President Revenue Bar Association, Bansdih, Ballia
Apr 14, 2022 • 9 tweets • 7 min read
जनाब एकबाल जी ने अपनी शायरी में लिखा "मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना।"लेकिन क्या #छमजहब इतना अच्छा है जैसा कि ऊपर कहा गया। #गूगल से कुरान के बारे में जानकारी हासिल की। क़ुरान की शूरा और आयतें मनुष्य की क्रिया कलापों को सही दिशा देने में #सक्षम तो है। लेकिन मजहब से बाहरी1/9
लोगों के प्रति उदार नहीं है। बल्कि यूं कहा जाय कि #मजहब से इतर सोच रखने वालों के लिए #मौत_का_फरमान है। जैसे इस्लाम पर जो ईमान नहीं रखता वो #काफिर है तथा काफिर की सजा घेरो,मारो काटो और जिंदा जला दो।।ये बाते दूसरे धर्मावलंबियों के लिए #सायनाईड से कम नहीं है।यदि किसी मुसलमान2/9