शेर से भी कहीं खतरनाक होता है भेड़िया शेर नहीं बन सकते तो भेड़िया बनें-
केवल भेड़िया ही ऐसा जानवर है जिसे अब तक पट्टा नहीं पहनाया गया है!
आप अगर भेड़ियों के नवजात बच्चे को उठा लाएंगे तो 24 घण्टे के अंदर भेड़ियों का पूरा समूह आपके घर,
मोहल्ले को पूरी तरह तहस नहस कर देगा।
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वह आपको पानी से भी ढुंढ निकालेंगे
भेड़ियों का एक ही नेता होता है और किसी भी दशा में वही हमेशा लीड करता है
बाकी हर दशा में उसके निर्देश का पालन करते हैं
भेड़ियों में कभी भी मादा भेड़िया के लिए झगड़ा नही होता!
किसी भेड़िया के बुजुर्ग हो जाने पर उसके बच्चे उनके लिए शिकार करते
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हैं |
और भोजन ले आते हैं
बच्चे भोजन तब तक ग्रहण नहीं करते जब तक बुजुर्ग भेड़िया न ग्रहण कर लें।
भेड़ियों के सूंघने की क्षमता लगभग 14km तक होती है
इसलिये वे अपने विरुद्ध उठ रहे किसी भी षडयंत्र को पहले ही भांप लेते हैं
कौन सा जानवर उनके कितने नजदीक पहुंच चुका है |
शेर इनका
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शिकार करने की सोच भी नहीं सकता ।
अपने इलाके में
यदि
आप
में से हर कोई 14 किलोमीटर तो नहीं सम्भाल सकते
वो
तो
छोड़ो
अपने घर के दो 2 किलोमीटर तक भी अपने इलाके को सुरक्षित रखने के लिए कार्य करेंगे
तभी
आप अपने,परिवार,समाज, सनातनी संस्कृति को सुरक्षित रख सकेंगे सोचें जरूर
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भेड़िया अपना समूह की रक्षा करना, दुश्मन को कड़ा सबक सिखाना,
और
अपने लोग भलीभांति पहचानते हैं !
क्योंकि उनके बीच इंसानो कि तरह कोई #सेक्युलर जीव नहीं होता है।
न
ही कोई उनमें नास्तिक प्रजाति होती है ।।
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गोविंदा एक मोटरसायकिल का विज्ञापन किया करते थे।
राजदूत मोटरसाइकिल का...
उसे दूधियों की मोटरसाइकिल कहा जाता था।
गांव से दूध लाकर शहर में घर घर बांटना एक बढ़िया काम था।
दूधिया लोग थोड़ा पानी मिलाते थे पर वो चलता था।
फिर सिंथेटिक दूध जैसी हरकतें होने लगीं। 1/5
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धीरे धीरे लोगों ने दूधियों से तौबा की और पैकेट वाले दूध पर शिफ्ट हो गए। छोटे शहरों को छोड़कर आज कितने दूधिया दिखते हैं घरों में दूध देते हुए ?
मेरे बचपन में एक और कुटीर उद्योग हुआ करता था... मसालों का।
थोक में साबुत धनिया/ हल्दी/ मिर्च खरीदा... किसी चक्की पर पिसवाया ...
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घर लाकर पैकेट में भरा ... दुकानों पर सप्लाई कर दिया।
शानदार स्वरोजगार था।
फिर लोगों ने उसमें मिलावट करनी शुरू की।
देखते ही देखते पूरा कारोबार ब्रांडेड मसाला कंपनियों के पास चला गया
ऐसे ही सरकारी विद्यालयों के शिक्षक/ शिक्षिकाये अपने मेहनती स्वाभाव के कारण पूरे समाज में
अगर विवाह शब्द को देखे तो विवाह = वि+वाह मतलब विशेष रूप से इस उतरदायित्व का वहन करना होता हैं.
पाणिग्रहण समाहरो को ही विवाह भी
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कहा जाता हैं.
वर द्वारा नियम और वचन स्वीकृति के बाद कन्या अपना हाथ वर को देती हैं और वर अपना हाथ कन्या को सौपता हैं.
अभी के इस ज़माने में इसे कन्या दान कहा जाता हैं जो कि गलत हैं.
दूसरे धर्मो में विवाह पति और पत्नी के बीच एक तरह का होने वाला एक समझौता होता हैं जिसे किसी
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विशेष परिस्थित में तोड़ा भी जा सकता हैं.
लेकिन हिन्दू धर्म में किया जाने वाला विवाह भली-भांति सोच समझ किया गया एक संस्कार हैं.
यह वर और वधु के साथ सभी पक्षों की सहमती को साथ लेकर किया जाने वाला संस्कार हैं.
हिन्दू विवाह में शारिरिक संबंधो से ज्यादा आत्मिक संबंधों को महत्व
हंसिये दिल खोल कर 😂🤣😅😀एक स्कूल में शिक्षा विभाग से निरीक्षण के लिए अधिकारी आया।
वह एक हिंदी कक्षा में गया और अध्यापिका से पूछने लगा “अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना” इस मुहावरे का वाक्य प्रयोग करके बताओ।
कुछ सोचकर अध्यापिका बड़े आत्मविश्वास से बोली- “मैंने अपनी बेटी को
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दसवीं कक्षा में मोबाइल दिला कर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली।“
निरीक्षक बोला “यह तो जानबूझ कर कुएं में कूदने जैसी बात हुई, पैरों पर कुल्हाड़ी मारने वाली नहीं। कोई और वाक्य प्रयोग बताओ।” 😅
अध्यापिका कुछ क्षण सोचते हुए, “रमेश ने अपनी पत्नी को अपना क्रेडिट कार्ड देकर अपने
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पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली।”
निरीक्षक फिर बोला- “इसे तो ‘मजबूरी का नाम महात्मा गांधी’ कहेंगे । बीवी को क्रेडिट कार्ड देना पति की न टाली जा सकने वाली मजबूरी होती है, कोई सटीक वाक्य प्रयोग बताओ।” 😀
बहुत सोच विचार कर अध्यापिका को अपने पति की कहीं एक बात याद आई वह बोली- “कल ही
मौलवी खुद दस बच्चे पैदा करता है
और
सभी शांतिदूतों को यही शिक्षा देता है।
दूसरी तरफ,
हिंदू धर्मगुरु,खुद भी ब्रह्मचारी रहते हैं
और
सभी हिंदू पुरुषों को ब्रह्मचारी बनने का संदेश देते हैं
कृपा यहीं अटकी हुई है
हिंदू का सारा जीवन दान दक्षिणा, भंडारा, रक्तदान, पेड़ लगाओ, सभ्य बनो
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अनाथालय चलाओ, अस्पताल चलाओ, योग शिविर, ध्यान शिविर, मुफ्त शिविर लगाओ में जाता है
इसके विपरित, शांतिदूत कभी दान दक्षिणा में विश्वास नहीं करता
वो सिर्फ जकात देता है,
जिसका इस्तेमाल इस्लाम को बढ़ाने में होता है।
बाकी सभी लोगों से वो पैसा छीनता है।
शांतिदूत सारी मुफ्त सुविधाओं
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का लाभ लेता है,
अस्पतालों में भीड़ देखो, बैंकों में योजनाओं का लाभ लेने वालों की भीड़ देखो,
आपको सच पता चल जायेगा।
शांतिदूत हर पल भारत पर कब्जा करने की तैयारी में लगा हुआ है,
और हिंदू दान दक्षिणा से ऊपर ही नही उठ पा रहा है।
जब तक हिंदू की नींद खुलेगी,
*"भैया, परसों नये मकान पे हवन है। छुट्टी (इतवार) का दिन है। आप सभी को आना है, मैं गाड़ी भेज दूँगा।" छोटे भाई लक्ष्मण ने बड़े भाई भरत से मोबाईल पर बात करते हुए कहा।*
*"क्या छोटे, किराये के किसी दूसरे मकान में शिफ्ट हो रहे हो?"*
*नहीं भैया,
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ये अपना मकान है, किराये का नहीं।*
*अपना मकान", भरपूर आश्चर्य के साथ भरत के मुँह से निकला। "छोटे तूने बताया भी नहीं कि तूने अपना मकान ले लिया है।*
*"बस भैया", कहते हुए लक्ष्मण ने फोन काट दिया।*
*"अपना मकान", " बस भैया " ये शब्द भरत के दिमाग़ में हथौड़े की तरह
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बज रहे थे।*
*भरत और लक्ष्मण दो सगे भाई और उन दोनों में उम्र का अंतर था करीब पन्द्रह साल।*
*लक्ष्मण जब करीब सात साल का था तभी उनके माँ-बाप की एक दुर्घटना में मौत हो गयी।
अब लक्ष्मण के पालन-पोषण की सारी जिम्मेदारी भरत पर थी। इस चक्कर में उसने जल्द ही शादी कर ली
करते रहती है और लाइक , comment के लिए मरती है जबकि मुस्लिम लड़कियां अपने मौलाना या मजहब से जुड़ी बातें fb पर डालेगी
4. हिन्दू लड़कियों से धर्म की बात करो तो नाक मुँह सिकोड़ेगी और फिल्म ,tv serial की बात करो तो खुशी से उछल पड़ेगी ।
5 .टाइट जींस , छोटे कपड़े
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पहन कर सब जगह जाना , शादी से पहले कई लड़कों से चक्कर चलाना , लिव इन में रहना , परिवार से विद्रोह कर शादी करना और फिर लव जिहाद में फंसना
6.इतना सब करवाने के बाद भी खुद को पीड़िता , मासूम कहलाना , देवी princess , doll ,queen कहलवाना इतनी बेशर्मी करने के बाद
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ये उम्मीद करना कि हर कोई उसकी इज्जत करे।
वैसे भी फेमिनिज्म का मतलब ही है respect me just because i am woman.
7 . शादी के बाद झगड़ा करना , परिवार तोड़ना , पति को उसके बाप भाई से अलग करना, सिंगल फैमिली में रहना , अपने बच्चे को दादा से अलग करना और इतना सब करने के बाद