ये है मानसी सोनी । गुजरात में जिसके अवैध सम्बंध मैदा जी से थे । पूरा किस्सा ।
जब तहलका डॉट कॉम ने स्नूपगेट कांड का स्ट्रिंग आप्रेशन 2013 में किया और मीडिया में बताया था तब पूरी बीजेपी और संघ बौखला गया कि अगर ये मामला खुल गया तो मोदी PM नही बन सकते थे।
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गुजरात मे जब सुनामी आई थी तब ये लड़की आर्टिकेट बन कर बंगलोर से आई । उसमें सूरत भी था । उस शहर के DM ने उसकी काम की तारीफ की थी जब मैदा उस शहर में आये थे । मैदा को ये लड़की पसन्द आई । उसे अपने मुख्यमंत्री आवास बुला लिया । वो लड़की मैदा के बेडरूम तक पहुच गयी ।उसके कुछ अश्लील फोटो
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भी मैदा के साथ थी । और बहुत से काले कारनामे का काला चिट्ठा था । जो एक IAS प्रदीप शर्मा से साझा की थी । अब मैदा को डर लगने की कही ये लड़की कुछ गड़बड़ कर सकती है । जिसका साथ प्रदीप शर्मा दे रहे थे । तब मैदा ने मिट शा को लगाया । इस लड़की को जासूसी करने के लिये।इस जासूसी के कुछ बात
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कोबरा पोस्ट ने स्ट्रिंग करके की थी । जो मीडिया में उस समय आया था।मीडिया बहस से इस बात का पता चला कि मैदा के अवैध सम्बन्ध थे । जिसकी कुछ cd लीक हो गयी है । जब मामला बढ़ने लगा।बीजेपी और संघ को लगा कि अगर ये मामला खुल जायेगा तो
मैदा PM के रेस से बाहर हो जायेगे।तब उस लड़की के पिता
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जो संघी थे । उन्होंने लड़की की निजता का हवाला देकर मामले को आगे न बढ़ने को कहा । और एक जांच कमेटी बनाने को कहा ताकि मामले की लीपापोती कर सके। वही हुआ गुजरात सरकार ने एक आयोग बना कर मामला को ठंडे बस्ते में डाल दिया।काग्रेस भी लड़की की निजता की बात मान कर मामला को आगे नही बढाया।
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उसके बाद जब दिल्ली में केजरीवाल की सरकार बनी तो ये मामला सदन में भी उठा था ।अब सुनने में आ रहा है कि वो लड़की का कुछ अता पता नही है ।लोग ये भी कह रही है उस लड़की की हत्या हो चुकी है।
मैं उस समय इस कांड पर मीडिया में हो रही बहस को सुनता था।उसमे प्रदीप शर्मा की भी बाते भी थे ।
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बाद में इस कांड के खुलासे करने वाले तहलका डॉट कॉम के मालिक को एक साजिस के तहत बन्द करा दिया गया था ।
अब मामला ये है कि क्या मैदा के इस काले कारनामो को भी अब सामने लाया जाएगा । 🤔
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- राहुल गांधी की "भारत जोड़ो यात्रा" आधुनिक समय में भारत तथा विश्व 10 की सबसे बड़ी सामाजिक/राजनैतिक पदयात्राओं में से एक है..3450 किलोमीटर की कितनी पदयात्राएं आपने सुनी है या आपको याद है? हम एक इतिहास के साक्षी बनने जा रहे है..
- मैं राहुल की इस पदयात्रा को किसी और यात्रा या
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सन्दर्भ से जोड़ कर देखना नहीं चाहता..क्योंकि राहुल की ये यात्रा ऐसे समय मे हो रही है जब हर भारतीय परिवार का अस्तित्व ख़तरे में है..हमारा इतिहास, हमारी सम्पदा,हमारी सोच को लूटने आरएसएस के लुटेरे आ चुके है..
- हमे भारत को उसके मूल रूप में बचाए रखना है..देशप्रेम और राष्ट्रवाद में
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यही फ़र्क़ है : देशप्रेम नेचरल है पर राष्ट्रवाद को एक "काल्पनिक शत्रु" की ज़रूरत पड़ती है..देशप्रेम को किसी बहिप्रकाश की ज़रूरत नही है पर राष्ट्रवाद हरदम उग्र रूप में ही सामने आता है..
- राहुल गांधी की इस यात्रा में सबकुछ नेचरल है क्योंकि पूरा तंत्र इस यात्रा के ख़िलाफ़ है..
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ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मुस्लिम फरीक अंजुमन इस्लामिया की आपत्ति खारिज... मुस्लिम फरीक ने वरशिप एक्ट से बाधित होने पर इस केस की मेंटेंलिबिटी को चुनौती दी थी..
इस फैसले को आप एक तरह से बाबरी मस्जिद का ताला खोलने वाले फैसले के बराबर समझ सकते हैं..
वरशिप एक्ट ये कहता है कि
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जो धर्मस्थल(बाबरी मस्जिद छोड़कर)1947में जिस स्वरूप में हैं उसमे अब बदलाव नहीं किया जा सकता है...और न ही उसकी वैधानिकता को चुनौती दी जा सकती है...
बड़ी चालाकी से मस्जिद की पश्चिमी दीवार के पास श्रृंगार गौरी की पूजा की अनुमति मांगी गई है....ये ठीक वैसा ही है जैसे बाबरी मस्जिद के
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सामने राम चबूतरे पर सबसे पहले पूजा की अनुमति मांगी गई थी..
ये सब कुछ ठीक वैसे ही घटित हो रहा है जैसे पूर्व में बाबरी मस्जिद केस में हुआ था...बहरहाल बाबरी मस्जिद केस का फैसला 150साल में आया था...तो अगले150 साल का इंतेज़ाम किया जा रहा है...हम तैयार है भाई चलो एक सदी और लड़ा जाए...
आखिर वह समय आ ही गया, जिसकी चेतावनी मैंने 4 महीने पहले ही दे दी थी।
सितंबर से देश की इकॉनमी तबाही के कर्त्तव्य पथ पर चल निकली है।
अगस्त का आंकड़ा दिखाता है कि मेक इन इंडिया फेल है और निर्यात 0 से 1.5% नीचे आ चुका है- यानी नेगेटिव है।
आयात में 37% का उछाल आया है और व्यापार
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घाटा28.7 अरब डॉलर को छूने जा रहा है।बीते अगस्त में यह11.6 अरब डॉलर पर था।
फिलहाल भारत के खीसे में सिर्फ़ 553 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा बची है।बीते साल भारत ने 725 अरब डॉलर का आयात किया था।इस साल यह लगभग 1000 अरब डॉलर तक जा सकता है।
यानी प्रतिमाह 80-90 अरब डॉलर का आयात बिल है।
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मतलब भारत के पास 5-6 महीने के आयात का पैसा बचा है।
पिछले नवंबर से लेकर अब तक देश ने 90 अरब डॉलर रुपये को सद्गति से बचाने के लिए खो दिए हैं।
2003-04 से 2008-09 के बीच भारत का निर्यात 22% और आयात 26% हुआ करता था। 2011 से 2019 के बीच आयात 4-5% की दर से बढ़ा। निर्यात भी घटकर एक
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जमराज पृथ्वी पर घूम रहे थे, मर्त्यलोक मुर्दो से भरा था, जमराज दिल्ली के दिनदयाल मार्ग पर चल रहे थे , देखा कि एक आलीॆशान बिल्डिंग में अट्टहास हसीं की आवाज सुनाई दे रही है। जमराज ने चित्रगुप्त से कहा देखो कैसी आवाज आ रही है। चित्रगु्प्त अंदर गये और
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खिड़की से झाँककर देखा तो वहां 300 से ज्यादा लोग घुटने पर रेंग रहे थे, पिछे दो जल्लाद टाईप छाया दिख रही थी , वही छाया अट्टहास कर रही थी, कि इन सबका रीढ़ तो निकल गया , तीन उड़ रहे थे ( एक महाराष्ट्रा में , दूसरा मध्य प्रदेश में, तीसरा यू.पी. वाला ) , सबकी रीढ़ तो बुरी तरह से घायल
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हो गयी है लेकिन नागपुर मरहम पट्टी करके बचा रहा है। इसको देखेंगे।
लेकिन वो नेहरू परिवार का लवंडा बहुत नाक में दम किेये बा, ओकर दवाई जरूरी बा। कल से सावित्रि - जमाराज प्रोजेक्ट पर काम शुरू। इस प्रोजेक्ट का 7 सितंबर के पहले हो जाना चाहिये. प्रोजेक्ट का पहला शिकार शिब्बल हुये,
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यह सवाल पूछा जाता है,ऐसे सबूतके रूप में कि कांग्रेस ने ही इसे पाल पोसकर बड़ा किया है। कल भी एक पोस्ट पर यह सवाल उठा। Aheer S.K. Yadavसाहब का कहना है कि जवाब दिया जाये।
मैं समझता हूँ,एक अनडेमोक्रेटिक सवाल है। संघ पर प्रतिबंध क्यो
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नही लगा,या कांग्रेस स्टेट्स ने राम रथयात्रा क्यो नही रोकी। इसको-उसको जेल में क्यो नहीं सड़ाया गया।
नेहरू के देश में जेल,जेसीबी और एजेंसियां भारत की तासीर नही थे।इसके बाद भी नही रहा, एक इमरजेंसी का दौर छोड़कर, जिसे फिर आप पलटकर डेमोक्रेसी पर धब्बा करार देते है।
तो आप तत्कालीन
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सरकारों से डेमोक्रेसी और इमरजेंसी ट्रीटमेंट एक सांस में कैसे मांग सकते हैं। आरएसएस महज मुट्ठी भर लोगो का झुंड नही,जो आप एक सरकारी आदेश से बैन कर दें।चुन चुनकर जेल में डाल दें।
अगर संघ पर प्रतिबंध न भी उठाया जाता, तो वह बड़े आराम से वह रंग, चोला, झंडा, नेता और नाम बदलकर आ जाता।
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💐 ख़्वातीन को कुदरत ने अलग से "पॉजिटिविटी"दी है..अगर आप ख़्वातीन से सहज नही है तो आप बीमार भी हो सकते है..महिलाओं से मिलना, बातें करना और उन्हें सुरक्षा का एहसास करवाने का गुण पुरुष में भी कुदरती है..ये कुदरत की नेमत है..
💃अगर आप किसी महिला की प्रशंसा नही कर पाते तो आपका दिल
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मुलायम नही है..अगर कोई महिला आपसे बात करने के बाद आपको याद ना रखे तो आपके व्यक्तित्व में वो बात नही है..ख़्वातीन कुदरत की दी हुई सबसे ख़ुबसूरत मेहरबानी है..क़ाइनात हर ख़्वातीन की कर्ज़दार है..
👉राहुल गांधी और इन 2 युवतियों को देखिए..इनका अंदाज़ और इनके कदमों की ताल को समझिए..
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ये रिश्ते बनाने की कला है..ये कुदरती है और डीएनए में रहती है..यही "परिवारवाद" है..दिल अगर ख़ुबसूरत है तो सीरत उसका मुज़ाहिरा करने में कोई कंजूसी नही रखती..
"भारत जोड़ो यात्रा" और राहुल गांधी के साथ चलिए.. #krishiyer
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