केंद्र सरकार ने UAPA कानून के तहत PFI और उसकी 8 सहयोगी संस्थाओं पर 5 साल के लिए प्रतिबन्ध लगा दिया है।
सुबह से इस ख़बर पर तीन तरह के reaction देखने को मिलें हैं।
1.लोग खुश हैं।
2.लोग प्रश्न उठा रहे हैं।
3.हर रोज मोदी की छाती नापने वाले और मौलाना बोलने वाले फेविकोल पी गए हैं।
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अब पहले वाले ठीक हैं.... उनका स्टैंड clear है... ऐसे ही तीसरे वाले भी अपने स्टैंड पर clear हैं...वो कुछ घंटे कोमा में रहेंगे, फिर कोई मुद्दा उठाएंगे और छाती का नाप लेने लगेंगे।
यहाँ सबसे ख़ास हैं दूसरी प्रजाति के लोग...
यह निम्न प्रश्न उठा रहे हैं।
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1. आजीवन प्रतिबन्ध क्यों नहीं लगाया?
2 SDPI पर प्रतिबन्ध क्यों नहीं लगाया 3. PFI के नेताओं पर प्रतिबन्ध क्यों नहीं लगाया 4. कल कोई कोई और सरकार आ गयी और उसने प्रतिबन्ध हटा दिए तो क्या होगा.
इन्ही के लिए उत्तर देते हैं।
1. प्रतिबन्ध UAPA के अंतर्गत लगा है, और अभी यह प्राथमिक
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प्रतिबन्ध ही हैं... आगे यह और बढेगा ही.... इस मामले में किसी को कोई संशय हो तो SIMI पर लगे प्रतिबंधों के बारे में पढ़े.
दूसरी बात... आप frustrated हैं और किसी भी चीज से खुश नहीं हैं तो इसमें सरकार की कोई गलती नहीं. आप 5 साल के प्रतिबन्ध से दुःखी हैं...
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कल को आजीवन लगा देंगे तो कहेंगे कि सात जन्मो के लिए लगाया जाए.... वह लगेगा तो कहेंगे कि 4 युगो के लिए लगाओ..
कुल मिला कर आपको हर बात में नुक्ताचीनी ही करनी है.. और सच मानिये इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
2. SDPI पर प्रतिबन्ध भी जल्दी लगेगा, वह एक राजनीतिक दल है,
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इसलिए उसका काम Election Commission के द्वारा होगा.... इतने दिन सब्र रखा है, कुछ समय और रख लीजिये।
3. PFI के नेताओं पर प्रतिबन्ध भी लगेगा.. अभी मात्र 2 कदम ही चली है सरकार... छापे मारे और प्रतिबन्ध लगाया है..... धीरे धीरे Evidence के आधार पर सभी नेताओं पर भी लगेगा....
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वैसे भी PFI की पूरी लीडरशिप अभी NIA की गिरफ्त में है... जो लम्बे समय के लिए जेल में ही रहेंगे।
4. अगर कोई और सरकार आ गयी तो क्या होगा???
PFI पर UAPA कानून के तहत प्रतिबन्ध लगा है.... UAPA से पहले POTA कानून था.... जो बीजेपी सरकार लायी थी... उस कानून को कांग्रेस ने 2004 में
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आते ही रद्द कर दिया था।
कल को हो सकता है कांग्रेस या और कोई सरकार आये और UAPA को रद्द कर दे... प्रतिबन्ध को रद्द कर दे.... यह सब संभव है।
अगर आजीवन प्रतिबन्ध भी लगाया जाए... तो जिस कानून के तहत वो लगा है, वही कानून अगर रद्द हों जाए तो प्रतिबन्ध भी स्वतः रद्द हो जायेगा।
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ऐसे में किसकी जिम्मेदारी है कि ऐसी सरकारें सत्ता में ना आएं?? आप ही की ना??
कांग्रेस के कर्नाटक सरकार ने PFI के विरुद्ध 100 से ज्यादा Case वापस ले लिए थे....
क्या आप के लिए यह महत्व नहीं रखता...
क्या आपको यह नहीं दिखता??
आज कांग्रेस कई राज्यों में सत्ता में है...
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POTA हटाने के बाद केंद्र में सत्ता में 10 साल रही है।
इंडियन मुजाहिद्दीन आतंकवादी संगठन के आतंकियों ने Batla House किया था.. जिसमें हमारे पुलिस अफसर ने बलिदान दिया था.... आज उस संगठन का मजहब के नाम पर समर्थन करने वाले, और पुलिस इंस्पेक्टर मोहन चन्द्र शर्मा के बलिदान को
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फर्जी बताने वाले दिल्ली में सरकार बनाये बैठे हैं..... मुफ्त बिजली पानी के नाम पर।
ऐसे में आप किस मुँह से उम्मीद करते हैं कि कोई आपकी सुरक्षा के लिए लड़े... आतंकवाद को ख़त्म करे...
संस्थाओ पर #BAN लगाए.... क्यूंकि जब सरकार चुनने की बात आती है.. तब आप आंतरिक सुरक्षा के बजाये
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अपने बिजली पानी के बिल या कर्जा माफ़ी चुनते हैं... ऐसे में आपको कोई भी अधिकार नहीं सवाल करने का।
नमस्कार, प्राइम टाइम में आपका स्वागत है!
कॉमनवेल्थ गेम्स चल रहे हैं और अति राष्ट्रवादी टीवी स्क्रीन पर बैठे बैठे इस प्रकार खुश हो रहे हैं जैसे केवल मेडल जीतना ही देश का भविष्य रह गया है! आप गौर करेंगे तो देखेंगे कि शिव थापा ने पाकिस्तानी बॉक्सर का जो हाल किया वह किसी भी तरह ..C2
C2.. इंसानियत को नहीं दर्शाता है! मने केवल मेडल के लिए आप किसी को ऐसे नहीं मार सकते जबकि भारत में इसका अल्पसंख्यकों पर विपरीत असर हो सकता हो?
एक इवेंट में भारत की मीराबाई चानू ने गोल्ड मेडल जीता! उनको बधाई, लेकिन आप पूरी प्रतियोगिता को ध्यान से देखेंगे तो आपको पता चलेगा ..C3
C3.. कि किस तरह से मीराबाई चानू ने दूसरी महिला खिलाड़ियों का उपहास उड़ाया है! जब 75- 80 किलो का भार उठाने के लिए महिला खिलाड़ियों में जबरदस्त कम्पटीशन चल रहा हो ऐसे में आप पहले अटैम्प में 88 किलो भार उठाते हैं तो यह सीधे तौर पर दूसरे देश की महिला खिलाड़ियों को नीचा दिखाने ..C4