हिन्दू धर्म अनुसार कुछ महत्वपूर्ण 10 बातें हैं। संभवत: इनमें से कुछ आप जाते हों और कुछ नहीं। हमने यहां ऐसी बातों को ढूंढा है जिनकी संख्या दस है। हो सकता है कि ऐसी और भी बातें हों। #Shahi_Speaks
10 कर्तव्य:- 1. संध्यावंदन, 2. व्रत, 3. तीर्थ, 4. उत्सव, 5. दान, 6. सेवा 7. संस्कार, 8. यज्ञ, 9. वेदपाठ, 10. धर्म प्रचार। आओ जानते हैं इन सभी को विस्तार से।
10 दिशाएं : दिशाएं 10 होती हैं जिनके नाम और क्रम इस प्रकार हैं- उर्ध्व, ईशान, पूर्व, आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्चिम, वायव्य, उत्तर और अधो। एक मध्य दिशा भी होती है। इस तरह कुल मिलाकर 11 दिशाएं हुईं।
10 दिग्पाल : 10 दिशाओं के 10 दिग्पाल अर्थात द्वारपाल होते हैं या देवता होते हैं। उर्ध्व के ब्रह्मा, ईशान के शिव व ईश, पूर्व के इंद्र, आग्नेय के अग्नि या वह्रि, दक्षिण के यम, नैऋत्य के नऋति, पश्चिम के वरुण, वायव्य के वायु और मारुत, उत्तर के कुबेर और अधो के अनंत।
10 पूजा : गंगा दशहरा, आंवला नवमी पूजा, वट सावित्री, तुलसी विवाह पूजा, शीतलाष्टमी, गोवर्धन पूजा, हरतालिका तिज, दुर्गा पूजा, भैरव पूजा और छठ पूजा।
10 धार्मिक स्थल : 12 ज्योतिर्लिंग, 51 शक्तिपीठ, 4 धाम, 7 पुरी, 7 नगरी, 4 मठ, आश्रम, 10 समाधि स्थल, 5 सरोवर, 10 पर्वत और 10 गुफाएं।
10 पूजा के फूल : आंकड़ा, गेंदा, पारिजात, चंपा, कमल, गुलाब, चमेली, गुड़हल, कनेर, और रजनीगंधा।
10 धार्मिक सुगंध : गुग्गुल, चंदन, गुलाब, केसर, कर्पूर, अष्टगंथ, गुढ़-घी, समिधा, मेहंदी, चमेली।
10 यम-नियम :1.अहिंसा, 2.सत्य, 3.अस्तेय 4.ब्रह्मचर्य और 5.अपरिग्रह। 6.शौच 7.संतोष, 8.तप, 9.स्वाध्याय और 10.ईश्वर-प्रणिधान।
10 सिद्धांत : 1.एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति (एक ही ईश्वर है दूसरा नहीं), 2.आत्मा अमर है, 3.पुनर्जन्म होता है, 4.मोक्ष ही जीवन का लक्ष्य है, 5.कर्म का प्रभाव होता है, जिसमें से कुछ प्रारब्ध रूप में होते हैं इसीलिए कर्म ही भाग्य है, 6.संस्कारबद्ध जीवन ही जीवन है,
7.ब्रह्मांड अनित्य और परिवर्तनशील है, 8.संध्यावंदन-ध्यान ही सत्य है, 9.वेदपाठ और यज्ञकर्म ही धर्म है, 10.दान ही पुण्य है।
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