IAF ने आज अग्निपथ भर्ती प्रणाली का विवरण जारी किया है, जिसकी प्रक्रिया 24 जून से शुरू होगी, जो 4 साल की अवधि के लिए सेना में भर्ती करेगी। रक्षा मंत्रालय अग्निवीर के लिए 10% आरक्षण देगा। गृह मंत्रालय ने केंद्रीय पुलिस बल, CAPF और असम राइफल्स में उनकी भर्ती के लिए प्राथमिकता देगा।
IAF दस्तावेज़ में पात्रता, शैक्षिक योग्यता, चिकित्सा मानकों, मूल्यांकन, छुट्टी, पारिश्रमिक, जीवन बीमा कवर आदि का विवरण दिया गया है।
आईएएफ अग्निवीर अनुबंध (संविदा) के 10 बिंदु यहां दिए गए हैं।
1. अग्निवीर, इस अवधि के दौरान अपनी वर्दी पर एक अलग प्रतीक चिन्ह पहनेंगे, जो IAF के नियमित प्रतीक चिह्न से अलग होगा। 2. अग्निवीर संविदा काल में, सम्मान और पुरस्कार के हकदार होंगे।
3. वायुसेना अपने अग्निवीरों का एक केंद्रीकृत ऑनलाइन डेटाबेस बनाएगी, जिसमे, अग्निवीरों द्वारा प्राप्त किए कार्यों और उपलब्धियों का रिकॉर्ड और मूल्यांकन ब्योरा रखा जाएगा। 4. अग्निवीरो को प्रति वर्ष 30 अवकाश और अन्य बीमारी के कारण अवकाश, चिकित्सा सलाह के आधार पर मिलेंगे।
5. सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन से, असाधारण मामलों को छोड़कर, चार साल पूरे होने से पहले अपने स्वयं के अनुरोध पर अग्निवीरों को सेवामुक्त नहीं किया जाएगा। 6. इस योजना के तहत नामांकित व्यक्तियों को एक निश्चित वार्षिक वेतन वृद्धि के साथ ₹30,000 प्रति माह का भुगतान किया जाएगा।
इसके अलावा जोखिम और कठिन तैनाती, वर्दी और अन्य यात्रा भत्ता का भुगतान किया जाएगा। 7. एक अग्निवीर कॉर्पस फंड बनाया जाएगा। प्रत्येक अग्निवीर अपने पैकेज आय का 30% का अंश इस कोष मे देगा। सरकार पब्लिक प्रोविडेंट फंड के बराबर, उस योगदान पर ब्याज मुहैया कराएगी।
8. चार साल के बाद, अग्निवीर, वह धनराशि, सेवा निधि पैकेज के रूप में, प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे जो कि कॉर्पस फंड में उनके मासिक योगदान की संचित राशि और ब्याज के साथ सरकार के योगदान का योग होगा। यह राशि आयकर से मुक्त होगी।
9. अगर अग्निवीर अपने अनुरोध पर अपनी संविदा की अवधि जो चार साल है, से पहले सेवा से बाहर निकलना चाहते हैं, तो उन्हें केवल उनके स्वयं के योगदान से युक्त सेवा निधि पैकेज प्राप्त होगा। सरकार अपना अंशदान नहीं देगी।
10. अग्निवीरों को भारतीय वायुसेना में उनकी नियुक्ति की अवधि के लिए ₹48 लाख का जीवन बीमा कवर प्रदान किया जाएगा।
चूंकि भर्ती प्रक्रिया 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिए भी खुली है, इसलिए नामांकन फॉर्म पर नाबालिगों के माता-पिता द्वारा हस्ताक्षर करने की आवश्यकता होगी।
यदि वे 18 साल से अधिक हैं तो, IAF दस्तावेज़ में कहा गया है कि, योजना के सभी नियमों और शर्तों को औपचारिक रूप से स्वीकार करते हुए दस्तावेज़ पर अग्निवीरों द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे।
दस्तावेज़ में कहा गया है,
"चार साल की अवधि के बाद, प्रत्येक अग्निवीर भारतीय वायुसेना द्वारा घोषित संगठनात्मक आवश्यकताओं और नीतियों के आधार पर समाज में वापस जाएगा।"
दस्तावेज़ में कहा गया है,
"अग्निवीरों को सशस्त्र बलों में आगे नामांकन के लिए चुने जाने का कोई अधिकार नहीं होगा। उनके चयन का अधिकार, सरकार के विशेष अधिकार क्षेत्र में होगा।"
IAF ने कहा कि आयु सीमा (इस वर्ष 17.5 वर्ष से 23 वर्ष और अगले से 17.5 वर्ष से 21 वर्ष) के अलावा, आवश्यक शैक्षिक योग्यता, शारीरिक और चिकित्सा मानकों का विवरण बाद में दिया जाएगा। #अग्निपथ
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भारत में फोन टैपिंग की शुरूआत आज़ादी के बाद से ही हो गयी थी। कुछ उदाहरण देखें,
● 1949 में, संचार मंत्री रफी अहमद किदवई ने अपनी फोन टैपिंग का आरोप लगाया था, जिसकी पुष्टि नहीं हो पायी थी।
● तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल केएस थिमाया ने 1959 में अपने और आर्मी ऑफिस के फोन टैप होने का आरोप लगाया था।
● नेहरू सरकार के ही एक और मंत्री टीटी कृष्णामाचारी ने 1962 में फोन टैप होने का आरोप लगाया था।
● 1988 में कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री रामकृष्ण हेगड़े के कार्यकाल में भी फोन टैपिंग का बड़ा मामला सामने आया था. विपक्ष का आरोप था कि हेगड़े ने विपक्षी नेताओं के फोन टेप के आदेश देकर उनकी निजता में सेंध लगाई है। रामकृष्ण हेगड़े को अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ा था।
हरियाणा का सज़ायाफ्ता अपराधी राम रहीम जो बलात्कार के जुर्म मे बीस साल की सज़ा भोग रहा है, राजकृपा से, बार बार पे रोल पाकर, जेल से बाहर आ जाता है। और जब सरकार पर, उसे पे रोल पर जेल से बाहर लाने के फैसले पर, सवाल उठाया जाता है तो सरकार उसे हार्डेड क्रिमिनल नहीं मानती है।
TOI के अनुसार, हरियाणा सरकार का लिखा-पढ़ी में दिया गया तर्क है कि गुरमीत रामरहीम को वह इसलिये बार-बार पैरोल पर छोड़ रही है क्योंकि वह कोई हार्डेंड क्रिमिनल नहीं है। इसी समाचार में इस अपराधी का निम्नांकित आपराधिक इतिहास बताया गया है ~
1. उसे हत्या के दो प्रकरणों में अलग-अलग दो बार आजीवन कारावास की सज़ा हो चुकी है।
2. बलात्कार के दो प्रकरणों में 10-10 साल की सज़ा हो चुकी है।
3. इनके अतिरिक्त इस पर चार अन्य अपराधों की ट्रायल हो रही है जिनमें एक प्रकरण कुछ चेलों के जननांग कटवा देने का है।
"अडानी के शेयर बढ़ रहे हैं और बाजार में उनकी स्थिति सुधर रही है।"
यह बात अक्सर, वे लोग कह रहे है, जो अडानी घोटाले पर, सरकार की चुप्पी से सहमत हैं। अडानी शेयर घंटे या बढ़े, यह मुद्दा ही नहीं है। जिन्होंने हिंडनबर्ग रपट पढ़ी है, वे यह जरूर समझ रहे होंगे कि, मूल मुद्दा क्या है।
।मुद्दा है, अडानी कंपनियों में शेल कंपनियों और टैक्स हेवेन कहे जाने वाले देशों से, निवेश का आना जिसे, विदेशी निवेश कहा जा रहा है। पर हिंडनबर्ग खुलासा के अनुसार, शेल कंपनिया, गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी की हैं और उन कंपनियों का भारी निवेश अडानी समूह की कंपनियों में है।
याद कीजिए, 2014 के सत्ता परिवर्तन का मूल कारण ही यूपीए सरकार के ऊपर लग रहे भ्रष्टाचार थे। विदेशो में पड़ा हुआ विपुल काला धन था। जिसे, रामदेव जैसे आयुर्वेद के व्यापारी, मन्मर्जी के आंकड़े देकर, जगह जगह, काला धन के विरुद्ध अलख जगा रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट ने आज अडानी मामले की जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अभय मनोहर सपरे की अध्यक्षता में पाँच सदस्यों की एक कमेटी के गठन का महत्वपूर्ण फ़ैसला लिया है ।
इस कमेटी के अन्य सदस्यों के नाम हैं - 1. श्री ओपी भट्ट - भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व अध्यक्ष। वर्तमान में, तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी), टाटा स्टील लिमिटेड और हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक।
2. न्यायमूर्ति जेपी देवधर - बॉम्बे उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण के पूर्व पीठासीन अधिकारी।
3. श्री के.वी. कामत - ब्रिक्स देशों के न्यू डेवलपमेंट बैंक के पूर्व प्रमुख और इन्फोसिस लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष।
लोकेन्द्र कुमार कर्दम, उप स्टेशन अधीक्षक, मथुरा ज. को उनके विभाग ने एक कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
नोटिस में अंकित है,
"आपके द्वारा दिनांक 20.02.2023 को Social Media पर निम्न वक्तव्य पोस्ट किया:-
"रंगा, बिल्ला ने अपनी पेंशन का इंतजाम अंबानी से कर लिया और कर्मचारियों की पेंशन / नौकरी खाकर डकार भी नहीं ली #OPS हमारा अधिकार है जिसे हम लेकर रहेंगे,।"
आप भारत सरकार के अधीन कार्यरत एक जिम्मेदार रेल कमी है तथा आपके द्वारा किया गया उपरोक्त पोस्ट अशोभनीय तथा आपत्तिजनक की श्रेणी में आता है जोकि किसी सरकारी कर्मचारी के द्वारा किया जाना पूर्णतः अनपेक्षित है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अडानी समूह 27 फरवरी से विदेशो में रोड शो करने जा रहा है। 27 फरवरी को सबसे पहला रोड शो, सिंगापुर में होगा। इसके बाद 28 फरवरी और 1 मार्च को हांग कांग में, रोड शो होने जा रहा है। इस रोड शो में अडानी समूह के दिग्गज हिस्सा लेने वाले हैं।
कंपनी की फाइनेंस टीम इस रोड शो के जरिए निवेशकों का भरोसा जीतने की कोशिश करेगी। अडानी समूह ने, बार्कलेज पीएलसी, बीएनपी पारिबास एसए, डौचे बैंक एजी (DBS Bank) , एमिरेट्स एनबीडी कैपिटल आईएनजी ग्रुप एनवी, स्टैंडर्ड चार्टेड बैंक ने निवेशकों को शामिल होने के लिए न्यौता भेजा है।
अडानी समूह, ग्लोबल बाजार में, बॉन्ड की साख के लिए प्रयासरत है। स्टॉक मार्केट में जो स्थिति दिख रही है, उसमें इतनी जल्दी रिकवरी की उम्मीद नहीं दिख रही है। निवेशक जिन परियोजनाओं के आधार पर अडानी समूह में निवेश कर रहे थे, समूह ने कई परियोजनाओं ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं।