पिछले दिनों सुरक्षा बलों ने maoist आतंकवादियों के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है। CPI Maoist leader प्रशांत बोस जिसे किशन दा के नाम से भी जाना जाता है, उसे उसकी पत्नी शीला मरांडी के साथ गिरफ्तार किया गया है
प्रशांत बोस 85 साल का खतरनाक आतंकवादी है, और मैं दावे से कह रहा हूँ
कि अब मीडिया, Intellectuals और कुछ पोलिटिकल पार्टियां इनके समर्थन में खड़े होंगे.....इसकी उम्र और सेहत का हवाला दे कर इसको छोड़ने के लिए कोर्ट में वकीलों की लाइन लगेगी.......कुछ so called Woke लोग और हमारा youth भी इसकी शक्ल और बुढापा देख कर द्रवित हो जाएगा.....
कॉलेज यूनिवर्सिटियों में हो सकता है इसके समर्थन में protest भी हों
लेकिन आपको ये जानना जरूरी है कि ये पति पत्नी कितने खतरनाक हैं.......प्रशांत बोस 50 साल से ज्यादा समय से Maoist आतंकवाद का नेतृत्व कर रहा है......ये 100 से ज्यादा घातक हमले करवा चुका है, जिसमे सैंकड़ो सुरक्षा
बल वाले और सिविलियन भी मारे जा चुके हैं......इसके अलावा लाखो को ब्रेनवाश करना, आतंकवादियों को रिक्रूट करना, आपत्तिजनक साहित्य बनाने जैसे कामो में ये संलग्न रहा है.......इसी वजह से सरकार ने इस पर 1 करोड़ का इनाम रखा था.....इसकी पत्नी भी 10 साल जेल में रह चुकी है.....
बताइये क्या करना चाहिए ऐसे इंसान के साथ ?
बहरहाल, हमारी फोर्सेज को बहुत शुभकामनाएं..... उन्होने पिछले कुछ दिनों में Maoist आतंकवादियों की पूरी लीडरशिप को या तो मार दिया है, या जेल में डाल दिया है.......जंगल के maoist तो पकड़े गए हैं, शहरी maoist तो हमारे इधर उधर ही रहते हैं..
इस तस्वीर में LAC पर आप एक लंबी पीली रेखा को देख सकते हैं, ओर बीच लाल अक्षरों में Buffer Zone लिखा है, चीनी सेना भारत के उसी इलाके में आ कर कई सालों से बैठ गई थी, भारतीय सेना की बार बार हिदायत के बाद भी बहां से पीछे नहीं हटती थी !! तब भारतीय सेना LAC पार करके चीनी कब्जे वाली
एक चोटी पर बैठ गई !! तब चीन की PLA सेना उस Buffer Zone से दयालुता के कारण नहीं, भारत के सैन्य बलों की धमकी के कारण वहां वापस चले गए. चीन ने इस क्षेत्र से अपना पूर्ण नियंत्रण खो दिया है !! अब दोनों पक्ष इस विवादित क्षेत्र में गश्त करते हैं !! चीन की PLA सेना को डोकलाम और
पैंगोंग त्सो की तरह यहां एक और नुकसान झेलना पड़ा है.
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यह रिपोर्ट मेरी नहीं, खुद China Communist party CCP मोकोमन की है. CCP खुद कह रही है कि भारतीय सेना की जबर्दस्त कार्रवाई के कारण चीन उस Buffer Zone से पीछे हटा है. चीन समझ चुका है कि अब नेहरू या कांग्रेसी युग नहीं,
राहुल गांधी का कल नशे में दिया गया भाषण सुनकर कसम से लग रहा है ।। मैं सब छोड़कर गंगासागर चला जाऊं ।।
ब्रह्मऋषि राहुलजी बोल रहे थे कि "उन्होंने सारे उपनिषद, वेद, रामायण, महाभारत पढे हैं , केवल पढे ही नहीं है समझे भी हैं" .. 😳😳
बस एक सवाल था मेरा, सारे कांग्रेसियों से .. "यहाँ लोग वेदों या उपनिषदों में किसी एक को समझने में ही पूरा जीवन खपा देते हैं और आपके बेवड़े ने सब कुछ पढ़कर समझ लिया ... तब तो हर कांग्रेसी बिल्कुल ब्रह्म ज्ञानी है मेरी दृष्टि में ...🙏🙏
राहुल गांधी तो छोड़िए कोई कांगी यदि मुझे केवल सबसे छोटे उपनिषद "मांडूक्य उपनिषद" को समझा दे, उसमे वर्णित ॐ की व्याख्या, मानव चेतना की चार अवस्थाएं, तीन जन्म आदि को समझा दे, तो कसम से मैं उसके पैर धोकर पी लूंगा और उसे अपना गुरु बना लूंगा 🙏🙏
विख्यात वामपंथी कवि धूमिल ने लिखा था *हिजड़ों ने भाषण दिए लिंग-बोध पर, वेश्याओं ने कविता पढ़ी आत्म-शोध पर* धूमिल की प्रासंगिकता उन्हीं के लोग बनाये हुए हैं।
असल मे दोष इनका नहीं है। इस देश की प्रजा प्रधानमंत्री को मंदिर में पूजा करते देखने की आदी नहीं है।
इस देश ने एडविना माउंटबेटन की कमर में हाथ डाल कर नाचते प्रधानमंत्री को देखा है।इस देश ने चादर चढ़ाते प्रधानमंत्री को देखा है।यह जनता प्रधानमंत्री को पार्टी अध्यक्ष के सामने नतमस्तक होते देखती आयी है,फिर मंदिर में भगवान के समक्ष नतमस्तक प्रधानमंत्री को लोग कैसे सहन करें?
बिहार के एक बिना अखबार के पत्रकार मंदिर से निकल कर सूर्य को प्रणाम करते प्रधानमंत्री का उपहास उड़ा रहे हैं। एक महान लेखक जिनका सबसे बड़ा प्रशंसक भी उनकी चार किताबों का नाम नहीं जानता, प्रधानमंत्री के भगवा चादर की आलोचना कर रहे हैं।
एक समय था जब जैन और बुद्ध मत हिंदू धर्म के द्वेष में सारी हद पार गए थे।
जैन समाज का विरोध जहां केवल सैद्धांतिक स्तर पर था वहीं बुद्ध मत हमसे घृणा में हिंदू मूर्तियों के भंजन से लेकर एथेंस को सत्ता केंद्र बनाने तक की जुगत में लग गया था। इनके मठाधीशों के अंदर से राष्ट्रीय चेतना
इतनी लुप्त हो गई थी कि ये कहना शुरू कर दिए थे कि क्या हुआ अगर भारतवर्ष की राजधानी पाटलिपुत्र से एथेंस चला जायेगा तो? बल्कि ये तो हमारे लिए एक अवसर होगा कि बुद्ध के संदेश को यूनान तक ले जा सकेंगे।
समय के साथ दोनों मतों के अनुयायियों को समझ आ गया कि "मातृ छाया" से अधिक
सुरक्षित आश्रय कोई भी नहीं है। यहां जन्मा बुद्ध मत यहीं की भूमि से उखड़ गया और यहां उसके बस नामलेवा भर बचे रह गए। जैन मत के ऐसे लोगों की मानसिकता में भी परिवर्तन आया और फिर हिंदू समाज ने भी उस मत को, उनके तीर्थों और तीर्थांकरों को इतना आदर दिया कि अब उन्हें पृथक कर देखने का
धर्मांतरण के मामले में यूपी एटीएस ने अभी तक 16 गिरफ्तारियां की है और उमर गौतम का लड़का उप्र एटीएस ने अब्दुल्ला गिरफ्तार कर लिया है। धर्मांतरण के लिए हवाला और दूसरे माध्यमों से 57 करोड़ रुपए पकड़े गए और अभी अब्दुल्ला के खाते में 95 लाख रूपए पकड़े गए।
उमर गौतम और दूसरे अन्य 15 लोगों के परिवार के वो सब सदस्य पकड़े जायेंगे जो धर्म परिवर्तन कराने का काम कर रहे हैं।
इस पोस्ट के माध्यम से बताना चाहती हूं कि उप्र में योगी जी की सरकार बनवाना क्यों जरूरी है। पिछली सरकारों के समय में मुस्लिम लोग बिना किसी भय के हिंदुओं का धर्म
परिवर्तन कराते थे क्योंकि पिछली सरकारें उनके साथ खड़ी थीं। यहां तक कि आईएएस इफ्तखारुद्दीन खान नौकरी करने के साथ साथ धर्म परिवर्तन कराता था लेकिन अखिलेश सरकार ने जानबूझकर उसको इस कुकृत्य के छूट दे रखी थी।आज योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में जितनी सतर्कतापूर्ण तरीके से कार्यवाही की है