एक पॉडकास्ट सुना जिसमें हमारे सम्मानित अग्रज और प्रख्यात बुद्धिजीवी भंवर मेघवंशी सर (राजस्थान में) जाति के प्रश्न पर अपनी बेबाक राय रख रहे हैं। इनका कहना है कि #राजस्थान सिर्फ़ भौगोलिक मरुस्थल ही नहीं, बल्कि एक बौद्धिक मरुस्थल भी हैं।
यह आगे कहते हैं,"यहां की शब्दावली ही सामंतवादी है।यहां का टूरिज्म 'रजवाड़ा कल्चर' & स्थापत्य का ही प्रचार करता रहा। यहां कोई सुधार आंदोलन सिर नहीं उठा पाया। दलित-पिछड़ों में उभरती हुई चेतना के बावजूद वे प्रतीक अपने शोषकों के(मूंछ/घोड़ी चढ़ना/सेहरा/तलवार/शेरवानी) ही अपना रहे हैं।"
Aug 31, 2022 • 5 tweets • 3 min read
बूंदी में हमने एक ऐसे परिवार के घर भोज किया जो किसी ज़माने में रजवाड़ों की तलवारों की मूठ (handle/grip) बनाने का काम करते थे। बात तलवारों की होती है तो महाराणा प्रताप की फौज में रहकर तलवार जैसे हथियार बनाने वाले (गाड़िया) लोहार ज़रूर याद आते हैं।
#nomads
महाराणा कभी चित्तौड़गढ़ वापिस हासिल नहीं कर सके पर उनके काफिले के साथ चलते इन गाड़िया लोहारों ने भी प्रतिज्ञा ली कि महाराणा के बिना वापिस चित्तौड़गढ़ नहीं लौटेंगे।तब से आज तक बैलगाड़ियों पर घुमंतू की तरह एक से दूसरे राज्य भटकने वाले ये गाड़िया लोहार अपनी प्रतिज्ञा पर डटे हुए हैं।
Aug 29, 2022 • 11 tweets • 5 min read
एक बार पुष्कर में एक आर्टिस्ट मिले जो आपके परिवार की फोटो से आपका 'रॉयल पोर्ट्रेट' बना सकते थे,जिसमें आपका परिवार शाही लिबास में राजसी अंदाज़ में रजवाड़ों की तरह पोज़ करते हुए दिखेगा!मैंने पूछा कि आम लोग ऐसे पोर्ट्रेट क्यों बनवाते हैं?उन्होंने कहा कि सब 'राजशाही की फील' चाहते हैं
कई साल बाद इस social phenomenon का असल शब्द मिला, 'RAJPUTISATION'. Hermann Kulke, Christophe Jaffrelot, Clarinda Still, Lucia Michelutti जैसे कई विख्यात लेखकों ने इसे राजपूत जीवनशैली के प्रतीकों-टाइटलों का समाजार्थिक तौर पर कथित निचले पायदान के समुदायों द्वारा अपनाया जाना कहा है
Aug 28, 2022 • 5 tweets • 3 min read
पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में आई भयावह बाढ़ से याद आई सिंध के ही थारपारकर सूबे में बसे हुए हज़ारों सोढ़ा राजपूतों की, जो भारत और पाकिस्तान को अपनी विरासत के धागे से आज भी बांधे हुए हैं। लेकिन यही सोढ़ा #राजपूत पिछले कुछ सालों से 'वीज़ा पॉलिटिक्स' का एकमुश्त शिकार हुए हैं।
एक तरफ जहां करतारपुर कॉरिडोर खोकर श्रद्धालुओं के मेलमिलाप के लिए रास्ते बनाए जा रहे हैं, वहीं पाक में बसे इन चुनिंदा सोढ़ा राजपूतों को 'ब्लैकलिस्ट' कर इन्हें भारतीय वीज़ा नहीं दिया जा रहा। तकरीबन 900 सोढ़ा राजपूत अब तक 'ब्लैकलिस्ट' किए जा चुके हैं।