भगवान महादेव के भक्त विष्णु अंशावतार #परशुराम जी व भगवान दत्रातेय के परम् भक्त सुदर्शनचक्र पुर्णावतार #सहस्त्रबाह अर्जुन जी की सत्य प्रमाणित जानकारी

सहस्त्रार्जुन जी एक धर्मपरायण,कर्तव्यनिष्ठ #वैदिक सनातन धर्म के पालक व श्रेष्ठ #प्रजा पालक व राष्ट्र व धर्म के महान रक्षकथे
👇(1)
ऐसा मै नही अपितु स्वयं #भगवान परशुराम जी ने कहा है ,अब परशुराम जी तो गलत कह नही सकते वो भगवान है।
मै परशुराम जी की भक्त हु ,जो परशुराम जी ने कहा वही मानती हु।
जो सहस्त्रबाहु जी को पापी,अधर्मी या गौ हत्यारा कहता है वह भगवान परशुराम जी का विरोध करता है व पाप करता है ।
शेष (2)👇
सहस्त्रबाहु जी से युध्द के दौरान स्वयं भगवान परशुराम कहते है कि , राजन् - मनुष्यों कि जय पराजय मे काल ही कारण है,आपने विधि पुर्वक #वेदों,शास्त्रो का अध्ययन किया है।दान-पुण्य किया है ,सारी पृथ्वी पर उत्तम रिति से शासन किया ! संग्राम में यशोवर्धक कार्य किया है।
शेष (3)👇
इस समय मुझे रणभूमि मे परास्त कर मुर्छित कर दिया है,आपने तो (मुझे) स्वयं परशुराम को परास्त कर मार डाला
भगवान शिव आकर मेरी जान बचाये है मुझे पुनः जीवित किये है।
आपने तो अधर्मी रावण को परास्त कर काबू में किया आप तो परम् धर्मात्मा प्रतापी सम्राट है

अब सम्पूर्ण युध्द कथा आगे(4)👇
महर्षि जमदग्नि व सहस्त्रबाहु का विवाद होता है काम देने गाय के लिए
ऐसी गाय जो समस्त #प्रजा व राज्य की खुशहाली समृद्धि व विकास कर सकती थी ऐसी गाय मुनि के पास देखकर सहस्त्रबाहु मुनि से वह गाय निवेदन पुर्वक अपने प्रजा व राज्य की खुशहाली व समृद्धि के लिए माँगा जो राजा का फर्ज था(5)👇
लेकिन जमदग्नि ऋषि देने से मना कर दिए और उन्हे जाने को बोले। फिर सहस्त्रबाहु ने अपने दूत मुनि के पास भेजकर निवेदन किया या वो गाय को दे या युध्द करे
तो जमदग्नि ऋषि ने गाय देने से मना कर युध्द मे उन्हे मौत देने के लिए कहा
फिर दोनो मे युध्द हुआ और जमदग्नि ऋषि मारे गये ।
(6)👇
जमदग्नि ऋषि के मृत्यु होने पर कामधेनु गाय गोलोक को प्रस्थान कर गयी।
ऋषि के मृत्यु पर माता रेणुका रोने लगी और भगवान परशुराम को पुकारने लगी ।
भगवान परशुराम आकर अपने पिता का दाह-संस्कार करते है व क्षत्रियो का वध करने की प्रतिज्ञा लेते है ।
शेष(7)👇
परशुराम जी जानते थे वह क्षत्रिय राजा से नही जीत पायेंगे इसलिए क्षत्रियों वध प्रतिज्ञा को पूरी करने के लिए परशुराम अपनी सामर्थ्य बढाने और शक्ति अर्जित करने के लिए ब्रम्हा जी के पास जाते है,और अपनी प्रतिज्ञा बताते है।फिर ब्रम्हा जी परशुराम जी को शंकर भगवान के पास भेजते है- (8)👇
भगवान परशुराम क्षत्रिय राजा सहस्त्रबाहु कार्तीवीर्य अर्जुन जी से लड़ने और उन्हे युध्द मे हराने की सामर्थ्य व शक्ति जुटाने के लिए भगवान शिव जी के पास शिव लोक मे जाते है । क्योकि बिना ईष्ट ब्रम्हा,बिष्णु ,महेश के दिए शक्ति से सहस्त्रबाहु को परशुराम नही जीत सकते थे । (9)👇🌷
परशुराम जी शिव-लोक पहुंचकर शिव जी व मां पार्वतीजी को क्षत्रिय वध करने की अपनी प्रतिज्ञा सुनाते है। जिसे सुनकर मां भद्रकाली गुस्सा हो जाती है और परशुराम जी पर गुस्सा होकर उन्हे खूब डांटती है ,जिसे सुनकर परशुराम जी #रोने लगते हैऔर #आत्महत्या करने का प्रयास करने लगते है - (10)👇🌷
यह देखकर भगवान शिव को दया आ जाता है और वो माता पार्वती को शांत कर परशुराम जी की सहायता के लिए तैयार हो जाते है।
फिर भगवान शिव परशुराम जी को "त्रैलोक्यविजय" नामक कवच देते है जिसे पहनकर सहस्त्रबाहु जी को जीता जा सकता था । (11) 👇🌷
फिर "त्रैलोक्यविजय" कवच की सिध्दि के लिए भगवान शिव जी परशुराम कोभगवान श्रीकृष्ण की आराधना के लिए कहते है ,फिर परशुराम जी शिव,मा पार्वती और भद्रकाली जी का आशीर्वाद लेकर पुष्कर मे आकर अन्न जल त्याग कर श्री कृष्ण जी की आराधना कर उन्हे प्रसन्न कर लेते है । (12)👇🌷
इस तरह पहले ब्रम्हा जी,फिर शंकर जी व मा पार्वती और मां भद्रकाली का आशीर्वाद व "कवच" प्राप्त करने के पश्चात परशुराम श्री कृष्ण जी को भी प्रसन्न कर आशीर्वाद लेकर व "कवच कुंडल "सिध्द कर व सभी अस्त्रों,शस्त्रों शक्तियों को इकट्ठा कर सहस्त्रबाहु जी से लड़ने के लिए चल देते है-(13)👇🌷
सहस्त्रबाहु कार्तीवीर्य अर्जुन जी व भगवान परशुराम जी के बीच अनेक चंद्रवंशी व सुर्यवंशी क्षत्रियों के बीच 21 युध्द होते है
सभी तो नही मै आपको 3-4 युध्दो का वर्णन लघु रुप मे बताती हु

भगवान परशुरामजी अपने सभी भाइयोव सेनाओं व अर्जित शक्तियों के साथ युध्द के लिए
पहुच जाते है-(14)👇
परशुराम जी व सहस्त्रबाहु जी की तरफ से पहले चंद्रवंशी राजा 'मत्स्यराज जी' के बीच युध्द आरंभ होता है।
परशुराम जी व मत्स्यराज मे भयंकर युध्द होता है परशुराम जी भगवान शंकर का त्रिशूल चलाते है फिर भी मत्स्यराज का कुछ नही होता ,मत्स्यराज परशुराम जी पर भारी पड़ रहे थे। (15)👇🌷
फिर आकाशवाणी हुआ कि मत्स्यराज जी के पास "ब्रम्हाण्ड-विजय"नामक कवच है जब तक वह उनके पास रहेगा तीनो लोको मे उन्हे कोई नही जीत सकता,वह एक धार्मिक व दानी क्षत्रिय है इसलिए परशुराम जी संत/पंडित का रुप लेकर जाए और #भिक्षा स्वरुप वह कवच मांग ले,राजा क्षत्रिय है वह दान अवश्य देगा।(16)👇
फिर परशुराम जी संयासी का रुप धारण कर जाते है और वह कवच मांगते है और क्षत्रिय राजा वह कवच दे देते है ।
फिर मत्स्यराज के कवच को धारण कर परशुराम जी प्रहार कर मत्स्यराज को ही मार देते है !!
मत्स्यराज के मृत्यु के पश्चात कुछ अन्य राजा भी हारते है ।
(17)👇🌷
इसके बाद परम् धर्मात्मा #सुर्यवंशी प्रतापी सम्राट सुचन्द्र जी आते है
फिर परशुराम जी व सुचन्द्र जी मे भीषण युध्द होता है।लेकिन सुचन्द्र जी परास्त न हुए व भारी पड़े । परशुराम जी ने देखा वो मा भद्रकाली के भक्त है और उन्हे ऐसे परशुराम जी नही हरा पायेंगे तो वो शस्त्र त्याग दिए-(18)👇
और मां भद्रकाली की आराधना करने लगते है मनाने लगते है!फिर मां अम्बिका प्रसन्न होकर परशुराम जी को'भय मुक्त' का आशीर्वाद देकर अंतर्ध्यान हो जाती है।लेकिन फिर भी राजा सुचन्द्र को जीतना असंभव था
फिर भगवान ब्रम्हा जी वहा आते है और परशुराम जी को उपाय बताते है सुचंद्र को जीतने का-(19)👇
ब्रम्हा जी बताते है कि परशुराम क्या तीनो लोको मे राजा सुचंद्र को कोई नही जीत सकता ,आप जाकर राजा सुचंद्र से उनके प्राण ,कवच और कवच सिध्दि के मंत्र दान मे मांग लो वह एक बहुत बड़े धर्मात्मा और दानी क्षत्रिय है।
उनके प्राण आपको भिक्षा मे मांगना पडेगा आप जीत ना सकते है-(20)👇फ
फिर परशुराम जी संयासी का रुप लेकर जाते है और उनके प्राण,कल्चर मंत्र दान मे मांग लेते है । फिर प्रहार कर औपचारिकता पूरा कर उन्हे हरा देते है। सुचन्द्र जी के वीरगति को सुनकर उनका पुत्र राजा पुष्कराक्ष रणभूमि मे आ जाता है और परशुराम व उनके सभी भाई को घायल कर भगा देता है - (21)👇🌷
उसके बाद स्वयं भगवान विष्णु वहा आते है और संन्यासी का रुप धारण कर पुष्कराक्ष के पास जाकर उनका कवच व शक्ति दान मे मांग लेते है इसके बाद परशुरामऔपचारिकता पुरा कर उन्हे हराये है
इसके बाद सहस्त्रबाहु जी व परशुराम जी मे भीषण युध्द होता है लेकिन सहस्त्रबाहु जी को हराना असंभव था-(22)👇
इसके बाद वहा भगवान शिव स्वयं आते है और संयासी का रुप धारण कर सहस्त्रबाहु कार्तीवीर्य जी के पास जाकर उनका "कृष्ण कवच" मांग लिए और ले जाकर परशुराम जी को दे दिए | फिर भीषण युध्द हुआ लेकिन परशुराम जी परास्त हुए व मुर्छित हुए फिर शंकर भगवान आकर उन्हे जीवित किए फिर युध्द हुआ-(23)👇
फिर भगवान परशुराम ने सहस्त्रबाहु जी की भेजा को काटा ,फिर भगवान दत्रातेय आ गये और युध्द बंद हुआ
भगवान दत्रातेय के कहने पर सहस्त्रबाहु जी गंगा स्नान कर शिवलिंग है समाहित हो गये,और परशुराम जी श्री हरि मे विलीन हुए।

इस युध्द मे क्षत्रियों ने स्वयं अपने प्राण,कवच मंत्र दान किए🚩(24)
मै इस लेख मे 1 भी लाइन स्वयं से ना लिखी हु |
जो मै पुराणों मे पढी वही लिखी प्रमाण स्वरुप मै पुराण की पेज डालू दी हु |
जो पुराणों मे वर्णित है वही लेखो मे ,इसलिए कोई भी सनातनी न ही #भ्रमित हो और न ही अन्यथा लेवे।
लेख मे कुछ गलती हो तो मै मांफी मांगती हु 🙏🏻🌷
जय श्री राम 🙏🏻🌷

• • •

Missing some Tweet in this thread? You can try to force a refresh
 

Keep Current with Ritu Sharma (मोदी का परिवार)

Ritu Sharma (मोदी का परिवार) Profile picture

Stay in touch and get notified when new unrolls are available from this author!

Read all threads

This Thread may be Removed Anytime!

PDF

Twitter may remove this content at anytime! Save it as PDF for later use!

Try unrolling a thread yourself!

how to unroll video
  1. Follow @ThreadReaderApp to mention us!

  2. From a Twitter thread mention us with a keyword "unroll"
@threadreaderapp unroll

Practice here first or read more on our help page!

More from @Rastravadi_Ritu

Jul 16, 2023
जनमानस मे कुछ भ्रांतिया व फर्जी कहानियां है राक्षस #रावण के संदर्भ में,आइए महर्षि वाल्मिकीकृत रामायण से सत्य जानते है !

भ्रांतिया है कि,
1- रावण भगवान शिव का सबसे बडा भक्त था
2- रावण बहुत बडा प्रकांड पंडित विद्वान था
3- रावण तीनो लोग पर विजय प्राप्त किया था
अन्य+

Thread- 1/21 Image
4-रावण ने माता सीता का अपहरण किया लेकिन कभी हाथ नही लगाया व उनके लिये गलत भावना नही रखा।
5- रावण ने अपनी बहन की ईज्जत के लिये भगवान राम से युध्द कर लिया ।
6- भगवान श्री राम ने रावण को अनुष्ठान के लिए बुलाया
7- प्रभू श्रीराम ने लक्ष्मण जी को रावण के पास ज्ञानलेने भेजा

Thr- 2/21 Image
#सत्यता वाल्मिकीकृत रामायण के आधार व संलग्न पेज प्रमाण स्वरूप 🌷

1 -भगवान का सबसे बडा भक्त तो वह होता है जिसकी भक्ति भगवान स्वयं करने लगे,
जैसा कि भगवान शिव जी भगवान राम जी की भक्ति करते थे और भगवान राम भगवान शिव की भक्ति करते थे ।
एक उदाहरण और - भगवान शिव के +

Thread- 3/21 Image
Read 23 tweets
Oct 29, 2022
काल्पनिक जोधा को गढ़कर, जोधा-अकबर बनाकर #हिंदुओं को गुमराह करते हो तो सुनो सच्चाई क्या है --
अकबर की बेटी का विवाह अमर सिंह से हुआ ये क्यूं नहीं दिखलाया.?
बप्पा रावल की ३० मुस्लिम दासी पत्नियां
(इन्हे रानी का दर्जा प्राप्त नही होता) थीं ये भी नहीं बताया.?
पढ़िए👇1/4
मानसिंह की पत्नि मुस्लिम थी
और एक नवाब की बेटी थी.
महाराणा सांगा की पांच पत्नियों में तीन पत्नियां मुस्लिम थी, ये तो बता देते.?
#पंडित बाजीराव पेशवा का विवाह मुस्लिम महिला मस्तानी से हुआ,क्यों नहीं बतलाया..?
2/4
विरम देव की पत्नि मुस्लिम थी ये भी नहीं बताया.
औरंगजेब की बहन छत्रपति शिवाजी के प्रेम में पड़ गयी थी और शिवाजी को उसने प्रेम पत्र तक लिखा था,यह कब बताओगे..?
महाराणा कुम्भा की एकपत्नि मुस्लिम थी.
3/4
Read 4 tweets

Did Thread Reader help you today?

Support us! We are indie developers!


This site is made by just two indie developers on a laptop doing marketing, support and development! Read more about the story.

Become a Premium Member ($3/month or $30/year) and get exclusive features!

Become Premium

Don't want to be a Premium member but still want to support us?

Make a small donation by buying us coffee ($5) or help with server cost ($10)

Donate via Paypal

Or Donate anonymously using crypto!

Ethereum

0xfe58350B80634f60Fa6Dc149a72b4DFbc17D341E copy

Bitcoin

3ATGMxNzCUFzxpMCHL5sWSt4DVtS8UqXpi copy

Thank you for your support!

Follow Us!

:(