कल जो पोस्ट रह गई थी वो आज बाकि पोस्ट कर रही हूं वक़्त निकाल कर पढ़ने की कोशिश करें।
👉 मैंने दो साल पहले एक आर्टिकल #टिकटॉक_और_बेहया_मुसलमान में जब ये लिखी थी कि आज इस्लाम के बेशुमार दुश्मन ख़ुद मुसलमानों के घरों में पल रहे हैं तब बहुत से लोगों को बुरा लगा था__/ 1/17
मगर आज वो ही लोग परेशान हैं कि पता नहीं कब और कौन लड़की उनके आस पास से मुर्तद हो जाये, अभी तो आपने चंद शादियाँ और शादी के लिए दिए गए सिर्फ़ चंद रजिस्ट्रेशन फॉर्म देखे हैं मगर इस से अलग शिर्क के हामियों के साथ अय्याशी करती हुई मुस्लिम लड़कियों की तादाद सैकड़ों हज़ारों नहीं
बल्कि लाखोँ करोड़ों में जा पहुंची है और उनको रोक पाने की कोई एक पहल दूर दूर तक दिखाई नहीं देती हैं,
और ये हमारी इज्तेमाई नाकामी है जिसमें हमारे मदारिस, उलेमा ए दीन, हमारा मुआशरा, हमारे वालिदैन और ख़ुद हम पूरी तरह ज़िम्मेदार हैं।
और ये बेग़ैरत लड़कियाँ हमारी नाकामी से निकली
हुई वो कालिख हैं जो अल्लाह ने हम सब के मुँह पर पोत दी है क्योंकि हम इसी के लायक़ थे,हम दुनिया के वो निकम्मे और बहानेबाज़ मुसलमान हैं जिनके पास अपनी ज़िम्मेदारी और अमल से बचने के हज़ारों बहाने हैं और हर नाकामी के लिए ख़ुद को बेक़सूर साबित करने के भी,
अगर दीन के नाम पर हमारे पास अब कुछ बचा है तो वो सिर्फ़ दिखावा और ढोंग है।
👉 कॉलेज यूनिवर्सिटीयों,पार्कों, रेस्टोरेंटों, सिनेमा हॉलों, बियर बारों, गली मोहल्लों, मेले और बाज़ारों में और इंटरनेट पर बेहयाई करते हुए अपनी क़ौम के नौजवानों को देख कर एहसास होती है कि जैसे इनका दीन,
ईमान, आख़िरत और ख़ुदा सब कुछ एक हराम रिश्ते में समा गया है और उस हराम रिश्ते के बिना इनकी ज़िन्दगी का तसव्वुर करना भी नामुमकिन है,
क़ौम के नौजवानों पर हराम रिश्तों का ऐसा भूत सवार है कि ख़ुद अपने दीन और अपने ख़ुदा के हुक्मों को अपने पैरों तले रौंद रहे हैं,
आज इन हरामख़ोरों ने हिजाब/पर्दा जैसे पाकीज़ा लिबास को बेहयाई और अय्याशी करने के लिए दुनिया की नज़र से बचने का सबसे आसान ज़रिया बना दिया है, दुनिया का कोई बदतरीन अमल ऐसा नहीं जो आज हिंदुस्तानी मुसलमानों से दूर हो और इसके बावजूद हम काफ़िर और दुश्मने इस्लाम उन ग़ैर इस्लामी लोगों
को बताते हैं जो इतनी बेहयाई और दीन की बेहुरमती करने की हिम्मत भी नहीं कर सकते... क्या ख़ुद दीन की इतनी बेहुरमती और हमारे किरदारों में इतनी बेहयाई के बाद भी हमको किसी काफ़िर और दुश्मने इस्लाम की ज़रूरत बाक़ी रह गई है।
👉 सर से पावँ तक अय्याशियों नशे और बेहयाई में डूबे क़ौम के
इन नौजवानों से अगर शादी करने को कहा जाए तो तमाम दुनिया की जिम्मेदारियां अपने सर पर गिना देंगे लेकिन अपनी हवस मिटाने को ये किसी कूड़ा बीनने वाली से या किसी गटर साफ़ करने वाले से भी मुँह काला करने में देर नहीं लगाते, शादी के नाम पर इनको अपनी औक़ात से पचास गुना ज़्यादा हराम का माल
चाहिए, हूर जैसे लड़का लड़की चाहिए भले ही अपनी शक्ल किसी जानवर से भी बदतर हो, यानी आज हमारे पास जाइज़ और हलाल काम करने को हज़ारों शर्तें हैं लेकिन हरामकारी करने को कोई बंदिश नहीं है😢😢
👉 एक वक़्त था जब रूस सुपर पॉवर था और उसने अपने यहाँ इस्लाम पर पाबन्दी आयत कर दी,
मुस्लिम मर्दों को चुन चुन कर मार दिया गया, क़ुरआन और मस्जिदों को शहीद कर दिया, इस्लाम की हर निशानी मिटा दी गई और मुस्लिम औरतों को उनका मज़हब बदल कर अपनी ग़ुलाम बना कर रख लिया गया लेकिन अल्लाह ने उन्ही ग़ुलाम औरतों से ऐसा काम लिया कि उनकी परवरिश और ग़ुलामी के ज़रिए उन ज़ालिमों के
बच्चों के दिलों में ईमान की हरारत पैदा कर दी जिनके बाप दादाओं ने रूस से इस्लाम का नामो निशान मिटा दिया था और एक दिन उसी ज़ालिम रूस से टूट कर, 6,7 इस्लामी मुल्क वजूद में आये।
मगर ये सब इसलिए मुमकिन हुआ कि ज़ुल्म और मजबूरियों ने उन ग़ुलाम औरतों का ज़ाहिरी मज़हब और हुलिया तो बदल
दिया था मगर उनके दिलों से जज़्बा ए ईमानी को न निकाल सका.. मगर इस दौर की ये बदकिरदार लड़कियाँ जो शिर्क के हामियों के बिस्तर गर्म करती फिर रही हैं अगर ये उनसे शादी भी न करें तब भी क्या ये कोई ईमान का हामी पैदा कर पाएंगी नहीं बल्कि इनकी कोख से शैतान के हामी ही पैदा होंगे,
और अल्लाह करे के इनकी कोखें बंजर निकले जिस से ये अपने जैसी हराम और शिर्क में डूबी हुई नस्लें पैदा न कर सकें।
लेकिन इन बेग़ैरत लड़कियों के कारनामे आज उन बुज़ुर्गाने दीन की रूहों को कितनी तक़लीफ़ पहुँचाते होंगे जिन्होंने अपनी अगली नस्लों तक ईमान की दौलत पहुंचाने को अपनी खुशियों
की, मासूम बच्चों की, अपने जान ओ माल की क़ुर्बानियां दी थीं।
👉 सुनो ऐ हवस परस्तों हराम कुफ़्र और शिर्क की ख़ातिर तुम जो आज ईमान से फिर रही हो उस हराम की दौलत, जिस्म की हवस, और ऐशो आराम की उम्र सिर्फ़ 30,40 बरस है उसके बाद तुमको वापस उसी रब की तरफ़ जाना है तुमको जवानी का नशा
उतर जाने के बाद एक एक साँस का हिसाब देना होगा, भले ही तुम 30,40 बरस बाद मर जाओ लेकिन तुमको अपनी कोख से निकली हुई नस्ल के उस आख़िरी शख़्स की आख़िरी सांस तक का हिसाब देना होगा जो तुम्हारी हवस और हरामकारी से शिर्क और कुफ़्र के बीच ज़िन्दगी गुज़ारेगी।
इसलिए तुम्हारी शिर्क में मुब्तिला एक एक साँस पर लानत, तुम्हारी हराम में डूबी हुई ज़िन्दगी पर लानत, तुम्हारी आने वाली नस्लों पर लानत और तुम पर बेशुमार लानत, बेशुमार लानत..?
__/ आज फिर पोस्ट लंबी हो जाने के कारण मैं बाकि पोस्ट यानी आखिरी पोस्ट कल कर दूंगी। #Stop_Bhagwa_love_trap
#_बिहार_के_कटिहार_की_एक_तस्वीर को पागल मुसलमान वायरल करने से लगे हैं जिस में कुछ हिंदूवादी लोग एक मस्जिद के सामने से गुज़रती अपनी धार्मिक यात्रा के दौरान एक दूजे का हाथ थामे खड़े हैं, अगर वो मस्जिद की हिफ़ाज़त में ऐसा कर रहे हैं तो मस्जिद को
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किस से ख़तरा है उनकी यात्रा में शामिल लोगों से न, तो फिर उन लोगों को पुलिस गिरफ़्तार क्यों नहीं करती जबकि पुलिस वहाँ मौजूद है____"
आप कभी सजीशों को समझ ही नहीं पाते, दो दिन पहले आपने ट्विटर पर अपने ऊपर हुए ज़ुल्म को दुनिया के सामने रखने में इतनी मेहनत की
और दुनिया को दिखाया कि तुम पर कितना ज़ुल्म हो रहा है और दुनिया ने उसको देखा भी, दुनिया भर से आवाज़े भी उठीं और अब आप एक प्रिप्लांड तस्वीर को खुद ही वायरल कर के दुनिया को ये बता रहे हैं कि हम कल तक झूठ दिखा रहे थे जबकि तमाम कट्टर संघटन तो हमारी मस्जिदों की
इसकी बातों को हल्के में ना लें ये ऐसे ही नहीं बोल रहा है____"
इन्होंने लव जिहाद की आड़ में एक मुहिम चलाई थीं कि मुस्लिम लड़कियों को मुर्तद करो,
आज आप उसका नतीजे देख सकतें हो इंडिया के बड़े बड़े शहरों से लेकर छोटे से छोटे गांव देहात तक में कोई जगह ऐसी नहीं जहां___1/5
(13 साल से लेकर 50 साल तक) की मुस्लिम लड़की/औरत गैर मुस्लिम से ना लग रही हो____"
पहले हमने आज तक नहीं सुना ना देखा कि कोई मुसलमान अपना मजहब छोड़ कर गैर मुस्लिम बन गए, मुसलमान मर सकता है कट सकता है लेकिन अपना मजहब नहीं छोड़ सालता हैं____"
1947 में पंजाबी मुसलमान औरतों ने अपनी
लाशों से कुएं भर दिए थें, लेकिन अपने मजहब और अपनी आबरू से समझौता नहीं की थी,लेकिन आज के हालात देखें आय दिन खबरें आ रही फलां मुस्लिम लड़की गैर मुस्लिम लड़के के साथ पकड़ी गई😥😥
फलां मुस्लिम लड़की गैर मुस्लिम से शादी कर के मुर्तद बन गई और हमारे लोगों के कानों पर जूं तक नहीं
प्यार का कोई धर्म नही होता इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नही होता वो अपना धर्म मानेगा मैं अपना धर्म कुछ ऐसा ही दावा हर वो लड़की करती है जो इस तरह की शादियां करती पर लास्ट में 95% ऐसी शादियों का रिजल्ट बेहद खतरनाक होता है___"
गुजरात के सुरत शहर मे मुस्लिम लडक़ी को हिन्दु पति ने_ 1/8
भरी बाजार मे चाकु से गोद के कत्ल कर दिया सात साल पहले घर से भाग के शादी कि थी चार साल कि बच्ची है मरने वाली लडक़ी का नाम #मिनाझ_सैयद और पति का नाम #संदीप_अहीर था____"
ऐसी हज़ारों मामलात देख सुन चुकी हूं कुछ दिनों पहले ही एक वीडियो देख रही थी जिसमें मुस्लिम लड़की ने एक ऐसे ही
एक हिन्दू लड़के से शादी की लड़की ने लड़के के लिए जॉब की उसे आईटीआई की पढ़ाई करायी उसकी पूरी खर्च तक उठाती रही लेकिन शादी के 6,7 बाद ही लड़के ने घर से भाग गया साथ ही साथ लड़की की कुछ पैसे और ज़ेवर ले गया_____"
ये सभी देख कर भी बाकी मुस्लिम बहने कुछ इबरत हासिल नहीं करती
"सलाम है कर्नाटक के उड़पी की इन बहनों को" लगातार स्कूल स्टाफ द्वारा हिजाब लगाने की वजह से क्लॉस ना अटेंट करने से रोकने पर भी यह लोग रोज हिजाब में आती हैं और गैलरी में बैठ कर पढ़ टाइम पूरा करके चली जाती हैं___"
1930 में फ्रांस ने अल जज़ायर Algeria) पर अपने कब्जे का 100 साला जश्न मनाया और सारी दुनिया के सामने कहा कि यह जश्न अल जज़ायर में इस्लाम का "जनाज़ा' है
अल जज़ायर के लोग अब फ्रांसीसी मुआशरे (समाज)में ढल जाने के काबिल हो गए उसकी दलील के तौर पर फ्रांसीसी अधिकारियों ने एक
रैली का आयोजन किए जिसमें अल जज़ायर की लड़कियां मॉर्डन कपड़ों में रैली में एक साथ निकलेंगी, और इसका सारा खर्चा फ्रांस का होगा इस काम के लिए फ्रांस के एक मजहबी पेशवा "लाकोस्टा" को जिम्मेदारी दी गई कि वह उन चंद लड़कियों की तालीम तरबीयत (ट्रेनिंग) करे____"
उनको सिर्फ मुस्लिम ल़डकियां चाहिए चाहें वो कैसी भी हो
लेकिन हमारे मुआशरे के लोगों को मुस्लिम लड़कियां चाहिए पढ़ी लिखी लड़के से बहुत ज्यादा पढ़ी लिखी भी न हो जॉब न करती हो खूबसूरत हो गोरी हो काम हाइट भी नही चलेगी लड़के के बराबर भी हाइट न हो खानदान भी आला हो और मालदार भी हो 1/4
जो दहेज भी बेहतर दे सके बिरादरी सेम होनी चाहिए____"
वही मुआशरे की लड़कियों को भी चाहिए साढ़े चार फुट के लड़का लड़के की हाइट ठीक ठाक ही होनी चाहिए स्मार्ट भी होना चाहिए खुद चाहें गुरबत में हो लेकिन लड़का मालदार चाहिए फैमिली छोटी होनी चाहिए सांस नंद का झमेला न हो लड़का वेल सेटल
हो बिरादरी का मसला यहां भी इंपॉर्टेंट है
खुद चाहें कुछ न खर्च करें लेकिन लड़के से ये उम्मीद की पांच लाख के जेवर लेकर आए दो सौ बाराती ताकि अपनी सहेलियों रिश्तेदारों को दिखा सकें___"
ये हलाल रिश्तों के लिए शर्तों की लंबी फेहरिस्त है जबकि हराम रिश्ते के लिए कोई शर्त नहीं उसके लिए
अभी तक जितनी भी लड़कियों से बात की हूं किसी लड़की ने मुझसे ये नही कही कि भगवा लव ट्रेप के बारे में उसके भाई बाप ने बताया हो शौहर ने बताया है___"
बल्कि हर लड़की यही बात कहती है कि दोस्त ने बताया सोशल मीडिया से समझ आई इसका मतलब ये की जो लड़कियां लंबी पोस्ट नही पढ़ती 1/4
या सोशल मीडिया इस्तेमाल नहीं करती वो अब भी अनजान होंगी क्योंकि घर के मर्द को तो शर्माने से फुर्सत नहीं___"
ये हाल है हमारे मर्दों का
और लड़कों से पूछी तो लड़के कहते हैं कि वो अपने घर में ये सब बात करने में शर्म करते हैं या हमारे घर का मामला ठीक है हमारे घर की औरते अलग हैं___"
मेरे भाई जिन घरों के मामले आ रहे हैं उन घरों के मर्द भी ऐसे ही गलतफ़हमी में थे की उनका घर ठीक है उनके घर में कोई गड़बड़ी नहीं हो सकती हैं___"
फितनो को औरत के मुकाबले मर्द ज्यादा जल्दी समझते है और औरत फितनो की शिकार जल्दी होती है इस लिए मर्द की जिम्मेदारी है कि वो औरतों को