Ten months later, the Ujjain session Court dismissed the sedition charges.
"The court of ASJ Santosh Shukla pointed out 'Pakistan Zindabad' is neither an anti-national slogan nor it amounts to sedition. Hence, dismissed," said Devendra S Sengar, adv of 11 accused in the case. +
"Even after a year, the police did not produce a single piece of evidence to prove that Pakistan Zindabad slogans were raised in the event," Sengar said.
"All the accused have secured bail," he added.
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Case - III
July 2, 2022:
Raisa Begum, a BJP leader from Katni district won Chaka Panchayat election for the 4th time in a row in a Hindu majority village.
Soon after her victory with merely 10 votes, supporters gathered outside her house & raised slogans.
Her Hindu opponent allegedly morphed the video replacing Wajid Bhai Zindabad with ‘Pakistan Zindabad’ and complained to the police.
The following day, a mob of over 100, armed with sticks and iron rods tried to barge inside Wajid's house but police foiled their attack.
Later, the police investigation found that the video was morphed.
Katni police, who told the media that the action will be taken against the complainant if the video found morphed, did not lodge an FIR.
There is a pattern in the above 3 cases; The victims belong to the minority while the complaints are associated with right-wing groups.
They were either booked or attacked over morphed video, slammed with sedition and NSA charges which were later struck down by the courts.
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"Just like it is not a crime to chant ‘America Zindabad, Germany Zindabad, Sri Lanka Zindabad or Japan Zindabad, when the two countries continue to maintain diplomatic relations, chanting Pakistan zindabad is not a crime," said Anus Tanveer, Supreme Court lawyer.
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The family of the accused continued to face slander even after Courts / Police found it untrue & gave a cleanchit.
They were often called 'traitors' and 'sympathizers of India's foe Pakistan'.
MP: On allegations of pelting stones at #Garba event, Mandsaur Police booked 19, arrested 7 & #razed homes of Zafar, Raies & Salman within 2-day of incident.
Admin said, their homes were illegal.
Alleged stone pelting occurred on Sunday night in Surjani village of Sitamau PS.
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Mandsaur SP Anurag Sujania said 19 people were booked under section 307 & 147 of the IPC & 7 arrested.
The illegal homes were identified and razed by the Revenue Department which is worth over 4 Cr.
हिन्दू संगठनों ने ख़बर फैलाई के MP के रतलाम ज़िले में दर्जनों मुसलमानों ने हिंदू धर्म अपना लिया।
तो पता यह चला के बंजारा समाज के लोग जो मोहल्लों में फकीरों के भेस में मांग चांग कर खाते थे कुछ के नाम मुस्लिम, कुछ के हिंदू, कभी मस्जिद नहीं गए नमाज़ नहीं पढ़ी वो अपना शुद्धीकरण..
3
करवा रहे हैं।
किसी का नाम धर्मवीर शाह, राजू शाह, अरुण शाह तो किसी का मोहम्मद शाह और रमजानी। महिलाओं का नाम आशा बाई, मीनू बाई और रंजिता बाई।
उनका कहना हैं कि वो हिन्दू धर्म में ही थे बस नाम मुस्लिमों जैसा था और मुस्लिम फकीरों जैसे कपड़े पहन कर मांग कर खाते थे और ताबीज देते थे
2
ख़ैर, स्वामी आनंदगिरी महाराज के देख रेख में भीमनाथ मंदिर के पास बने कुंड में पूरे परिवार को गोबर, गोमूत्र से स्नान कराया।
जनेऊ धारण कर भगवा वस्त्र पहनाकर जयश्री राम, जय महाकाल और सनातन धर्म के जयघोष के नारे भी लगाए।
एक ने तो भास्कर को पीछे छोड़ते हुए 18 की जगह 55 लिख दिया।
टोपी पहन कर सब्ज़ी मण्डी (बस स्टैंड) से जा रहे दो भाइयों को 1 बाइक सवार ने धर्म सूचक गलियां दी, जब उन्होंने इसका विरोध किया तो बाइक सवार समेत सब्ज़ी/फल बिक्रेताओ ने धारदार हथियार से हमला किया।
दोनों अस्पताल में भर्ती। DM/ SP मौके पर।
दंगे के लगभग 2 महीने बाद भी खरगौन ने हालात सामन्य नहीं हुए हैं। आज की हिंसा बताती हैं कि लोगों के अंदर नफरत और दूसरे को लेकर हीन भावना बड़ गई है।
इसकी मुख्य वजह हैं घटना के अगले दिन से प्रशासन की एकतरफा कार्यवाही।
सरकार/प्रशासन को हालात सामान्य करने की कोशिश करनी चाहिए। @DGP_MP
शांति का टापू कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में सितंबर 2020 से आख़िर क्यों दंगे भड़क रहे हैं, आख़िर इन दंगो से किसे फायदा और किसे नुक्सान हो रहा हैं !!
MP: संवेदनशील बुरहानपुर शहर में चांद रात @BJP4MP नेता प्रहलाद पटेल के भतीजे सतीश दिवाकर ने दंगा भड़काने की नियत से शहर के बड़े गणेश मंदिर की मूर्ति की आंखे फोड़ दी। थोड़ी दूरी पर स्थित भगवान राम देव की मूर्ति का हाथ तोड़ दिया।
उसी गणेश मूर्ति को तोड़ने पर 2008 में दंगा हुआ था+++
इससे पहले की अफ़वाह फैले पुलिस ने CCTV के माध्यम से सतीश की पहचान कर सिर्फ़ धारा 294 के अंदर FIR कर गिरफ़्तार कर लिया।
चांद रात, अक्षयतृतीया और परशुराम जयंती होने की वजह से उस वक्त शहर में 1 लाख+ भीड़ मौजूद थी।
वहा के पूर्व MP @MPArunYadav ने भी PC कर राज फाश किया। ++
इस घटना पर पुलिस की चुप्पी भी खतरनाक हैं। अगर अभियुक्त उर्दू नाम का होता तो पूरे परिवार को रोड पर लेआते आज ज़ुबान...!
ज्ञात हो की बुरनपुर से खरगोन की दूरी 160-KM हैं और 2018 के चुनाव में BJP को यहां भी करारी शिकस्त मिली थी।
2008 में जब दंगा हुआ उस साल भी चुनाव था। @newsclickin