#PlacesOfWorshipAct 1991 में पास हुआ, जिसके अनुसार हिंदू अपने छीने गए मंदिरों पर दावा करके वापिस नहीं ले सकते!

उसी देश में, उसी संसद ने, उसी सत्ता ने, 1995 में #WaqfAct पास किया जिसके अनुसार #WaqfBoard/मुसलमान मस्जिद, दरगाह या कब्रिस्तान की दावे की भूमि को ही नहीं,

1/5
किसी भी भूमि को अपना घोषित कर सकते हैं, इसके बाद अपील भी उन्हीं से करनी होगी, निर्णय भी उन्हीं का होगा।

उस समय देश में 80% हिंदू थे, संसद में 95% सांसद हिंदू थे, कानून मंत्रालय जो नए ऐक्ट तैयार करता है उसमें 95% प्रतिशत हिंदू थे, फिर भी ये दोनों राक्षसी कानून पास हुए।

2/5
हम हिंदू, वास्तविकता में जीवन से क्या चाहते क्या हैं?

What are our desires, expectations from life?

भूमि- वो मुसलमान छीन रहे हैं!
लड़कियाँ- वो मुसलमान छीन रहे हैं!
धन- वो मुसलमान हमसे ही लूट/कमा रहे हैं…..

और बचा क्या ??

3/5
हाँ हम #Reservation के लिए एक दूसरे का सिर फोड़ रहे हैं!
भूमि के लिए सगे भाइयों की हत्यायें कर रहे हैं!
पैसे के लिए अधर्म से चल रहे हैं!

अगर आप किसी महान सभ्यता को #fossil में बदलते हुए देखना चाहते हैं तो भारत आइए।
यहाँ आपको एक country-size morgue/शवगृह मिलेगा।

4/5
जिसमें एक चमत्कार और मिलेगा, हिन्दू नामधारी शव चलते फिरते मिलेंगे।

किसी जीवित समाज में तो ये दोनो ही राक्षसी कानून पास नहीं हो सकते थे!!

हमारा समाज जीवित भी है??

राजनेता व जनता दोनों का न्यूनतम स्तर तक पतन हो चुका है, और कितना गिरोगे?

कब सुधरोगे काफिरों/Non-believers ??

5/5

• • •

Missing some Tweet in this thread? You can try to force a refresh
 

Keep Current with S Pratap Sinh Jadaun

S Pratap Sinh Jadaun Profile picture

Stay in touch and get notified when new unrolls are available from this author!

Read all threads

This Thread may be Removed Anytime!

PDF

Twitter may remove this content at anytime! Save it as PDF for later use!

Try unrolling a thread yourself!

how to unroll video
  1. Follow @ThreadReaderApp to mention us!

  2. From a Twitter thread mention us with a keyword "unroll"
@threadreaderapp unroll

Practice here first or read more on our help page!

More from @shailen_pratap

Sep 17
चीतों के आने के समाचार की आग से चीनी चमचों की दुकानें अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि एक और दहकता कारनामा मोदीजी ने कर दिया।

अटलजी का स्वप्न,
16,610 हेक्टेयर भूमि,
एक बहुत बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट,
एक बहुत बड़ा डीप सी कंटेनर टर्मिनल,
एक विश्व स्तरीय वृहद टाउनशिप

जानते हैं कहाँ?

1/N
अटल जी चाहते थे कि यह सब बने निकोबार द्वीप में

केंद्र ने इसके लिए तमाम मजूरियाँ प्रदान कर दी हैं

कुल खर्च होगा 75 हजार करोड़ रुपए

In this project construction of a greenfield international port,an international container transshipment terminal, a township and power plants
2/N
across 16,610 hectares of pristine forests in a Great Nicobar island will be done.

अटलजी का प्रिय प्रोजेक्ट था - The Great Nicobar Project

इसका लाभ क्या है?

सबसे पहले तो भारतीय नौसेना की आधार स्थिति और मारक क्षमता अत्यंत शक्तिशाली होगी सम्पूर्ण प्रशांत सागर क्षेत्र में

3/N
Read 6 tweets
Sep 17
बहुतों को शायद ये पता न हो कि दरगाहों (जहाँ कुत्ते/गधे दबे हैं) में एक बेड़ी बाँधने और काटने की रस्म होती है, दरगाह में जाकर मन्नत माँगने वाली लड़की के पैर में काले धागे की बेड़ी बाँध दी जाती है।

ये बेड़ी कथित मन्नत के पूरा होने पर दरगाह मे जाकर खादिम से कटवाई जाती है,

1/5 Image
तब जाकर वो लड़की बेड़ी कटवाकर मुक्त होती है। ये मजारों के खादिमों का नया टंटा है, जिसमें कामांध बेवकूफ हिन्दू लड़कियां दरगाहों पर बेड़ी बँधवा रही हैं, फिर उन खादिमों के बिस्तर गरम करके वीडियो बनवाकर, फिर दरगाह के सारे खादिमों के सामूहिक बिस्तर गरम करने का साधन बन जाती हैं।

2/5
इसकी शुरुआत #कलियर_शरीफ से हुई थी, (कहा जाता है यहाँ किसी सड़े गधे की लाश पड़ी है?) यह लालची हिन्दू लड़कियों व महिलाओं को फँसाकर उनको अपनी #SexSlave बनाने का टोटका है, जो बहुत हद तक सफल हो रहा है।
आजकल हर छोटी बडी दरगाह में यही बाँधने-काटने का धंधा जोरों से चल रहा है।
3/5
Read 5 tweets
May 8, 2020
Monoclonal antibody

#RNA_Virus के विरुद्ध कितनी वैक्सीन बनी है?
वायरस में RNA होगा या DNA
विशुद्ध जेनेटिक मटीरियल तो DNA ही है, DNA से RNA बन जाता है और RNA से प्रोटीन! प्रोटीन ही सारी क्रिया और सरंचना में भागीदार है। यह सामान्य सा नहीं सभी पर लागू होता है।

1/N
कोई DNA वायरस हो तो हम वैक्सीन आसानी से बना लेते है।

जब बात RNA वायरस कि आती है तो यह उल्टा चलने लगता है। जैविक अणु विकास की यह विचित्र घटना है जब RNA वायरस हमारा पानी एंजाइम का उपयोग कर DNA भी बनाता है अपना विकास करता है। तो क्या हम अपने ही विरुद्ध वैक्सीन बना दे।

2/N
कोराना वायरस है तो RNA वायरस लेकिन इसके साथ एक कमजोरी है। जो इसकी संक्रामकता में छिपा है! इसके शरीर के बाहरी खोल पर छोटे छोटे उभार है जिन्हें हम spike कहते है! यह एक तरह का प्रोटीन! ग्लाइकोप्रोटीन है। ऐसे ही spike हमारे शरीर मे भी होते है जिससे यह वायरस चिपक रहा है।

3/N
Read 8 tweets
Feb 11, 2020
#LieBuster
1-मिथक- #अंबेडकर बहुत मेधावी थे।

सच्चाई - #अंबेडकर पूरी जिंदगी में सदैव थर्ड डिग्री में पास हुए।

2-मिथक - #अंबेडकर बहुत गरीब थे!

सच्चाई -जिस जमाने में लोग फोटो नहीं खींचा पाते थे उस जमाने में #अंबेडकर की बचपन की बहुत सी फोटो है वह भी कोट पैंट में!

1/N
3-मिथक- #अंबेडकर ने शूद्रों को पढ़ने का अधिकार दिया।
सच्चाई - #अंबेडकर के पिता जी खुद उस ज़माने में आर्मी में सूबेदार मेजर थे!

4-मिथक- #अंबेडकर को पढ़ने नहीं दिया गया।

सच्चाई -उस जमाने में #अंबेडकर को गुजरात, बढ़ोदरा के क्षत्रिय राजा सीयाजी गायकवाड़ ने स्कॉलरशिप दी

2/N
और विदेश पढ़ने तक भेजा और ब्राह्मण गुरु जी ने अपना नाम #अंबेडकर दिया।

5-मिथक- #अंबेडकर ने नारियों को पढ़ने का अधिकार दिया!

सच्चाई- #अंबेडकर के समय ही 20 पढ़ी लिखी महिलाओं ने संविधान लिखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया!

3/N
Read 16 tweets
Oct 1, 2019
कौन थे वीर सावरकर?

सिर्फ 25 बातें पढ़कर आपका सीना गर्व से चौड़ा हो उठेगा। इसको पढ़े बिना आज़ादी का ज्ञान अधूरा है!
आइए जानते हैं एक ऐसे महान क्रांतिकारी के बारे में जिनका नाम इतिहास के पन्नों से मिटा दिया गया। जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के द्वारा इतनी यातनाएं झेलीं कि
वीर सावरकर के बारे में कल्पना करके ही कायरों में सिहरन पैदा हो जायेगी......

जिनका नाम लेने मात्र से आज भी हमारे देश के राजनेता भयभीत होते हैं क्योंकि उन्होंने माँ भारती की निस्वार्थ सेवा की थी।
वो थे हमारे परमवीर सावरकर
1. वीर सावरकर पहले क्रांतिकारी देशभक्त थे जिन्होंने 1901 में ब्रिटेन की रानी विक्टोरिया की मृत्यु पर नासिक में शोकसभा का विरोध किया और कहा कि वो हमारे शत्रु देश की रानी थी, हम शोक क्यूँ करें?

क्या किसी भारतीय महापुरुष के निधन पर ब्रिटेन में शोक सभा हुई?
Read 31 tweets
Sep 4, 2019
Unbelievable!!!
The 13th century poet saint #Gyandev created a children's game called #MokshaPatam. The British later named it #Snakes_And_Ladders & diluted the entire knowledge - instead of the original #MokshaPatam.
In the original one hundred square game board,

1/4
the 12th square was faith, the 51st square was reliability, the 57th square was generosity, the 76th square was knowledge, and the 78th square was asceticism. These were the squares where the ladders were found and one could move ahead faster.

2/4
The 41st square was for disobedience, the 44th square for arrogance, the 49th square for vulgarity, the 52nd square for theft, the 58th square for lying, the 62nd square for drunkenness, the 69th square for debt, the 84th square for anger, the 92nd square for greed,

3/4
Read 4 tweets

Did Thread Reader help you today?

Support us! We are indie developers!


This site is made by just two indie developers on a laptop doing marketing, support and development! Read more about the story.

Become a Premium Member ($3/month or $30/year) and get exclusive features!

Become Premium

Don't want to be a Premium member but still want to support us?

Make a small donation by buying us coffee ($5) or help with server cost ($10)

Donate via Paypal

Or Donate anonymously using crypto!

Ethereum

0xfe58350B80634f60Fa6Dc149a72b4DFbc17D341E copy

Bitcoin

3ATGMxNzCUFzxpMCHL5sWSt4DVtS8UqXpi copy

Thank you for your support!

Follow Us on Twitter!

:(