ये तस्वीर ही वो मन्तक़ या लॉजिक है जो आपके दिमाग़ में सेट किया जा चुका है..गांधी से के कर राहुल गांधी तक, सब आपको एक जैसे लगते है..और रेपिस्ट आपको "हिन्दू हृदय सम्राट" लगते है..
ये हिन्दूओ के उस हिस्से को ख़त्म करने की "सिस्टेमेटिक साज़िश" है जो "गांधी नेहरू का हिंदुस्तान" चाहते है..ख़ातिन के मायने बदल कर उसे Convenience के लिए एक "सेक्स ऑब्जेक्ट" बना दिया और मर्दों को "सेक्स एनिमल" बनाया गया..
गांधी, नेहरू, गांधी परिवार के मर्दों के लिए दुनियाभर की ख़ातिन में एक अजीब ओ ग़रीब दीवानगी देखी गई है..ये लोग हुकूमत पर काबिज़ हो या ना हो, ख़ातिन इन्हें अपना मसीहा मानती रही और इनके साये में ख़ुद को महफ़ूज़ महसूस करती रही..
जब ऐसी तस्वीरें आती है तब हम ये नही देखते की ये ख़ातिन ख़ुद ब ख़ुद आती है.राहुल गांधी इन ख़ातिन को अपने लगते हैये कोई भाड़े की भीड़ नहीं हैखुले में अवाम के सामने ये नज़ारे होते हैअगर गांधी से गांधी परिवार तक के मर्द ग़लत होते तो ये सिलसिला आज भी कैसे चल रहा होता? जस्ट कॉमन सेंस!
IT सेल ने ये लॉजिक केवल इसलिए बनाया है ताके जब "रेप के हथियार का इस्ते'अमाल" हो तब आपके दिमाग़ में ऐसी तस्वीरें कौंध जाए और आपका दिमाग़ रेप को "जस्टिफाई" कर दे..
✋ भारत इस वक़्त "रेप सोसाइटी" बन रहा है..अब अख़बारों में रेप पर न्यूज़ तक नही होती..अगर रेप का कोई मु'आमला सामने आता भी है तो उसे मज़हब और इन तस्वीरों से ख़त्म कर दिया जाता है..याद रखिए : ऐसी तस्वीरें मुल्क की हर बेटी के "रेप का फ़रमान" है.. #krishiyer
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बाल सुलभ राजा का मन....
सबके सब लोकतंत्र की छाती पर पाँव रखे संविधान का बाजा बजा रहे उधर राजा पर्यटन पर है। अभी तक 66 देशों का पर्यटन कर चुका है, इनमें से कई में अनेक अनेक बार की गयी यात्राओं का जोड़ शामिल नहीं है। इन दिनों वह धुंआधार देशाटन पर है। प्रमुदित, उत्फुल्लित,
आल्हादित, बालसुलभ उत्साह से उत्साहित होकर दिन में 7 बार परिधान बदल रहा है। राजतंत्र के जमाने के राजा एक ही मुद्रा में बैठकर तैलचित्र बनवाते थे, मरे हुए शेर के ऊपर पाँव रखकर फोटो उतरवाते थे। उन्हें की नक़ल करने की कोशिश में वह नारद स्वयंवर काण्ड दोहरा रहा है।
कभी हाथ फैला कर अभिराम मुद्रा में पोज दे रहा है, कभी युवा उत्साही पर्यटकों की तरह सूरज को हथेली में लेकर तो कभी ऊंचे पर्वतीय शिखर पर हाथ रखकर फोटो सेशन कर रहा है। उसके अलावा फोटो फ्रेम में कोई और न आये इसके लिए बच्चों की तरह बिफर रहा है,
परीक्षा में गब्बरसिंह का चरित्र के बारे में लिखने के लिए कहा गया
दसवीं के एक छात्र ने लिखा-😉 1. सादगी भरा जीवन-:- शहर की भीड़ से दूर जंगल में रहते थे,
एक ही कपड़े में कई दिन गुजारा करते थे,
खैनी के बड़े शौकीन थे.😊
2. अनुशासनप्रिय-:- कालिया और उसके साथी को प्रोजेक्ट ठीक से न करने पर सीधा गोली मार दिये थे.😁
3.दयालु प्रकृति-:- ठाकुर को कब्जे में लेने के बाद ठाकुर के सिर्फ हाथ काटकर छोड़ दिया था, चाहते तो गला भी काट सकते थे😛
4. नृत्य संगीत प्रेमी-;- उनके मुख्यालय में नृत्य संगीत के कार्यक्रम चलते रहते थे..
'महबूबा महबूबा',
'जब तक है जां जाने जहां'.
बसंती को देखते ही परख गये थे कि कुशल नृत्यांगना है.😊
*Q*:- _*कैशलेस ट्रांजैक्शन में क्या खराबी है*_..?
*A*:- _सर सोचिए कि 100 रुपए का नोट 1,00,000 बार सर्कुलेट किया जाता है, इसका मूल्य समान होगा, किसी को कोई कमीशन नहीं मिलता_।
लेकिन अगर इसे कैशलेस लेनदेन के माध्यम से परिचालित किया जाता है, तो प्रत्येक लेनदेन
पर *2.5%* कमीशन मिलता है, यानी 1,00,000 गुना 2.5% = 2500% यानी रु। पेटीएम या जियो मनी आदि जैसे सेवा प्रदाताओं को 2,50,000 (दो लाख पचास हजार रुपये)। *सिर्फ सौ रुपये में*_।
_तो, *यह हमेशा के लिए सोने का अंडा देने वाली हंस है जो गिरोह को उपहार में दी गई है*_।
_इसलिए ये है *सभी घोटालों की जननी* अति महत्वपूर्ण आँकड़े कृपया पढ़ें और समझें, इसमें कोई राजनीति नहीं_।
*क्या आप जानते हैं*...
1) _डेबिट कार्ड प्रत्येक लेनदेन के लिए खुदरा विक्रेता या धन प्राप्तकर्ता से 0.5% से 1% के बीच शुल्क लेते हैं_।
वह सिर्फ एक व्यक्ति भर था जो कह गया—
'समरथ को नहिं दोष गुसाईं' लेकिन यहां तो हमने इस अनर्थ को संस्थागत रूप से स्वीकार कर लिया है।
क्या अंकिता भंडारी मामले के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य का बाप पिछले डेढ़ महीने से छिपाकर रखा गया है तो इसीलिए कि वह सत्ताधारियों का इतना करीबी है कि उसे
राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया, उसके एक बेटे को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का उपाध्यक्ष बनाकर उपकृत किया गया।
वह कथित वीवीआइपी कौन था जिसे स्पेशल सर्विस देने का दबाव अंकिता पर डाला जा रहा था और न मानने पर उसकी हत्या कर दी गई?
पुलकित के पिता और उस वीवीआइपी को भुलाने की कोशिश की जा रही है तो क्यों?
भाजपा राज में महिलाएं असुरक्षित; और हत्यारों व बलात्कारियों की मौज
देश की राजधानी दिल्ली के नजफगढ़ में 9 फरवरी, 2012 को किरण नेगी के सामूहिक बलात्कार के बाद हरियाणा में की गई नृशंस हत्या में लिप्त तीनों आरोपियों को द्वारका सेशन कोर्ट द्वारा सुनाये गये फांसी के फैसले और फिर
उसे दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा बरकरार रखने वाले फैसले को पलटते हुए 7 नवंबर को उच्चतम न्यायालय ने बरी कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने किरण नेगी के माता-पिता और पूरे उत्तराखंडी समाज को भीतर से बुरी तरह झकजोर दिया है।
किरण नेगी अपने परिवार का खर्च चलाने वाली एकमात्र सदस्य थी। उसे 9 फरवरी, 2012 को दिल्ली में क़ुतुब विहार, नजफगढ़ से तीन युवक अपनी गाड़ी में अपहृत कर हरियाणा ले गये। वहां ले जाकर उसका न सर्फ बेदर्दी से सामूहिक बलात्कार किया बल्कि उसके शरीर में 21 गंभीर घाव करने के अलावा
भ्रष्टाचार
यमराज दिन भर की व्यस्तता से थोड़ा खाली होकर टी.वी.देख रहे थे. लम्बे विज्ञापन के बाद समाचार शुरू हुए.मगर ठीक उसी समय अचानक बिजली चली गयी जब न्यूज़ एंकर कह ही रहा था कि, 'बेटे की संपत्ति कई हज़ार गुना बढ़ी. 'यमलोक के फोन घनघना उठे.
यमदूतों के फोन पर फोन आने लगे. यमराज ने कहा हम यमलोक में भ्रष्टाचार कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे.इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा. उन्होंने यमदूतों की एक आपात बैठक बुलाई. बैठक में यह तय किया गया कि सबसे पहले यमराज ट्वीट कर दें कि यमलोक में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
इसके बाद चित्रगुप्त और दूसरे वरिष्ठ यमदूत प्रेस कांफ्रेंस कर लेंगे. तमाम यमदूत जिला मुख्यालयों पर उस भ्रष्टाचारी बेटे का पुतला दहन करेंगे. उसके बाप का इस्तीफा भी माँगा जाएगा. सी.डी.तैयार कर उसका प्रसारण भी चुनावों में होगा. आनन-फानन में जांच के आदेश भी दे दिये गए