स्वयं भी पढ़ें और अपने बच्चों को भी पढ़ाएं, ये आपकी आंखें खोल देगी...
👉 622 ई से लेकर 634 ई तक, मात्र 12 वर्ष में अरब के सभी मूर्तिपूजकों को मुहम्मद ने इस्लाम की तलवार के बल पर मुसलमान बना दिया।
👉 634 ईस्वी से लेकर 651 तक, यानी मात्र 17 वर्ष में...
सभी पारसियों को तलवार की नोक पर इस्लाम का कलमा पढ़वा दिया गया।
👉 640 में मिस्र में पहली बार इस्लाम ने पांव रखे, और देखते ही देखते मात्र 15 वर्षों में, 655 तक इजिप्ट के लगभग सभी लोग मुसलमान बना दिये गए।
👉 नार्थ अफ्रीकन देश, जैसे अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, मोरक्को आदि देशों को...
640 से 711 ई तक पूर्ण रूप से इस्लाम धर्म में बदल दिया गया। 3 देशों का सम्पूर्ण सुखचैन लेने में मुसलमानो ने मात्र 71 साल लगाए।
👉 711 ईस्वी में स्पेन पर आक्रमण हुआ, 730 ई तक, मात्र 19 वर्षो में स्पेन की 70% आबादी मुसलमान बनी।
👉 तुर्क थोड़े से वीर निकले। तुर्को के विरुद्ध जिहाद...
651 ईस्वी में शुरू हुआ, और अगले सौ वर्ष तक संघर्ष करते करते अंततः 751 ई तक सारे तुर्क मुसलमान बना दिए गए।
👉 इंडोनेशिया के विरुद्ध जिहाद मात्र 40 वर्ष में पूरा हुआ। 1260 में मुसलमानो ने इंडोनेशिया में मारकाट मचाई, और 1300 ईस्वी तक सारे इंडोनेशियाई मुसलमान बन चुके थे।
👉 फिलिस्तीन, सीरिया, लेबनान, जॉर्डन आदि देशों को 634 से 650ई के बीच मुसलमान बना दिया गया।
उसके बाद 700 ईस्वी में भारत के विरुद्ध जिहाद शुरू हुआ जो अब तक चल रहा है।
👉 अब आप भारत की स्थिति देखिये... जिस समय आक्रमणकारी ईरान तक पहुंचकर अपना बड़ा साम्राज्य स्थापित कर चुके थे,...
उस समय उनकी हिम्मत नही थी कि भारत के राजपूत साम्राज्य की और आंख उठाकर भी देख सकें!!
👉 636 ईस्वी में खलीफा ने भारत पर पहला हमला बोला। एक भी आक्रांता जिंदा वापस नही जा पाया।
👉 कुछ वर्ष तक तो मुस्लिम आक्रान्ताओ की हिम्मत तक नही हुई कि भारत की ओर मुंह करके सोया भी जाएं, लेकिन...
कुछ ही वर्षो में गिद्धों ने अपनी जाति दिखा ही दी!
👉 दोबारा आक्रमण हुआ! इस समय खलीफा की गद्दी पर उस्मान आ चुका था। उसने हाकिम नाम के सेनापति के साथ विशाल इस्लामी टिड्डिडल भारत भेजा। सेना का पूर्णतः सफाया हो गया, और सेनापति हाकिम बंदी बना लिया गया। हाकिम को राजपूतों ने बहुत मारा।
और बड़े बुरे हाल करके वापस अरब भेजा, जिससे उनकी सेना की दुर्गति का हाल उस्मान तक पहुंच जाएं।
👉 यह सिलसिला लगभग 700 ई तक चलता रहा। जितने भी मुसलमानों ने भारत की तरफ मुँह किया, राजपूतों ने उनका सिर कंधे से नीचे उतार दिया ।।
👉 जब 7वी सदी इस्लाम की शुरू हुई, जब अरब से लेकर...
अफ्रीका, ईरान, कई यूरोपीए देश, सीरिया, मोरक्को, ट्यूनीशिया, तुर्की जैसे बड़े देश मुसलमान बन गए, भारत में "बप्पा रावल" का जन्म हो चुका था। वे पूर्णतः योद्धा बन चुके थे। इस्लाम के पंजे में जकड़ गए अफगानिस्तान तक से मुसलमानों को उस वीर ने मार भगाया। केवल यही नही,वह लड़ते लड़ते...
खलीफा की गद्दी तक जा पहुंचे, जहां खलीफा को अपनी जान की भीख मांगनी पड़ी।
👉 उसके बाद भी यह सिलसिला रुका नही। नागभट्ट प्रतिहार २य जैसे योद्धा देश को मिले। जिन्होने अपने पूरे जीवन राजपूत धर्म का पालन करते हुए पूरे देश की न केवल रक्षा की, बल्कि हमारी शक्ति का डंका विश्व में बजाए रखा।
👉 पहले बप्पा रावल साबित किया था कि अरब अपराजित नही है, लेकिन 836 ई के समय भारत में वह हुआ, जिससे विश्वविजेता मुसलमान थर्रा गए। मुसलमानों ने अपने इतिहास में उन्हें अपना सबसे बड़ा दुश्मन कहा है, वह सरदार भी राजपूत ही थे।
👉सम्राट मिहिरभोज प्रतिहार। उनके बारे में कहा जाता है, कि..
उनका प्रताप ऋषि अगस्त्य से भी अधिक चमका। उन्होंने मुसलमानो को केवल 5 गुफाओं तक सीमित कर दिया।। यह वही समय था, जिस समय मुसलमान किसी युद्ध में केवल जीत हासिल करते थे, और वहां की प्रजा को मुसलमान बना देते। भारत के वीर राजपूत मिहिरभोज ने इन अक्रान्ताओ को अरब तक थर्रा दिया था।
👉 पृथ्वीराज चौहान तक इस्लाम के उत्कर्ष के 400 साल बाद तक भारत के राजपूतों ने इस्लाम नाम की बीमारी भारत को नही लगने दी। उस युद्धकाल में भी देश की अर्थव्यवस्था को गिरने नही दिया।। उसके बाद कुछ राजपूतों की आपसी खींचतान व दुश्मनी का सहारा लेकर मुसलमान कुछ जगह घुसने मे कामयाब भी हुए।
लेकिन राजपूतों ने सत्ता गंवाकर भी हार नही मानी। एक दिन वह चैन से नही बैठे! अंतिम वीर दुर्गादास जी राठौड़ ने दिल्ली को झुकाकर, जोधपुर का किला मुगलों के हलक से निकालकर हिन्दू धर्म की गरिमा, वीरता और शौर्य को चार चांद लगा दिए ।।
👉 किसी भी देश को मुसलमान बनाने में मुसलमानो ने...
औसतन 20 वर्ष नही लिए। देश में 500 वर्ष अलग अलग क्षेत्रों पर राज करने के बाद भी मेवाड़ के शेर महाराणा राजसिंह ने अपने घोड़े पर भी इस्लाम की मुहर नही लगने दी।
👉 महाराजा रणजीत सिंह के पराक्रम को कौन नही जानता,जिन्होंने हर दुश्मन को पराजित किया।
👉 महाराणा प्रताप,दुर्गादास राठौड़,..
मिहिरभोज, दुर्गावती, चौहान, परमार सहित लगभग सारे राजपूत मातृभूमि के लिए जान पर खेलते गए। एक समय तो ऐसा आ गया था जब लड़ते लड़ते राजपूत केवल 2% पर आकर ठहर गए।
👉 एक बार पूरी दुनिया की ओर देखें और आज अपना वर्तमान देखे!! जिन मुसलमानो ने 20 वर्षों में लगभग आधे विश्व की आबादी को..
मुसलमान बना दिया, वह यहां केवल पाकिस्तान बांग्लादेश तक सिमट कर ही क्यों रह गए ?
👉 माना कि उस समय लड़ना राजपूतों का धर्म था। लेकिन जब राजाओं ने अपना धर्म निभा दिया, तो आज उनकी बेटियों, पोतियों पर काल्पनिक कहानियां गढ़कर उन योद्धाओं के वंशजो का हिंदुओ द्वारा ही अपमान किया गया।
कुछ कथित सेकुलर हिन्दूओं द्वारा ही उन आक्रांताओं के थोपे गए झूंठे इतिहास का महिमामंडन करना बेहद शर्मनाक है।
👉 राजा भोज, विक्रमादित्य, नागभट्ट १म, नागभट्ट २य, चंद्रगुप्त मौर्य, बिंदुसार, समुद्रगुप्त, स्कंदगुप्त, छत्रसाल बुंदेला, आल्हा उदल, राजा भाटी, भूपत भाटी, चाचादेव भाटी,..
सिद्धश्री देवराज भाटी, कानड़ देव चौहान, वीरमदेव चौहान,हठी हम्मीर देव चौहान, विग्रहराज चौहान, मालदेव सिंह राठौड़, विजय राव लांझा भाटी, भोजदेव भाटी,चूहड़ विजयराव भाटी,बलराज भाटी,घड़सी, रतनसिंह,राणा हमीर सिंह, अमर सिंह, अमर सिंह राठौड़, दुर्गादास राठौड़, जसवंत सिंह राठौड़ मिर्जा,...
राजा जयसिंह, राजा जयचंद, भीमदेव सोलंकी, सिद्धश्री राजा जय सिंह सोलंकी, पुलकेशिन द्वितीय सोलंकी, रानी दुर्गावती, रानी कर्णावती, राजकुमारी रत्नाबाई, रानी रुद्रा देवी, हाड़ी रानी, पद्मावती, तोगा जी, वीरवर कल्लाजी, जयमल जी जेता कुपा, गोरा बादल राणा रतन सिंह, पजबन राय जी कच्छवा,...
मोहन सिंह मंढाड़, राजा पोरस, हर्षवर्धन बेस, सुहेलदेव बेस, राव शेखाजी, राव चंद्रसेन जी दोड़, राव चंद्र सिंह जी राठौड़, कृष्ण कुमार सोलंकी, ललितादित्य मुक्तापीड़, जनरल जोरावर सिंह कालुवारिया, धीर सिंह पुंडीर, बल्लू जी चंपावत, भीष्म रावत चुण्डा जी, रामसाह सिंह तोमर और उनका वंश,...
झाला राजा मान सिंह,महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर, स्वतंत्रता सेनानी राव बख्तावर सिंह अमझेरा वजीर सिंह पठानिया,राव राजा राम बक्स सिंह,ठाकुर कुशाल सिंह, ठाकुर रोशन सिंह, ठाकुर महावीर सिंह,राव बेनी माधव सिंह, डूंगजी, भुरजी, बलजी,जवाहर जी, अजय पाल देव जी, भांजी जडेजा, छत्रपति शिवाजी और..
न जाने अनगिनत लोक देवता और एक से बढ़कर एक योद्धा थे!!
👉 यह तो केवल कुछ ही नाम है!! स्कूल पाठ्यक्रम में तो इन वीरों का नाम तक नहीं मिलेगा। एक से बढ़कर एक योद्धा पैदा हुए हैं जिन्होंने 18 वर्ष की आयु से पहले ही अपना जीवन समर्पित कर दिया देश के लिए। घर के घर, गांव के गांव,...
खाली हो गई...
जब कोई भी पुरुष नही बचा किसी गांव में, पूरा का पूरा परिवार पूरे पूरे गांव कुर्बान हो गए... एक रणभेरी पर बच्चा जान हथेली पर रखकर चल गया धर्म के लिए आहुति देने !!
👉 आज हमारे यहाँ हिंदू सनातनी इन्हीं बलिदानियों के महान बलिदानों के कारण अस्तित्व में बचे हुए है।
🙏🚩
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👉विभिन्न TV चैनलों पर प्रसारित अलग-अलग चुनावी सर्वेक्षणों पर जो बीजेपी की जीत दिखाई जा रही है, उस पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं करना चाहिए।
🤨हो सकता है कि यह कॉंग्रेस के रणनीतिकार PK की चाल रही हो।
👉बंगाल में बीजेपी समर्थक यह सोचकर कि 'मेरे एक वोट से क्या होगा', पहले ही धोखा खा चुके है।
🤷🏻♂️कम से कम 50 सीटों पर बीजेपी 1000 से कम मार्जिन पर चुनाव हार गई थी और बीजेपी सरकार बनाते-बनाते रह गई, कारण बीजेपी के समर्थक वोट देने ही नहीं गए।
👉उत्तर प्रदेश में इस बार कांटे की टक्कर में कुछ हजार वोटों से सरकार बन या बिगड़ सकती है इसलिए उत्तर प्रदेश के बीजेपी के मतदाताओं को पूर्णरूप से जागरूक रहने की आवश्यकता है और बीजेपी के पक्ष में अधिक-से-अधिक मतदान करने की कोशिश करें।
कांग्रेसी कहते है सोनिया भारत की पहली विदेशी बहू है..
आज मै आपको बता रहा हूँ भारत माता की असली विदेशी बहू के बारे में।
भारत की असली बहू नेताजी सुभाष चंद्र बोस की धर्मपत्नी जिनका भारत मे कभी स्वागत नही हुआ...
कांग्रेस ने इनको भी नेताजी की तरह गुमनाम कर दिया!!!
श्रीमती "एमिली शेंकल" ने 1937 में भारत मां के बहादुर बेटे "बोस" जी से विवाह किया!
एक ऐसे देश को ससुराल के रूप मे चुना जहां कभी इस "बहू" का स्वागत नही किया गया....
ना ही बहू के आगमन पर मंगल गीत गाये गये...
ना बेटी (अनीता बोस) के जन्म होने पर कोई सोहर ही गाया गया...
यहां तक की गुमनामी की मोटी चादर से उन्हे ढ़ंक दिया गया कि कभी जनमानस मे चर्चा भी नही हुई!!
अपने 7 साल के कुल वैवाहिक जीवन में पति के साथ इन्हे केवल 3 साल रहने का मौका मिला... फिर इन्हें और नन्ही सी बेटी को छोड़कर बोस जी देश के लिए लड़ने चले गये....!!!
सभी हिंदू - चाहे वामपंथी हो, या दक्षिणपंथी हो, चाहे ऊंची जाति के हो या निचली जाति के, चाहे अमीर हो या गरीब, केवल एक शिकायत पर गिरफ्तार किया जाएगा, चाहे वह मुस्लिम या ईसाई या किसी अल्पसंख्यक द्वारा सांप्रदायिक और टारगेटेड हिंसा की रोकथाम के तहत हो।
ये क्षतिपूर्ति विधेयक जिसे डॉ. मनमोहन सिंह, जो स्वयं अल्पसंख्यक है, संसद के समक्ष रखने की योजना बना रहे थे। इस पूरी तरह से हिंदू- विरोधी विधेयक का मसौदा शुरू में सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद द्वारा तैयार किया गया था, जो एक ईसाई थी,...
जो एडविज एंटोनिया अल्बिना माइनो के रूप में पैदा हुई थी। - ओपी गुप्ता
NAC में सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह दोनों अल्पसंख्यक व्यक्तियों द्वारा चुने गए व्यक्ति शामिल है।इस परिषद में भी हिंदू सदस्यों को संख्यात्मक अल्पमत में रखा गया, जैसा कि सच्चर समिति और रंगनाथ मिश्रा आयोग में हुआ।
कांग्रेस ने सोचा था कि भारत 2020- 22 तक इस्लामिक राष्ट्र बन जाएगा। हिंदुओ का विनाश वाला बिल जिसे काँग्रेस ने दो बार संसद मे पेश किया। 2005 मे और फिर 2011 में। परन्तु भाजपा के जबरदस्त विरोध के कारण वह पास नहीं करवा सकी ।
यदि कानून पास हो जाता तो हिंदू निश्चित रूप से गुलाम हो जाता l
मुझे यकीन है कि 96% हिन्दुओ को तो अपने खिलाफ आए इस बिल के बारे में कुछ पता भी नहीं होगा, जिस में शिक्षित हिंदू भी शामिल है!!
क्योंकि हिंदू सम्पत्ति जुटाने में लगा है!
कुछ एक लोगों को इस बिल के बारे में पता होगा,,,
2011 में इस बिल की रुपरेखा सोनिया गाँधी की विशेष टीम ने बनाया था जिसे NAC भी कहते थे,
इस टीम में दर्जन भर से ज्यादा सदस्य थे और सब वही थे जिन्हें आजकल अर्बन नक्सली कहा जाता है..
कांग्रेस का कहना था की इस बिल के जरिये वो देश में होनेवाले दंगों को रोकेंगे।
#इतिहासचोरो_की_खैर_नही
एक फिजिक्स के प्रोफेसर ने कक्षा 6 से 12 NCERT की हिस्ट्री बुक्स के अध्ययन का निश्चय किया और उसने पाया कि लगभग 110 बातें ऐसी है जो संदिग्ध है...
NCERT की Book में लिखा है कि दो सुल्तान, कुतुबुद्दीन ऐबक और इल्लतुतमिश ने वो मीनार बनवाया था,...
जिसे आज कुतुबमीनार कहा जाता है।
इस पर प्रोफेसर साहब ने RTI लगाया कि NCERT ने इस तथ्य को कहाँ से सत्यापित किया है? सत्यापित करनेवाले लोग कौन थे?
इस पर NCERT की तरफ से उत्तर आया कि...
1. विभाग के पास कोई सत्यापित प्रति उपलब्ध नही है।
2. इस पुस्तक को प्रोफेसर मृणाल मीरी ने मंजूर किया था, जो राष्ट्रीय निगरानी समिति का हेड था।
मृणाल मीरी शिलांग का एक ईसाई है, जिसे काँग्रेस ने 12 सालों तक राज्यसभा में नॉमिनेट किया था। काँग्रेस राज के दौरान यह कई मलाईदार पदों पर था और कम्युनिस्ट चर्च के गठजोड़ से...