भविष्य में भारत का कोई PM न तिलक लगाने से हिचकेगा, न गङ्गा स्नान करने से और न ही कोई मंदिर में स्वयं मुख्य यजमान बन पूजा करने से डरेगा! भारतीय राजनीति में 'वोट कटने का भय' बहुत प्रभावी था,
कुछ वर्ष पूर्व सेक्युलरिज्म की फर्जी धारणा 'वसुधैव कुटुम्बकम' का ध्येय ले कर चलने वाली सनातन धर्मबोध का गला दबा रही थी! स्वयं को हिन्दू कहना पिछड़ेपन का प्रमाण था। सेक्युलरिज्म के आतंक ने बहुत चोट दी भारत को
प्रधानमंत्री @narendramodi जी ने उस आतंक को मार दिया
क्रमशः 3/7
कुछ वर्ष पूर्व तक एक निराशा पसरी थी चहुओर, टूटती परम्पराएं, टूटता विश्वास, क्षीण होती आस्था, टूटते सनातन संस्कार
गौरवशाली इतिहास को अंधविश्वास बता कर आम जन में हीनता का भाव भरने का षड्यंत्र हो रहा था।
प्रधानमंत्री @narendramodi जी ने उस षड्यंत्र को मार दिया है।
क्रमशः 4/7
जाने किस मूर्ख ने बना दिया था यह रिवाज, कि सत्ता में रहने के लिए हर हिन्दू को समय समय पर अधार्मिक और विदेशी आवरण धारण करना ही होगा!
टोपी पहननी ही होगी!
तिलक मिटाना ही होगा!
नई हवा चल रही है, पसरी है हर ओर एक पवित्र गन्ध, एक अद्भुत उल्लास है राष्ट्र के हृदय में, प्रकृति मुस्कुरा रही है जैसे!
मां गंगा ने मोदी जी को सचमुच बुलाया था!
गङ्गा जी इस देश की माँ हैं, उन्हें पता है कि कब अपने किस योग्य सन्तान को महादेव की सेवा का अवसर देना है।
क्रमशः 6/7
देखिये चमकते भारत को, देखिये मुस्कुराती काशी को, दैदिव्यमान अयोध्या जी को!
थोड़ा सब्र रखिये! यह पुनरुत्थान का कालखण्ड है।ठीक कहा काशी विश्वनाथ जीर्णोद्धार कार्यक्रम में मोदी जी ने! सब महादेव कर रहे हैं। महादेव सब ठीक करेंगे!
सिसोदिया राजवंश और भीलों के बीच हज़ार वर्ष की कटुता का इतिहास था, पर यही भील श्रधेय प्रताप को भाई जैसा मानते थे, उनके साथ युद्ध में अंतिम सास तक लड़े!
जिस अखंड हिंदुत्व का लक्ष्य भीलों को युगों से न समझ आया, महाराणा की सीख उन्हें तुरंत समझ आ गयी
श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा के पावन दिवस पर आइए बताता हूँ आपको वो कहानी जो आपको रुला देगी।
क्या आपको पता है भगवान जगन्नाथ मंदिर पर हुए 17 हमलों की वजह से उन्हें 144 वर्षों तक पूरी मंदिर से दूर रहना पड़ा, इस्लामिक आतंकवाद का सच जानिए इस थ्रेड में
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जगन्नाथ मंदिर को नष्ट करने के लिए #पहला_हमला वर्ष 1340 में बंगाल के सुल्तान इलियास शाह ने किया था, उस वक्त ओडिशा, उत्कल प्रदेश था। इलियास ने मंदिर परिसर में बहुत खून बहाया और निर्दोष लोगों को मारा, लेकिन राजा नरसिंह देव, पुजारियों और आमजन मूर्तियों को बचाने में सफल रहे
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वर्ष 1360 में दिल्ली के सुल्तान फिरोज शाह तुगलक ने जगन्नाथ मंदिर पर #दूसरा_हमला किया।
मंदिर पर #तीसरा_हमला 1509 में इस्माइल गाजी ने किया। पुजारियों ने मूर्तियों चिल्का लेक द्वीप में छुपा दिया राजा रुद्रदेव ने सुल्तान की सेनाओं को हुगली में हरा दिया और भागने पर मजबूर कर दिया
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