जनाब एकबाल जी ने अपनी शायरी में लिखा "मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना।"लेकिन क्या #छमजहब इतना अच्छा है जैसा कि ऊपर कहा गया। #गूगल से कुरान के बारे में जानकारी हासिल की। क़ुरान की शूरा और आयतें मनुष्य की क्रिया कलापों को सही दिशा देने में #सक्षम तो है। लेकिन मजहब से बाहरी1/9
लोगों के प्रति उदार नहीं है। बल्कि यूं कहा जाय कि #मजहब से इतर सोच रखने वालों के लिए #मौत_का_फरमान है। जैसे इस्लाम पर जो ईमान नहीं रखता वो #काफिर है तथा काफिर की सजा घेरो,मारो काटो और जिंदा जला दो।।ये बाते दूसरे धर्मावलंबियों के लिए #सायनाईड से कम नहीं है।यदि किसी मुसलमान2/9
से गहरी दोस्ती है और वक्त की नजाकत के साथ हिन्दू-मुस्लिम #Right छिड़ जाय उस समय आपका मुस्लिम दोस्त आपकों नहीं बचायेगा वही आपका सबसे बड़ा दुश्मन होगा। इसीलिए हम कहते हैं कि #कुत्ते से भी अधिक #खतरनाक मुस्लिम होते हैं। क्योंकि हिंसा ही इनका परम #उद्देश्य उस समय इनका बन जाता है3/9
हमने #अल्लाउद्दीन_खिलजी का इतिहास पढ़ा है जो कहता है कि सत्ता इनका परम लक्ष्य होता है तथा लक्ष्य पूर्ति के लिए जंग जीतकर आये अपने चाचा #जलालुद्दीन को ही मार डाला ताकि जीत के जोम में कहीं चाचा फतिजे अल्लाउद्दीन की हत्या न कर सके। #इस्लाम के स्याह पन्नो में औरंगजेब की भूमिका भी4/9
गौर तलब है जिसने अपने भाई #दारा_शिकोह को सत्ता की बलि बेदी पर #कुर्बान कर दिया।यही है इकबाल के #मजहब_नहीं_सिखाता_आपस_में_बैर_रखना की असल तस्वीर।मजहबी दीवार से घिरा मुसलमान मानवीय मूल्यों और आदर्शों को मजबूरी में आत्मसात किया यदि इनका उदात्त चरित्र होता तो 1947 मे भारत-पाक 5/9
#बटवारा नहीं होता। नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या इसी लिए की कि धर्म के आधार पर जब बटवारा हुआ तो भारत को #धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र क्यों बनाया।आजादी की लड़ाई में सबसे अधिक कुर्बानी हिन्दुओं ने ही दी थी।अखण्ड भारत की अवधारणा और स्वतंत्र भारत की सोच को दिशा देने वाले शहीदों6/9
की भावनाओं से गांधी जी ने खिलवाड़ किया और भारत का विभाजन कर दिया।इस प्रकार हिन्दू मुस्लिम एकता की #पालिसी एक पक्षीय कार्यवाही का नतीजा ही साबित हुई। यदि पाकिस्तान मे रह रहे हिंदुओं को भारत लाया गया होता और भारत के मुसलमानो को खदेड़ कर पाकिस्तान की सीमा में कर दिया गया होता तो7/9
आज #रामनवमी के जुलूस में पत्थरबाजी करने वाला कोई भी नहीं होता।। गांधी जी की भूलों का खामियाजा आज तक भारत भुगत रहा है और आगे भी भुगतेगा। हिन्दुओं के #देश में हिन्दुओं के #आराध्य की शोभा यात्रा निकालने पर पत्थर बरसाये जाते हो तो क्या ऐसे मुसलमान क्षमा के काबिल है जो हमारे भगवान 8/9
का #स्वागत पत्थर से करते हैं और हिन्दू कानून पर निर्भर रहते हैं।भारत सरकार को चाहिए कि संसद में बिल लाकर मुस्लिमो की धार्मिक #आजादी को समाप्त कर नये भारत के निर्माण में भाजपा अपना योगदान दे ताकि मथुरा काशी की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो9/9
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