Sa means ‘Sahit’ or ‘Yukt’ or ‘with’
Astam means ‘Eight’
Angam means ‘Parts of the Body’
Namaskaram means ‘Salutation’
Sashtanga / Astang Pranam is a more intense form of salutation done using eight parts of the body.
It is used to express not only reverence but also surrender and allegiance. It is commonly practiced during ritual worship at homes, in temples and in front of spiritual gurus.
Its simple meaning is
"I am offering my prana (breath or life) to you."
वो वीरांगना जिसने मुग़ल सम्राट अकबर की छाती पर पैर धर उसे सबक सिखलाया।
‘अकबर’ को लगभग सभी इतिहासकारो ने एक महान शाशक बताने की कोशिश की, और हमें इन वीरांगना और वीरों की कहानी न बताकर ये बतया गया है कि अकबर कितना महान था,
ये पढ़ कर स्वयं निर्धारित कीजिये कि वो कितना महान था!
भारत में असँख्य वीरांगनाये पैदा हुई, बाईसा किरण देवी भी भारत की उन्ही वीरांगनाओ में से एक है
अकबर दिल्ली में प्रतिवर्ष अपने गलत इरादों के साथ नौरोज का मेला आयोजित करवाता था जिसमें पुरुषों का प्रवेश
निषेध था पर अकबर खुद इस मेले में महिला की वेष-भूषा में जाता था और जो महिला देखकर उसे सुंदरता में मंत्र मुग्ध कर देती थी उसे दासियाँ छल कपटवश अकबर के सम्मुख ले जाती थी
एक दिन नौरोज के मेले में महाराणा प्रताप की भतीजी छोटे भाई महाराज शक्तिसिंह की पुत्री मेले की सजावट देखने के लिए
and pattern changes as part of the 'fight-or-flight response'.
(The fight or flight response is an automatic physiological reaction to an event that is perceived as stressful or frightening. The perception of threat activates the sympathetic nervous system
and triggers an acute stress response that prepares the body to fight or flee.)
Fortunately, we have the power to deliberately change our breathing. Scientific studies have shown that controlling our breath can help to manage stress and stress-related conditions.
1. काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग दो भागों में है। दाहिने भाग में शक्ति के रूप में मां भगवती विराजमान हैं। दूसरी ओर भगवान शिव वाम रूप (सुंदर) रूप में विराजमान हैं। इसीलिए काशी को मुक्ति क्षेत्र कहा जाता है।
2. देवी भगवती के दाहिनी ओर विराजमान होने से मुक्ति का मार्ग केवल काशी में ही खुलता है। यहां मनुष्य को मुक्ति मिलती है और दोबारा गर्भधारण नहीं करना होता है। भगवान शिव खुद यहां तारक मंत्र देकर लोगों को तारते हैं। अकाल मृत्यु से मरा मनुष्य बिना शिव अराधना के मुक्ति नहीं पा सकता।
3. श्रृंगार के समय सारी मूर्तियां पश्चिम मुखी होती हैं। इस ज्योतिर्लिंग में शिव और शक्ति दोनों साथ ही विराजते हैं, जो अद्भुत है। ऐसा दुनिया में कहीं और देखने को नहीं मिलता है।
4. विश्वनाथ दरबार में गर्भ गृह का शिखर है। इसमें ऊपर की ओर गुंबद श्री यंत्र से
The time has come to take
back Our Pride, Our Monuments which was deceitfully snatched from us!
(Pls read all 3 questionnaires carefully)
Yes, we know it is 'Dhruv Stambh' not Qutub Minar, which was built by d Greatest Hindu Emperor Maharaja Vikramaditya of Ujjain & not by any-
Qutub-ud-din Aibak in the 12th century.
If we look at Qutub Minar from the top angle, it shows a lotus of 24 petals.
Lotus is definitely not an 'is-lamic' symbol, but it is an ancient Vedic symbol and the creator Brahmaji is said to have been born from a lotus that emerged from
Bhagwan Vishnu's navel.
There is a township adjoining the Qutub Minar known as 'Mehrauli'. That is a Sanskrit word 'Mihira-awali'. It signifies the township where the well-known astronomer Varaha-Mihira of Vikramaditya's court lived along with his helpers,