💐 ख़्वातीन को कुदरत ने अलग से "पॉजिटिविटी"दी है..अगर आप ख़्वातीन से सहज नही है तो आप बीमार भी हो सकते है..महिलाओं से मिलना, बातें करना और उन्हें सुरक्षा का एहसास करवाने का गुण पुरुष में भी कुदरती है..ये कुदरत की नेमत है..
💃अगर आप किसी महिला की प्रशंसा नही कर पाते तो आपका दिल
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मुलायम नही है..अगर कोई महिला आपसे बात करने के बाद आपको याद ना रखे तो आपके व्यक्तित्व में वो बात नही है..ख़्वातीन कुदरत की दी हुई सबसे ख़ुबसूरत मेहरबानी है..क़ाइनात हर ख़्वातीन की कर्ज़दार है..
👉राहुल गांधी और इन 2 युवतियों को देखिए..इनका अंदाज़ और इनके कदमों की ताल को समझिए..
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ये रिश्ते बनाने की कला है..ये कुदरती है और डीएनए में रहती है..यही "परिवारवाद" है..दिल अगर ख़ुबसूरत है तो सीरत उसका मुज़ाहिरा करने में कोई कंजूसी नही रखती..
"भारत जोड़ो यात्रा" और राहुल गांधी के साथ चलिए.. #krishiyer
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ये है मानसी सोनी । गुजरात में जिसके अवैध सम्बंध मैदा जी से थे । पूरा किस्सा ।
जब तहलका डॉट कॉम ने स्नूपगेट कांड का स्ट्रिंग आप्रेशन 2013 में किया और मीडिया में बताया था तब पूरी बीजेपी और संघ बौखला गया कि अगर ये मामला खुल गया तो मोदी PM नही बन सकते थे।
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गुजरात मे जब सुनामी आई थी तब ये लड़की आर्टिकेट बन कर बंगलोर से आई । उसमें सूरत भी था । उस शहर के DM ने उसकी काम की तारीफ की थी जब मैदा उस शहर में आये थे । मैदा को ये लड़की पसन्द आई । उसे अपने मुख्यमंत्री आवास बुला लिया । वो लड़की मैदा के बेडरूम तक पहुच गयी ।उसके कुछ अश्लील फोटो
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भी मैदा के साथ थी । और बहुत से काले कारनामे का काला चिट्ठा था । जो एक IAS प्रदीप शर्मा से साझा की थी । अब मैदा को डर लगने की कही ये लड़की कुछ गड़बड़ कर सकती है । जिसका साथ प्रदीप शर्मा दे रहे थे । तब मैदा ने मिट शा को लगाया । इस लड़की को जासूसी करने के लिये।इस जासूसी के कुछ बात
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आखिर वह समय आ ही गया, जिसकी चेतावनी मैंने 4 महीने पहले ही दे दी थी।
सितंबर से देश की इकॉनमी तबाही के कर्त्तव्य पथ पर चल निकली है।
अगस्त का आंकड़ा दिखाता है कि मेक इन इंडिया फेल है और निर्यात 0 से 1.5% नीचे आ चुका है- यानी नेगेटिव है।
आयात में 37% का उछाल आया है और व्यापार
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घाटा28.7 अरब डॉलर को छूने जा रहा है।बीते अगस्त में यह11.6 अरब डॉलर पर था।
फिलहाल भारत के खीसे में सिर्फ़ 553 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा बची है।बीते साल भारत ने 725 अरब डॉलर का आयात किया था।इस साल यह लगभग 1000 अरब डॉलर तक जा सकता है।
यानी प्रतिमाह 80-90 अरब डॉलर का आयात बिल है।
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मतलब भारत के पास 5-6 महीने के आयात का पैसा बचा है।
पिछले नवंबर से लेकर अब तक देश ने 90 अरब डॉलर रुपये को सद्गति से बचाने के लिए खो दिए हैं।
2003-04 से 2008-09 के बीच भारत का निर्यात 22% और आयात 26% हुआ करता था। 2011 से 2019 के बीच आयात 4-5% की दर से बढ़ा। निर्यात भी घटकर एक
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जमराज पृथ्वी पर घूम रहे थे, मर्त्यलोक मुर्दो से भरा था, जमराज दिल्ली के दिनदयाल मार्ग पर चल रहे थे , देखा कि एक आलीॆशान बिल्डिंग में अट्टहास हसीं की आवाज सुनाई दे रही है। जमराज ने चित्रगुप्त से कहा देखो कैसी आवाज आ रही है। चित्रगु्प्त अंदर गये और
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खिड़की से झाँककर देखा तो वहां 300 से ज्यादा लोग घुटने पर रेंग रहे थे, पिछे दो जल्लाद टाईप छाया दिख रही थी , वही छाया अट्टहास कर रही थी, कि इन सबका रीढ़ तो निकल गया , तीन उड़ रहे थे ( एक महाराष्ट्रा में , दूसरा मध्य प्रदेश में, तीसरा यू.पी. वाला ) , सबकी रीढ़ तो बुरी तरह से घायल
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हो गयी है लेकिन नागपुर मरहम पट्टी करके बचा रहा है। इसको देखेंगे।
लेकिन वो नेहरू परिवार का लवंडा बहुत नाक में दम किेये बा, ओकर दवाई जरूरी बा। कल से सावित्रि - जमाराज प्रोजेक्ट पर काम शुरू। इस प्रोजेक्ट का 7 सितंबर के पहले हो जाना चाहिये. प्रोजेक्ट का पहला शिकार शिब्बल हुये,
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यह सवाल पूछा जाता है,ऐसे सबूतके रूप में कि कांग्रेस ने ही इसे पाल पोसकर बड़ा किया है। कल भी एक पोस्ट पर यह सवाल उठा। Aheer S.K. Yadavसाहब का कहना है कि जवाब दिया जाये।
मैं समझता हूँ,एक अनडेमोक्रेटिक सवाल है। संघ पर प्रतिबंध क्यो
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नही लगा,या कांग्रेस स्टेट्स ने राम रथयात्रा क्यो नही रोकी। इसको-उसको जेल में क्यो नहीं सड़ाया गया।
नेहरू के देश में जेल,जेसीबी और एजेंसियां भारत की तासीर नही थे।इसके बाद भी नही रहा, एक इमरजेंसी का दौर छोड़कर, जिसे फिर आप पलटकर डेमोक्रेसी पर धब्बा करार देते है।
तो आप तत्कालीन
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सरकारों से डेमोक्रेसी और इमरजेंसी ट्रीटमेंट एक सांस में कैसे मांग सकते हैं। आरएसएस महज मुट्ठी भर लोगो का झुंड नही,जो आप एक सरकारी आदेश से बैन कर दें।चुन चुनकर जेल में डाल दें।
अगर संघ पर प्रतिबंध न भी उठाया जाता, तो वह बड़े आराम से वह रंग, चोला, झंडा, नेता और नाम बदलकर आ जाता।
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क्या स्मृति ईरानी ने कोर्ट को झुठी जानकारी दी?
🤔
गोवा के सिल्ली सोल रेस्टोरेंट एंड बार:के मामलेमें हुए नये खुलासे में यह सामने आया है कि गोवा सरकार के फूड और ड्रग विभाग द्वारा जिस एटआल फूड एंड ब्रेवरेज लिमिटेड को लायसेंस दिया गया है उसे कुछ कंपनियां मिल कर चलाती है और उनमें से
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दो कंपनियों में श्रीमती ईरानी के पति जुबिन ईरानी और परिवार का 75% हिस्सा है। 🥺
मामले को उजागर करने वाले वकील एरिस रोड्रिग्स ने जो कागजात सूचना के अधिकार में प्राप्त किए हैं उसमें यह साफ होता है कि ईरानी परिवार सिल्ली सोल रेस्टोरेंट एंड बार में हिस्सेदार हैं। द वायर ने इस पर
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आज एक विस्तृत रिपोर्ट भी प्रकाशित की है। सच है सत्ता का नशा ,और अंहकार बड़ा होता है।cp 😬