वसीयत है -
“ हमारी कमीनगी पर , हँस तो पाओगे नहीं,कहीं से हंसने का कोई सुराख़ ही नही है।, हमारे बिखर चुके जिस्म के टुकड़ों पर कोई खरोंच भी नही लगा पाओगे, बूट से रगड़ने का सवाल ही नही बनता , क्योंक़ि टूटने और बिखरने के पहले हम तुम्हें मुस्तकिल तौर पर काँवरिया बना चुके होंगे
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और तुम्हारे पाँव आस्था से लहूलुहान हो चुके होंगे।बूट तुम्हारे लिए अछूत हो चुका होगा।तुम एक काम के अलावा कुछ नही कर पाओगे और हम उस काम का हक़ हमे तुम्हें,अपने इस वसीयत में दे रहे हैं-
“ टुकड़ों-टुकड़ों में बिखर चुके,हमारे अस्तित्व को बटोर कर किसी गहरे कूड़ेदान में डाल देना,जिसे
इतिहास भी न टटोल पाए।“
उसने अपनी दस्तख़त की,ब कलम खुद लिखा और हंसते हुए दक्खिन की तरफ़ चला गया,जहां से आया था
डाल को मज़बूती से थामे तोता ने मैना से पूछा-
मैना!वह चला तो गया लेकिन जो ज़हर बो गया है,इसे कौन बटोरेगा?
परिदों की पंचायत में यह मुद्दा जेरे बहस है। #शुभप्रभात 🌹🌹
बचपन से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने वालोंका दिमाग अंग्रेजी में सोचता है।जरूरत होने पर जुबान,उसे हिंदी में ट्रांसलेट करके बोलती है।
नेहरूकी सारी ग्रेट स्पीच इंग्लिश में है।बड़े से बड़े हिंदी के ज्ञानी को बिठा दीजिए,उनकी "ट्रिस्ट विद डेस्टिनी"
या "लाइट हैज गॉन आउट ऑफ अवर लाइफ" स्पीच को ट्रांसलेट करने के लिए।
वो"नियति से साक्षात्कार"जैसे अजीब जुमले गढ़ेगा या"जिंदगी की बत्ती गुल"जैसे मूर्खतापूर्ण अर्थ देगा।तो विचार को, ब्रेन की लैंग्वेज से अन्य भाषा मे,वन गो में कहना हो,अटपटापन आएगा ही।
राहुल की बात समझनी तो
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अंग्रेजी में समझिए,मोदी की बात गुजराती में। पर समस्या यह है कि दोनों को हिंदी बोलना मजबूरी है।और दोनों के टँग स्लिप मजाक बनते हैं।
लेकिन एक बाद याद रखिए,मोदी के भाषणों में बार बार तथ्यात्मक गलती मिलती है, वह राहुल के भाषणो में कभी नही। ( ऐसे जो भी वीडियो आये, 100% कटपेस्ट वाले
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लोगबाग आहत है कि संडास पर जीएसटी लगाई जा रही है, मैं कहता हूँ कि बाही सुख सुविधाएं भी तो मिल रही है खैर इससे एक लतीफा याद आया कि तेलिजी अपने प्रिय मित्र डोलैण्ड के यहां गए, संडास लगी, शौचालय गए, अंदर देखे कमोड के ऊपर 1 बटन था, तेलिजी दबाए और एक रोबोटिक हैंड आया और तेलिजी के
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सुच्चा मरवा दिया....तेलिजी इम्प्रेस हो गए....बाहर आये डोलैण्ड की एक टेक्नोलॉजी की तारीफ करी और भारत आने का न्यौता दे दिए.....
चूंकी देश विश्वगुरु बन चुका था तो उनको लगा कि ऐसी तकनीक अपने यहां भी होना आवश्यक है, सो उन्होंने भी कुछ जुगाड़ बनाया, डोलैण्ड आये, डोलैण्ड को संडास लगी,
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शौचालय गए, एक बटन था कमोड के ऊपर, बटन दबाया, एक हाथ आया और डोलैण्ड कि गेन्ड साफ कर गया....डोलैण्ड बाहर आये तो देखे की तेलिजी वाश बेसिन पर हाथ धो रहे थे.....
🙄🙄
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घर के दुःख सुख !
बच्चों आज तुम्हारी दादी से गर्मा गर्म बहस हो गई या यूं कह लो कि बर्तन खड़क गए.
वो पूछने लगी कि तुम्हारे साथ एक्सटर्नल अफ़ेयर से जुड़ा तलफ़्फ़ुज़ जब सरकारी तौर पर दुनियाँ भर के टीवी में बोला जाता है तो इस एक्सटर्नल अफ़ेयर का क्या मतलब है ? कमबख़्त मारे जब
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नाती पोते ब्याह लायक़ हो रहे है तब भी तू अफ़ेयर जोड़कर दुनियाँ भर में नेकनामी समझ रहा है 😩
अब उसकी समझ में कैसे आए कि फटी का जुलाब दाढ़ी वाला लानती है.
रुस और चीन मिलकर काफ़ी बड़ा युद्धअभ्यास कर रहे है जिसमे बेलारूस जैसे छोटे भाई बहन भी हिस्सा ले रहे है क्योंकि बानी मालिक की
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कमाई का वास्ता था तों हमने भी अपनी टरूप्स भेज दी जो मजबूरी थी.
डानी मालिक के मालिक ऊस बहादुर ने इसपर अपनी नाराज़गी जताई है और उसकी शिकन का मतलब नीला नोट(डोलर)का आसमान छूना है बाक़ी आर्थिक बदहाली तो है ही, वैसे भी बदनसीब की कंगाली में आटा गीला होता है.
भारत की भक्त प्रजाति जो अखण्ड भारत का स्वप्न देखती है।उनको मैं आगाह करना चाहता हूँ कि भाइयो..भूल कर भी ऐसा ख्वाब मत देखना।वरना लेने के देने पड़ सकते हैं।
आज80प्रतिशत के बलबूते आप जो मौज मार रहे हो,जो दादागिरी कर रहे हो। वो सारी मौज,सारी दादागिरी खत्म हो जाएगी।
आज सरकार बिना एक भी मुस्लिम सांसद के बन रही है। लेकिन अखण्ड भारत मे ऐसा सम्भव नही होगा।
भारत मे मुस्लिम आबादी 19 करोड़ है। पाकिस्तान की आबादी 22करोड़, बांग्लादेश की आबादी 16 करोड़ और अफगानिस्तान की आबादी 4 करोड़। यानी अखण्ड भारत मे मुस्लिमो की कुल आबादी61करोड़ होती।यानी देश की
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कुल आबादी में मुस्लिम आबादी करीब 35 प्रतिशत रहती। तब कई सीटों पर उनके वोट निर्णायक स्थिति में होते। उन्हें इग्नोर करना आपके लिए इतना आसान नही होता। न ही तब शक्ति संतुलन आपके पक्ष में होता।
कल बॉम्बे हाईकोर्ट ने कोविशील्ड के साइड इफेक्ट से हुई मौत के मामले में मृतका के पिता दिलीप लुनावत की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया(SII)और माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स को नोटिस जारी किया है।याचिका में पिता ने कहा है कि उनकी बेटी की मौत कोरोना वायरस की
वैक्सीन कोविशील्ड के साइड इफेक्ट के कारण हुई और उन्होंने अपने नुकसान के लिए मुआवजे के रूप में1000 करोड़ रुपए की मांग की है।
औरंगाबाद के रहने वाले दिलीप लुनावत ने अदालत को बताया कि उनकी बेटी धमनगांव के एसएमबीटी डेंटल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टर और सीनियर लेक्चरर थी।उन्होंने कहा
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कि संस्थान के सभी स्वास्थ्य कर्मियों को इसे लेने के लिए कहने के बाद उनकी बेटी को टीका लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था।जिसके बाद टीके के साइड इफेक्ट के कारण उसकी मौत हो गई।उनकी बेटी को आश्वस्त किया गया था कि टीके पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इससे उनके शरीर को कोई खतरा या साइड
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असम के बोंगाईगांव में बुधवार को प्रशासन ने एक और मदरसा ढहा दिया...आरोप है कि इस मदरसे का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया जा रहा था...इससे पहले प्रशासन ने4और 29 अगस्त को दो और मदरसे गिराए थे...मतलब मदरसे का कोई शिक्षक यदि आतंकी गतिविधि में लिप्त है तो पूरा का
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पूरा मदरसा ढहाया जा सकता है..असम में जारी विवाद के बीच उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने राज्य के सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का 5 अक्टूबर तक सर्वे कराने का निर्दश दे दिया है..
ये हुई एक खबर..अब देखिए दूसरी खबर..
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक पदाधिकारी,यशवंत शिंदे ने
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महाराष्ट्र में नांदेड़ अदालत में एक हलफनामा दायर किया है ..... हलफनामे में कहा गया है कि वह बम विस्फोट प्रशिक्षण का गवाह था ...और आरएसएस देश भर में बम विस्फोटों में शामिल था...यशवंत शिंदे ने हलफनामे में कहा कि आरएसएस भारत में सभी बम विस्फोट कर रहा था....