ज्ञानवापी मंदिर के बारे मे जानकारी:
पुराणों के अनुसार, ज्ञानवापी की उत्पत्ति तब हुई थी जब धरती पर गंगा नहीं थी और इंसान पानी के लिए बूंद-बूंद तरसता था तब भगवान शिव ने स्वयं अपने अभिषेक के लिए त्रिशूल चलाकर जल निकाला। यही पर भगवान शिव ने 🚩👇 @Sabhapa30724463
माता पार्वती को ज्ञान दिया। इसीलिए, इसका नाम ज्ञानवापी पड़ा और जहां से जल निकला उसे ज्ञानवापी कुंड कहा गया। ज्ञानवापी का उल्लेख हिंदू धर्म के पुराणों मे मिलता है तो फिर ये मस्जिद के साथ नाम कैसे जुड़ गया?
#ज्ञानवापी का सम्पूर्ण अर्थ है ज्ञान का तालाब। काशी की छः वापियों का उल्लेख पुराणों मे भी मिलता है।
पहली वापी: ज्येष्ठा वापी, जिसके बारे मे कहा जाता है की ये काशीपुरा मे थी, अब लुप्त हो गई है।
दूसरी वापी: ज्ञानवापी, जो काशी विश्वनाथ मंदिर के उत्तर मे है।🚩👇 @ShashibalaRai12
तीसरी वापी: कर्कोटक वापी, जो नागकुंआ के नाम से प्रसिद्ध है।
चौथी वापी: भद्रवापी, जो भद्रकूप मोहल्ले मे है।
पांचवीं वापी: शंखचूड़ा वापी, लुप्त हो गई।
छठी वापी: सिद्ध वापी, जो बाबू बाज़ार मे है और अब लुप्त हो गई।
अठारह (18) पुराणों मे से एक लिंग पुराण मे कहा गया है:🚩👇 @ajayamar7
"देवस्य दक्षिणी भागे वापी तिष्ठति शोभना।
तस्यात वोदकं पीत्वा पुनर्जन्म ना विद्यते।"
इसका अर्थ है: प्राचीन विश्ववेश्वर मंदिर के दक्षिण भाग में जो वापी है,उसका पानी पीने से जन्म मरण से मुक्ति मिलती है।
स्कंद पुराण मे कहा गया है: 🚩👇 @ManjuSh37235221 @RitaSinghal6 @SunilSh27745929
"उपास्य संध्यां ज्ञानोदे यत्पापं काल लोपजं |
क्षणेन तद्पाकृत्य ज्ञानवान जायते नरः"
अर्थात इसके जल से संध्यावंदन करने का भी बड़ा फल है, इससे भी ज्ञान उत्पन्न होता है, पाप से मुक्ति मिलती है।
पुराण जो ना जाने कितनी सदियों पहले लिखे गए, उसमें भी ज्ञानवापी को भगवान शिव का स्वरूप बताया गया है। सारे पुराण, कह रहे है की ज्ञानवापी हिंदुओं से जुड़ा हुआ है 🙏🚩👇 @Rajeshverma0000
लेकिन आज 2022 मे आप सुनते है की मस्जिद का नाम है ज्ञानवापी मस्जिद। मुस्लिम आक्रांताओं के आक्रमण से पहले काशी को अविमुक्त और भगवान शिव को अविमुक्तेश्वर कहा जाता था।
काशी मे अविमुक्तेश्वर के स्वयं प्रकट हुए शिवलिंग की पूजा होती थी जिसे आदिलिंग कहा जाता था लेकिन 👇 @RamAshishGiri5
मुस्लिम आक्रांताओं के आक्रमणो ने काशी के मंदिरों को कई बार नष्ट किया।मुहम्मद गोरी ने कुतुबुद्दीन ऐबक को बनारस विजय के लिए भेजा।कुतुबुद्दीन ऐबक के हमले में बनारस के 1000 से भी अधिक मंदिर तोड़े गए और मंदिर की संपत्ति कहा जाता है 1400 ऊंटों पर लादकर मोहम्मद गोरी को🚩👇 @DamaniN1963
भेज दी गई। बाद मे कुतुबुद्दीन को सुल्तान बनाकर, गोरी अपने देश वापिस लौट गया।
कुतुबुद्दीन ऐबक ने बनारस मे शासन के लिए 1197 मे एक अधिकारी नियुक्त किया था।बनारस मे ऐबक के शासन ने बड़ी कड़ाई के साथ मूर्तिपूजा हटाने की पूरी कोशिश की। इसका नतीजा ये हुआ की क्षतिग्रस्त मंदिर 🙏🚩👇
वर्षों तक ऐसी ही पड़े रहे क्योंकि इन्होंने ऐसा तोड़ा और ऐसा इनका राज चलता था की किसी की हिम्मत ही नहीं हुई की इन मंदिरों को फिर से बनाए। लेकिन 1296 आते -आते, बनारस के मंदिर फिर से बन गए और फिर से काशी की शोभा बढ़ाने लगे।
बाद मे अलाउद्दीन खिलजी के समय, बनारस के मंदिर फिर 🙏🚩👇
से तोड़े गए।फिर 14वी सदी मे तुगलक शासकों के दौर मे जौनपुर और बनारस मे कई मस्जिदो का निर्माण हुआ।कहा जाता है, ये सभी मस्जिदे, मंदिरो के अवशेषों पर बनाई गई थी। 14वी सदी मे जौनपुर मे शर्की सुल्तानो ने पहली बार, काशी विश्वनाथ मंदिर को तुड़वाया। 15वी सदी मे सिकंदर लोदी के समय 🚩👇
भी बनारस के सभी मंदिरों को फिर से तोड़ा गया।वर्षों तक मंदिर खंडहर ही बने रहे।
16वीं सदी मे अकबर के शासन मे उनके वित्त मंत्री टोडरमल ने अपने गुरु नारायण भट्ट के आग्रह पर 1585 मे विश्वेश्वर का मंदिर बनवाया जिसके बारे मे कहा जाता है की यही काशी विश्वनाथ का मंदिर है। टोडरमल ने🚩👇
विधिपूर्वक,विश्वनाथ मंदिर की स्थापना ज्ञानवापी क्षेत्र मे की। इसी ज़माने मे जयपुर के राजा मानसिंह ने बिंदुमाधव का मंदिर बनवाया लेकिन दोनों भव्य मंदिरों को औरंगजेब के शासनकाल मे फिर से तोड़ दिया गया।
1669 मे औरंगजेब ने बनारस के सभी मंदिरों को तोड़ने का फरमान दे दिया था जिसके 🚩👇
बाद बनारस मे चार मस्जिदो का निर्माण हुआ जिसमें से तीन उस वक्त के प्रसिद्ध मंदिरों को तोड़कर बनी थी। इसमे विश्वेश्वर मंदिर की जगह जो मस्जिद बनी उसे ज्ञानवापी मस्जिद कहा जाता है ये दावा है लोगों का। दूसरा दावा यह है कि बिंदुमाधव मंदिर के स्थान पर धरहरा मस्जिद बनी।फिर है आलमगीर 🚩👇
मस्जिद जो कृतिवासेशवर मंदिर की जगह बनाई गई।
साथियों!मंदिरों को तोड़कर उसी के मलबे से मंदिर की दीवारों पर हमें चिढ़ाने और अपमानित करने के लिए मस्जिदें बनायी गयीं लेकिन अब भाईचारे का दावा करने वाले हमारी आस्था के प्रतीक हमें वापस देने के लिए तैयार नहीं हैं तो कौन सा भाईचारा?😡😡
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एक महिला हैं, वो जयपुर में एक PG ( *पेइंग गेस्ट* ) रखती हैं।
उनका अपना पुश्तैनी घर है, उसमे बड़े बड़े 10 - 12 कमरे हैं।
उन्हीं कमरों में *हर एक मे 3 bed लगा रखे हैं।*
उनके PG में *भोजन* भी मिलता है।
खाने खिलाने की 🙏👇
शौकीन हैं। *बड़े मन से बनाती खिलाती हैं।*
उनके यहां इतना शानदार भोजन मिलता है कि अच्छे से अच्छा Chef नही बना सकता।
आपकी माँ भी इतने *प्यार से* नही खिलाएगी जितना वो खिलाती हैं।
उनके PG में ज़्यादातर नौकरी पेशा लोग और छात्र रहते हैं।
सुबह Breakfast और रात का भोजन तो सब 🙏👇
लोग करते ही हैं।
जिसे आवश्यकता हो उसे दोपहर का भोजन pack करके भी देती हैं।
पर उनके यहां एक बड़ा *अजीबोगरीब नियम है,*
हर महीने में सिर्फ *28 दिन* ही भोजन पकेगा।
शेष 2 या 3 दिन होटल में खाओ,
ये भी नही कि PG की रसोई में बना लो।
साथियों! जब प्रभु की इच्छा होती है वे किसी भी तरह प्रकट हो ही जाते हैं। हम सनातनी भाग्यवान हैं कि हमें अपने आराध्य महादेव के भव्य दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा।ॐ नमः शिवाय
अब चर्चा इसपर हो रही है कि अयोध्या के बाद काशी, मथुरा, कुतुबमीनार और अब ताजमहल, आखिर देश में हो 🙏🚩🇮🇳👇
क्या रहा है।
जबकि चर्चा इसपर होना चाहिए कि आखिर हर मस्जिद के अंदर से मंदिरों के प्रमाण कैसे निकल रहे है ? चर्चा इसपर होना चाहिए कि मंदिरों पर ही मस्जिद क्यों बनाई गई ?
चर्चा तो इस पर भी होनी ही चाहिए कि देश की स्वतंत्रता के बाद 60 वर्ष से अधिक एक ही दल ने शासन किया 🙏🚩🇮🇳👇
उसकी हिन्दुओं के प्रति नकारात्मक भूमिका क्यों रही?और हिन्दुओं के स्वाभिमान को क्यों कुचला?
चर्चा का विषय ये होना चाहिए कि तथाकथित महान मुगलों ने मंदिर क्यों विध्वंस किये ? और जिस दल द्वारा 60 वर्ष से अधिक देश पर एक छत्र शासन किया उस दौरान हिन्दुओं के हत्यारों और 👇🚩🇮🇳🙏
साथियों! बहुत दिनों के बाद मन को झकझोरती पोस्ट मिली।जैसी की तैसी आपके समक्ष प्रस्तुत है-----
*"हिजड़ों ने भाषण दिए लिंग-बोध पर,*
*वेश्याओं ने कविता पढ़ी आत्म-शोध पर"।*
*महिलाओं का दैहिक शोषण करने वाले नेता ने भाषण दिया नारी अस्मिता पर।*
*भ्रष्ट अधिकारियों ने शुचिता और 🙏🚩🇮🇳👇
और पारदर्शिता पर उद्बोधन दिया।*
*विश्वविद्यालय मैं कभी ना पढ़ाने वाले प्रोफेसर कर्म योग पर व्याख्यान दे रहे हैं।*
असल मे दोष इनका नहीं है।
*इस देश की प्रजा प्रधानमंत्री को*
*मंदिर में पूजा करते देखने की आदी नहीं है।*
*इस देश ने एडविना माउंटबेटन की कमर में हाथ 🙏🚩🇮🇳👇
डाल कर नाचते प्रधानमंत्री को देखा है।*
इस देश ने
*मजारों पर चादर चढ़ाते प्रधानमंत्री को देखा है।*
यह जनता *प्रधानमंत्री को*
*पार्टी अध्यक्ष के सामने नतमस्तक होते देखती आयी है।* फिर *मंदिर में भगवान के समक्ष नतमस्तक प्रधानमंत्री को लोग कैसे सहन करें ?*
🇮🇳🚩👇 @Bairagi_Panddit
जब कभी कोई सनातनी आधुनिक Social मिडिया के युग में, हिन्दुत्व की लड़ाई लड़ते हुए किसी मुसीबत में फँस जाता है, किसी कानूनी पचड़े में फँस जाता है या अधर्मियों के हाथों शिकार हो जाता है तो वह सहायता के लिये किसे पुकारे? क्या कोई ऐसी संस्था है 🚩🇮🇳👇 @Sabhapa30724463
या कोई हेल्पलाइन है जिसे वह अपनी रक्षा के लिये गुहार लगाये, या फिर वह बंगाल के हिन्दुओं की तरह चुपचाप मरता कटता रहे!
आज़ हर हिन्दू Social मीडिया पर हिंदूवादी पोस्ट डालते हुए कहीं न कहीं असुरक्षा की भावना रखता है, कहीं वह या उसका परिवार किसी भयंकर आपदा में 🚩🇮🇳👇 @Bairagi_Panddit
फँस गया तो कौन सहायता करेगा?
अपने अपने स्तर पर सभी हिन्दू धर्म के युद्ध में अकेले लड़ाई लड़ रहें हैं,
क्या उनकी सुरक्षा की गारंटी कोई State गवर्नमेंट या सेंट्रल गवर्नमेंट लेती है?
क्या बंगाल के हिन्दुओं के परिवारों के साथ जो हिंसा और बलात्कार हुए, 🚩🇮🇳👇 @Rajeshverma0000
साथियों! आज तक हम सुनते आये हैं कि कैसे इस दगाबाज़ कांग्रेस ने हम हिंदुओं को जीते जी मारने की तैयारी पक्की की कानून बनाकर।
पढ़िये! कैसे और कब बने ये छलिया कानून 😡😡
आ रहा है मोदी का एक और झटका- एक्ट 30ए-
नेहरू के हिंदुओं के साथ विश्वासघात को सुधारने के लिए मोदीजी तैयार हैं।👇
क्या आपने "कानून 30", "कानून 30 ए" सुना है ????
क्या आप जानते हैं "30A" का हिन्दी में क्या मतलब होता है?
अधिक जानने के लिए देर न करें......
*30A* संविधान में निहित एक कानून है
जब नेहरू ने इस कानून को संविधान में शामिल करने की कोशिश की 🚩🇮🇳👇
तो बाबा साहेब आंबेडकर ने इसका कड़ा विरोध किया।
बाबा साहेब आंबेडकर ने कहा, "यह कानून हिंदुओं के साथ विश्वासघात है, इसलिए अगर यह पशु कानून संविधान में लाया गया तो मैं कैबिनेट और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दूंगा... इसके खिलाफ...
आखिरकार ....
बाबा साहेब आंबेडकर की इच्छा 🚩🇮🇳👇
साथियों! अपने निडर निर्भीक तेजस्वी सीएम के बारे में जानिये इस थ्रैड को पढ़कर आपको निश्चित ही गर्व होगा 🙏🙏🚩🚩
*योगी आदित्यनाथ के बारे में बहुत कम ज्ञात तथ्य*
नाम *अजय मोहन बिष्ट*
उपनाम *योगी आदित्यनाथ*
*एच.एन.बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से *उत्तर प्रदेश के इतिहास में🚩👇
सर्वोच्च अंक (100%)*
* वे गणित के छात्र है जिसने स्वर्ण पदक के साथ *बीएससी गणित* उत्तीर्ण किया है।
* 1973 में यूपी के पिछड़े पंचूर गांव में एक बेहद गरीब परिवार में जन्म। वह अब 49 साल के हो गए हैं।
* वे भारतीय सेना की सबसे पुरानी *गोरखा रेजिमेंट के आध्यात्मिक गुरु हैं।*🚩👇
*नेपाली अखबारों की रिपोर्ट है कि अगर योगी पीएम बने तो नेपाल का भारत में विलय हो जाएगा !!
* नेपाल में विशाल समर्थक योगी प्रदर्शन।
*मार्शल आर्ट में अद्भुत उत्कृष्टता।*
उत्तर प्रदेश के *जाने माने तैराक।*
*एक लेखा विशेषज्ञ जिसने कंप्यूटर को भी हराया।*🚩🇮🇳👇 @Sabhapa30724463