संयोग ही है कि आज ही महान शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा जी की जयन्ती है और आज ही @narendramodi जी का जन्मोत्सव यूं कहें तो आधुनिक भारत के शिल्पकार का जन्मदिवस।
माननीय प्रधानमन्त्री जी को जन्मदिवस की हार्दिक बधाइयां।
मोदी जी आप अमर तो हो ही गये हैं अपने कार्यों से बस आपसे इतनी विनती है कि अपने ही जैसे विचारों और कार्यों के नेता हर राज्य में दे दीजिये ताकि हर राज्य आपस में प्रतिस्पर्धा कर समग्र रूप से भारत को नवीन ऊंचाइयों तक ले जाये। #HappyBirthdayModiji
तीन तरीके के मनुष्य धरा पर होते हैं,
पहले जो कार्य प्रारम्भ ही न करते
दूसरे जो कार्य प्रारम्भ कर बीच में छोड़ देते
तीसरे वो जो कार्य सम्पन्न करके ही दम लेते।
और @narendramodi जी की खासियत ये है कि वो कार्य सम्पन्न करके ही दम लेते यही खासियत उनको विशिष्ट बनाती है।
जैसे --
1- धारा 370 का हटना 2- आधार को लागू करना 3- जन धन योजना को लागू कर हर व्यक्ति तक बैंक को पहुंचाना 4- OROP 5- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 6- हर घर LPG को पहुंचाना 7- हर घर तक बिजली को पहुंचाना 8- हर घर जल पहुंचाना 9- आयुष्मान के माध्यम से स्वास्थ्य को घरों तक पहुंचाना
10 - सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का उदय कर राममन्दिर जैसे ज्वलन्त मुद्दे को हल करना 11- काशी विश्वनाथ कॉरिडोर,उज्जैन कॉरिडोर,विन्ध्य कॉरिडोर बनाना 12- सालों से लंबित राफेल,बुलेटप्रूफ जैकेट और एयरक्रैफ्ट कैरियर विक्रान्त को धरातल पर लाना। 13- मेक इन इंडिया को सार्थक करना।
14- स्टार्टअप मिशन को यूनिकॉर्न तक पहुंचाना 15- Terrorist Allout का ऐसा खौफ पैदा करना कि आतंकी केवल कश्मीर तक ही रूक गये। 16- National War Memorial बनाना ताकि शहीदों को स्मरित किया जा सके 17- पद्म पुरस्कारों को चाटुकारों तक न सीमित कर योग्य लोगों को देना।
18- हर राज्य तक रेल को पहुंचाना 19- Vaccine Importer से Vaccine exporter बनना 20- सैन्य उपकरण आयातक से सैन्य उपकरण निर्यातक बनना 21- भारत को इकॉनॉमिक सुपरपावर बनाते हुये जीडीपी रैंक नौवें स्थान से पांचवें पर लाना 22- संकट के समय संकटमोचक बनना और विदेशों में फंसे भारतीयों को लाना
23- 8 साल के कार्यकाल में रिकॉर्ड IIT,IIM,AIiMs, Govt Medical college,Govt University खोलना। 24- मजबूर भारत से मजबूत भारत की छवि को दुनिया भर को दिखलाना 25- सोलर क्षेत्र में दुनिया का नेता बनना।
और ओवरआल विश्व के सबसे मजबूत नेता बनकर भारत की छवि को विश्व में सबसे मजबूत करना।
राम जी से आशा है कि आप भारतीय युवा नेताओं के गुरू बन उनका मार्ग प्रशस्त करें ताकि आपसे सीखकर भारतीय युवा भारत का सदैव मान बढाते रहें क्योंकि आपने ही कहा है कि मोदी की छवि से नही बल्कि देश की छवि से फर्क पड़ता है वो बात अलग है कि मोदी की छवि अच्छी है तभी देश की छवि अच्छी बनी।
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Property.. 1- Indian Army - 18 lakh Acre 2- Indian Railway - 12 Lakh Acre 3- Waqf board - 8 lakh Acre
And you will be surprised In 2009 waqf board has 4 lakh acre land
that means in just 13 year they have doubled their property.
How?
वक्फ बोर्ड की शुरूआत 1947 में नेहरू लियाकत समझौते से हुयी..
जहां ये तय किया गया कि जो जमीन मुसलमान अपनी भारत छोड़कर पाकिस्तान जायेंगे वो सारी सम्पत्ति वक्फ बोर्ड की होगी।
दूसरे मायनो में बंटवारा तो हुआ लेकिन मुसलमान उसी तरह भारत की जमीन पर अपना हक जताते रहे जैसा वो पूर्व में किये
1954 में वक्फ बोर्ड का गठन हुआ जहां एक ओर पाकिस्तान ने तो नेहरू लियाकत समझौते को लतिया दिया लेकिन भारत उस पर मेमने की भांति अडिग रहा पता नहीं क्या डर था भारत को।
खैर 1995 में नरसिम्हा राव आये और बाहें खोलकर वक्फ को सब लुटा दिया।
Project Tiger,
You started modi ji completed
Project lion
You started modi ji completed
Project leopard
You started modi ji completed
Sardar sarovar dam
You started modi ji completed after 60 year
GST
You thought modi ji brought
Aadhar
You thought modi ji brought
क्या आप जानते हैं ऐसे योद्धा को
जो मात्र 50 सैनिक लेकर अंग्रेजों की छावनी पर टूट पड़े थे?
और कमाल की बात ये है कि इस युद्ध में न केवल योद्धा लड़े बल्कि उस योद्धा का वफादार कुत्ता भी युद्ध लड़ा था साथ ही उनका वफादार घोड़ा जिसने जीते जी अपने मालिक की देह अंग्रेजों के हाथ न लगने दी।
उस महान योद्धा का नाम था "चैन सिंह" और उस महान कुत्ते का नाम था "शेरू"
ये बात 1824 की है और जगह का नाम है नरसिंहगढ,सीहोर मध्य प्रदेश की।
इस महान योद्धा ने मात्र 24 वर्ष की उम्र में वीरगति को प्राप्त किया था।
1824 का स्वतन्त्रता संग्राम भी उसी तरह भारत में व्यापक रूप में फैला था जैसा 1857 का फैला था हालांकि उसको पृष्ठों पर वीर सावरकर की तरह कोई उकेरने वाला न मिल सका जो वाकई में लोगों को बता सके कि ये भी कभी हुआ था।
"आजादी के लिये संघर्ष" पहला संघर्ष कब हुआ तो वामी किताबों की मानें तो गान्धी का दांडी मार्च
और थोड़ा व्यापकता की ओर बढें तो 1857 का प्रथम स्वाधीनता संग्राम और थोड़ा अन्दर की ओर जायें तो 1855 का संथालों की हूल क्रान्ति और आगे बढें तो रानी वेल्लू नाचियार का 1772 में गोरों का दमन..
खैर मेरा मानना है कि भारत ने आजादी के लिये प्रथम संघर्ष चाणक्य के निर्देशन में चन्द्रगुप्त के नेतृत्व में प्रारम्भ किया था क्योंकि कोई भी विदेशी आकर भारत पर राज्य किया और उसके खिलाफ जो भी संघर्ष चला वो सब आजादी के लिये संघर्ष ही कहलायेगा।
वामी इतिहासकारों की खूबसूरती ये है कि वो बहुत अच्छे ढंग से मुगलों के खिलाफ भारतीय संघर्ष को आजादी का संघर्ष बताते ही नहीं वहीं कभी मुरब्बे को मुगलों की देन तो कभी लहसुन को मुगलों की देन बता देते वो बात अलग है कि मुगल जिस जगह को अपना आदर्श मानते थे वहां तम्बू के सिवाय कुछ न था।
राजर्षि पुरूषोत्तम दास टण्डन जी...
जिनकी वजह से हिन्दी को भारत की प्रथम राजभाषा बनाया गया,
हालांकि वो राष्ट्रभाषा बनाने के पक्ष में थे लेकिन कई घनघोर वरिष्ठ नेता इसके पक्ष में नहीं थे।
राजर्षि जी का जन्म 1 अगस्त 1882 को प्रयागराज में हुआ था व मृत्यु 1 जुलाई 1962 को हुयी थी।
राजर्षि पुरूषोत्तम दास जी एकमात्र ऐसे कांग्रेसी नेता थे जिन्होंने 15 अगस्त को भारत का स्वतन्त्रता दिवस नहीं मनाया था क्योंकि वो विभाजन के सीधे खिलाफ थे।
क्योंकि आजादी के ठीक पश्चात् कोई बड़ा विपक्ष देश में नहीं था इसलिये जो भी था कांग्रेस का अध्यक्ष ही सब कुछ था।
आपको पता है कि आजादी से पहले त्रिपुरी कांग्रेस अधिवेशन में कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव हुआ था और इस चुनाव में गान्धी नेहरू का सुभाष जी के प्रति प्रबल विरोध के बावजूद सुभाष जी चुनाव जीते फलस्वरूप गान्धी के अति नेहरू प्रेम की वजह से सुभाष जी को कांग्रेस से इस्तीफा देना पड़ा।