#देश_के_बेटे_के_लिए_छोटा_पड़ा_देश
🙏🌹🇮🇳🌹🙏
नेता जी सुभाष बाबू की प्रतिमा इंडिया गेट पर लगने से उनकी पुत्री अनीता बोस बेहद ख़ुश हुईं..... उन्होंने कहा के अंततः उनके पिता को आज़ाद भारत में उनका सही सम्मान मिल ही गया.....
नेता जी का स्मारक भले 2022 में अब बना हो लेकिन इसका प्रस्ताव आज से 62 साल पहले ही लोकसभा में पास किया गया था और दुनियाँ में आपको ऐसा उदाहरण न मिलेगा जिसमें देश के बेटे को उसी के देश में जीते जी छोड़िये मरने के बाद भी पैर न धरने दिया गया हो
आखिर क्यों डरी हुईं थी देश की सत्ता????
दिसंबर 1960 में भारत की लोकसभा में प्रस्ताव पारित हुआ के नेता जी का एक स्मारक देश की राजधानी दिल्ली में बने..... प्रस्ताव में स्थान चुना गया लाल किले के सामने....
पूरी लोकसभा एकमत से इसपर राजी थी सिवाय एक व्यक्ति के...
वो व्यक्ति था तबका भारत का प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू.....
नेहरू किसी कीमत पर ये होने देना नहीं चाहता था सो उसने सबसे पहले सुभाष बाबू के परिवार की असहमति का बहाना गढ़ा..... दरअसल प्रस्ताव में नेता जी की यादगारों को लाकर दिल्ली सहेजना भी था जिनमें उनकी वे अस्थियां भी थी
जो रिंकोजी टेम्पल में रखी हैं और जिन्ह नेता जी का परिवार तब उनकी अस्थियां मानता ही न था.....
जब नेता जी का परिवार इसपर भी सहमत हुआ तो नेहरू ने नया शिगुफा छोड़ दिया के स्मारक दिल्ली नहीं कोलकाता में बनना चाहिए...
कुल जमा #नेहरू_किसी_कीमत_पर इसके लिए राजी न हुआ.... आगे भी इत्तेफ़ाक़ से सत्ता नेहरू के कुनबे या उसके चाटुकारों के हाथ ज्यादा रही.....
या कुछ लोग जो सुभाष बाबू को सम्मान देना भी चाहते थे उनके पास बेहद कम समय के लिए रही....
सुभाष बाबू का एक चित्र तक संसद भवन में लगाना गवारा न किया गया..... वो भी 1978 में #मोरारजी_देसाई ने लगवाया आज़ादी के 31 साल बाद.... लेकिन देसाई ने भी ये काम तब सहयोगियों के दबाव में किया....
जहाँ संसद भवन के केंद्रीय हॉल में सभी महानुभावों के चित्र सवा सात बाई सवा चार फ़ीट के आकार के लगे हैं सुभाष बाबू का चित्र काफ़ी छोटा यानी तीन गुना चार फ़ीट का लगाया गया..... सुभाष बाबू के लिए तो वैसे ही देश में जगह कम रही..... संसद की दीवार पर भी कम ही रही.....
लेकिन इस देश के लोगों के दिलों से जगह कोई मिटा न पाया
अंततः देश के सबसे प्रिय पुत्र को ये सम्मान और दिल्ली में उन्ह ये स्थान 2022 में आकर मिल सका....
(प्रमाण जीवी नेहरू के तात्कालिक बंगाल के CM को लिखे पत्र सहित अन्य जानकारियां खुद गूगल कर सकते हैं)
• • •
Missing some Tweet in this thread? You can try to
force a refresh
वक्फ बोर्ड के पास आज कुल 6 लाख एकड़ जमीन है। रेलवे बोर्ड के अलावा किसी अन्य संस्था या बोर्ड के पास इससे ज्यादा जमीन नहीं है। एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली हाई कोर्ट, दिल्ली एयरपोर्ट, केंद्र सरकार के दफ्तर, नेहरू स्टेडियम आदि समेत दिल्ली की 77 फीसदी जमीन पर वक्फ बोर्ड का दावा है.
हालांकि ताजा खबरों के मुताबिक तमिलनाडु वक्फ बोर्ड ने दावा किया है कि 369 एकड़ जमीन वाला 1.5 हजार साल पुराना मंदिर समेत थिरुचेंदुरई का पूरा हिंदू बहुल गांव वक्फ बोर्ड की संपत्ति है. अब उस गांव के लोग भाग रहे हैं।
धर्मनिरपेक्षता के नाम पर कांग्रेस ने साम्प्रदायिकता को आग के हवाले कर दिया और इस तरह बहुमत हासिल कर लिया। 1991 में, कांग्रेस सरकार ने एक कानून बनाया कि स्वतंत्रता के समय (रामजन्मभूमि को छोड़कर) पूजा स्थलों की स्थिति को नहीं बदला जा सकता है।
क्या आपने कभी हिसाइयो द्वारा अपने ईश्वर के लिए प्रयुक्त किया जाने वाला शब्द GOD शब्द पर गौर किया है ..???
क्योंकि, जब आप उनके अपने आराध्य के लिए प्रयुक्त किये जाने वाले शब्द GOD पर गौर करेंगे तो आप आश्चर्य से भर जाएँगे..!
इसका कारण ये है कि हिसाइयों द्वारा प्रयुक्त ये शब्द कोई नया शब्द नहीं है...
बल्कि, हमारे आध्यात्मिक मान्यता से "चोरी" किया गया है....
और, GOD शब्द और कुछ नहीं...
बल्कि, हमारे अराध्य त्रिदेव का ""अंग्रेजी एवं छोटा रूप"" (Short form) है...!
दरअसल बात कुछ ऐसी है कि..... जब हमारा सनातन धर्म पूरे विश्व में विजय पताका फहरा रहा था......
और, हमारे यहाँ रेशमी वस्त्र बनाये एवं पहने जा रहे थे.. उस समय तक.. पश्चिमी और आज के तथाकथित रूप आधुनिक कहे जाने वाले देशों के लोग... जंगलों में नंग-धडंग रहा करते थे...
1 भारतीय ने जॉब छोड़कर कनाडा के 1 बड़े डिपार्टमेंटल स्टोर में सेल्समेन की नोकरी ज्वाइन की।
🙏🙏🙏🙏
बॉस ने पूछा- तुम्हे कुछ तज़ुर्बा है? उसने कहा कि हा थोड़ा बहुत है
पहले दिन उस भारतीय ने पूरा मन लगाकर काम किया।
शाम के 6 बजे बॉस ने पूछा:- आज पहले दिन तुमने कितने सेल किये?
भारतीय ने कहा कि सर मैंने 1 सेल किया। बॉस चौंककर बोले:- क्या मात्र 1 ही सेल।
सामान्यत: यहाँ कार्य करने वाले हर सेल्समेन 20 से 30 सेल रोज़ाना करते हैं। अच्छा ये बताओं तुमने कितने रूपये का सेल किया।
93300 पाउंड्स। भारतीय बोला।
क्या!
लेकिन तुमने यह कैसे किया? आश्चर्यजनक रूप से बॉस ने पूछा।
भारतीय ने कहा:- 1 व्यक्ति आया और मैंने उसे एक छोटा मछली पकड़ने का हुक बेचा। फिर एक मझोला और फिर अंततः एक बड़ा हुक बेचा। फिर उसे मैंने 1 बड़ी फिशिंग रॉड और कुछ फिशिंग गियर बेचे।
गुजरात के एक जैन व्यापारी वालचंद हीराचंद ने 1940 में मैसूर के राजा के साथ पार्टनरशिप करके बेंगलुरु में एरोप्लेन बनाने की एक फैक्ट्री डाली जिसका नाम उन्होंने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स रखा, कंपनी काफी फायदे में जा रही थी❗️🙏
1940 में पूरी दुनिया में सिर्फ अमेरिका और ब्रिटेन में ही प्लेन बनते थे और उस समय भारत जैसे देश में विमान का बनना दुनिया के लिए एक बेहद चौंकाने वाली बात थी❗️
कंपनी के बनाए जहाज दुनिया की कई एयरलाइन ने खरीदें कंपनी काफी मुनाफे में जा रही थी और एक दिन नेहरू की नजर इस कंपनी पर पड़ी
और उन्होंने इस कंपनी को नियमों के खिलाफ जाकर सरकारीकरण कर दिया
फिर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स का नाम बदलकर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड कर दिया गया और सरकारी दस्तावेज में यह दिखा दिया गया किस कंपनी की स्थापना नेहरू ने की❗️
अगर ईशा मसीह से बीमारियां ठीक होती
तो यूरोप में अस्पतालों की आवश्यकता नही होती
👇👇👇👇👇👇👇👇⚫️😡
चुनाव के वक्त राहुल गांधी जब मंदिर दर्शन में जाते हैं लोग मजाक उड़ाते हैं। कहते हैं राहुल गांधी कालनेमि है। तब कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें यह सब सुनकर बुरा लगता है।
वे कहते हैं राहुल गांधी छल कपट से मुक्त बहुत सीधे और साधारण लोग हैं। राहुल गांधी आजकल भारत जोड़ो यात्रा पर हैं। फिलहाल वे केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के निकट हैं। रास्ते में कितने ही मंदिर पड़ते हैं।
लेकिन दंग रह जाएंगे देखकर राहुल गांधी के लिए जितने भी स्थान तय किए गए हैं, ठहरने और मिलने के लिए, लिस्ट में केवल चर्च ही चर्च, और चर्चों से जुड़ी हुई संस्थाएं हैं। मंदिर एक भी नहीं।
बात यहीं खत्म नहीं होती। उन्होंने फादर से पूछा, जीसस गॉड के रूप हैं क्या यह सही है? फादर कहते हैं,
अब आम आदमी पार्टी का खेल देखिये आप.
पंजाब में चुनाव से पहले केजरीवाल और उनके मंत्रियों ने घोषणा की, कि पंजाब के हर किसान को मुफ्त decomposer दिया जायेगा.. इसका छिड़काव किया जायेगा... इससे Delhi एनसीआर में हर साल होने वाला प्रदूषण कम होगा.
यह decomposer PUSA इंस्टिट्यूट ने बनाया है, जो पराली को खाद में बदल देता है. यह बहुत सस्ता है... केजरीवाल सरकार ने इसकी खरीद पर 68,00,000, इसकी ट्रेनिंग पर 5 लाख और इसके विज्ञापन पर 23 करोड़ खर्च कर दिए.
केजरीवाल जी ने इस decomposer की बड़ी तारीफ की, और सभी राज्य सरकारों को इसे मुफ्त में किसानों को बांटने की सलाह भी दी.
अब पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बन चुकी है, पराली का मौसम आने वाला है, किसानों ने दबाव बनाना शुरू कर दिया.... तो केजरीवाल और भगवंत मान ने एक उपाय निकाला.