आज रेजांग-ला दिवस है....18 नवम्बर 1962 को इसी दिन 13 कुमाऊँ की C कंपनी ने अविश्वसनीय काम किया था। 114 भारतीय सिपाहियों ने बलिदान दिया था, लेकिन उससे पहले 1300 चीनी सैनिकों को मार डाला था।
आज रेजांग ला दिवस मनाने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वहीं थे, वहां ब्रिगेडियर R V Jatar साहब भी थे, जिन्हें रक्षा मंत्री खुद एस्कॉर्ट कर रहे थे, उससे पहले उन्होंने उनके चरण स्पर्श भी किया।
लोग इसे Photo Op कह सकते हैं....मीडिया marketing कह सकते हैं...
लेकिन इन Visuals का असर सैनिकों पर कितना सकारात्मक पड़ता है, ये जानने के लिए किसी फौजी से पूछिए.... वो बताएगा कि जब नेतृत्व उनके साथ खड़ा होता है, उनकी मनोस्थिति को समझता है, उनका सम्मान करता है, तो उनके हौसले कितने बुलंद हो जाते हैं।
चाहे प्रधानमंत्री का हर दिवाली पर सीमा पर सैनिकों के साथ समय बिताना हो....चाहे प्रधानमंत्री का टैंक या आर्टिलरी व्हीकल में बैठना हो, या एक्सप्रेसवे पर मिलिट्री transport एयरक्राफ्ट में उतरना हो......
इनके पीछे Optics और Sentiments काम करते हैं...और ये वही समझ सकता है जिसने फौज को करीब से देखा हो।
मेरे हिसाब से, फौज का हौसला ऊपर रखने के लिए ऐसे तथाकथित photo op होते रहने चाहिये..... बेशक इससे कुछ खास लोगो के दिल जलें.....और इन्हें किसने रोका है.....
करो सम्मान फौज का, दिखाओ उनके प्रति समर्पण......वैसे आज किसी विपक्षी पार्टी ने रेजांग ला दिवस पर कोई ट्वीट या बयान दिया है???
खुद कुछ करते नहीं, दूसरा करे तो उसे दिखावा बोलते हो......फिर कहते हो EVM हैक हो गयी 😊
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फोटो में दिखाई दे रहे ये दोनों इजरायली दंपति है ...
कुछ दिन पूर्व ये तुर्की की यात्रा में थे। जहाँ ये एर्दोगन याने राष्ट्रपति आवास के आगे फोटोग्राफी कर रहे थे। इस फोटोग्राफी के दौरान इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया ये कह कर कि ये जासूस है और इजराइल के लिए जासूसी कर रहे हैं।
कुछ फोटोग्राफ्स भी बरामद हुए इनके यहाँ से।
अब जासूस का ठप्पा लग जाने पे मालूम है न आगे परिणाम क्या होता है सो ?? और वो भी उन दो देशों के बीच की जासूसी जो एक दूसरे के जानी दुश्मन हो!!
इन दोनों दंपतियों को अलग-अलग रखा गया जहां कैसा सलूक किया गया होगा अब इनके बयानों से साफ पता कर सकते हैं। ये कभी सोचे भी नहीं थे अब ये यहाँ से जिंदा निकल पाएंगे। या तो कम से कम 30 साल की कैद या सीधे फांसी।
सीमा शुल्क और डीआरआई टीम के एक संयुक्त प्रयास ने मुंद्रा बंदरगाह पर एक विदेशी पोत से कई कंटेनरों को जब्त कर लिया है क्योंकि उनमें अघोषित खतरनाक रेडिओएक्टिव माल था। जबकि इस कार्गो को गैर-खतरनाक के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।
जब्त किए गए कंटेनरों में हैज़र्ड क्लास 7 मार्किंग के ड्रम थे ( जो बहुत ही खतरनाक रेडियोधर्मी पदार्थों को इंगित करते हैं)। हालांकि इन कंटेनरों का गन्तव्य स्थान मुंद्रा पोर्ट या भारत का कोई अन्य बंदरगाह नहीं था।
यह पाकिस्तान के कराची से चीन के शंघाई को जाना था फिर यह भारत क्यों और कैसे पहुंचा यह शोध का विषय है। सरकारी अधिकारियों ने उनकी आगामी जांच पड़ताल और निरीक्षण के लिए मुंद्रा पोर्ट पर ही इसे उतार लिया है।
क्या आपको मालूम है जब कोरोनाकाल में ऑक्सीजन सिलिंडर के लिये त्राहि मची थी तो पटना का महावीर मंदिर अनगिनत लोगों का सहारा बना? इस मंदिर के अस्पताल और सामाजिक कार्य ने बहुत से लोगों की जिंदगी बचाई है पर कभी कोई क्रेडिट नहीं मिलता।
मिलता क्या नहीं, हिन्दू लेने की कोशिश भी नहीं करता। जहाँ दूसरे सम्प्रदाय एक प्लेट खाना खिलाने पर भी दस बार हल्ला मचाते हैं, वहीं हिन्दुओं के मंदिरों द्वारा इतने भंडारे होते हैं, अनेक हॉस्पिटल, गौशाल, अनाथालय, वृद्धाश्रम खुले हैं पर हमें इन बातों को हाइलाइट नहीं करना होता।
बस हम हमला झेलते रहते हैं कि फलाने मंदिर के जगह पर हॉस्पिटल बना दो, ढिमकना मंदिर के जगह पर स्कूल खुलवा दो।
क्यों? क्योंकि हम वो मूर्ख हैं जो सवाल नहीं पूछते कि फलाने मंदिर के के माध्यम से ये स्कूल, हॉस्पिटल, अनाथालय, वृद्धाश्रम, गौशाला खुला है पर इस नेक कार्य के बदले में आप
भारत के बाहर थाईलेंड में आज भी संवैधानिक रूप में राम राज्य है । वहां भगवान राम के छोटे पुत्र कुश के वंशज सम्राट “भूमिबल अतुल्य तेज ” राज्य कर रहे हैं , जिन्हें नौवां राम कहा जाता है ।
-भगवान राम का संक्षिप्त इतिहास-
वाल्मीकि रामायण एक धार्मिक ग्रन्थ होने के साथ एक ऐतिहासिक ग्रन्थ भी है , क्योंकि महर्षि वाल्मीकि राम के समकालीन थे , रामायण के बालकाण्ड के सर्ग ,70 . 71 और 73 में राम और उनके तीनों भाइयों के विवाह का वर्णन है , जिसका सारांश है।
मिथिला के राजा सीरध्वज थे , जिन्हें लोग विदेह भी कहते थे उनकी पत्नी का नाम सुनेत्रा ( सुनयना ) था , जिनकी पुत्री सीता जी थीं , जिनका विवाह राम से हुआ था ।
राजा जनक के कुशध्वज नामके भाई थे । इनकी राजधानी सांकाश्य नगर थी जो इक्षुमती नदी के किनारे थी l इन्होंने अपनी बेटी
पेट्रोल के दाम बढ़ रहे थे तो लगभग सभी राज्य सरकारें भी दाम बढ़ा ही रही थीं..बढ़ते हुए दाम को लेकर भक्त भी परेशान थे.. लेकिन चमचों की गेंद में सुलेमानी कीड़ा कुलबुला रहा था भक्तों को कोसने का..
अब जब केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर ₹5/-और डीजल पर ₹10/- कम कर दिए...और लगभग सभी बीजेपी शासित प्रदेशों ने भी 5-7 रुपये की कमी कर दी है तो भक्त लोग काफी राहत में हैं।
वहीं स्थान विशेष में सुलेमानी कीड़ा लिए चमचे गैर-बीजेपी शासित प्रदेशों में अभी भी पुराने बढ़े हुए दामों पर तेल खरीद रहे हैं तो सुलेमानी कीड़ा शांत बैठा हुआ है। 🤣