एकही फ्रेम में दोनों का चित्र साझा देखकर कोई अन्य विचार नहीं लानेका क्योंकि अपने मोटा भाई संत स्वभावके है।दूसरों की सेवा में अर्पित 🙏
अभी कुछ समय पहले बीजेपी प्रवक्ता ने आज़ादीको लीज़ पर मिलना बताया लेकिन उसका न तो किसी बीजेपी नेताने खंडन किया, न निंदा की ओर न कोई सफाई पेशकी।
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कंगना रनौत ने पद्मश्री मिलने के बाद1947की आज़ादी को भीख बताते हुए2014में असली आज़ादी का मिलना बताया
इतनेबड़े देश विरोधी और आज़ादीका अपमान करनेवाले बयानका बीजेपी सरकार द्वारा ना कोई संज्ञान लियागया ना कोई आधिकारिक निंदा या विरोधका बयान जारीहुआ
इनसेभी बड़े श्रीमान गुरहमंत्री जी 2
ने जो बोला उसको गम्भीरता से सुने।
वो बोले "राम ने भरत को रावण के पास "सुशासन" सीखने के लिए भेजा क्योंकि रावण ने सोने की लंका बनाई थी और सुशासन कार्य किए थे"
अर्थात रावण बेशक कैसा भी था किन्तु उसकी शासन पद्धति राम से बेहतर थी तभी तो सुशासन था जिसे सीखने के लिए भरत को भेजा गया।
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उसने सोने की लंका जैसा विकास ....
अर्थात रावण के राष्ट्र में उसकी जीडीपी राम के राष्ट्र से बेहतर रही होगी और उसका रावण मॉडल या लंका मॉडल राम राज्य में कॉपी करने लायक लगा होगा तभी तो छोटे साहब को लगा है कि रावण का विकास सीख कर आने का भाई।
यदि थोड़ी भी गहनता से विश्लेषण किया जाए
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तो लगता है कि महात्मा गांधी जिस रामराज्य की कल्पना करते थे या रामराज्य लाने की बात करते थे वो सिर्फ एक जुमला था जो अक्सर भाषणों में बोल दिया जाता हैं।
इतिहास में अमर होने की सनक कुछ भी करा सकती और जिसे निर्माण नहीं आता उससे दूसरे के विध्वंस का प्रयास भी करा सकती हैं।
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कंगना या लीज वाली प्रवक्ता या खुद गुरहा मंत्री जी के बयान ! सोशल मीडिया पर एक दो दिन हंसी ठठ्ठा हो जाएगा और फिर कोई नया शगूफा छोड़ दिया जाएगा लेकिन इनके बयान रेकॉर्डेड है और दो पीढ़ियों के बाद इनकी बकलोल को आधार बनाकर एक नया इतिहास सामने आएगा
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जिसमे से गांधी, नेहरू, आज़ाद गायब होंगे और गोडसे, सावरकर तथा प्रज्ञा ठाकुर सामने नजर आएंगे। कोई शक
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