राम नाम की ताकत अपरम्पार है । यह सबको जोड़ता है, सबको अपनाता है और सब इसको अपनाते हैं । आज सर्वोदय शिविर के दूसरे दिन जहां से भी प्रभात फेरी निकली, @GauravS00188308 की आवाज़ में राम नाम की गूंज भोपाल के भौरी गाँव में हुई, स्वमेव ही दरवाजे तक आए रहवासियों के हाथ जुड़ गए ।
आसपास की गलियों से छोटे बच्चे निकले और प्रभात फेरी में शामिल हो गए । धुन के साथ ताली मिलाने लगे । मंजीरे और ढोलक की थाप भजन मे रस और श्रद्धालुओं में उमंग भरती रही । #राम भारत में रचे बसे हैं । धर्म के बंधन से मुक्त, उससे उपर । राम भारत की लोक संस्कृति में हैं ।
राह चलते राम राम कहता राहगीर एक नाम लेकर खुद को दूसरों से जोड़ लेता है । गांधीजी का रघुपति राघव राजा राम इसीलिए सर्वधर्म सद्भाव का भजन है। सबके लिए, सबको प्रिय। इसीलिए इंडोनेशिया की मुस्लिम आबादी के लिए भी राम जननायक हैं। सूफियों की तरह धर्म से ऊपर उठ लोकसंस्कृति तक पहुंचे हुए।
ठीक वैसे ही जैसे अल्लाह की इबादत करते कव्वाली में कृष्ण का रास शामिल हो जाता है ।
राम उद्धारक हैं, आक्रांता नहीं । उद्धारक हैं तब तक सब उनकी शरण में हैं । यदि उनका नाम लेकर आक्रांता होने की कोशिश होगी तो जन जन के राम को, विश्व के राम को सीमित करने की कोशिश होगी ।
अमर और अविनाशी तो वह रहेगा ही, लेकिन तब राम नाम लोक संस्कृति नहीं रह जाएगा ।
राम नाम हमेशा सर्वप्रिय, सर्वघोषी रहे, सहज और संस्कारी रहे, इसलिए प्रभु श्रीराम , मर्यादा पुरुषोत्तम राम की मर्यादा के आशीर्वाद रूपी अंश की हम सब स्तुति करें, उसे धारण करें ।
रघुपति राघव राजा राम,
पतित पावन सीता राम
सीताराम जय सीताराम,
भज प्यारे तू सीताराम ।
ईश्वर अल्लाह तेरो नाम,
सबको सम्मति दे भगवान ।
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ममताजी और उनके साथियों को गंगा आरती करने से रोका गया । रोकनेवाले खुद को #हिंदुत्ववादी बताते हुए भगवा झंडे के साथ आईएसआईएस जैसा काला झंडा साथ साथ लहरा रहे थे ।
हिन्दुओं को गंगा आरती से रोकने वाले हिंदू धर्मद्रोहि 'हिंदुत्ववादियों' के कारण हिंदू धर्म की बड़ी हानि हुई है ।
यही हिंदुत्ववादी कुछ दशक पहले तक और कहीं-कहीं आज भी संस्कृति के नाम पर हरिजन हिन्दुओं को मंदिर प्रवेश और घोड़ी चढ़ने से रोकते हैं, एहसास कराते हैं कि हिन्दू धर्म और हिंदुस्तान में उन्हें अधिकार नहीं हैं ।
ऐसे 'हिंदुत्ववादियों' के कारण हिंदू धर्म की बड़ी हानि हुई है ।
गुरु गोलवलकरजी ने लिखा "हिंदू की निन्दा करने में जिनकी रुचि है वो जाति व्यवस्था, ... की सभी सही गलत कमियों को ... हिन्दुओं की कमजोरी का कारण कहते हैं - हर्षवर्धन और पुलकेशी के समय को देखिए, सभी तथाकथित कुप्रथाएं, जाति आदि आज से कम नहीं थी मगर हम तब भी एक गौरवशाली राष्ट्र थे ।"