आईए आज इस अहम विषय को समझे और जाने जो आज के आधुनिकता में लोग भूलते जा रहे हैं और काल का ग्रास बनकर घोर विपत्तियों में फंसे हुवे हैं।
हमारे पूर्वजों ने सदैव अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर अपने कुलदेवी देवता और पित्रों का सम्मान किया और
कुलदेवी को घर में स्थापित कर सदैव सम्मान दिया जो परंपरा वर्षों से पीढ़ी दर पीढ़ी चलते आया।पर आधुनिकता से वशीभूत होकर आज की पीढ़ियों को अपना कुल देवी कौन है ?पता ही नही!
कुल देवी ही है जो सबसे पहले आपके ऊपर आने वाले संकटो से पूरे परिवार की रक्षा करते हैं और हमारे पूर्वज पितृ के
ऊर्जा के रूप में उनका आशीर्वाद सदैव हमारे साथ रहता है।अगर कही कुलदेवी और पितृ के कृपा से वंचित हो जाते हैं तो परिवार में कुछ न कुछ समस्याएं सदैव घेरे रहते हैं नकरात्मकता का भाव पैदा होता है। राह चलते तंत्रों का शिकार हो जाते हैं।
फिर समस्याओं से निजात पाने के लिए भटकते रहते हैं।
आप लाखों प्रयत्न कर ले कुछ भी सफल नही होता। बगैर कुलदेवी व पितृ के कुछ भी संभव नही होता इसलिए सनातनधर्म में कुलदेवी और पितृ का उचित स्थान दिया गया है। इसीलिए प्रत्येक वर्ष 16 दिनों का पितृपक्ष चलता है जिसमें अपने पूर्वजों का सम्मान कर आशीर्वाद लिया जाता है इनके कृपा से वंचित
हुए फिर तो चाहे जितना भी मोटी रकम खर्च करले, बड़ा अनुष्ठान करा लें वो स्वीकार नही होता है।
अतः अपने कुलदेवी के विषय में जाने समझे और उचित समय में अपने कुलदेवी का सम्मान करें अपने पित्रों का सम्मान करें यही हैं जिनके कृपा प्राप्त होने के उपरांत ही 33 कोटि देवताओं का आह्वान करने
व पूजा पाठ अनुष्ठान करना लाभकारी
व फलदाई होता है।इसलिए कोई भी पूजा पाठ के आरंभ में अपने गोत्र के साथ अपने ईष्ट देव, कुलदेवी देवताओं व पित्रों का आह्वान किया जाता है । अगर आधुनिकता में कुल देवी देवताओं को पित्रों को भूल गए हैं तो कुल देवी पित्रों का महत्व क्या है ?गूगल में सर्च
"पीएम नरेंद्र मोदी जी ने हिन्दूओ के लिए क्या किया ? पेट्रोल, डीजल, दाल, प्याज, सब्जी, आलू, से बाहर निकलोगे तो जान पाओगे"🚩
30 दिसम्बर 2017 को एक आदमी केरल के कोच्ची हवाई अड्डे पर आता है बैंकाक से। जैसे ही वो इमीग्रेशन पर अपना पासपोर्ट देता है तो कम्प्यूटर
में चेक करने के बाद महिला इमीग्रेशन अफसर उससे उसका नाम बोलने को कहती है, वो आदमी बोलता है नाम पासपोर्ट पर लिखा है। वो अफसर डाँट के बोलती है बहस नहीं नाम बोलो। वो नाम बोलता है इमीग्रेशन अफसर तत्काल उसको अपने सीनियर के हवाले कर देती है। पूरी रात वो आदमी हवाई
अड्डे के उस कमरे में बैठा रहता है, सुबह की पहली फ्लाइट से वापस उसको देश से निकाल दिया जाता है। रात भर वो आदमी केरल से लेकर दिल्ली तक के हर बड़े कांटेक्ट को फ़ोन करता है लेकिन उसकी दाल नहीं गलती। केंद्र सरकार से सीधे आदेश है और IB के लोग हवाई अड्डे पर जमे हैं,
हिंदुस्तान के हिंदुओं ने 2 मुस्लिम फ़ादर ऑफ नेशन दिए, प्रधानमंत्री की तो बात ही छोड़ दो
क्या कोई मुस्लिम बहुल राष्ट्र एक भी हिंदू प्रधानमंत्री दे सकता है ?
- पूरे कुएं में भांग पड़ी है.. रविवार को आज तक के कार्यक्रम में दंगल में एंकर शुभंकर मिश्रा ने बीजेपी के नेता
सुधांशु त्रिवेदी से सवाल पूछा कि क्या आप कभी मुस्लिम प्रधानमंत्री देंगे ?
दिमाग खराब हो गया ! (29 अक्टूबर 2022) अखबार में खबर छपी है कि पाकिस्तान के अंदर एक 10 साल की हिंदू लड़की को किडनैप करके उसकी शादी 80 साल के बुजुर्ग से करवा दी गई ।
हम हिंदुओं ने तो मातृभूमि का हिस्सा चीर कर पाकिस्तान दिया जिसका फादर ऑफ नेशन जिन्ना बना और बांग्लादेश का फ़ादर ऑफ नेशन मुजीबुर रहमान बना ।
जवाब दीजिए हमने तो अपनी छाती चीरकर दो दो देश और दो दो मुस्लिम फादर ऑफ नेशन दे दिए लेकिन क्या पाकिस्तान या बांग्लादेश, अरब, ईरान, अजरबैजान,
हिन्दू धर्म में पुराणों में वर्णित ८४००००० योनियों के बारे में आपने कभी ना कभी अवश्य सुना होगा। हम जिस मनुष्य योनि में जी रहे हैं वो भी उन चौरासी लाख योनियों में से एक है। अब समस्या ये है कि कई लोग ये नहीं समझ पाते कि वास्तव में इन
योनियों का अर्थ क्या है? ये देख कर और भी दुःख होता है कि आज की पढ़ी-लिखी नई पीढ़ी इस बात पर व्यंग करती और हँसती है कि इतनी सारी योनियाँ कैसे हो सकती है। कदाचित अपने सीमित ज्ञान के कारण वे इसे ठीक से समझ नहीं पाते। गरुड़ पुराण में योनियों का विस्तार से वर्णन दिया गया है।
तो आइये आज इसे समझने का प्रयत्न करते हैं।
सबसे पहले ये प्रश्न आता है कि क्या एक जीव के लिए ये संभव है कि वो इतने सारे योनियों में जन्म ले सके? तो उत्तर है, हाँ। एक जीव, जिसे हम आत्मा भी कहते हैं, इन ८४००००० योनियों में भटकती रहती है। अर्थात मृत्यु के पश्चात वो इन्ही
जरा सोचिए कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार हो और कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हेलिकाप्टर को भारत में घुसकर पाकिस्तानी लड़ाकू विमान मार गिराए।
भारतीय इतिहास में यह चमत्कार गुजरात के मुख्यमंत्री स्वर्गीय बलवंत राय मेहता के साथ हुआ.......
स्वर्गीय बलवंत राय मेहता अपनी पत्नी के साथ हेलीकॉप्टर में मीठापुर से कच्छ जा रहे थे उसी समय पाकिस्तान का एक फाइटर जेट भारतीय एयर स्पेस में घुसा और हेलीकॉप्टर पर हमले की मुद्रा में आ गया..
हेलीकॉप्टर के पायलट ने जब उसे अपने ऊपर मंडराते देखा तो हेलीकॉप्टर के पंखे हिला-हिला कर
और रेडियो पर मर्सी संदेश भेज भेजकर जीवन दान मांगा..
दरअसल हेलीकॉप्टर के डैने हिलाने में संकेत होता है कि मुझपर दया करो..
लेकिन पाकिस्तानी फाइटर पायलट ने सभी मर्सी संकेतो को दरकिनार करते गुजरात सीएम के हेलीकॉप्टर के परखच्चे उड़ा दिए.. इस हमले में मुख्यमंत्री बलवंत राय मेहता ,उनकी
(1) अधिकतर मुस्लिम खेती नहीं करते, पर कृषि उत्पादों की दलाली करते हैं!
(2) गाय नहीं पालते, पर गाय खाते हैं!
(3) गंदगी के अम्बार लगाते हैं, पर सफाई कर्मचारी नहीं बनते!
(4) चैरिटेबल चिकित्सालय नहीं खोलते, पर सरकारी अस्पताल इन्हीं की तीमारदारी
में लगे रहते हैं!
(5) फौज में भर्ती नहीं होते, पर फौजियों पर गोलीबारी और पत्थर बरसाते हैं!
(6) बातें ईमान की करते हैं, पर 98% अपराध यही करते हैं!
(7) राष्ट्र से सुविधा व सुरक्षा चाहते हैं, पर राष्ट्र को मानते नहीं हैं!
(8) बात बात पर फतवे जारी करते हैं, पर
कानून तोड़ने में सबसे आगे रहते हैं!
(9) भाई चारे की बात करते हैं, लेकिन सारे आतंकवादी इसी समुदाय से मिलते हैं!
(10) इस्लाम की तारीफ़ में बातें बड़ी-बड़ी करते हैं, और कहते है इस्लाम अमन और शांति का मजहब है,पर सारी दुनिया में इस्लाम दहशत और आतंकवाद ही फैलाता आया है,