एक बुढ़िया थी। रविवार के व्रत करती थी। उसका गोबर का नेम था। गोबर से चूल्हा लीप के तब रोटी बना के खाती थी। पड़ोसन के गऊ थी। उसके यहाँ से गोबर लाती थी।
एक दिन पड़ोसन ने गऊ अंदर बाँध ली। बुढ़िया का ना गोबर मिला, ना करा, ना खाया। भूखी (1/7)
रह गयी।
सपने में सूर्य नारायण दिखे बोले, 'बुढ़िया भूखी क्यों पड़ी है।' बुढ़िया बोली, 'देव मुझे गोबर का नेम है। चूल्हा गोबर से लीप के, रोटी बनाऊँ हूँ। ना गोबर मिला, ना लीपा, ना खाया।' सूर्य नारायण बोले, 'बाहर निकल के देख, तेरे गोरी-गाय, गोरा बछड़ा बंध रहे हैं।'
गाय ने (2/7)
एक लड़ी सोने की, एक गोबर की दी। पड़ोसन दे देख लिया। सोने की पड़ोसन ले गई, गोबर की बुढ़िया ले आई। लीप-पोत के खा ले। रोज ऐसे ही करे।
भगवान ने सोचा मैंने बुढ़िया को धन दिया। बुढ़िया को लेना ना आया। अब सूरज भगवान ने आँधी-मेघ बरसा दिया। बुढ़िया ने गऊ अंदर बाँध ली। तब बुढ़िया (3/7)
को पता चला सोने की लड़ी घर में रख ली। गोबर से चूल्हा लीप के रोटी बना ली, और खाली।
पड़ोसन को गुस्सा आया उसने राजा से शिकायत की कि बुढ़िया की गऊ तो सोना हगती है। ऐसी गऊ तो राजा-महाराजा के पास होनी चाहिए। राजा ने नौकर भेजकर गऊ मँगा ली। राजा बोला गलीचे बिछा दो गऊ सोना हगेगी। (4/7)
गऊ ने सारा घर गोबर से भर दिया।
राजा ने बुढ़िया को बुलाया। राजा बोला 'तेरे घर पर तो सोना हगती है, हमारा महल गोबर से भर दिया।' बुढ़िया बोली, 'महाराज मेरे गोबर का नेम है। गोबर से चूल्हा लीपकर खाना बनाकर खाती हूँ। एक दिन मुझे गोबर नहीं मिला, भूखी पड़ी रही, सो गई। सपने में (5/7)
सूर्य नारायण दिखे। उन्होंने कहा, बुढ़िया भूखी क्यों पड़ी है?' मैंने कहा, 'बेटा मेरे गोबर का नेम है, आज गोबर नहीं मिला।' उसने कहा, 'बाहर जाके देखो।' मैंने जाके देखा गऊ बछड़ा बँधे हैं। गाय एक सोने की करे, एक गोबर की। पड़ोसन सोने की ले जावे, गोबर की मैं ले जाती। एक दिन आँधी- (6/7)
मेघ बरसा, मैंने गऊ अंदर बाँध ली जब देखा एक सोने की लड़ी, एक गोबर की पोथी। पड़ोसन को उस दिन सोना नहीं मिला तो आपसे चुगली कर दी। मुझे तो सूर्य नारायण ने दी थी।'
राजा ने बुढ़िया को गऊ भी दी और धन दिया। पड़ोसन को दंड दिया। जैसे बुढ़िया ने पाई वैसे सब कोई पावें।
भारत भूमि पर नारी इतनी शक्तिशाली थी कि स्वयं भगवान सूर्य भी उसकी अनदेखी नहीं कर सकते थे। जिसके आगे किसी का तेज फीका पड़ जाए उस सूर्य नारायण का तेज एक स्त्री के समक्ष मंद पड़ गया!
किसी नगर में कौशिक नामक एक क्रोधी और निष्ठुर ब्राह्मण रहता था। उसे (1/10)
कोढ़ की बीमारी थी। उसकी पत्नी शांडिली मां दुर्गा की बड़ी भक्त थी। वह बड़ी पतिव्रता थी और कोढ़ से सड़े-गले पति को सर्वश्रेष्ठ पुरूष और पूजनीय समझती थी!
एक रात वह अपने पति को कंधे पर लादकर कहीं लेकर जा रही थी। रास्ते में कहीं माण्डव्य मुनि को उसके पति के पैरों की ठोकर लग (2/10)
गई। ऋषि क्रोधित हुए और शाप दे दिया, मूर्ख, स्त्री तेरा पति सूर्योदय होते ही मर जाएगा!
ऋषि के शाप को सुनकर शांडिली बोली, महाराज, भूल से मेरे पति का पैर आपको लगा। जान बूझकर आपका अपमान नहीं किया। फिर भी आपने शाप दे दिया। मैं भी आपको शाप देती हूं कि जब तक मैं न कहूं तब तक (3/10)
पूर्णिमा के दिन गङ्गा स्नान और गङ्गा स्नान के बाद भगवान् सत्यनारायण की कथा का श्रवण करना, बहुत ही शुभफलदायक होता है।
"श्री सत्यनारायण भगवान की कथा"
"पहला अध्याय"
एक समय की बात है नैषिरण्य तीर्थ में शौनिकादि, अठ्ठासी हजार ऋषियों ने श्री सूतजी से पूछा, "हे प्रभु! इस (1/62)
कलियुग में वेद विद्या रहित मनुष्यों को प्रभु भक्ति किस प्रकार मिल सकती है? तथा उनका उद्धार कैसे होगा? हे मुनि श्रेष्ठ! कोई ऎसा तप बताइए जिससे थोड़े समय में ही पुण्य मिलें और मनवांछित फल भी मिल जाए। इस प्रकार की कथा सुनने की हम इच्छा रखते हैं।"
सर्व शास्त्रों के ज्ञाता (2/62)
सूत जी बोले, "हे वैष्णवों में पूज्य! आप सभी ने प्राणियों के हित की बात पूछी है इसलिए मैं एक ऐसे श्रेष्ठ व्रत को आप लोगों को बताऊँगा जिसे नारद जी ने लक्ष्मीनारायण जी से पूछा था और लक्ष्मीपति ने मुनिश्रेष्ठ नारद जी से कहा था। आप सब इसे ध्यान से सुनिए":-
मात्र 10 रुपए की फिटकरी आपके के लिए कितनी लकी साबित हो सकती है, यह बात आपने कभी नहीं सोची होगी। वास्तु शास्त्र में फिटकरी को बहुत ही शुभ और पवित्र माना गया है और आज हम आपको इससे जुड़े 15 वास्तु टिप्स बताएंगे, जिन्हें आजमाकर आप भी जीवन में सुख (1/5)
समृद्धि पा सकती हैं।
अगर आपके पास धन नहीं रुकता है, तो आप तिजोरी में एक फिटकरी का टुकड़ा लाल कपड़े में लपेटकर रखना चाहिए। इससे आपके खर्चे कम होंगे।
घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए आप काले कपड़े में फिटकरी का टुकड़ा बांधकर मुख्य द्वार पर लटका दीजिए।
परिवार में (2/5)
कलह का माहौल है, तो आपको रात में सोने से पूर्व एक ग्लास पानी में फिटकरी का टुकड़ा डाल कर उसे ढक कर रख देना चाहिए। सुबह उठ कर उस पानी को बहते जल में बहा देना चाहिए। ऐसा करने से परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम बढ़ता है।
अगर घर के किसी सदस्य की बहुत समय से तबियत खराब है, (3/5)
इस कथा को जो पढ़ेगा उसे 84 लाख योनियों से मुक्ति मिल जायेगी।
एक बार की बात है कि यशोदा मैया प्रभु श्री कृष्ण के उलाहनों से तंग आ गयीं और छड़ी लेकर श्री कृष्ण की ओर दौड़ीं। जब प्रभु ने अपनी मैया को क्रोध में देखा तो वह अपना बचाव करने के लिए भागने लगे। भागते- भागते श्री (1/13)
कृष्ण एक कुम्हार के पास पहुँचे । कुम्हार तो अपने मिट्टी के घड़े बनाने में व्यस्त था। लेकिन जैसे ही कुम्हार ने श्री कृष्ण को देखा तो वह बहुत प्रसन्न हुआ। कुम्हार जानता था कि श्री कृष्ण साक्षात् परमेश्वर हैं। तब प्रभु ने कुम्हार से कहा कि 'कुम्हारजी, आज मेरी मैया मुझ पर (2/13)
बहुत क्रोधित हैं। मैया छड़ी लेकर मेरे पीछे आ रही हैं। भैया, मुझे कहीं छुपा लो।' तब कुम्हार ने श्री कृष्ण को एक बड़े से मटके के नीचे छिपा दिया। कुछ ही क्षणों में मैया यशोदा भी वहाँ आ गयीं और कुम्हार से पूछने लगीं, 'क्यूँ रे, कुम्हार! तूने मेरे कन्हैया को कहीं देखा है, (3/13)
आज सभी मित्रों को गुरुपूर्णिमा अर्थात कार्तिक पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएँ...!
यह चित्र 1908 को लिया गया अमृतसर के हरमंदिर साहब का है... जिसे, अंग्रेज़ ईसाईयों व वामपंथियों ने गोल्डन टेंपल कहना शुरू किया...!
लेकिन, इस चित्र को देखकर आपके मन में एक स्वाभाविक सा प्रश्न (1/16)
यह उठेगा कि...
यहाँ... सिक्खों के तीर्थ हरमंदिर में हिन्दू साधु ध्यान कैसे कर रहे हैं??
तो... इसका जबाब सिक्खों के इतिहास में छुपा है... इसीलिए, चलिए... तनिक इतिहास के कुछ पन्ने पलटते हैं...
सिक्खों के आजतक 10 गुरु हुए हैं... जिनमें से...
सिक्खों के पहले गुरु गुरुनानक (2/16)
थे: 2- गुरु अंगददेव 3- गुरु अमरदास 4- गुरु रामदास 5- गुरु अर्जुनदेव 6- गुरु हरगोविंद 7- गुरु हरराय
8 - गुरु हरकिशन 9- गुरु तेगबहादुर 10- गुरु गोविंद सिंह
आपने गौर किया होगा कि सिक्खों के सभी गुरुओं के नाम में राम, अर्जुन, गोविंद (कृष्ण), हर (महादेव) आदि हैं।
अजीब बात ये है की कुछ लोगो के हिसाब से सूर्या, जो आड़े टेढ़े शॉट खेलता है, वो क्लास नही है, उनके हिसाब से 140 की रफ्तार से आ रही गेंद की डायरेक्शन को कोई भी बल्लेबाज घुटने पर बैठकर मोड़ सकता है। सूर्या ऐसा क्रिकेटर नही है जो आते ही छा गया, उसकी सबसे बड़ी खासियत ये है की जो (1/19)
उसे पसंद करता है वो उसे पसंद करने की वजह लगातार देता रहता है। सूर्या की पर्फोमेंस वक्त के साथ कभी नीचे नही गई और वो दिन ब दिन खुद को साबित कर रहा है। वो ऐसा खिलाड़ी है जो फिजिकली और मेंटली बहुत मजबूत है, जो सामने वाली टीम के कप्तान की मुश्किल बढ़ा देता है, उन्हे अपने (2/19)
प्लान से हटने को मजबूर कर देता है, एक चलते हुए मैच का पूर माहौल सूर्य सिर्फ दो शॉट खेलकर बदल देता है। और ये सारी काबिलियत उसे जन्मजात नही मिली थी, उसने मेहनत की है, खुद को इस काबिल बनाया है कि उस यकीन है की वो पड़ने वाली गेंद को कही भी खेल सकता है।