्यक्ति के मेहनत करने से ही उसके काम पूरे होते हैं, सिर्फ इच्छा करने से उसके काम पूरे नहीं होते। जैसे सोये हुए शेर के मुंह में हिरण स्वयं नहीं आता, उसके लिए शेर को परिश्रम करना पड़ता है। Image
ददाति प्रतिगृह्णाति गुह्यमाख्याति पृच्छति।
भुङ्क्ते भोजयते चैव षड्विधं प्रीतिलक्षणम्।।

अर्थ – लेना, देना, खाना, खिलाना, रहस्य बताना और उन्हें सुनना ये सभी 6 प्रेम के लक्षण है।

#संस्कृत_श्लोक 🌹🌹💞💞 Image
अनादरो विलम्बश्च वै मुख्यम निष्ठुर वचनम।
पश्चतपश्च पञ्चापि दानस्य दूषणानि च।।

अर्थ – अपमान करके देना, मुंह फेर कर देना, देरी से देना, कठोर वचन बोलकर देना और देने के बाद पछ्चाताप होना। ये सभी 5 क्रियाएं दान को दूषित कर देती है।

#संस्कृत_श्लोक 🌹🌹🚩🚩 Image
वाणी रसवती यस्य,यस्य श्रमवती क्रिया।
लक्ष्मी : दानवती यस्य,सफलं तस्य जीवितं।।

अर्थ – जिस मनुष्य की वाणी मीठी हो, जिसका काम परिश्रम से भरा हो, जिसका धन दान करने में प्रयुक्त हो, उसका जीवन सफ़ल है।

#संस्कृत_श्लोक 🚩🙏 Image
यस्तु संचरते देशान् यस्तु सेवेत पण्डितान्।
तस्य विस्तारिता बुद्धिस्तैलबिन्दुरिवाम्भसि।।

अर्थ – जो व्यक्ति भिन्न-भिन्न देशों में यात्रा करता है और विद्वानों से सम्बन्ध रखता है। उस व्यक्ति की बुध्दि उसी तरह होती है जैसे तेल की एक बूंद पूरे पानी में फैलती है।

#संस्कृत_श्लोक Image
श्रोत्रं श्रुतेनैव न कुंडलेन,दानेन पाणिर्न तु कंकणेन।
विभाति कायः करुणापराणां,परोपकारैर्न तु चन्दनेन।।

अर्थ–कानों में कुंडल से नहीं, अपितु ज्ञान की बातें सुनने से है।
हाथों की सुन्दरता कंगन से नहीं,बल्कि दान देने से है।
शरीर चन्दन से नहीं,परहित में किये कार्यों से शोभायमान है।🙏 Image
प्रदोषे दीपक : चन्द्र:,प्रभाते दीपक:रवि:।
त्रैलोक्ये दीपक:धर्म:,सुपुत्र: कुलदीपक:।।

अर्थ – संध्या काल में चन्द्रमा दीपक है, प्रभात काल में सूर्य दीपक है, तीनों लोकों में धर्म दीपक है और सुपुत्र कूल का दीपक है।

#संस्कृत_श्लोक 🚩
#सुप्रभात 🌹😊 Image
अश्वस्य भूषणं वेगो मत्तं स्याद् गजभूषणं।
चातुर्यम् भूषणं नार्या उद्योगो नरभूषणं।।

अर्थ–घोड़े की शोभा उसके वेग से होती है और हाथी की शोभा उसकी मदमस्त चाल से होती है।नारियों की शोभा उनकी विभिन्न कार्यों में दक्षता के कारण और पुरुषों की उनकी उद्योगशीलता के कारण होती है।
#संस्कृत 🙏 Image
यथा ह्येकेन चक्रेण न रथस्य गतिर्भवेत्।
एवं परुषकारेण विना दैवं न सिद्ध्यति।।

अर्थ – जैसे एक पहिये से रथ नहीं चल सकता। ठीक उसी प्रकार बिना पुरुषार्थ के भाग्य सिद्ध नहीं हो सकता है।

#संस्कृत_श्लोक
#सुप्रभात #सुविचार 🌹🙏🚩 Image
प्रियवाक्य प्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः।
तस्मात तदैव वक्तव्यम वचने का दरिद्रता।।

अर्थ – प्रिय वाक्य बोलने से सभी जीव संतुष्ट हो जाते हैं, अतः प्रिय वचन ही बोलने चाहिए। ऐसे वचन बोलने में कंजूसी कैसी।

#संस्कृत_श्लोक 🚩🙏
#सुविचार #सुप्रभात Image
परो अपि हितवान् बन्धुः बन्धुः अपि अहितः परः।
अहितः देहजः व्याधिः हितम् आरण्यं औषधम्।।

अर्थ–कोई अपरिचित व्यक्ति मदद करें तो परिवार के सदस्य की तरह महत्व दें,परिवार का सदस्य नुकसान दे तो उसे महत्व न दे।
जैसे शरीर के अंग बीमार हो जाये तो तकलीफ देती है पर जंगल की औषधी लाभ देती है।🙏 Image
मूर्खस्य पञ्च चिह्नानि गर्वो दुर्वचनं तथा।
क्रोधश्च दृढवादश्च परवाक्येष्वनादरः।।

अर्थ – एक मुर्ख के पांच लक्षण होते है घमण्ड, दुष्ट वार्तालाप, क्रोध, जिद्दी तर्क और अन्य लोगों के लिए सम्मान में कमी।

#संस्कृत_श्लोक
#सुप्रभात #सुविचार 🌹🙏🚩 Image
देवो रुष्टे गुरुस्त्राता गुरो रुष्टे न कश्चन:।
गुरुस्त्राता गुरुस्त्राता गुरुस्त्राता न संशयः।।

अर्थ –भाग्य रूठ जाये तो गुरू रक्षा करता है। गुरू रूठ जाये तो कोई नहीं होता। गुरू ही रक्षक है, गुरू ही शिक्षक है, इसमें कोई संदेह नहीं।

#संस्कृत_श्लोक 🚩😊🌹🙏
#सुविचार #सुप्रभात 🌹😊 Image
पुस्तकस्था तु या विद्या,परहस्तगतं च धनम्।
कार्यकाले समुत्तपन्ने न सा विद्या न तद् धनम्।।

अर्थ – किसी पुस्तक में रखी विद्या और दूसरे के हाथ में गया धन। ये दोनों जब जरूरत होती है तब हमारे किसी भी काम में नहीं आती।

#संस्कृत_श्लोक #सुविचार 🙏🌹 Image
निरपेक्षो निर्विकारो निर्भरः शीतलाशयः।
अगाधबुद्धिरक्षुब्धो भव चिन्मात्रवासनः।।

अर्थ – आप सुख साधन रहित, परिवतर्नहीन, निराकार, अचल, अथाह जागरूकता और अडिग हैं। इसलिए अपनी जाग्रति को पकड़े रहो।

#संस्कृत_श्लोक #सुप्रभात 🙏🌹🚩 Image
विद्या मित्रं प्रवासेषु,भार्या मित्रं गृहेषु च।
व्याधितस्यौषधं मित्रं, धर्मो मित्रं मृतस्य च।।

अर्थ – विदेश में ज्ञान, घर में अच्छे स्वभाव और गुणस्वरूप पत्नी, औषध रोगी का तथा धर्म मृतक का सबसे बड़ा मित्र होता है।

#संस्कृत_श्लोक #सुप्रभात 🌹🚩 Image
अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविन:।
चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशोबलं।।

अर्थ – बड़ों का अभिवादन करने वाले मनुष्य की और नित्य वृद्धों की सेवा करने वाले मनुष्य की आयु, विद्या, यश और बल ये हमेशा बढ़ती रहती है।

#संस्कृत_श्लोक 🙏🌹
#सुविचार 😊🙏 Image
स्तस्य भूषणम दानम, सत्यं कंठस्य भूषणं।
श्रोतस्य भूषणं शास्त्रम,भूषनै:किं प्रयोजनम।।

अर्थ – हाथ का आभूषण दान है, गले का आभूषण सत्य है, कान की शोभा शास्त्र सुनने से है, अन्य आभूषणों की क्या आवश्यकता है।

#संस्कृत_श्लोक 🚩🙏
#सुप्रभात 🌹🙏 Image
यद्यत्संद्दश्यते लोके सर्वं तत्कर्मसम्भवम्।
सर्वां कर्मांनुसारेण जन्तुर्भोगान्भुनक्ति वै।।

अर्थ – लोगों के बीच जो सुख या दुःख देखा जाता है कर्म से पैदा होता है। सभी प्राणी अपने पिछले कर्मों के अनुसार आनंद लेते हैं या पीड़ित होते हैं।

#संस्कृत_श्लोक 🚩🙏
#सुप्रभात 🌹🙏 Image
भूमे:गरीयसी माता,स्वर्गात उच्चतर:पिता।
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गात अपि गरीयसी।।

अर्थ – भूमि से श्रेष्ठ माता है, स्वर्ग से ऊंचे पिता हैं, माता और मातृभूमि स्वर्ग से भी श्रेष्ठ हैं।

#संस्कृत_श्लोक
#सुविचार #मातापिता 🙏🌹😊 Image
उद्यमः साहसं धैर्यं बुद्धिः शक्तिः पराक्रमः।
षडेते यत्र वर्तन्ते तत्र दैवं सहायकृत्।।

जो जोखिम लेता हो (उधम), साहस, धैर्य, बुद्धि, शक्ति और पराक्रम जैसे ये 6 गुण जिस व्यक्ति के पास होते हैं, उसकी मदद भगवान भी करता है।

#संस्कृत_श्लोक 🚩🙏🌹
#सुप्रभात 🌹🌹😊 Image
दुर्जन:स्वस्वभावेन परकार्ये विनश्यति।
नोदर तृप्तिमायाती मूषक:वस्त्रभक्षक:।।

अर्थ – दुष्ट व्यक्ति का स्वभाव ही दूसरे के कार्य बिगाड़ने का होता है। वस्त्रों को काटने वाला चूहा पेट भरने के लिए कपड़े नहीं कटता।

#संस्कृत_श्लोक #सुप्रभात #सुविचार 🌹🙏 Image
पृथ्वियां त्रीणि रत्नानि जलमन्नम सुभाषितं।
मूढ़े: पाधानखंडेषु रत्नसंज्ञा विधीयते।।

अर्थ – पृथ्वी पर तीन रत्न हैं जलअन्न और शुभ वाणी पर मुर्ख लोग पत्थर के टुकड़ों को रत्न की संज्ञा देते हैं।

#संस्कृत_श्लोक 🚩 #सुप्रभात 🌹😊
#सुविचार 😊🙏 Image
माता शत्रुः पिता वैरी येन बालो न पाठितः।
न शोभते सभामध्ये हंसमध्ये बको यथा।।

अर्थ–जो माता पिता अपने बच्चो को शिक्षा से वंचित रखते हैं,ऐसे माँ बाप बच्चो के शत्रु के समान है।विद्वानों की सभा में अनपढ़ व्यक्ति कभी सम्मान नहीं पा सकता वह हंसो के बीच एक बगुले के सामान है।
#संस्कृत 🙏 Image
अष्टादस पुराणेषु व्यासस्य वचनं द्वयम्।
परोपकारः पुण्याय पापाय परपीडनम्।।

अठारह पुराणों में व्यास के दो वचन ही है। पहला परोपकार ही पुण्य है और दूसरा औरों को दुःख पहुंचाना पाप है।

#संस्कृत_श्लोक 🚩🙏
#सुप्रभात #सुविचार 🌹😊 Image
पिपीलिकार्जितं धान्यं मक्षिकासञ्चितं मधु ।
लुब्धेन सञ्चितं द्रव्यं समूलं हि विनश्यति ॥

अर्थ - चींटी द्वारा इकट्ठा किया गया अनाज, मक्खी द्वारा जमा किया गया शहद,
और लोभियों द्वारा संचित किया गया धन, समूल ही नष्ट हो जाता है।

#संस्कृत_श्लोक #सुविचार 🙏😊 Image
मा कुरु धनजनयौवनगर्वं हरति निमेषात्कालः सर्वम्।
मायामयमिदमखिलं हित्वा ब्रह्मपदं त्वं प्रविश विदित्वा॥

अर्थ-धन, जन, और यौवन पर घमण्ड मत करो; काल इन्हें पल में छीन लेता है।
इस माया को छोड़ कर इस ज्ञान से ब्रह्मपद में प्रवेश करो।

#संस्कृत_श्लोक 🙏
#सुविचार
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Nov 21, 2022
प्रिय मोदी समर्थक..!♥

हम आपके सभी मनोभाव और प्रसन्नता को समझते हैं तथा मोदी जी के अद्भुत कार्यों की सराहना भी करते है किंतु आप तारीफ़ व अतिप्रसन्नता में उन्हें आदि शंकराचार्य, भगवान विष्णु के अवतार तथा किसी भी दैवी शक्ति से तुलना मत करीये यह आग्रह है।🙏😌

ऐसी मानसिकता गलत है।
व्यक्ति पूजा की मानसिकता के खिलाफ ही मोदी जी और गैर कांग्रेसी विचारधारा इस देश में संघर्ष किया है तथा किसी भी व्यक्ति को देश का पिता, देश की माँ, देश का चाचा और देश का पर्याय कहने पर पुरजोर विरोध किया है।

इसलिए अतिउत्साह में वही गलती न करे जो कुतर्क बेच कर औरो ने किया है।🙏😌
इतिहास मुल्यांकन करेगा और हमारी विचारधारा का विकास होते रहेगा तब मोदी जी उसके अग्रणी महान राष्ट्रवादी नेता के तौर पर जाने जाएंगे तथा हिंदू समाज बिल्कुल कहेगा की विशेष ईश्वरीय कृपा उनपर रही है।

पर अभी जो हम अतिउत्साह या किसी को खुश करने के लिए कह रहे हैं उसका गलत मतलब जा रहा है।
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Nov 21, 2022
Thread 🧵 👇

नमस्कार 🙏🏻

एक गलती कहाँ हुई ?

एक बहुत ब्रिलियंट लड़का था कार्तिक राजाराम सारी जिंदगी फर्स्ट आया. साइंस में हमेशा 100% स्कोर किया. अब ऐसे लड़के आम तौर पर इंजिनियर बनने चले जाते हैं, सो उसका भी सिलेक्शन IIT चेन्नई में हो गया. वहां से B Tech किया…👇
और वहां से आगे पढने अमेरिका चला गया और यूनिवर्सिटी ऑफ़ केलिफ़ोर्निया से MBA किया.

अब इतना पढने के बाद तो वहां अच्छी नौकरी मिल ही जाती है. उसने वहां भी हमेशा टॉप ही किया. वहीं नौकरी करने लगा. 5 बेडरूम का घर उसके पास. शादी यहाँ चेन्नई की ही एक बेहद खूबसूरत लड़की से हुई .
…👇
एक आदमी और क्या मांग सकता है अपने जीवन में ? पढ़ लिख के इंजिनियर बन गए, अमेरिका में सेटल हो गए, मोटी तनख्वाह की नौकरी, बीवी बच्चे, सुख ही सुख।

लेकिन दुर्भाग्य वश आज से चार साल पहले उसने वहीं अमेरिका में, सपरिवार आत्महत्या कर ली….!👇
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Apr 27, 2022
क्या आप जानते है सनातन धर्म में दिन रात की गणना कैसे होती है ?

क्या यह पता है कि ईश्वर के दिन रात और वर्ष महिने अगल होते हैं ?

क्या यह अंतर जानते हैं कि ब्रह्मा जी के आयु गणना इन सब तरिका से भिन्न होता है और उनकी आयु कितनी हैं ?

आईए जानते हैं -
सहस्रयुगपर्यन्तमहर्यद्ब्रह्मणो विदुः।
रात्रिं युगसहस्रान्तां तेऽहोरात्रविदो जनाः।।

#श्रीमदभगवद्गीता के अनुरूप -
जो मनुष्य ब्रह्माके एक हज़ार चतुर्युगीवाले एक दिनको और सहस्त्र चतुर्युगीपर्यन्त एक रातको जानते हैं, वे मनुष्य ब्रह्माके दिन और रातको जाननेवाले हैं।

अब गणना बताते है-
सत्य, त्रेता, द्वापर और कलि-मृत्युलोक के इन चार युगको एक चतुर्युगी कहते हैं। ऐसी एक हजार चतुर्युगी बीतने पर ब्रह्माजी का एक दिन होता है और एक हजार चतुर्युगी बीतने पर ब्रह्माजी की एक रात होती है। दिन-रात की इसी गणनाके अनुसार सौ वर्षों की ब्रह्माजी की आयु होती है।

........ 👇👇
Read 11 tweets
Apr 21, 2021
रामायण से जुड़े रहस्य जिनसे दुनिया अभी भी अनजान है-
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रामायण के हर 1000 श्लोक के बाद आने वाले पहले अक्षर से गायत्री मंत्र बनता हैl
🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
#Ramnavmi #रामनवमी2021
#रामनवमी_की_हार्दिक_शुभकामनाएं 🚩😊
गायत्री मंत्र में 24 अक्षर होते हैं और वाल्मीकि रामायण में 24,000 श्लोक हैंl रामायण के हर 1000 श्लोक के बाद आने वाले पहले अक्षर से गायत्री मंत्र बनता हैl यह मंत्र इस पवित्र महाकाव्य का सार हैl गायत्री मंत्र को सर्वप्रथम ऋग्वेद में उल्लिखित किया गया हैl
#गायत्री_मंत्र 🚩🙏
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राम और उनके भाइयों के अलावा राजा दशरथ एक पुत्री के भी पिता थेl
श्रीराम के माता-पिता एवं भाइयों के बारे में तो प्रायः सभी जानते हैं, लेकिन बहुत कम लोगों को यह मालूम है कि राम की एक बहन भी थीं, जिनका नाम “शांता” थाl वे आयु में चारों भाईयों से काफी बड़ी थींl
Read 18 tweets
Mar 12, 2021
छप्पनभोग प्रसाद का कथा और सभी का नाम --

जब इंद्र देवता गोवर्धन वासियों पर क्रोधित हो गए थे और अपना गुस्सा दिखाने के लिए झमझम बरसने लगे थे। इतना बरसे कि कहर बरपा दिया, ना किसी को और, ना किसी को ठौर। पूरा गाँव जैसे डूब ही गया था कि सबने कन्हैया से बिनती की।

#जयश्रीकृष्ण
#छप्पनभोग
अब कन्हैया का तो था ही ऐसा कि किसी ने भी पुकारा और बस चल दिए। उस दिन भी कन्हैया को आना ही पड़ा। सीधे गए और गोवर्धन पर्वत को ही उठा लिया अपनी कनिष्ठा पर और सारे गाँव वालों को खड़ा कर लिया उसके नीचे।

#छप्पनभोग #जय_श्री_राधे_कृष्ण
बस सात दिनतक बिना कुछ खाये-पिए कान्हा सबको संभाले रहे जबतक कि इंद्र थक कर हार नहीं मान लिए।अब कान्हा तो बढ़िया जमकर आठों पहर खाना खाया करते थे पर गाँव वालों को बचाने के लिए कुछ ना खाया ना पीया।बाद में गाँव वालों ने मिलकर सात दिन और आठ पहर छप्पन भोग बनाकर कान्हा को अर्पण करते दिए।
Read 7 tweets
Jan 7, 2021
अश्वत्थामा, बलि, व्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य और भगवान परशुराम ये सात महामानव चिरंजीवी हैं। यदि इन सात महामानवों और आठवे ऋषि मार्कण्डेय का नित्य स्मरण किया जाए तो शरीर के सारे रोग समाप्त हो जाते है और 100 वर्ष की आयु प्राप्त होती है।

#श्रीमदभगवद्गीता
#पद्मपुराण
#सुप्रभात Image
जहाँ विद्या का सम्बन्ध होता है,
वहाँ पक्षपात नहीं होता,

पर जहाँ कौटुम्बिक सम्बन्ध होता है,
वहाँ स्नेहवश पक्षपात हो जाता है।

#श्रीमदभगवद्गीता 🚩
#जय_श्री_कृष्णा 🙏 Image
अग्निदो गरदश्चैव शस्त्रपाणिध्धनापहः।
क्षेत्रदारापहर्ता च षडेते ह्याततायिनः॥
(वसिष्ठस्मृति ३। १९)

आग लगानेवाला, विष देनेवाला,हाथमें शस्त्र लेकर मारनेको उद्यत हुआ,धनका हरण करनेवाला, जमीन छीननेवाला और स्त्रीका हरण करनेवाला-ये छहों ही आततायी हैं।

#श्रीमदभगवद्गीता 🚩
#जय_श्री_कृष्णा Image
Read 31 tweets

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