मैं चौकीदार हूँ ... क्या यह जनता का मुद्दा है❓
मैं चाय वाला हूँ
मैं फकीर हूँ
मैं गरीब हूँ मेरे पास तो कार भी नहीं
मैं कामदार आदमी हूँ
वो मुझे काम नहीं करने देते
▪️वो मोदी को हराना चाहते हैं
▪️स से सपा रा रालोद
1
ब से बसपा:यानी सराब
उनका गठबंधन मिलावटी है
*#नेहरू* ने अगर ऐसा किया होता,नेहरू ने अगर ऐसा ना किया होता...
कांग्रेस की विधवा माँ...
कांग्रेस खत्म हो गई तो गरीबी भी खत्म
▪️मेरे विरोधी रो रहे हैं
▪️यह मोदी है,बारी-बारी सब का हिसाब लेगा
👉🏿 न रोजगार की बात
👉🏿न काले धन की बात
👉🏿न फसलों के दाम की बात दो
👉🏿न अच्छी शिक्षा की बात
👉🏿 न अच्छे स्कूल कॉलेज यूनिवर्सिटी अस्पतालों की बात
🤔 जरा समझिए आम जनता के मुद्दों से हटाकर आपको किन बातों में उलझाने की सोची-समझी साज़िश हो रही है
अरस्तू कहते हैं : 👇🏿
अगर ज्ञानियों की
3
संख्या कम मूर्खों की संख्या ज्यादा होगी तो मूर्ख लोग ज्ञानी पर शासन करने लगेंगे!
मानें या न मानें,लेकिन भारतहै तो मूर्खों का,महामूर्खों का ही देश।आपको यह बात भले ही अटपटी लगे लेकिन अकाट्य तथ्य तो यही साबित करते हैं कि भारत बाक़ायदा एक मूर्ख-प्रधान देश है!
👉🏿भारत यदि मूर्खों का
4
देश न होता तो130करोड़ लोगों वाले इस देश में कैसे एक आदमी लाखों का सूट-बूट पहनकर कहता है कि मैं ग़रीब हूँ और जनता उसे ग़रीब मान भी लेती है?
👉🏿भारत यदि मूर्खों का देश न होता तोCBI ED,IT,NIAजैसी एजेंसियाँ और SC,EC, CAGजैसी संवैधानिक संस्थाएँ जिस एक आदमी की कठपुतली हैं,आदमी कहता है🤔
कि मुझे सताया जा रहा है और लोग मान भी लेते हैं!
👉🏿भारत यदि मूर्खों का देश न होता तो जिसके पास संसद में भारी बहुमत हो,जिसकी पार्टी22 राज्यों में सत्ता में हो, वह कहता है कि विपक्ष उसे संसद में काम नहीं करने दे रहा और लोग मान भी लेते हैं!
👉🏿भारत यदि मूर्खों का देश न होता तो जो
6
भ्रष्टाचार में जेल काट चुके लोगों को टिकट देकर भी कहता है कि मैं भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ रहा हूँ,लोग उसे भी सही मान लेते हैं !
👉🏿भारत यदि मूर्खों का देश न होता तो जिसके शासन में सबसे ज़्यादा भारतीय सैनिक शहीद हुए वह कहता है कि दुश्मन उससे काँप रहा है और लोग मान भी लेते हैं !
7
👉🏿 भारत यदि मूर्खों का देश न होता तो जिसके राज में सबसे ज़्यादा किसानों ने आत्महत्या की हो फिर भी वह कहता फिरे कि उसने किसानों को ख़ुशहाल बनाया है और लोग मान भी लेते हैं !
👉🏿भारत यदि मूर्खों का देश न होता तो जिसके राज में बलात्कार की वारदातें रोज़ाना नये कीर्तिमान बन रही हों,
8
फिर भी वो कहता है कि उसका‘बेटी बचाओ’ अभियान सफल है और हम मान भी लेते हैं!
👉🏿कालाबाजारी को खत्म करने का दावा करके नोटबंदी करने वाला छोटी-बड़ी लाखों भारतीय कंपनियां बंद करा कर ढाई करोड़ भारतीयोंको बेरोजगार करके कहता है कि नोटबंदी सफल रही और लोग मान भी लेतेहैं!
👉🏿देश का प्रधानमंत्री
कोरोना वायरस जैसी आपदा में सरकार की तरफ से की गई व्यवस्था के बारे में जानकारी देने की बजाय लोगों से ताली और थाली बजाने की अपील करता है और लोग अपनी छतों, बालकनी और गलियों में जुलूस लेकर निकल जाते हैं !
👉🏿 भारत मूर्खो का देश है,जहाँ सरकार लोगों के पीने के पानी पर नहीं,शाही स्नान
10
के नाम पर करोड़ों का खर्च करती है !
⛱️ मूर्खों को धर्म, जाति, गोत्र, खाप, आस्था, फर्जी राष्ट्रवाद, जाति आधारित नफरत जैसे तोहफ़े हमेशा से बेहद पसन्द आते रहे हैं। शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य-सेवा आदि जैसी बुनियादी जरूरत मूर्खों को नहीं दिखाई देती ! 🙄
11
👉 @parmodpahwaInd ✍️
आधुनिक काल की बात है।राजा सावरकर ने, एक संघी बन्दर को पाल पोसकर बड़ा किया था।उसे वह मित्र मानता था।वह बन्दर भी राजा की बहुत सेवा करता था।
राजा सावरकर अपने जमाने मे एक बहुत बड़ा माफीवीर था।
पर अब यह बात भुला दी गई थी। उसके नाम पर डाकटिकट
1
वगैरह जारी हो गए थे। पिक्चर-विक्चर भी बन गई थी, और एयरपोर्ट भी उसके नाम पर बने थे। इसलिए अब वह सुख से, चिरनिद्रा में सो रहा था।
और बन्दर उसे पंखा कर रहा था।
इतने में एक चुनावी मक्खी उड़कर बंदर के मुँह पर इधर-उधर बैठने लगी। बन्दर उसे उड़ाने का यत्न करने लगा पर वह मक्खी इतनी
2
ढीठ थी कि वह मान ही नहीं रही थी।
बंदर उसे चिल्ला चिल्लाकर गालियां देने लगा। मक्खी भी,मजे लेने के लिए राजा सावरकर की नाक पर बैठ गई।
~~~
मक्खी की इस ढिठाई पर बन्दर को क्रोध आ गया।आखिर राजा की नाक पर मक्खी का बैठना बर्दाश्त कैसे करता।उसने तलवार निकाली और मक्खी पर चला दी। मक्खी तो
3
लेकिन साल में एक बार छपने वाला विशेषांक अपने कवर पेज पर बहुत कुछ इशारे कर जाता है और डिकोड करनेका काम छोड़ जाता है
पोस्ट को सेवकरे जिससे सनद रहे और वक़्त ज़रूरत काम आवे
इसके अनुसार अगले वर्ष केंद्रीय शक्ति पुतिन और शी जिंगपिंग रहने वालेहै,यूक्रेन
विवाद अभी चलेगा लेकिन वर्ष के मध्य से पहले सुलझा लिया जाएगा.
यूरोप की आर्थिक परिस्थितियाँ और ऊर्जा संकट वहाँ के लिए भयावह होगा, सबके बीच ग्रेट ब्रिटेन को कोई स्थान न मिलना भी हैरानी की बात है
जैसी कि उम्मीद है कि अमेरिका कठिनाइयों में फँस सकता है वैसा होने की आशा नहीं है लेकिन
कमज़ोर अवश्य होगा और शायद उसकी कमजोरी का लाभ उठा कर चीन ताइवान का मसला ख़त्म कर दे
चीन और भारत के सम्बंध में पर्दे के पीछे चीन द्वारा कुछ और क्षेत्र क़ब्ज़ाये जाने के संकेत एवम् सरेंडर के साथ ना कोई घुसा है, ना घुस आया है का कलंकित अध्याय दोहराया जा सकता है.
पुनीत शर्मा✍️
👇
तुम्हारी अर्थियां उठें मगर ये ध्यान में रहे कि
मेरे लिये जो है सजी
वो सेज ना खराब हो
ये बादशा का हुक्म है
और एक हुक्म ये भी है
भले कोई भी मरे
मेरी इमेज ना खराब हो
सुनो मेरे मंत्रियों
सफेदपोश संत्रियो
जहां मिले जमीन खाली
रोप दो कपास को
कपास मिल में डाल कर
1
रोप दो कपास को
कपास मिल में डाल कर
बुनो सफेद चादरें
गली गली में जाकर फिर
ढको हरेक लाश को
सवाल जो करे उसे
नरक में तब तलक रखो
कहे न जब तलक मुझे
कि आप लाजबाव हो
ये बादशा का हुक्म है
और एक हुक्म ये भी है
भले कोई मरे
मेरी इमेज ना खराब हो
खरीदो ड्रोन कैमरे
खिंचाओ मेरी फोटुयें
2
दिखाओ उसको न्यूज पे
करो मेरा प्रचार फुल
कहीं दिखे जो दाग
तो जबान से ही पौंछ दो
मगर ये ध्यान में रहे
जबान पे हो लार फुल
निकाल हर किसी की रीढ़
भीड़ वो बनाओ तुम
वो जुल्म पे, हिसाब पर
कभी न इंकलाब हो
ये बादशा का हुक्म है
और एक हुक्म ये भी है
भले कोई मरे
मेरी इमेज इमेज ना खराब हो
3
यह तथ्य और सच सार्वजनिक है कि देश की महानतम प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या उनके सिख बाडी गार्डों ने की थी मगर देश तो छोड़िए कभी गांधी परिवार ने भी इस हत्याकांड के लिए पूरे सिख समुदाय और उनकी धार्मिक किताबों को इसका जिम्मेदार नहीं ठहराया।
ना तो राजीव गांधी ,
1
ना सोनिया गांधी और ना ही राहुल गांधी और प्रियंका गांधी,यहां तक कि राहुल गांधी सिख परिधानों के साथ अक्सर दिखाई देते रहते हैं और स्वर्ण मंदिर समेत तमाम गुरुद्वारों में मत्था टेकते रहें हैं
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या भी इस देशके बहुसंख्यकों ने ही की थी,मगर सोनिया गांधी
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने कभी भी पूरे तमिल समुदाय पर राजीव गांधी की हत्या करने का आरोप नहीं लगाया
बल्कि अपने पति के हत्यारों को तो सोनिया गांधी ने क्षमा करके उनकी रिहाई की बात की और प्रियंका गांधी ने जेल में जाकर अपने पिता राजीव गांधी के सजायाफ्ता हत्यारों नलिनी इत्यादि
3
आज रात आठ बजे धन संहार उत्सव की वर्षगाँठ और सड़क पार के दो नेताओं के चित्र संलग्न है यद्यपि दोनों का फ़िलहाल कोई सम्बंध नही है क्योंकि छह साल पहले भुग्त पिता द्वारा ताली क्यों बजी और आज इन दोनों के वीडियो क्यों लीक हुए ?
कारण कोई नहीं जानता!
उधर इमरान के सहयोगी राज्यसभा सांसद
1
और प्रमुख आर्थिक सहायक आज़म स्वाती की उनकी पत्नी के साथ राजकीय अतिथिगृह में रुकने की वीडियो उनकी बेटी को ही भेज दी गई और कुछ और सीडी भी होने का संदेश दे दिया गया.
आज इमरान की विरोधी पार्टी नून लीग के नेता और मोहतरमा मरियम नवाज़ के सहयोगी परवेज़ रशीद की वीडियो भी मंज़र आम पर आ गई
काफ़ी समय पहले हमने दो संगठनों के संबंध में बताया था कि विश ( विष नहीं ) कन्याये और कैमरे उनके मुख्य हथियार है इसलिए हम बेल्ट मजबूती से बांधते है और पतलून पहनना पसंद करते है न कि सलेक्स या पाजामा.
वैसे ये तरीक़ा अच्छा और सस्ता है, फ़ोटो - वीडियो का डर दिखाओ फिर चाहे जो निर्णय
3
मुस्लिम घृणा में विश्वगुरु ने अपना मूल चरित्र ही खो दियाहै,जिसे बुद्ध,गांधी,अंबेडकर,विवेकानंद और नेहरू पटेल ने बनाया था।
धीरे धीरे पूरादेश गुजरात बनता जा रहाहै जहां मुस्लिम घृणामें सरकारी राशन पर जीवित 80%लोगों में सत्य,न्याय और उचित अनुचित का अर्थही खो चुका है।
मोरबी नया उदाहरण है कि चुनाव जीतना और जिताना ही सबसे महत्वपूर्ण है चाहे इसके लिए कुछ भी करना पड़े।
मोरबी पुल हादसे का सबसे बड़ा ज़िम्मेदार ओरेवा कंपनी के मालिक जयसुख पटेल हैं, जिन्होंने मीडिया में आकर पुल को 5महीने पहले ही शुरू करने की घोषणा कर दी थी।
मगर मोरबी पुल हादसे में
2
गिरफ्तार हुए गरीब,जो कुछ भी अपनी मर्ज़ीसे नहीं करते बल्कि ऊपरी आदेश से ही नौकरी करते हैं।
दरअसल जयसुख पटेल पर कोई कार्रवाई सरकार कर भी नहीं सकती क्योंकि वह पटेल समुदायके सबसे अधिक प्रभावी और सशक्त व्यक्ति हैं जो पटेल समुदायकी तमाम कमेटियों के प्रमुख हैं।