पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में आई भयावह बाढ़ से याद आई सिंध के ही थारपारकर सूबे में बसे हुए हज़ारों सोढ़ा राजपूतों की, जो भारत और पाकिस्तान को अपनी विरासत के धागे से आज भी बांधे हुए हैं। लेकिन यही सोढ़ा #राजपूत पिछले कुछ सालों से 'वीज़ा पॉलिटिक्स' का एकमुश्त शिकार हुए हैं।
एक तरफ जहां करतारपुर कॉरिडोर खोकर श्रद्धालुओं के मेलमिलाप के लिए रास्ते बनाए जा रहे हैं, वहीं पाक में बसे इन चुनिंदा सोढ़ा राजपूतों को 'ब्लैकलिस्ट' कर इन्हें भारतीय वीज़ा नहीं दिया जा रहा। तकरीबन 900 सोढ़ा राजपूत अब तक 'ब्लैकलिस्ट' किए जा चुके हैं।
यह वही सोढ़ा राजपूत हैं, जिनकी जागीर अमरकोट में जिलावतन हुए मुग़ल शासक जहांगीर को पनाह दी गई और इन्हीं सोढ़ा राजपूतों के संरक्षण के बीच पादशाहजा़दा अकबर की पैदाइश हुई।
आज सोढ़ा राजपूत पाकिस्तान की हिंदू माइनोरिटी के बीच माइनोरिटी हैं। शादी-ब्याह-कबीलदारी के लिए भारत में (राजस्थान)बसी अपनी बिरादरी से मिलने-जुलने को अब हमारी सरकार इन्हें वीज़ा तक के लिए तरसा रही है।कितने ही सोढ़ा राजपूतों के परिवार वीज़ा न मिलने के चलते अघोषित निष्कासन सह रहे हैं
एक समुदाय विशेष को किसी भी बहाने से 'ब्लैकलिस्ट' करना अगर दोयम दर्जे का व्यवहार नहीं है,तो और क्या है?सोढ़ा राजपूतों के साथ होता 'क्रिमिनल ट्राइब' जैसा बर्ताव देख मुझे भगत सिंह की बात याद आती है,"गोरे अंग्रेज़ों की जगह भूरे अंग्रेज़ सत्ता में आ जाएँ तो कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा।"
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एक बार पुष्कर में एक आर्टिस्ट मिले जो आपके परिवार की फोटो से आपका 'रॉयल पोर्ट्रेट' बना सकते थे,जिसमें आपका परिवार शाही लिबास में राजसी अंदाज़ में रजवाड़ों की तरह पोज़ करते हुए दिखेगा!मैंने पूछा कि आम लोग ऐसे पोर्ट्रेट क्यों बनवाते हैं?उन्होंने कहा कि सब 'राजशाही की फील' चाहते हैं
कई साल बाद इस social phenomenon का असल शब्द मिला, 'RAJPUTISATION'. Hermann Kulke, Christophe Jaffrelot, Clarinda Still, Lucia Michelutti जैसे कई विख्यात लेखकों ने इसे राजपूत जीवनशैली के प्रतीकों-टाइटलों का समाजार्थिक तौर पर कथित निचले पायदान के समुदायों द्वारा अपनाया जाना कहा है
राजपूती प्रतीकों का अंगीकरण करके अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ाना मुख्यतः ओबीसी और आदिवासी समुदायों में देखा गया। यदुवंशी राजपूतों के यादव टाइटल का अहीरों द्वारा अंगीकरण India's silent revolution :The Rise of the Lower Castes in North India और Sons of Krishna जैसी किताबों में है।