More than 50,000 years old artifacts are found in Tamil Nadu. History of India is surprisingly vast and exquisite than was ever taught to us.
Dating of these artifacts recovered from the sites (293 Tamil Sagam sites, Vaigai River, Madurai) is a challenge to C14,..
...Carbon dating,as C14 is useless in dating anything beyond 50000 years.This,coupled with the systematic misinformation about Indian history by the Agenda filled western scholars, straight from Max Mueller to present day pseudo researchers from the West,the self styled..
...secularists and Anglophiles, who try to muddle our history and our general reluctance to study our regional and Sanskrit texts and our labelling them as myth,without bothering to read them, has led us to be unaware of our history.
..And the north south divide, the hoax of Aryan Invasion and the lie of Tamils and Dravidas being antagonistic to Vedic culture has made us look at Indian history in compartments.
The Tamil/ Dravidian culture was and is a part of Sanatan Dharma and existed along with it.
20,000 year old Poompuhar site in Tamil Nadu with Vedic Links,Sites near Palani, Andippati,Adichanallu,
Now Kezhadi,in Sivaganga District,near Madurai has revealed a river civilization beneath the ground.
And it belongs to Sangam Era.
1st Tamil Sangam Era is dated around by 13000 years ago.
Yet Poompuhar is around 20,000 years old.
Tamil Brahmi is older than this,as Cilappadikaram, a Classical Epic of Sangam Era was written, not in Brahmi, but in evolved later Tamil.
Its Time to rewrite our History.
In a year-long survey conducted in 2013, the state Archaeology department had identified nearly 293 Sangam Age towns along the course of river Vaigai.
“Our field of research included areas that fell within five kilometres from the river on both the banks, starting from the place of Vaigai’s origin in Theni district to the very end of the river in Ramanathapuram district,” says archaeologist Dr. V. Vedachalam.
The places were classified as granaries, trading points, ports, habitation sites and living or dilapidated temples. Excavations were carried out at Varushanad in Theni and Azhagankulam in Ramnad.
The excavation at Keezhadi has been carried out at two localities in the farm.
“Both the places have yielded different items and we presume they represent a social hierarchy,” says Amarnath. The bigger of the two locations with more number of trenches is said to be a settlement of educated rich people, as many jewellery, fine game stones, semi-precious...
...stones and a dozen Tamil Brahmi inscriptions have been found. “Even the brick structures appear more refined.” Beads of agate, Carnelian and quartz indicate that they had trade link with countries like Rome.
The Tamil Brahmi letters found on pottery is all names of individuals such as, Thisan, Aadhan and Udhiran. “They are typical Sangam Age Tamil names,” says Amarnath.
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वाराणसी (उत्तर प्रदेश) स्थित काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग में से सातवाँ ज्योतिर्लिंग है। इसे विशेश्वर या विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग भी कहा जाता है।
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गंगा तट स्थित काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग का दर्शन हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र माना जाता है। काशी को भगवान शिव की नगरी और भोलेनाथ को काशी का महाराजा कहा जाता है। वाराणसी को अविमुक्त क्षेत्र भी कहा जाता है। इसके अलावा बौद्ध एवं जैन धर्म में भी इसे पवित्र माना गया है।
🥀काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग दो भागों में है🥀;
- दाहिने भाग में शक्ति के रूप में मां भगवती विराजमान हैं।
- दूसरी ओर भगवान शिव वाम रूप (सुंदर) में विराजमान हैं।
मां भगवती अन्नपूर्णा के रूप में काशी में रहने वालों का पेट भरती हैं। वहीं, महादेव मृत्यु के पश्चात तारक मंत्र देकर मुक्ति प्रदान करते हैं। महादेव को इसीलिए ताड़केश्वर भी कहते हैं।
🌺।।भगवान विष्णु के दशम् अवतार : श्री कल्कि अवतार की कथा एवं भगवान कल्कि से जुड़ी कुछ अन्य रहस्य।।🌺
भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से
भगवान कल्कि 10वें और अंतिम अवतार हैं। 10 अवतारों में से 9 अवतारों का जन्म हो चुका है जबकि कल्कि का अवतार लेना अभी शेष है।
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कल्कि अवतार की कथा का वर्णन विभिन्न हिंदू धर्म ग्रंथों में मिलता है उसमें प्रमुख हैं – श्रीमद्भागवत गीता, विष्णु पुराण, हरिवंश पुराण, भागवत पुराण, कल्कि पुराण और गीत गोविंद इत्यादि।
कल्कि का सामान्य अर्थ है – सफेद घोड़ा, काला युग, अनंत काल। ऐसी मान्यता है कि कलियुग में जब अधर्म अपनी चरम सीमा पर पहुंच जाएगा तब भगवान विष्णु कल्कि का अवतार धारण करेंगे और धर्म युग की स्थापना करेंगे। शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि जब भगवान कल्कि देवदत्त नाम के घोड़े पर आरूढ़ होकर अपनी चमचमाती तलवार के द्वारा दुष्टों का संहार करेंगे तब कलयुग की समाप्ति होगी और सतयुग का आरंभ होगा। विदित हो कि भगवान श्री कृष्ण के बैकुंठ जाने के बाद कलयुग की शुरुआत हुई थी।
🌺।।पुराणों में वर्णित कल्कि अवतार की कथा।।🌺
कल्कि पुराण में वर्णित कथा के अनुसार जब कलियुग में धर्म की हानि अपने चरम पर पहुंच गई तो देवता गण परेशान हो गए। दुखी होकर सभी देवता ब्रह्मा जी के पास गए। ब्रह्मा जी उन सभी देवताओं को लेकर भगवान विष्णु के पास गए और उन्हें देवताओं के दुख की गाथा कही।
🌺The Sushruta Samhita describes over 120 surgical instruments. 5,13,300 surgical procedures & classifies human surgery in 8 categories.🌺
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Following is the only surviving premodern painting which depicts students of the Sushruta school of ancient India(6th centuryBCE)
These students were trained in Vedas at the age of 8,then were trained as surgeons for 6 yrs and taught the principles of Sushruta Samhita.
They are shown performing mock surgery on water melons and cucumbers. As such, they are earliest recorded surgeons of World. This was found in an old manuscript of Sushruta Samhita which dates back to 600 years.
This illustration is from Odisha Museum.
This master literature remained preserved for many centuries exclusively in the Sanskrit language which prevented the dissemination. of the knowledge to the west and other parts of the world.
🌺।।भगवान विष्णु के सप्तम् अवतार : भगवान श्री राम की कथा।।🌺
💮।।अंतिम भाग - 4।।💮
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Check the links of first 3 parts at the end.
🌺।।राम-लक्ष्मण की मूर्छा।।🌺
श्री राम लक्ष्मण के नागपाश में बंधने के बाद युद्ध समाप्त हो जाता है और लंका की सेना अपने नगर में वापस लौट जाते हैं।
इधर सुग्रीव, हनुमान, अंगद, जामवंत और विभीषण सभी श्री राम और लक्ष्मण के इस हालत पर बहुत दुखी होते हैं। क्योंकि जिनके के लिए पूरी वानर सेना समुंद्र लांघ कर युद्ध करने के लिए आई थी। आज वही श्री राम और लक्ष्मण भूमि पर नागपाश में बंधे मूर्छित पड़े है और धीरे-धीरे नाग उनके शरीर से प्राण चूस रहे थे। श्री राम की सेना में पूरी तरह शोक सागर में डूब जाते हैं। किसी को भी श्री राम और लक्ष्मण को इस संकट से बाहर निकालने में का रास्ता नहीं सूझ रहा था।
🌺।।विभीषण द्वारा नागपाश अस्त्र की शक्ति का वर्णन।।🌺
सुग्रीव के पूछने पर विभीषण बताते हैं कि इंद्रजीत ने घात लगाकर नागपाश अस्त्र का प्रयोग श्रीराम और लक्ष्मण पर किया है। तब सुग्रीव विभीषण से नागपाश से मुक्त होने का कोई उपाय बताने के लिए कहते हैं। के दुनिया में ऐसा कौन सा अस्त्र है जिसका कोई उपाय नहीं है। लेकिन विभीषण जी कहते हैं कि एक बार यमपाश से कोई मुक्त हो सकता है लेकिन नागपाश अस्त्र से प्राणी मृत्यु होने तक छूट नहीं सकता। क्योंकि नागपाश अस्त्र स्वयं ब्रह्मदेव द्वारा प्रकट किया गया था। दुष्टों का संहार करने के लिए भगवान शिव ने ब्रह्मदेव से नागपाश अस्त्र मांग लिया था । और भगवान शिव की कड़ी तपस्या करके रावण पुत्र इंद्रजीत ने उनसे यह वरदान के रूप में प्राप्त किया। इंद्रजीत बहुत विकट परिस्थिति में ही इस अस्त्र का प्रयोग करता है। आज तक नागपाश से कोई भी बच नहीं पाया है। विभीषण जी मायूस होकर कहते हैं कि आज मेघनाथ बाजी जीत गया।
🌺In Valmiki Ramayana, Sugreeva gives specific directions to his Vaanar Sena for the search operation of Mata Sita.🌺
💮This thread is about what places and people were described by Sugreeva while he gives the specific instructions.💮
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1. Sugreeva orders Vanara leader Vinata to go towards east direction and search for Sita Devi.
2. He is allowed to take 100000 Vanaras with him in this search.
3. The reference point for directions specified by Sugreeva is not Kishkinda, but center of Vindhya mountains, which is near Nagpur today.
4. Sugriva asks Vinata to first search towards North-East where rivers like Ganga, Yamuna, Sarayu, Kaushiki (koshi), Shona (shon), Mahii, Kalamahi, Sindhu and Saraswati begin their journey.
5. He also asks him to search in kingdoms of Brahma-maala, Videha, Maalva, Kaashi, Kosala, Maagadha, Pundra, Anga. These kingdoms are from present Himalayas till north-east where Brahmaputra river flows.