ये 'मुस्लिम ब्रदरहुड' वाले हैं जो मध्यपूर्व से अफ्रीकी देशों तक तख़्तापलट करवा चुके हैं।
इनकी महिला विंग है, इनकी छात्र विंग है, इनकी पोलिटिकल विंग है। खुफिया और सैन्य विंग भी है।
इनकी पोलिटिकल विंग का झंडा पाकिस्तान और तुर्की का संयुक्त झंडा है।
ये तुर्की और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों द्वारा स्थापित, स्पॉन्सर्ड और फंडेड हैं।
वही तुर्की जो 1920-21 में भारत में 'खिलाफत' करवा चुका है, जिसके नतीजे में मोपला हिन्दू न₹संहार हुआ, फिर डायरेक्ट एक्शन हुआ और जिसकी परिणति पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान के रूप में हुई थी,
जिसने भारत पर चार बार हमले किए।
ये दक्षिणी पाकिस्तान भी बनाने के चक्कर में थे और ईरान ने तुर्की को सेना को भारत पर आक्रमण कर इस्लामिक निजाम #खलीफा स्थापित करने के लिए जमीनी रास्ता मुहैया करवाने पर सहमति भी दे दी थी।
बंटवारे के वक़्त मुस्लिमलीग के कई धड़ों का कांग्रेस में विलय हो गया था और आज कांग्रेस का तुर्की में ओवरसीज ऑफिस भी है।
जो अपने बच्चों को सही इतिहास नहीं पढ़ा सकते, वो क्या 🔔 मुस्लिम ब्रदरहुड से लड़ेंगे?
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जय महाराणा जय एकलिंग नाथ जी की
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एक बार महाराणा प्रताप पुंगा की पहाड़ी बस्ती में रुके हुए थे । बस्ती के भील बारी-बारी से प्रतिदिन राणा प्रताप के लिए भोजन पहुँचाया करते थे।
इसी कड़ी में आज दुद्धा की बारी थी। लेकिन उसके घर में अन्न का दाना भी नहीं था।
दुद्धा की मांँ पड़ोस से आटा मांँगकर ले आई और रोटियाँ बनाकर दुद्धा को देते हुए बोली
"ले! यह पोटली महाराणा को दे आ"
दुद्धा ने खुशी-खुशी पोटली उठाई और पहाड़ी पर दौड़ते-भागते रास्ता नापने लगा।
घेराबंदी किए बैठे अकबर के सैनिकों को दुद्धा को देखकर शंका हुई।
एक ने आवाज लगाकर पूछा:
"क्यों रे ! इतनी जल्दी-जल्दी कहाँ भागा जा रहा है ?"
दुद्धा ने बिना कोई जवाब दिये, अपनी चाल बढ़ा दी। मुगल सैनिक उसे पकड़ने के लिये उसके पीछे भागने लगा, लेकिन उस चपल-चंचल बालक का पीछा वह जिरह-बख्तर में कसा सैनिक नहीं कर पा रहा था ।
335% की बढ़त के साथ भारत ने पिछले 5 वर्षों में 75 से भी ज्यादा देशों को हथियार बेचते हुए चीन अमेरिका और फ्रांस को अपना व्यापारिक दुश्मन बना लिया है.
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यह देश कभी नहीं चाहेंगे कि भारत आने वाले समय में उनकी दशकों से बनाई हुई हथियारों की मार्केट के ऊपर कब्जा कर ले।
लेकिन मोदी जी तो पूरी तरह से सोच कर बैठे हैं कि उन्होंने किसी भी तरह ना सिर्फ हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर बनना है बल्कि पूरे विश्व को हथियार बेचने भी है.
असल में हथियारों को जब हम किसी देश को बेचते हैं तो वह देश हम पर निर्भर हो जाता है क्योंकि भविष्य में उसको उन हथियारों
के लिए स्पेयर पार्ट्स चाहिए होते हैं. उनके अपग्रेडेशन के लिए भी उसे सप्लाई करने वाले देश की तरफ देखना पड़ता है. मतलब अगर आपने किसी देश को एक बार अपने हथियार बेच लिए तो समझ लो वह देश आपके गिरफ्त में आ गया।
PFI पर छापे के बाद NIA की जांच में नित नए सनसनीखेज खुलासे हो रहे है जो कि देश और समाज के लिए अत्यंत गम्भीर है. खुलासों से साबित हो रहा है कि PFI के मंसूबे कितने खतरनाक है.
NIA की जांच में pfi के प्लान का खुलासा हुआ.
जिसमें 2047 तक देश को इस्लामिज्म मुल्क बनाने के लिए सिलसिलेवार संगठन के प्लान क्या थे. 1. पढ़े लिखे और सम्पन्न हिन्दू pfi के साथ नही आएंगे इसलिए pfi के टार्गेट पर कम पढ़े लिखे पिछड़े हिन्दू थे. जिन्हें भड़काकर अपने साथ करने की योजना पर pfi लंबे समय से कार्य कर रहा था.
2. जहां मुसरीम आबादी अधिक है वहां नेटवर्क मजबूत करना. 3. मुसरीम और sc/st, ओबीसी में भावना भरना कि वे देश में दोयम दर्जे के लोग है. 4. देश में 60%(50% sc/st, 10% मुसरीम) लोगों के भीतर RSS के प्रति नफरत भरना.
पोस्ट अंत तक पढे...
विदेश मंत्री एस जयशंकर बिल्कुल शांत रहते है, फिर अचानक एक देश की यात्रा करते है वहाँ मीडिया के सामने आते है और माइक उठाकर गिनती करके 3 लाइन बोलते है और भारत के इतिहास में नए अध्याय जोड़ देते है।
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एस जयशंकर की ताकत हम में से बहुत लोग समझ नही रहे है लेकिन उनका कद बिल्कुल नरेंद्र मोदी जैसा हो चुका है। उनकी बॉडी लैंग्वेज से बिल्कुल नही लगता कि वे नरेंद्र मोदी से राय भी लेते हो। नरेंद्र मोदी का उन्हें खुला समर्थन है और वे खुलकर चौके छक्के लगा रहे है।
एस जयशंकर को मैं सशक्त विदेश नीति का शिल्पकार कहूंगा। इतना अच्छा काम नरसिम्हा राव और वाजपेयी जी ने भी विदेश मंत्री रहकर नही किया था।
दरसल इतना सब कहने के पीछे कारण है उनकी अर्जेंटीना यात्रा, एस जयशंकर कुछ दिन पहले अर्जेंटीना में थे उनकी ये यात्रा मील का पत्थर सिद्ध हुई।
वक्फ बोर्ड के पास आज कुल 6 लाख एकड़ जमीन है। रेलवे बोर्ड के अलावा किसी अन्य संस्था या बोर्ड के पास इससे ज्यादा जमीन नहीं है। एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली हाई कोर्ट, दिल्ली एयरपोर्ट, केंद्र सरकार के दफ्तर, नेहरू स्टेडियम आदि समेत दिल्ली की 77 फीसदी जमीन पर वक्फ बोर्ड का दावा है.
हालांकि ताजा खबरों के मुताबिक तमिलनाडु वक्फ बोर्ड ने दावा किया है कि 369 एकड़ जमीन वाला 1.5 हजार साल पुराना मंदिर समेत थिरुचेंदुरई का पूरा हिंदू बहुल गांव वक्फ बोर्ड की संपत्ति है. अब उस गांव के लोग भाग रहे हैं।
धर्मनिरपेक्षता के नाम पर कांग्रेस ने साम्प्रदायिकता को आग के हवाले कर दिया और इस तरह बहुमत हासिल कर लिया। 1991 में, कांग्रेस सरकार ने एक कानून बनाया कि स्वतंत्रता के समय (रामजन्मभूमि को छोड़कर) पूजा स्थलों की स्थिति को नहीं बदला जा सकता है।
क्या आपने कभी हिसाइयो द्वारा अपने ईश्वर के लिए प्रयुक्त किया जाने वाला शब्द GOD शब्द पर गौर किया है ..???
क्योंकि, जब आप उनके अपने आराध्य के लिए प्रयुक्त किये जाने वाले शब्द GOD पर गौर करेंगे तो आप आश्चर्य से भर जाएँगे..!
इसका कारण ये है कि हिसाइयों द्वारा प्रयुक्त ये शब्द कोई नया शब्द नहीं है...
बल्कि, हमारे आध्यात्मिक मान्यता से "चोरी" किया गया है....
और, GOD शब्द और कुछ नहीं...
बल्कि, हमारे अराध्य त्रिदेव का ""अंग्रेजी एवं छोटा रूप"" (Short form) है...!
दरअसल बात कुछ ऐसी है कि..... जब हमारा सनातन धर्म पूरे विश्व में विजय पताका फहरा रहा था......
और, हमारे यहाँ रेशमी वस्त्र बनाये एवं पहने जा रहे थे.. उस समय तक.. पश्चिमी और आज के तथाकथित रूप आधुनिक कहे जाने वाले देशों के लोग... जंगलों में नंग-धडंग रहा करते थे...