हमारे प्रिंसिपल साहब को खुश करने का हमने एक तरीक़ा निकाला था वो ये वो जिस मंदिर में जाते थे हमने भी उसी वक्त वहाँ जाना शुरू कर दिया और बहुत श्रद्धा भावना से पूजा पाठ का दिखावा करने लगे( काम बन गया )
कुछ ऐसे ही जैसे डीडीएलजे में शाहरुख़ ख़ान भी सिमरन के बाप की देखा देखी कबूतरों
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को दाना डालता है.
पिछले दिनों अचानक मीडिया की स्क्रीन पर तनकीद शुरू हुई और #भारत_जोड़ो_यात्रा को कवरेज मिली तो लगा कि माहौल बदल रहा है लेकिन वो बड़े मालिक बानी ने आँखे दिखाई थी क्योंकि उसका तेल का धंधा चौपट हो रहा था.
बानी परिवार बाबा बद्री,केदार पर बहुत आस्था रखता है जो उनकी
निजी ज़िंदगी है, उनका दीन उन्हें मुबारक.
अगले महीने बाली में G - 20 की बैठक होने वाली है जिसमें सभी बड़ी बड़ी हस्तियाँ पुतिन, शी जिंगपिंग, बिन सलमान और बाईडेन भी होंगे.
कुछ भनक लगी है कि एमबीएस (वजीरे आज़म, सऊदी सल्तनत)वहाँ वाया नई दिल्ली जाएँगे और सेठ के आदेश पर रुपया - रूबल
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या रियाल का समझौता करेंगे.
इसके अतिरिक्त सड़क पार भी चीनी प्रोजेक्ट ग्वादर तथा सीपेक में निवेश करेंगे जिन्हें चीन की कंपनियाँ ही बनायेंगी.
मुल्लों को गाली देकर वोट लूटने वाले जल्द ही अज़ान भी पुकारेंगे, उसी सड़क में साझेदारी भी उन्हीं की शर्तों पर करेंगे,प्याज़ भी खाएँगे और
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भारत और चीन के बीच व्यापार घाटा “एक ट्रिलियन” पहुँच चुका है . चीन बिना लड़े युद्ध जितना जानता है बेशक उसका तख्ता उलट पलट करने वाले 50 वर्षीय अधेड़ एंकर आज तीसरी बार महासचिव बनने पर मुबारक दे या ना दे
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👉 @parmodpahwaInd ✍️
हमने ज़िंदगी के उस स्कूल में सीखा है जहां पत्र लिखते समय कोमा और फ़ुलस्टॉप पर भी बहस होती है तथा प्रत्येक बिंदु से संकेत समझा और दिया जाता है.
आप कैसे कपड़े पहनकर जाएँगे और कैसे बटन लगे होंगे ये भी एक संदेश देते है.
अचानक एक चैनल पर लाइव देखा तो उसका स्क्रीन शॉट ले लिया.
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कनाडा में आर्यों के पवित्र समझे जाने वाले स्वस्तिक चिन्ह को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने पर प्रतिबंध है क्योंकि इसे हिटलर की नाज़ी पार्टी के चिन्ह जैसा समझने का आभास होता है.
मान्यवर ने हिमाचली ड्रेस पहनी है जो आने वाले चुनावों के मद्देनज़र ज़रूरी थी लेकिन क्या
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ड्रेस के पीछे ये चिन्ह बना ही होता है ? जिस कैमरामैन को मंदिर के गर्भगृह से वीडियोग्राफ़ी की अनुमति दी गई थी क्या उसको निर्देश थे कि पीठ पर दिखाए गए इस चिन्ह को हाईलाइट करे ?
अभी शांति के प्रतीक कबूतर के स्थान पर हिंसक चीते छोड़ने के बयान के बाद फासिज्म का भ्रम
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ये तो गनीमत है मियां कि दिवाली मुसलमानों का त्यौहार नही..वरना अंधभक्त कहते देखो बम फेंकने की प्रैक्टिस कर रहे हैं ये...
संबित पात्रा ऐसा रोता..ऐसा रोता..ऐसा रोता कि दिये मे तेल कि जरूरत ही न पड़ती..सारे दिए उसके आँसू से भर जाते..
अमीश देवगन और अमन चोपड़ा
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जैसे एंकर कंधे पर ऑक्सीजन सिलेंडर लादकर स्टूडियो पहुंचते और ऑक्सीजन मास्क लगाकर शो करते,बताते कि कैसे रास्ते में धुएं से दम घुटने से वो मरने वाले ही थे कि ऑक्सीजन सिलेंडर ने उनकी जान बचा ली....
गौरव भाटिया डिबेट के लिए आईसीयू में जाकर लेटता और वहीं से डिबेट में भाग लेता....
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मीडिया हेडलाइन चला रही होती-
"दहशतगर्दी का त्यौहार..हिंदू बेबस और लाचार"..
"देश की फिजाओं मे बम ही बम.. कैसे न घुटे आम आदमी का दम"..
बेचारे दिए,मूर्तियाँ और पटाखे बेचने वाले गिरा गिराकर मारे जाते जगह जगह... बजरंग दल एक एक दुकान बंद करा रहा होता...
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क्या जरूरत पड़ गई मोदी को नकली क्लास रूम सेटअप की?
पहले पहल जब मैने Facebook आती हुई मित्रो की पोस्ट देखी तो मुझे लगा शायद वे गलत बोल रहे है इतने बड़े देश का प्रधान मंत्री भला किसी सेट नुमा नकली क्लास रूम में जाकर बच्चो के साथ फोटो क्यों खिंचवाएंगे !
लिहाजा मैने Ani के ट्विटर
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हैंडल पर आई तस्वीर को खोजा तो मैं आश्चर्य चकित रह गया वाकई क्लास रूम नकली बनाया गया था वीडियो में जो खिड़की दिख रही है वो अलग ही दिख रही है ध्यान से देखेंगे तो दीवारों पर फ्लैक्स के सल तक दिख रहे है..... खास बात यह है कि खिड़की जिस एंगल के लिए डिजाइन की गई है फोटो और वीडियो भी
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उसी एंगल से शूट किए गए हैं
अगर देश का प्रधान मंत्री स्कूल ऑफ एक्सीलेंस (School of Excellence) जेसे बड़े प्रोग्राम की घोषणा कर रहा है तो क्या क्लास रूम का एक कमरा असली नही बनाया जा सकता था?
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👉 @girishmalviya4 ✍️
जिसको भी स्मार्ट बनने वाली सिटी अच्छी लगती है वो इन्दौर आ जाए और यहाँ जरा अपना व्यापार धंधा जमा कर दिखाए
दिवाली का समय है और यहा़ इन्दौर की सड़को पर पीली गाड़ी(नगर निगम की पीली जीप )का खौफ व्यापारियों में देखने को मिल रहा है न जानें कब कोई पीली जीप दूकान के आगे रुके और न जाने
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कितने रुपए की डिमांड निकाल दे?
इन्दौर नगर निगम छोटे मझौले व्यापारी से संपत्ति कर, जलकर, स्वच्छता कर,लाइसेंस रजिस्ट्रेशन,पार्किंग शुल्क जैसे 10तरह के टैक्स तो वसूल ही रहा है लेकिन अब उसने लूट की एक नई स्कीम निकाली है व्यापारियों को खुद की दुकान पर तीन फीट से ऊंचा बोर्ड लगाने के
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लिए भी अलग से टैक्स देना होगा। इसके लिए सबसे पहले 11800 रुपए देकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। वो भी मात्र तीन साल के लिए ही है यानि तीन साल बाद फिर से उतनी ही रकम दे
बात यही खत्म नही होती जिस एरिया में दुकान है, वहां प्रॉपर्टी की कलेक्टर गाइडलाइन का 4 प्रतिशत प्रति वर्गफीट सालाना
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गुजरात सरकार ने ख़ुद सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि अमित शाह के गृह मंत्रालय ने बिल्किस बानो रेप मामले के 11 दोषियों को रिहा करने की सिफ़ारिश की थी।
यह बात मैं पहले भी लिख चुका हूं। इस मामले में केंद्र की चुप्पी से कई सवाल उठे थे। ये सभी सवाल इस देश में लिंचिंग से लेकर ज़हरीले
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भाषणों तक पर गृह मंत्रालय की खामोशी से उठते रहे हैं।
जब भारत का गृह मंत्रालय ही संविधान को नकारकर सिर्फ़ सत्ता और सियासत के लिए हर हद तोड़ने की सिफारिश करे तो फ़िर कुछ नहीं बचता है।
अमित शाह को प्रधानमंत्री ने जिस मकसद से गृह मंत्रालय सौंपा है,वह पूरा हो रहा है।
प्रधानमंत्री
सिर्फ़ जुमला फेंकते हैं।भाड़े के भक्त उसे लपेटते हैं। दलाल गोदी मीडिया उस पर पर्दा डालकर अवाम को बरगलाता है और अमित शाह का मंत्रालय बिल्कुल उल्टा काम करता है।
हम जैसे चंद लोग इस नाइंसाफ़ी का प्रतिकार करते हैं। लेकिन जनता की धर्मभीरुता उन्हें हर बार अपनी मज़हबी पहचान के लिए इसी
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