कहते हैं कि भगवान की लाठी बेआवाज होती है। कुछ इसी तरह मोदी जी की लाठी भी बेआवाज होती है पर बहुत गहरी चोट पहुंचाती है। वैसे तो यह खबर आप अंबेडकर जयंती १४ अप्रैल को सुनेंगे पर इसकी पृष्ठभूमि अभी जान लीजिए। 🙏🇮🇳👇
हुआ यह था कि १९४७ में आजादी के बाद तत्कालीन वायसराय हाउस राष्ट्रपति आवास बना दिया गया। उसके बाद क्षेत्रफल और साज-सज्जा के अनुसार दूसरे नंबर पर तीन मूर्ति भवन था। नेहरू ने इसे अपना आवास बना लिया।
अगले १७ वर्षों तक सारे कर्म कुकर्म इसी भवन में करते रहे।🚩🇮🇳👇 @Sabhapa30724463
उनकी गुप्त रोग से मृत्यु होने पर दूसरे प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जब तीन मूर्ति भवन में जाने लगे तो इंदिरा गांधी ने रोक दिया, कहा कि आपकी हैसियत नेहरू के भवन में रहने लायक नहीं है। सीधे-सादे शास्त्री जी मान गए और अपने लिए बहुत छोटा सा बंगला चुना और वहीं रहने लगे।🚩🇮🇳👇
उनकी रहस्यमय असामयिक मृत्यु के बाद तीन मूर्ति भवन को इंदिरा गांधी ने नेहरू संग्रहालय बना दिया, इसमें उनका गद्दा तकिया रजाई चश्मा घड़ी और उनकी ऐयाशी के तमाम सारे सामान जिसमें एडविना की फोटो भी थी, लगा दिया।
बाद में जितने प्रधानमंत्री आए किसी का कोई संग्रहालय नहीं बना।
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पी वी नरसिम्हा राव को तो इतना बेइज्जत किया कि उनका अंतिम संस्कार तक दिल्ली में नहीं करने दिया क्योंकि वे इंदिरा गांधी के गुलाम नहीं थे।समय बीतता गया। प्रधानमंत्री आते गए और सबके बंगले सुरक्षित होते रहे। इसी समय राजनीति के फलक पर एक सितारे का उदय हुआ जिसे सब नरेंद्र मोदी के 🚩🇮🇳👇
नाम से जानते हैं।
उन्होंने बिना हल्ला गुल्ला किये खामोशी से काम शुरू कर दिया।तीन मूर्ति भवन के एक एक करके सारे १८ कमरे खुलवा दिए और उनमें सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों की स्मरणीय वस्तुओं को रखवाकर उनके नाम से अलग अलग संग्रहालय बनवा दिया।अब बारी थी नेहरू का नाम मिटाने की।
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अब तक इसका नाम केवल "जवाहरलाल नेहरू संग्रहालय तीन मूर्ति भवन दिल्ली'था।
मोदी जी ने अब नेहरू शब्द हटाकर इसका नया नामकरण कर दिया "प्रधानमंत्री संग्रहालय'।इसका विधिवत उद्घाटन दिनांक 14-04-2022 करेंगे।
कांग्रेस में इसीलिए पीड़ा बढ़ गई है। रो भी नहीं सकती हंसने का तो सवाल 🚩🇮🇳👇
ये जो काश्मीर में चुनाव की हवा बहाई जा रही है मुझे इसपर थोड़ा कम विश्वास है।
मोदी इन तैयारियों की आड़ में कुछ नया और बड़ा करने जा रहे है ऐसा मेरा सोचना है।
क्योंकि जो आपकी पकड़ में आ जाए वो मोदी कैसे?
पिछले एक महीने के घटनाक्रम को 🚩👇 @naubatrai
यदि सिलसिलेवार देखा जाए तो बहुत बड़ा मेसेज और अनुमान निकलकर सामने आ रहे है।
भारत का रूस को खुल्लम खुल्ला समर्थन,अमेरिकी प्रतिबन्धों के चलते क्रूड खरीदना,और देश में oil reserve बढ़ाना।
पाकिस्तान में अज्ञात हमलावरों द्वारा विमान अपहर्ताओं को चुन चुनकर निपटाना,🇮🇳👇 @Sabhapa30724463
ब्रम्होस का भटककर पाकिस्तान में गिरना,और अब इमरान खान की सरकार पर संकट गहराना।
चीन के विदेशमंत्री के भारत दौरे की चर्चा,इजराइल का रुस दौरा।
यह सब अचानक एक माह में होना बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर रहा है।
इसी सब घटनाक्रम में कश्मीर में चुनावों की तैयारियां बात 🇮🇳👇 @Bairagi_Panddit
*पत्नी बोली ये तो कुत्ते के बच्चा है और उसको पानी पिलाने लगी ,बच्चे में जान आ गई ,*
*पत्नी बोली इसको साथ ले चलते है ।*
*पति बोला*
"इस जंगल में कुत्ता कहां से आया?"
*ये भेड़िये का बच्चा है ।पत्नी जिद्द कर बैठी ये कुत्ते का बच्चा है और उसे अपने साथ घर ले आई !!*👇 @Bairagi_Panddit
इन दोनों के घर में पहले से दो कुत्ते थे।
साथ ही उन पति-पत्नी स्वयं के भी दो बच्चे थे।
कुछ दिनों के बाद एक कुत्ता घर से गायब हो गया ,तलाश की गई तो उसकी हड्डियां घर के पीछे मिलीं।
पति बोला
*"देखो भेड़िये ने हमारे वफादार कुत्ते को मार डाला।"*
पत्नी बोली 🚩🇮🇳👇 @Ravikan36720662
साथियों! गांधी की सादगी और गरीबी के नमूने प्रस्तुत हैं। आप भी सोचिये कि सादा जीवन उच्च विचार वाले ढकोसले कैसे निभाये जाते हैं 😂😂
अंग्रेजी में एक शब्द है "एक्सपेंसिव पावर्टी" इसका मतलब होता है कि गरीब दिखने के लिए आपको बहुत खर्चा करना पड़ता है। गांधीजी की गरीबी ऐसी ही थी।👇
एक बार सरोजनी नायडू ने उनको मज़ाक में कहा भी था कि आप को गरीब रखना हमको बहुत महंगा पड़ता है!!
ऐसा क्यों?
गांधी जी जब भी तीसरे दर्जे में रेल सफर करते थे तो वह सामान्य तीसरा दर्जा नहीं होता था। अंग्रेज नहीं चाहते थे की गांधी जी की खराब हालातों में,👇 @Sabhapa30724463 @naubatrai
भीड़ में यात्रा करती हुई तस्वीरें अखबारों में छपे उनको विक्टिम कार्ड का फायदा मिले। इसलिए जब वह रेल सफर करते थे तो उनको विशेष ट्रेन देते थे जिसमें कुल 3 डिब्बे होते थे जो सिर्फ गांधी जी और उनके साथियों के लिए होते थे, क्योंकि हर स्टेशन पर लोग उनसे मिलने आते थे।👇 @chhotiradha
साथियों! कश्मीर फाइल्स पर आरोपों और तरह तरह के प्रोपेगैंडे चल रहे हैं।इसलिए TheKashmirFiles के बारे में दो एक जरुरी बातें कहनी हैं आपसे..
फ़िल्म देखने के बाद किसी से यह कहते नहीं बना कि फ़िल्म में जो दिखाया गया है वह कहीं से भी झूठ है।🙏🚩🇮🇳👇 @NyLahBaLoch @Sabhapa30724463
लेकिन इसके इम्पैक्ट से वे परेशान हैं। सबसे बड़ा खतरा यह दिख रहा है कि ऐसे विषयों पर और भी बेबाक फिल्मों की कतार लग जायेगी तो इनका इतनी मेहनत से बनाया गया नैरेटिव ध्वस्त हो जाएगा।सो ले दे कर इन्हें यही कहते बना कि इस फ़िल्म से माहौल खराब होगा।🙏🚩🇮🇳👇 @Kashi_Ka_Pandit @naubatrai
तो सिर्फ कहने से नहीं होगा ना...खराब करके दिखाना भी होगा.
तो अगले कुछ समय में वामी-जिहादी गठजोड़ द्वारा माहौल खराब करने की पूरी कोशिश की जाएगी. देश में कहीं ना कहीं इस बहाने से दंगा जरूर भड़काया जाएगा जिससे अगली ऐसी किसी भी फ़िल्म को रोकने के लिए कानूनी बहाना मिल जाये।🙏🚩🇮🇳👇