ये। सरासर झूठ है कि स्टूडेंट्स यूक्रेन में फंसे हैं
जी हां, स्टूडेंट्स फंसे हैं लेकिन यूक्रेन में नहीं..... वो फंसे हैं और यहीं भारत में फंसे हैं.... वो फंसे हैं, प्राइवेट स्कूल कॉलेजों के चंगुल में, एजुकेशन लोन की किस्तों में, नॉनप्रैक्टिकल सिलेबस में, बाबा आदम के जमाने की
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मार्किंग व्यवस्था में,सिस्टम से हारे और अढॉक बेसिस पे पढा रहे किसी युवा की क्लास में,खुले चुनाव और बंद स्कूलों वाले सिस्टम में ज़ूम कॉल पे..
पढने के बाद एक्जाम के लिये,एक्जाम के बाद रिजल्ट के लिये,रिजल्ट के बाद नौकरीके लिये और नौकरी के बाद एक अदद छोकरीके लिये..चुनावी नारों में
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फर्जी अखबारों में,एंकर के होठों की लाली में, एफबी ट्विटर पर गाली में..यू ट्यूब टिक-टॉक और रील में,वर्चुअल सेलेब्रिटी बनने के फील में ..स्टूडें ट फंसा हुआ है
फंसा हुआ है झूठे भाषण में मुफ्त के राशन में, फेसबुक पे फर्जी राष्ट्रवाद में और अपने चार बाई चार के कमरेमें गहरे अवसाद में
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हजरतगंज, कचहरी रोड, मुखर्जी नगर में, कभी मुंबई बीच पे बैठा उठती गिरती लहर में
नौकरी की भविष्यवाणी में, कायरा आडवानी में, स्टीव जॉब जुकरबर्ग की कामयाबी की कहानी नें, हाथ से फिसलती जारही जवानी में, कोचिंग कमरा अम्मा-बाबा की परेशानी में, बाकी समय दुआ मज़ार जय बजर्ंगबली भवानी में
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जी हां, स्टूडेंट तो सच में फंसा हुआ है. और इतनी बुरी तरह फंसा हुआ है कि अब इसे बाहर मत निकल जाने देना, वरना किसी इंदरा की सरकार दुबारा गिरा देगा - हैदर रिज्वी
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प्रिय भारत के लोगो! चुनाव में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री वगैरह चुनिए। जो जिस पद के लिए चुनाव लड़े, उस पद के लिए पदाधिकारी चुनिए। ये शेर, सांड़, कूकुर, सुअर के फरेब से बाहर निकलिए। देश चलाना है, चिड़ियाघर नहीं। अपनी संसद और विधानसभाएं चिड़ियाघर होती जा रही हैं।
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ये सारे सदन वहशियों से भर गए हैं। हमारे अपने लोग यूक्रेन में फंसे हैं और कोई गधा मंत्री, विधायक, सांसद कह रहा है कि वहां जाते क्यों हैं, यहां एडमिशन नहीं होता इसलिए जाते हैं.. वगैरह। इन गधों से मुक्ति पाओ। थोड़े संवेदनशील, बहादुर और दिमागी रूप से मजबूत लोगों को चुनिए।
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ये जो नमूने आप चुनते हैं, देश को इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। बाकी आप समझदार हैं। कम लिखा जादा समझना।
यह मैप युक्रेन में फँसे एक छात्र ने ट्वीट किया है जिसका कहना है कि अभी तक सरकार ने कोई भी मदद खारकीव में फँसे छात्रों की नहीं की है जो सबसे अधिक असुरक्षित हैं । सरकार ने अड्वाइज़री जारी करके बोला है कि भारतीय छात्र खारकीव से पोलैंड , रोमानिया या हंगरी के बॉर्डर पहुँचे । 3/1
खारकीव से इतनी दूर छात्र कैसे पहुँचे??क्या इतनी दूर पैदल चलना सम्भव है??क्या सरकार ने वहाँ से छात्रों को निकालने के लिए बस या ट्रेन या किसी और चीज़ का इंतज़ाम किया है ?? जब वहाँ से रूस का बॉर्डर मात्र50किमी है तो सरकार रूस से बात क्यों नहीं कर रही है । रूस के बॉर्डर पर उन्हें
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आसानी से पहुँचाया जा सकता है और उधर ख़तरा भी कम है ।
जो लोग सरकार की अड्वाइज़री की दुहाई दे रहे हैं , उन्हें यह भी बताना चाहिए कि युद्ध शुरू होने से पहले भी सरकार ने सिर्फ़ अड्वाइज़री ही दी थी , छात्रों को निकालने का कोई इंतज़ाम नहीं किया था । 3/3 @BramhRakshas @NiranjanTripa16
आप सबको बताते हुए मुझे हुए मुझे अत्यंत प्रसन्न्ता हो रही हैं,अगर2024में माननीय मोदीजी की सरकार बनेगी तो पूर्ण सम्भावना है कि
- पेट्रोल 6रु लीटर मिलेगा
- एक रुपये में5डॉलर आएंगे
- वेटिकन और काबे में नयनाभिराम शिव मंदिर बनेगा
- काला धन विदेशों से लाकर सबको 1-1करोड़ बांटा जाएगा।
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- भारत में नार्थ साउथ अमेरिका, अफ्रीका यूरोप एशिया ऑस्ट्रेलिया शामिल होंगे।
- सीमाएं साउथ चाइना समुद्र से प्रशांत महासागर तक फैल जाएंगी।
- विश्व बैंक और अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष को भारत कर्ज देगा
- देश भर में दुबई जैसी 5000 स्मार्ट मेगा सिटी बनेंगी
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- सभी ट्रेनें बुलेट ट्रेन में बदली जाएंगी
- हर मोहल्ले में एक विशाल मंदिर बनेगा
- सभी स्कैम के आरोपी जेल जाएंगे।
- लोन लेकर भागना मौलिक अधिकार बनाया जाएगा।
- इनकम टैक्स, जीएसटी, वैट आदि समस्त कर समाप्त होंगे।
- हर गरीब परिवार को एक एक आइलैंड और बंगला फ्री मिलेगा।
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यूक्रेनमें आँखोंकी चिकित्साके लिए दुनियांकी सबसे बेहतरीन सुविधाहै,अमेरिकासे भी बेहतर.यूक्रेन कीophthalmologyमेंMBBS बेस्ट मानी जातीहै.आप पता कीजिए कि आपकी जानकारीमें जो बड़े अपोलो,फोर्टिस, रॉकलैंड,मेदांताetcहॉस्पिटल हैं उनके टॉपophthalmologistमें से काफी यूक्रेन से पढ़के आए हैं.1
Eye surgeryके क्षेत्र में रूस का दूसरा पडोसी चेक गणराज्य पहले नंबर पर हैं.यहाँ हर साल दुनियां की सबसे ज्यादा आँखों की सर्जरी होती हैं क्योंकि एक तो इलाज सस्ता है दूसरा यहाँ पर ये पद्धति सबसे पुरानी है.
यही कारन है की दुनियां भर से बच्चे यहाँ आंखों की पढ़ाईके लिएMBBSकरने आतेहैं.2
जैसे हमारे यहां आयुर्वेदा सस्ता है क्योंकि उपलब्धता अधिक और हम कई जनरेशन से इसपर काम कर रहे है.. वैसे ही यूक्रेन में संसाधन अच्छे हैं और वो बहुत समय से इसपर काम कर रहे हैं इस लिए इसकी पढाई सस्ती है.
मोदी जी बिना जानकारी के ही कह रहे की बच्चे छोटे देशों में पढ़ने क्यों जा रहे.
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#झूठ_मत_बोलिए_सरकार_आप_हमें_मुुफ्त_नहीं_लारहे
कहीं आपभी तो इस भ्रम में नहीं कि यूक्रेनमे फंसे भारतीयोंको मुफ्त हवाई टिकट,सरकार अपनी जेबसे दे रहीहै??यदि हां तो आप सरासर गलतहै!!टिकट मुफ्त नहीं,बल्कि विदेश आने-जाने वाले भारतीयोंसे वसूल गए फंड,यानी जनताकी जेबसे वसूले गए पैसेका है।
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जी हां तत्कालीन यूपीए सरकार ने2009में आपात स्थिति में विदेशों में फंसे भारतीयों को निकालने,उनकी मदद करने के लिए"इंडियन कम्युनिटी वेलफेयर फंड" #ICWF बनाया था। इस फंड को बनानेका उद्देश्य आपात स्थिति में विदेश में फंसे भारतीयों की मदद करना था।
मुफ्त लाने का एहसान जताने वाली सरकार
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यह नहीं बताएगी कि,जब भी आप वीजा आदि बनवाते हैं,तब इस इंडियन कम्युनिटी वेलफेयर फंड के नाम पर भी मामूली शुल्क वसूलती है।
पिछले12सालों में इस ICWFफंड में लगभग 500करोड़ इकट्ठा हो चुके हैं।इसमें से सरकार कोरोना काल, और दूसरे एअरलिफ्ट को मिलाकर,अभी तक 50करोड़ भी खर्च नहीं कर पाई है।
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