अबू लहब जिसके बारे में तो एक #क़ुरआन की सुरह ही नाज़िल हो गई “सुरह लहब” इतने बड़े #काफिर शख़्स को नबी ﷺ के मिलाद पर अजर मिलता है तो हम मुसलमानो को क्यू नही.??

सोचने वाली बात है

हज़रत शैख अब्दुल हक़ मुहद्दिस देहलवी (رحمة الله عليه)ने “Ma Sabta Minas Sunna”….1/6
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जो हदीस पोस्ट में Mention की गई उस हदीस को नक़ल फ़र्माया है।
अबू लहब की लौंडी थी जिसका नाम सोबिया था, उसने सरवर-ए-दो आलम ﷺ की पैदाइश पर अबू लहब को खबर दी थी तो रसूलअल्लाह ﷺ की पैदाइश की खबर सुनने पर अबू लहब सोबिया को आज़ाद कर दिया था

तो अबूलहब के मरने के बाद…2/6
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किसी ने उसे खाब में देखा, पूछा कि “कहो क्या हाल है.?”

तो वो बोला, आ-ग🔥 में हूँ अलबत्ता इतना करम है कि हर पीर की रात मुझ पर तकफीफ करदी जाती है और इशारे से बताया कि अपनी दो उंगलियों से पानी चूसता हूँ और ये इनायत मुझ पर इस वजह से है कि मुझे सोबिया ने भतीजे की पैदाइश की…..3/6
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खबर दी थी तो इस बशारत की ख़ुशी में, मैने उस को दो उंगलियों के इशारे से आज़ाद कर दिया था”

इमाम जिज़री رحمة الله عليه इस हदीस के तहत फ़रमाते हैं जब एक काफिर का ये हाल है तो वो उम्मती जो अपने रसूल की मुहब्बत में मीलाद पे माल खर्च करता है उस का क्या सिला होगा.?…...4/6
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(Muwahib Ad Dunnya Jild No. 01 Pege No. 27)

Note: प्यारे इस्लामी भाइयों ज़रा ग़ौर करें जब अबू लहब को अपने भतीजे यानी हज़रत मुहम्मद ﷺ की विलादत पर उन्हें नबी मान कर नही बल्कि भतीजा मान कर ख़ुशीयाँ मनाया था तो उसका फाइदा हुआ कि उसी उंगली से पानी पिलाया जाता है जिससे…..5/6
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उसने अपने भतीजे की विलादत की ख़ुशी में अपनी लौंडी सोबिया को आज़ाद किया था।

👉तो वो मुसलमान जो आप ﷺ को अल्लाह का नबी ﷺ मान कर विलादत की ख़ुशी मनाते हैं तो सोचो उन्हें अल्लाह की बारगाह से क्या इनाम मिलेगा.??

💥💖ﷺ💖💥

🌷सरकार की आमद🗣 मरहबा🙌

#copy
#mevlid #mevlud

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Oct 1
इस्लाम से पहले औरतों की कोई अहमियत नही थी।

लड़कियों को ज़िन्दा दफना दिया जाता था।मर्दो की नज़र में औरत अपनी नफसानी खाहिश को पूरा करने का खिलौना थी।मर्दो को औरतों की कद्र नही थी।औरतों पर तरह-तरह के ज़ुल्मों-सितम किए जाते थे।

औरत को उसके माँ बाप भाई बहन शौहर की…..1/7
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मीरास से कोई हक़ नही दिया जाता था।जिसका शौहर मर जाता उसे घर से निकलने न दिया जाता।उनकी ज़िंदगी घर में क़ैद खानो से कम न थी।बेवाओ को उस दौर में कोई इज़्ज़त न थी।न उन्हे ये हक़ था कि वो अपने हिसाब से ज़िंदगी बसर करें।

दुनियाँ के हर मुल्क में औरतों पर जुल्मो-सितम की……2/7
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कमी नही थी।जिन्हे ये बातें खोखली (Fake) लगती हो वो तारीख उठा कर देखले।हमारे मुल्क हिंदुस्तान में औरतों का क्या मक़ाम था।

किस कद्र औरतों को ज़िल्लत और ज़ुल्म से भरी ज़िंदगी बसर करनी पड़ रही थी।आज भी गैर मज़हब मे लड़कियो को पैदा होने से पहले ही मार दिया जाता है।आज तक वो…..3/7
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Sep 29
नीचे वाली आयत में अल्लाह अज़्ज़वजल अपने प्यारे नबीﷺ से फ़र्मा रहा है कि हमने तुम्हें 1 या 2 आलम के लिए नही बल्कि सारे आलम के लिए रहमत बना के भेजा है

यहाँ गौर करें अल्लाह ने हुज़ूरﷺ को रहमत कहा है और जो पहली आयत पेश की गई है उसमें अल्लाह ने अपनी रहमत पर ख़ुशी…..1/6
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ख़ुशी करने का हुक्म दिया है
जो इन आयतों का मुनकिर होगा जो नबीﷺ को अपने लिए अल्लाह की रहमत और नेमत नही समझता वो आकाﷺ की विलादत की ख़ुशी से ऐतराज़ करेगा यानी वो ग़म मनाएगा प्यारे आकाﷺ की विलादत पर इब्लीस की तरह

Next Proof:-
Quran “अपने रब की नेअमतों का खूब खूब चर्चा करो”.2/6👇
(Surah Duha aayat 11)

इस आयत में अल्लाह अज़्ज़वजल ने हमें अपनी नेमतों का चर्चा करने का हुक्म दिया। हर मोमिन ये जनता है कि अल्लाह अज़्ज़वजल की सबसे बड़ी और अज़ीम नेमत हमारे लिए उसके रसूल हमारे प्यारे आका ﷺ हैं।

इस बात को समझ ने के लिए क़ुरान की एक आयत के मुलाहिज़ा फ़रमाए..3/6👇
Read 7 tweets
Sep 29
😂भाई हम पूछ पूछ के थक गए!!

कोई तो बतादो यार, कि कहाँ लिखा है..? ये लोग दलील देना छोड़ कर हमसे सवाल कर रहे हैं कि कहा लिखा है के मनाओ कहकर।

Principle(उसूल) तो ये है कि जो माना करे वो दलील दे और रोके😂

अल्लाह पाक़ ने भी क़ुरआन शरीफ़ में यही फ़र्माया है।…..1/6
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”लाओ अपनी दलील अगर सच्चे हो।”

“Produce Your Proof, If You Are Truthful”
(Sarah Al Baqrah Aayat 111)

जो मना करते है उन्हे चाहिए कि दलील लाएँ

For Example:- अगर मै कुछ काम करूँ जो कि इस्लाम में ग़लत है तो आप को ये बताना चाहिए कि ये क्यूँ ग़लत है या इसे ग़लत अल्लाह और....2/6
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रसूल ﷺ ने कहा या सहाबा ने कहा है।ये बता कर आप मुझे रोक सकते हैं।

आप तो कुछ बता नही रहे है उल्टा मुझसे ही दलील माँग रहे है तो ये लॉजिक और इस्लाम दोनो के ख़िलाफ़ है।अब रही बात मिलादुन्नबी ﷺ की तो उसके रोकने वालों को चाहिए कि दलील देकर रोकें कि कहाँ पर अल्लाह ने इसे हराम...3/6
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Sep 28
😂एक साल में 52 FRIDAYS आते हैं और सही हदीस के हिसाब से FRIDAYS जुमा भी #ईद है तो टोटल #ईद 52 हुई + #ईदुलफित्र + #ईदुल_अज़हा + #यौमे_अरफाह = 55 और इससे ज़्यादा तो हदीस से साबित है😂

अब Reality सुने, जो 2 #ईदें हैं उसको #ईद_ए_शरई कहते हैं यानी उसमें Condition होते हैं….1/5
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खुतबा📖, तकबीरात और उसदिन रोज़ा रखना भी जाइज़ नही है

लेकिन जो हम मिलादुंनबी ﷺ को #ईद कहते हैं ये #ईदे_मुसर्रत है

क़ुरआन और सही अहादीस से पता चला कि #ईदुफित्र और #ईदु_अज़हा के अलावा दीन में और भी #ईदें (ख़ुशी का दिन) है

#ईद_ए_शरई👇

1) ईदुलफित्र - ईद
2) ईदुलअज़हा- ईद
...2/5
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#ईद_ए_मुसर्रत👇

3) जुमा - ईद
4) यौमे नुज़ूले माएदा- ईद
5) यौमे नुज़ूले आयाते तकमीले इस्लाम- ईद

पता चला कि⤵️

1) ईदुल फित्र और अज़हा के अलावा भी ईद है।
2) जुमा का दिन ईद है मगर उस दिन रोज़ा रखना जाइज़ है

साबित हुआ कि ईदे मुसर्रत के दिन शुकराना का रोज़ा रखना जाइज़ है।
..3/5
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Read 6 tweets
Sep 28
😂जो लोग #ईद मिलादुंनबी ﷺ को #ईद कहने पर ऐतरज करते हैं, वो आला क़िस्म के जाहिल और अहमक हैं क्यों कि न उनको अरबी आती है न ही उर्दू.😂

गूगल पे शर्च कीजिए Happy Birthday का अरबी Translation आप को लफ़्ज़ मिलेगा Eid Milad Saeed.

हमने बार बार कहा है कि ईद का मतलब ख़ुशी है लेकिन..1/4 Image
ये मानते नही इनके सर 🤯 में दिमाग़ नही गोबर💩 भरा हुआ है ये जाहिल $उदी भक्त जब किसी का Birthday Wish करते हैं तो क्या कहते हैं.?

Happy Birthday.

लेकिन इन नाजाइज़ो को ये नही पता के हैपी बर्थ डे का अरबी मीनिंग #ईद_मिलाद होता है😂,
अब ये जब जब किसी को बर्थडे विश करेगा तब..2/5
तब #ईद का लफ़्ज़ इस्तेमाल करेगा

लेकिन हम नबी ﷺ के लिए ईद का लफ़्ज़ इस्तेमाल करे तो इन भक्तों के कान खड़े होजाते हैं और कहते हैं
ईद तो सिर्फ़ दो है इस्लाम में ये तीसरी कहाँ से आगई.? Lol😂

खुद सबका बर्थडे विश करेगा इंग्लिश में तो वही मतलब होगा ओर उसमें #ईद का लफ़्ज़ ..3/5
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Sep 15
क्या आपने ग़ौर किया🤔

कॉमेंट में ज़रूर बताएँ.??

अभी कुछ दिनो पहले जो नॉन मुसलिमों का तेवहार गुज़रा है उसे बहुत सारे हमारे मुस्लिम लोगों ने भी Celebrate किया, और Wishes की
लेकिन किसी भी Wहाबी, सेल्फ़ी, तबलीगी या देवबन्दी मोलवी ने सामने आकर ये नही कहा के Celebrate मत करो..1/3
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और Wishes मत करो न तो किसी ने Facebook पर या Twitter पर Live आकर कहा या न किसी ने अपने Official अकाउंट पर कुछ अपलोड किया🤔

चाहे वो कोई नालायक हो या कोई लाल दुपट्टे वाली आपा हों किसी ने भी कुछ नही कहा

लेकिन आप याद रखना यही लोग ईद मिलादुंनबी ﷺ पर जंगली कु/त्तों🦮 की तरह..2/3
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हर जगह भूकते नज़र आएँगे ये लोग विडीयो भी बनाएँगे और वही Silly Objection करेंगे की Celebrate मत करो, मत मनाओ,ETC.

इन सभी से और इनके Followers से मेरा सिर्फ़ एक☝️ सवाल है

👉क्या नान मुस्लिमों के तेवहारों से भी ज़्यादा मिलादुंनबी ﷺ मनाना तुम्हारे नज़दीक ग़लत है..??🤔
Read 4 tweets

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