जब देश ने #वैक्सीन लगाने का निर्णय लिया,तब से बुद्धिजीवी वर्ग, गैर भाजपा राजनीतिक दल, NGOs, मीडिया में बोलना शुरू कर दिया कि डेटा नहीं हैं,फर्जी हैं और हम नहीं लगवाएंगे।
मीडिया ने भी भारतीय वैक्सीन के विरोध में एक आंदोलन छेड़ दिया।
इस दौरान के वैक्सीन विरोध में किस किस मीडिया
में कितने न्यूज़ / लेख छापे, इसकी सूची पर गौर करे -
इंडियन एक्सप्रेस -182,
लोकसत्ता-172,
नवभारत टाइम्स -236,
hindustan times -123,
times of india -28,
the wire -78,
the print -59,
scroll -122,
newslundary -54,
alt news -78,
the hindu -128
विरोधी राजनीतिक दलों के कितने
नेताओं ने वैक्सीन के विरोध में बोला, इसकी सूची देखे।
कांग्रेस पार्टी -58,
समाजवादी पार्टी-17,
शिवसेना-27,
DMK-13,
CPM-12
TMC -12
265 बड़ी NGO के संस्थापक व कर्मचारियों ने
वैक्सीन के विरोध में बोला है।
172 रिटायर्ड आईएएस, आईपीएस, जज और अन्य सरकारी अधिकारियों ने भी
वैक्सीन
के विरोध में बोला है।
342 कार्टून भी वैक्सीन के विरोध में कार्टूनिस्ट लोगों ने बनाये हैं।
जिसके बाद देश की जनता के बड़े वर्ग में एक भ्रम पैदा हो गया कि वैक्सीन नहीं लगाना है।
और जब 15 जनवरी से टीकाकरण शुरू हुआ तो टीका केंद्र लोग इक्का दुक्का लोग ही टीका लगाने आते थे।
आप मुंबई
में टीके के लिए आज लग रही लम्बी लाइनों को देखे तो सैकड़ों की संख्या में 60 वर्ष से अधिक के लोग भी दिख रहे है। कोई इनसे पूछे कि जनवरी-फ़रवरी और मार्च तक, जब भीड़ नहीं थी और टीके के डोज़ बेकार जा रहे थे, तब आपने टीके क्यों नहीं लगवाए तो ये उसी डर का हवाला देते है, जो इन अख़बारों,
नेताओं आदि ने पैदा किया।
इस डर से आज जहाँ हम 17 करोड़ को टीके लगा पाये है, वो कम से कम 34 करोड़ होता और करोना के दूसरे वेव में इतनी बुरी स्थिति हमारी नहीं होती।
आज यही आंदोलनकारी लोग चुपचाप जाकर वैक्सीन लगवा रहे हैं।
क्यों नहीं इन पर जनता को गुमराह करने मुक़दमा दर्ज होना चाहिए?
*बहुत कम लोग शायद जानते हैं कि इस समय विश्व का एकलौता यहूदी देश #इजरायल अपना "50 वाँ विजयी दिवस" मना रहा है। मगर 51 साल पहले इसी दिन हुआ क्या था..?*
*भारत के हिंदूवादियों और सेक्युलरों की आँखें खोलने वाला युद्ध है।*
*जिस तरह 1947 में भारत पाकिस्तान से
अलग हुआ उसी तरह इजरायल फिलिस्तीन से अलग हुआ था।*
*बस अंतर इतना था कि पाकिस्तान मुसलमानों के देशद्रोह का नतीजा था, और इजरायल यहूदियों के अधिकारों का। क्योंकि फिलिस्तीन तो क्या पूरा मध्य एशिया कभी यहूदियों का था मगर इस्लाम फैलने के साथ साथ इजरायल सिमटता गया। 1947 में इजरायल बना
और 4 जून 1967 को मिस्र, सीरिया, जॉर्डन, इराक, लेबनॉन, अल्जीरिया, कुवैत, लीबिया, मोरक्को, पाकिस्तान और ट्यूनीशिया इन सभी मुस्लिम देशों ने मिलकर इजरायल पर हमला कर दिया।*
*इजरायल में उस समय 20% मुसलमान थे। ये 20 सालों से इजरायल को बहुत प्यार कर रहे थे। मगर जैसे ही उन्हें पता चला
*WITH THIS PRIME MINISTER MODIJI HAS GIVEN BIGGEST SHOCK TO WESTERN AND EUROPEAN COUNTRIES AS WELL AS TO LEFTISTS AND ANTIMODI GROUPS AND INDIAN PRESTITUTES*
*This is the reason behind that if Modi is watching everything being silent. It is known
that the hard work of DRDO, INMAS, CCMB is getting its results from 2020 May onwards for the PM, so Modi is in full swing! Anti-Covid drug 2-deoxy-D-glucose (2-DG)is out that scientists are continuously doing tests despite lockdown.*
India has *given the biggest shock to Europe
& *Western countries*!! Indian Govt has given permission to a drug called 2-deoxy-D-glucose (*2-DG*).
The worldwide Chinese virus crisis has already been broken in hopes of selling their vaccines and profit [1.25 trillion dollars]. If India has the highest population with a
🚩संघ को 96 वर्ष लगे हैं अंग्रेजों की बनाई कांग्रेस को राजनीतिक विकलांग करने में....
कांग्रेसिया कोख के अवैध गर्भ से पैदा हुए क्षेत्रीय दलों को भी राजनीतिक विकलांग करने में 10-15वर्षों का समय तो लगेगा ही.....
बंगाल वामपंथियों का अभेद किला था... वामपंथियों के बंगाल में
राष्ट्रवादियों के लिए कोई जगह नहीं थी.. उसमें सेंधमारी करके पिछली बार वामपंथियों की 77सीट थी लेकिन अबकी बार वामपंथियों को एक भी सीट नहीं मिली है जबकि 3 सीट वाली BJP77सीटों पर कब्जा जमा चुकी है....
10साल तक मुख्यमंत्री रही ममता बनर्जी स्वयं BJP के शुभेंदु अधिकारी के हाथों
पराजित कर दी गई है....
1200सालों से गद्दारों द्वारा पराजित किया गया हिन्दुओ का देश एकाएक विजयी नहीं हो सकता....
धैर्य रखें.....
राष्ट्रवाद की जीत होकर रहेगी....
5सालों में बहुत कुछ घटेगा.....
अगर ग़द्दार डाल डाल है तो मोदी पात पात..
1.*हे दयानिधे ! रथ रोको अब, क्यों प्रलय की तैयारी है ।*
*ये बिना शस्त्र का युद्ध है जो, महाभारत से भी भारी है ।*
*नैना रोते रोते सूखे, अब नीर कहाँ इन आँखों में ।*
*परवाज पे जिनकी गर्व बड़ा, अब जान कहाँ इन पाँखों में ।।*
*अपने भी साथ नही अपने, जंग जीवन से यूँ जारी है ।*
*ये बिना शस्त्र का युद्ध है जो, महाभारत से भी भारी है ।*
*हमने खुद को यूं बसा लिया, वैज्ञानिकता की बांहों में ।*
*अवरोध खड़े कर दिए बड़े, हर एक दूजे की राहों में ।।*
*धरती माता का दोहन तो, कर लिया गगन की बारी है ।*
*ये बिना शस्त्र का युद्ध है जो, महाभारत से भी भारी है ।।*
*जिन मुश्किल से गुजर रहे, ये खेल हमारे अपने हैं ।*
*जीवन अनमोल बिका जिन पर, कुछ चंद सुखों के सपने हैं ।।*
*हर ओर तमस दिखता है अब, भय में हर रात गुजारी है ।*
*ये बिना शस्त्र का युद्ध है जो, महाभारत से भी भारी है ।।*
*कितने परिचित कितने अपने, कितने आखिर यूँ चले गए ।*