इसका केरल और तमिलनाडु के होटलों और बिरयानी विक्रेताओं पर बड़ा असर पड़ा है।
हिंदुओं ने भी हलाल होटलों और बिरयानी विक्रेताओं के पास जाना बंद कर दिया है। तमिलनाडु और केरल में कई रेस्तरां, होटल और बेकरी हलाल स्टिकर और बोर्ड हटा रहे हैं।
इन प्रतिष्ठानों से हिंदू ग्राहकों के भारी पलायन के बाद ऐसा हो रहा है, क्योंकि थूकने के अनगिनत वीडियो वायरल हो चुके हैं।
इससे पहले कि आप हलाल प्रोसेस से बनी बिरयानी की अगली प्लेट को टच करें....ध्यान दें, खाना हलाल तभी होता है जब रसोइया उस पर थूकता है! यह अदालत में किए गए सबमिशन के अनुसार है इसलिए, आपसे अनुरोध है कि आप किसी भी हलाल होटल या बिरयानी की गाड़ी में खाने से पहले सोच लें,
वक्फ प्रोपर्टी एक्ट की कुछ और जानकारियां साझा कर रहा हूँ, ध्यान से पढ़ लीजिये, समझ लीजिए और शेयर भी करिये लोगों को । कांग्रेसी कोढ़ की करतूतें समझना जरूरी है । ये बातें किसी पार्टी के विरोध की नही है ये बातें हमारे देश की, धर्म की, संस्कृति की , आने वाले बच्चों के
भविष्य की हैं । और इस कांग्रेस ने इन सब पर जितना आघात किया है उसे समझिए और इन गद्दारों से जहां मिले वहां पूछना शुरू कीजिए ।।
वक़्फ़ प्रॉपर्टी एक्ट जो मुस्लिम परस्त कांग्रेस ने हिंदुओं को समाप्त करने के लिए सन 2013 में वक़्फ़ प्रॉपर्टी एक्ट लागू किया है इसके अनुसार हर हिंदू
जान ले उसकी कोठी मकान खेत जमीन जायदाद उसकी नहीं है कभी भी इस कानून के अनुसार वक़्फ़ बोर्ड उस पर अपना दावा कर सकता है और डायरेक्ट डीएम को ऑर्डर दे सकता है आप से खाली करवाई जाए आप कुछ नहीं कर पाएंगे और जहां आप की सुनवाई होगी वह उसमें भी मुस्लिम ही अधिकतर सुनवाई करेंगे तो आप जान लो
अगले माह ईसाइयों का हैलोवीन त्यौहार आने वाला है, जिसमें वे अपने मृत पूर्वजों को याद करते हैं।
इस त्यौहार में लोग मृत्यु या मृतकों का संकेत देने वाली वस्तुओं से लोग अपने घरों को सजाते हैं। इनमें कंकाल, चुड़ैल, भूत-प्रेतों वाले मुखौटे, मकड़ियां और कटे हुए हाथ-पैर आदि कई
प्रकार की वीभत्स चीजें होती हैं।
इन दिनों यहां के लगभग सभी बड़े स्टोर हैलोवीन के सामान से पटे हुए हैं। यूरोप, अमरीका और कनाडा जैसे आधुनिक और विकसित समझे जाने वाले देशों में भी आज तक वहां के लोग अपने त्यौहारों को अपनी परंपराओं के अनुसार पूरे उत्साह व धूमधाम से मना रहे हैं।
कोई इसे अंधविश्वास नहीं कहता और न कोई इसका वैज्ञानिक आधार पूछकर किसी की आस्था का मजाक उड़ाता है।
उधर दूसरी ओर भारत में कई नमूने हैं, जो लगभग हर हिन्दू त्यौहार के खिलाफ कोई न कोई सवाल उठाते हैं और कभी पर्यावरण के नाम पर, कभी अंधविश्वास मिटाने के नाम पर, तो कभी किसी और बहाने से
कजरीवाल की दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के वेंटिलेर अघोषित रूप से मुसलमानों के लिए आरक्षित हुए
-दिल्ली के रहने वाली रवीना मंडल के बेटे का बाइक से एक्सिडेंट हो गया था और वो अपने बेटे को लेकर भागी भागी दिल्ली के एक प्रसिद्ध सरकारी अस्पताल भागीं । वो ये सोचकर सरकारी अस्पताल में गई थी
कि बेटे को वेंटिलेटर पर रखना होगा क्योंकि बेटे को होश ही नहीं आ रहा था । इससे खर्चा प्राइवेट के मुकाबले कुछ कम हो जाएगा
- लेकिन जब वो वहां पर पहुंचीं तो उन्हें ये कहा गया कि वेंटिलेटर है ही नहीं । जब उन्होंने पता किया तो अस्पताल के ही एक हिंदू कर्मचारी ने ये खुलासा किया कि
अब यहां पर हिंदुओं को वेंटिलेटर नहीं दिए जाते हैं।अस्पताल के सारे वेंटिलेटर मुसमलानों के लिए ही बुक रहते हैं ।
-ये बात सुनकर रवीना मंडल सन्न रह गईं वो खून का घूंट पीकर रह गईं । उन्होंने फ्री बिलजी और पानी के चक्कर में आकर केजरीवाल को वोट दिया था अब वो भयंकर तरीके से पछता रही थीं