Dilip Mandal Profile picture
Oct 14, 2021 8 tweets 4 min read Read on X
हिंदू की जगह बौद्ध बनकर दलितों को क्या मिला?

जो दलित हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध बन गए, उनकी शिक्षा, शहरीकरण, सेक्स रेशियो और काम करने वालों की संख्या न सिर्फ़ हिंदू दलितों से, बल्कि तमाम हिंदुओं की तुलना में बेहतर हो गयी। #Census_Data 2011 से ये बातें देश के सामने आईं। पूरा पढ़ें…
बौद्धों, जिनमें ज़्यादातर धर्म परिवर्तन कर बौद्ध बने, की साक्षरता 81.29% हैं। हिंदुओं की साक्षरता सिर्फ 73.27% है। अनुसूचित जाति की साक्षरता दर सिर्फ 66% है। यानी बौद्ध परिवार अपने बच्चे-बच्चियों की शिक्षा पर ज़्यादा ध्यान देते हैं और उस पर निवेश करते हैं।
उत्तर प्रदेश में 68.59% बौद्ध साक्षर हैं। उत्तर प्रदेश का की औसत साक्षरता 67.68% है। यूपी में हिंदू दलितों की साक्षरता सिर्फ 60.88% है। यानी बौद्ध बन कर दलित न सिर्फ़ हिंदू दलितों से बल्कि बाक़ी हिंदुओं से भी आगे निकल गए।
महिला साक्षरता की बात करें तो बौद्ध महिलाओं की साक्षरता दर 74.04% है जो भारतीय औसत 64.63% से बहुत ज़्यादा है। यानी बौद्ध परिवार लड़कियों की शिक्षक ज़्यादा ध्यान देते हैं। हिंदू महिलाओं की साक्षरता दर सिर्फ 56% है। सिर्फ यूपी में बौद्ध महिलाएं शिक्षा में हिंदुओं से थोड़ा पीछे हैं।
बौद्ध परिवार लड़कियों को जन्म लेने और ज़िंदा रहने का ज़्यादा मौक़ा देते हैं। बौद्धों में प्रति 1000 पुरुषों पर 965 महिलाएँ हैं। भारत का आँकड़ा 943 है। हिंदुओं का जेंडर रेशियो सिर्फ 939 है। बौद्ध अपना परिवार हिंदुओं की तुलना में छोटा रखते हैं।
भारत में 43% बौद्ध शहरों में रहते हैं। भारतीय एवरेज 31% है। महाराष्ट्र में तो हर दूसरा बौद्ध शहरों में रहता है। लेकिन जो बौद्ध गाँवों में रह गए, उनकी बड़ी संख्या खेत मज़दूर के तौर पर काम करती है।
बौद्ध अपनी आबादी के अनुपात में राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में सबसे ज़्यादा योगदान करने वाले समुदायों में हैं। उनका work participation ratio 43.15% है जो न सिर्फ़ बाक़ी दलितों से (40.87%) से बल्कि राष्ट्रीय औसत (39.79%) से भी ज़्यादा है। बौद्ध मेहनतकश हैं। माँगकर नहीं खाते।
मेरी व्याख्या: हिंदू दलित का मन मरा हुआ होता है। वह भाग्यवाद और पुनर्जन्म में विश्वास करता है। अपनी बदहाली को पूर्व जन्मों का फल मानकर संतोष कर लेता है। ये उसके बुरे हाल में होने की बड़ी वजह है। बौद्ध बनने से उसका मन आज़ाद हो जाता है। तरक़्क़ी करने की इच्छा जग जाती है।

• • •

Missing some Tweet in this thread? You can try to force a refresh
 

Keep Current with Dilip Mandal

Dilip Mandal Profile picture

Stay in touch and get notified when new unrolls are available from this author!

Read all threads

This Thread may be Removed Anytime!

PDF

Twitter may remove this content at anytime! Save it as PDF for later use!

Try unrolling a thread yourself!

how to unroll video
  1. Follow @ThreadReaderApp to mention us!

  2. From a Twitter thread mention us with a keyword "unroll"
@threadreaderapp unroll

Practice here first or read more on our help page!

More from @Profdilipmandal

Jan 11
11 Points of Agreement in the Fatima Sheikh Controversy:

A thread 🧵 highlighting key points of consensus among otherwise disagreeing parties.
1. There is no historical evidence to suggest that “Fatima Sheikh” was a real person who collaborated with the renowned educator and social reformer Savitribai Phule. There is also no evidence to support that Fatima Sheikh was a teacher or a founder/co-founder of schools.
2. No contemporary evidence from that era exists to confirm the existence of “Fatima Sheikh” during the time period she is said to have lived. There are no books, poems, government documents, letters, or newspapers from that era that mention her. Simply put, there is no proof whatsoever.
Read 12 tweets
Sep 12, 2024
सुनो प्रशांत भूषण @pbhushan1

आप पर्सनल अटैक बंद करो। आपका पर्सनल तो मैं फिर किसी दिन खोलूँगा।

फ़िलहाल तो ये बताओ कि राष्ट्रपति भवन के अंदर कुछ साल पहले जब इफ़्तार और अजान हुई थी जिसमें कानून से लेकर हर क्षेत्र के लोग शामिल हुए थे तब तुम चुप क्यों रहे?

इसी साल सुप्रीम कोर्ट के अंदर ईद मिलन हुआ तो कितना भाईचारा था। आधा दर्जन से ज़्यादा जज आए थे। तुम क्यों नहीं नहीं बोले?

होली का उत्सव हमें वहाँ नहीं दिखता। हमारी दुर्गा माता और मनसा देवी को वहाँ जगह नहीं मिलती। बुद्ध पूर्णिमा नहीं मनाते उधर। दीवाली पर मिलकर पटाखे नहीं फोड़ते जज और वकील सुप्रीम कोर्ट में।

लेकिन नमाज़ कर लेते हैं और सेक्युलरिज्म सुरक्षित रहता है।

चुप क्यों हो?

सुन लो। ऐसा वाला भाईचारा नहीं चाहिए जिसमें वो “भाई” बनें और हम “चारा!”

भारत में हिंदू भी अपना त्यौहार मनायेगा और दूसरे के न्यौते पर उनके घर जाएगा। लड्डू खाएगा। सब अपने त्यौहार मनाएँगे।

पीएम साहब प्रधानमंत्री के साथ एक नागरिक भी हैं। चीफ़ जस्टिस भी तो बेचारे नागरिक हैं। दो प्राइवेट लोग एक दूसरे के बुलावे पर गणपति पूजा साथ मना ही लिए तो किसी को मिर्च 🌶️ क्यों लग रही है।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी तो चीफ़ जस्टिस के साथ रोज़ा इफ़्तार किए थे। वहाँ बात भी हुई थी। तुम तब भी नहीं बोले थे।

मैं तो नास्तिक हूँ। तथागत गौतम बुद्ध और कबीर के विचार के क़रीब हूँ। पर मेरे एक दोस्त ने गणपति पर बुलाया है। मैं हर साल जाता हूँ। इस बार भी जाऊँगा। एक दिन के लिए शाकाहारी भी बन जाऊँगा।

ठीक है?

अब ये बताओ कि नोएडा में जब बहनजी तुम्हारे घर के सामने पार्क में बाबा साहब की मूर्ति लगवा रही थीं तो तुम लोग विरोध करने सुप्रीम क्यों गए थे?

क्या फ़ायदा हुआ? आज तुम घर से निकलते हो तो बाबा साहब की मूर्ति को देखते हुए और सुप्रीम कोर्ट पहुँचते हो तो वहाँ भी बाबा साहब की मूर्ति।

विरोध करके क्या मिला?

🔔

आप लोगों की इलाहाबाद की कोठी से लेकर धर्मशाला की ज़मीन का हिसाब है मेरे पास। 85,000 रुपए में इलाहाबाद की सिविल साइंस मे 7,818 स्क्वैयर फुट में फैला महल नहीं ख़रीदा जाता। वह भी 2010 में।

सब पता है।

भारत तोड़ो गैंग की मेंबरी छोड़ दो। यही देश हित में ठीक रहेगा।Image
85,000 रुपए को सुधारकर 95,000 रुपया पढ़ें। 5,000 रुपए का एडवांस पहले से दिया हुआ था। इतनी सी रक़म में इलाहाबाद की सिविल साइंस मे 7,818 स्क्वैयर फुट में फैला महल प्रशांत के परिवार ने 2010 में ख़रीदा।

@pbhushan1 सिर्फ ये कह दें कि मैंने ग़लत कहा है।

प्रशांत इन दिनों सबको नैतिकता समझा रहे हैं।

नैतिकता बच्चे के हाथ की जूजी नहीं है कि जब मन किया खेल लिए।

जूजी मतलब। अरे नूनी। अब और कैसे बताएँ? आप लोग भी अजब करते हो।

ये एक प्रसिद्ध कवि की कविता है। उसमें जूजी ही लिखा है।
@pbhushan1 एक सीडी विवाद इनका भी है। वह केस अब भी चल ही रहा है। बेहद गंभीर आरोप हैं। अभी तो भूषण परिवार की नैतिकता की जाँच चल रही है। दूसरों को नैतिकता न सिखाएँ तो बेहतर। Image
Read 4 tweets
Aug 27, 2024
योगेन्द्र यादव जी, आपने ये गंदा काम कर दिया। आप “सेक्युलर जोंबी” बन चुके हैं।

भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा और घिनौना अजमेर सेक्स स्कैंडल और ब्लैकमेल कांड, जिसमें 11 से 20 साल की सौ से ज्यादा बच्चियों और युवतियों की आपत्तिजनक फ़ोटो निकालकर लंबे समय तक शोषण किया, उस केस में 32 साल बाद 6 लोगों को सुनाई गई उम्र क़ैद की सजा अख़बारों में पहले पेज पर उन दानवों की फ़ोटो के साथ छापी गई तो आपको तकलीफ़ हुई!

ग़ज़ब हैं आप। धन्य हैं।

मुझे लगता है कि @RahulGandhi बहुत बड़ी भूल कर रहे हैं। ये गांधी, पटेल की कांग्रेस नहीं है। उनको सलाहकार बदल लेना चाहिए। राष्ट्रवाद की ओर लौटना चाहिए। एनजीओ और मार्क्सवादी लोग कांग्रेस को पता नहीं क्या बना देंगे। बना चुके हैं।

सेक्युलर जोंबी लोगों का समूह बना रहे हैं ये लोग, जिनके हिसाब से अपराध इसलिए कम हो जाएगा क्योंकि पीड़ित लड़कियाँ हिंदू और सभी अपराधी मुसलमान हैं।

फिर ये कहा जाएगा कि हिंदू-मुसलमान किया जा रहा है। सांप्रदायिकता फैल रही है।

हिंदू-मुसलमान तो आप कर रहे हैं योगेन्द्र जी। आप चाहते थे कि इसे अंदर के पन्नों पर सिर्फ़ कोर्ट की सुस्ती के तौर पर रिपोर्ट किया जाए क्योंकि अपराधी मुसलमान हैं!

आप किस हद तक सांप्रदायिक हो गए योगेन्द्र जी। किशन पटनायक की कांग्रेस विरोध की विरासत का आपने ये किया?

ये है आपकी इंसानियत?
ये थी घटना और सजा। क्या ये खबर सिर्फ़ इसलिए पहले पन्ने पर न छपे कि बच्चियाँ हिंदू और अपराधी मुसलमान थे। योगेंद्र जी की सोच कहाँ पहुँच रही है।
Image
Image
मीडिया के एक बड़े हिस्से ने इस खबर को दबा दिया। जबकि इस दिन इससे बड़ी खबर देश में हो नहीं सकती। Image
Read 4 tweets
Aug 5, 2024
4 वर्षों में EWS रिजर्वेशन से बने IAS:

ब्राह्मण- 74
ठाकुर यानी क्षत्रिय- 13

क्षत्रियों की आबादी ब्राह्मणों से डबल है। बेचारे ठाकुर साहब बचा-खुचा खा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में तो उनको जूठन भी नहीं मिलती। 34 में एक जज नहीं।

समर्थन करें: EWS में 6% अलग से ठाकुरों के लिए चाहिए।
ठाकुरों के सम्मान में,
हम सब हैं मैदान में।

ठाकुरों का ये अपमान,
नहीं सहेगा हिंदुस्तान।

ठाकुर साहब आगे बढ़ो
देश तुम्हारे साथ है।

वैसे सही नाम भारत है। कविता के लिए हिंदुस्तान लिखा है। माफ़ी चाहता हूँ।
ठाकुर साहब, महाराणा प्रताप के 80 किलो के भाले की कहानी से निकलो। वे महान थे। इसमें किसी को शक नहीं है। वे सच्चे योद्धा थे। नमन। 🙏🏽

अपना वर्तमान और भविष्य देखो। एकता है तो सुप्रीम कोर्ट में एक जज बनाकर दिखा दो। अब तो मिलिटरी में चीफ़ भी ठाकुर नहीं बनते। EWS में अपना हिस्सा लो।
Read 5 tweets
May 24, 2024
Yesterday, @narendramodi raised the issue of subverting RTE-mandated 25% SC-ST-OBC-EWS reservations in public schools through minority status. Read this thread 🧵 for the backdrop.

This is from my opinion piece in @ThePrintIndia on 21 May.

#Minoritism_to_Kill_Reservations
The National Commission for Minority Educational Institutions Act 2004 gives authorities the power to grant minority status to schools established by minority groups. Initially, fewer than 600 institutions received this status annually. #Minoritism_to_Kill_Reservations
After 2009, the number of institutions granted minority status surged dramatically, with over 1,400 annually and peaking at nearly 2,000 in 2012. #Minoritism_to_Kill_Reservations Image
Read 17 tweets
Jun 7, 2023
How caste divides Indian cities. Thread🧵⬇️
- About 80 per cent of Rajkot’s localities have no Dalit (Scheduled caste) inhabitants.
- Around 60 per cent of Kolkata’s localities do not have a single Dalit resident.
- Around 20 per cent of Bengaluru’s colonies have no Dalit residents.

(Census 2011)
These are some of the findings of a 2018 paper titled ‘Isolated by Caste: Neighbourhood-Scale Residential Segregation in Indian Metros’ published by the Indian Institute of Management Bangalore and authored by @nav_bharathi Deepak Malghan and Andaleeb Rahman.
Read 10 tweets

Did Thread Reader help you today?

Support us! We are indie developers!


This site is made by just two indie developers on a laptop doing marketing, support and development! Read more about the story.

Become a Premium Member ($3/month or $30/year) and get exclusive features!

Become Premium

Don't want to be a Premium member but still want to support us?

Make a small donation by buying us coffee ($5) or help with server cost ($10)

Donate via Paypal

Or Donate anonymously using crypto!

Ethereum

0xfe58350B80634f60Fa6Dc149a72b4DFbc17D341E copy

Bitcoin

3ATGMxNzCUFzxpMCHL5sWSt4DVtS8UqXpi copy

Thank you for your support!

Follow Us!

:(