१४ अगस्त १९४७ के पूर्व की भारतमाता के मानचित्र और उसको छांटनेवाले विश्वासघाती और अपराधियों का स्मरण करना भी प्रासंगिक रहेगा।
🔻 १५ अगस्त को देश की स्वाधीनता की घोषणा करते हुए हमारे प्रथम प्रधानमंत्री ने लालकिले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा था " आज हमारा अपनी....
नियति से मेल हुआ है "
-👉 लेकिन किस कीमत पर ?
🔻 १३ अगस्त को मातृभूमि के जिस भाग पर भारतमाता की जय के नारे लगते थे स्वतंत्रता दिवस के दिन वह भाग भारतमाता का अंग नहीं था।
☸️महर्षि पाणिनि की जन्मस्थली ,
✡️गुरुनानक का ननकाना साहेब ,
☸️हिंगलाज देवी के सहित ८ शक्तिपीठ ,
👇
अपना मोहनजोदड़ो और हड़प्पा ,
☸️कटसराज का सरोवर जहाँ यक्ष ने पांडवों से प्रश्न पूछे थे ,
☸️भगत सिंह , सुखदेव और राजगुरु की समाधियाँ।
☸️रामजी के पुत्र लव का लाहौर और कुश का कुशूर ,
☸️हमारी पंचनद यह सभी अपने नहीं रहे तथा
☸️लाहौर में रावी का वह तट
👇
👉 जहाँ पंडित जवाहर लाल नेहरु की अध्यक्षता में कांग्रेस ने १९३० में संपूर्ण स्वराज का संकल्प लिया वह तट भी स्वाधीनता का सूर्य उदित हुआ तो पराया हो गया था। ढाकेश्वरी देवी का मंदिर भी अपना नहीं रहा . देश का २९% भूभाग उसमे स्थित ६२ जिले, पूरा बलूचिस्तान , उत्तरी पश्चिमी सीमा
👇
प्रान्त सिंध , पूर्वी बंगाल और पश्चिमी पंजाब से वंचित भारतमाता १५ अगस्त को स्वाधीन हुई।
🔻 देश का बंटवारा कोई तात्कालिक घटना नहीं थी, स्वाधीनता के बाद जिन्होंने देश की बागडोर संभाली और जिनके वैचारिक विरासत के उत्तराधिकारी अभी कुछ दिन पहले तक केंद्र में शासनारूढ़ थे, वे इस..
👇
पाप से अपने को अलग नहीं कर सकते। कुछ ऐसे ज्वलंत प्रश्न हैं जिनका उत्तर इन्हें ही देना है।
🔻 - १९१६ को वाराणसी के कांग्रेस अधिवेशन में हिन्दू- मुस्लिम पृथक निर्वाचन के प्रस्ताव की स्वीकृत कर विभाजन की आधारशिला रखने वाले आखिर कौन ?
👇
🔻 - उसी अधिवेशन में खिलाफत आन्दोलन का समर्थन करके , कीमत अदा करके एक समुदाय विशेष को देशभक्त बनाने की परंपरा प्रारंभ करने वाले आखिर कौन ?
🔻- १९२३ को काकीनाडा कांग्रेस अधिवेशन में मुस्लिम लीग की स्थापना में महती भूमिका निभाने वाले मोहम्मद अली जौहर की अध्यक्षता में अधिवेशन
👇
करके और उनके द्वारा अधिवेशन में वन्दे मातरम के गायन का विरोध करने पर जिन पंक्तियों का उन्होंने विरोध किया बाद में उसे वन्दे मातरम गीत से विलोपित करने का निकृष्टतम कृत्य आखिर किसने किया ?
🔻 - १९३० में मुस्लिम लीग के इलाहाबाद अधिवेशन की अध्यक्षता कर रहे अल्लामा इकबाल......
👇
जिसने पहली बार उस अधिवेशन में अलग मुस्लिम देश का प्रस्ताव रखा, उस इकबाल को देशभक्ति गीत के अमर रचनाकार के रूप में आजतक देश में कौन प्रतिष्ठित किये हुए है ?
🔻 - किसने मुस्लिम लीग के जिन्ना की अध्यक्षता में १९४० के लाहौर अधिवेशन में पाकिस्तान की मांग के स्पष्ट प्रस्ताव के..
👇
बाद देश को आश्वस्त किया था कि " देश का बंटवारा हमारी लाश पर होगा" ?
🔻 कालांतर में पूरे देश में डायरेक्ट एक्शन के तहत मुसलमानों ने हिन्दुओं का कत्लेआम किया, जिसके दबाव में और तुरंत सत्ताप्राप्ति की जल्दबाजी में किसने देश का बंटवारा स्वीकार किया ? जिसकी चरम परिणिति
👇
यह हुई कि १० लाख हिन्दुओं का नरसंहार और १.५ करोड़ हिन्दुओं का विस्थापन हुआ ??
🔻 - १४ % मुस्लिम आबादी के आधार पर २९% मातृभूमि का पवित्र भूभाग पकिस्तान के नाम पर देने का कुकृत्य किसने किया ? तथा किन्होंने भारत में शेष बचे मुसलामानों को तो विशेषाधिकार दिए और पकिस्तान में
👇
बचे हुए हिन्दुओं को उनके भाग्य पर छोड़ दिया जो वहां कीड़े मकोड़ों का जीवन जीने को मजबूर हैं।
🔻 - स्वतंत्रता के बाद केरल में देश का बंटवारा करानेवाली मुस्लिम लीग के सहयोग से सरकार चलाकर किन्होंने उन्हें अपराधबोध से मुक्त कर देश की राजनीती के मूलधारा में लाने का कुकृत्य किया
👇
इस सब के अपराधी कौन ?
🔻 - सत्ता के लिए ४ करोड़ से अधिक बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश में अतिथि का सम्मान देने वाले अपराधी कौन?
-किसके वरदहस्त से इसाई मिशनरीज की प्रेरणा से पूर्वांचल में अराष्ट्रीय गतिविधियाँ चल रही हैं ?
🔻 - ५ प्रदेश देश से अलग होकर पाकिस्तान बने आज...
👇
६५ % मुस्लिम आबादी का कश्मीर ,९८ % मुस्लिम आबादी का लक्षद्वीप मुस्लिम बाहुल्य प्रदेश है। ३१% मुस्लिम आबादी का असम ,२६ % मुस्लिम आबादी का पश्चिम बंगाल , २५ % मुस्लिम आबादी का केरल ,१८% मुस्लिम आबादी का बिहार और १७ % मुस्लिम आबादी वाला उत्तर प्रदेश मुस्लिम प्रभुत्व वाले......
👇
प्रदेश बन चुके हैं l आज ये प्रदेश उन्हीं समस्याओं से ग्रसित हैं जिनसे विभाजन से पूर्व मुस्लिम बहुल प्रदेश हुआ करते थे । इसके अतिरिक्त 92% इसाई आबादी वाला नागालैंड , ८७% इसाई आबादी वाला मिजोरम और ७० % इसाई आबादी वाला मेघालय इसाई बाहुल्य प्रदेश हो गए हैं और अराष्ट्रीय ....
👇
गतिविधियों का केंद्र बने हुए हैं।
🔻 -१९१४ में गांधीजी के भारतीय राजनीति में आगमन के बाद तथाकथित धर्मनिरपेक्षता के विषाणु से इस देश की राजनीति संक्रमित हुई और कालांतर जिसके कारण देश का बंटवारा हुआ, वह विषाणु आज उससे भी घातक स्वरुप में यहाँ के अधिकांश राजनैतिक दलों
👇
में विद्यमान हो गए ।१९१६ के लखनऊ अधिवेशन में कांग्रेस का जो देशघाती स्वरुप प्रकट हुआ था उसके पापों की श्रृंखला कालांतर में इतनी बढ़ गयी है कि उसके दुष्कृत्यों के कारण देश दुसरे बंटवारे के मुहाने तक पहुच चुका है।
🔻 स्वाधीनता दिवस के पावन पर्व पर हम सबको अटल जी की इन
👇
कालजयी पंक्तियों -
" १५ अगस्त का दिन कहता आज़ादी अभी अधूरी है।
सपने सच होना बाकी है रावी की शपथ न पूरी है।"
🔻 का स्मरण कर भारतमाता को पुनः अखंड स्वरुप में लाने का संकल्प करना है इसका एकमेव उपाय है संगठित , सशक्त , आग्रही , आक्रामक , राष्ट्रभक्त और सक्रिय हिन्दू समाज।
👇
हमें बलपूर्वक कहना है की देश में सर्वधर्म समभाव , राष्ट्रीय अखंडता , सहिष्णुता की एकमेव गारंटी क्या हिन्दू और केवल हिन्दू ही है ? हमें वैचारिक समूलोच्छेद करना होगा ऐसी प्रवृत्ति को बढ़ावा देने वालों का जो पंथनिरपेक्षता के नाम पर हिन्दुओं का अपमान
👇
और अराष्ट्रीय तत्वों का महिमामंडन कर रहे हैं।
🔻 आइये आज हम संकल्प लें की स्वाधीनता दिवस के पावन पर्व पर स्वातंत्र समर के हुतात्माओं के साथ -साथ अपनी मातृभूमि के उस भाग का भी स्मरण कर उसे नमन करेंगे जो १४ अगस्त को १९४७ से हमारे लिए पराया हो गया है,
👇
तथा पर्दाफाश करें देश के बंटवारे के अपराधी तथा विश्वासघाती विचारधारा के पोषकतत्वों का, जिससे आगे के काल में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पुनरावृत्ति को रोक जा सके। 🙏🙏
🇳🇪 जय हिन्द ! जय भारत !🇳🇪
🌸🌸🌸🌸🌸🌸
• • •
Missing some Tweet in this thread? You can try to
force a refresh