क्या आप क़तर फुटबॉल वर्ल्डकप का आगाज़ करने वाले "गानीम अल-मिफ्ता" को जानते है?
गानीम 5 मई 2002 को कतर में पैदा हुए बचपन ही में वह एक ऐसी बीमारी का शिकार थे जिसमें रीढ़ की हड्डी नही बढ़ सकती थी।
⅕ #FIFAWorldCup #QatarWorldCup2022
तालीम हासिल करने के लिए इनकी वालेदा ने इन्हें स्कूल में दाखिल करवाना चाहा तो बहुत से स्कूलों ने इंकार कर दिया थक हार कर जिस आखिरी स्कूल में दाखिला लेने में कामयाब हुए। वहां गानीम के हैंडीकैप होने की वजह से बच्चे उनके साथ खेलने से कतराते थे।
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अब गानीम कतर के मारुफ मोटिवेशनल स्पीकर है और एक आइसक्रीम कंपनी के मालिक भी है साथ ही गानीम एक जाने माने गोता खोर भी है और आज क़तर वर्ल्ड कप का उद्धघाटन करने जा रहे हैं जिसे दुनिया के 500 बड़े चैनलो पर दिखाया जाएगा। ⅗
और तारीख में पहली बार नाच गाने की बजाये कुरानी आयत की तिलावत से वर्ल्ड कप का आगाज़ होगा।⅘
इस वक्त जब LGBT की सरगर्मियो पर क़तर में पाबंदी लगी है तो मग़रिबी अय्याश परस्त लोग इंसानी हुक़ूक़ की बात कर रहे है तो वही क़तर ने इस हैंडीकैप "कारी गानीम" के हाथों वर्ल्ड कप का आगाज़ कर सारे हैंडीकैप हज़रात का हौसला बुलंद कर दिया है-
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अमीर ए क़तर द्वारा फीफा वर्ल्डकप में दुनिया भर से सैकड़ों उलमा ए इकराम और स्कॉलर्स बुलाए गए हैं जो की मुख्तलिफ ज़ूबानो में दींन की तब्लीग का फ़रीज़ा आसर अंजाम देंगे। दो हज़ार मुकामी उलमा ए इकराम भी वर्ल्डकप की ड्यूटी करेंगे। 1/4 #FIFAWorldCup #QatarWorldCup2022
मुल्क भर की मसाजिद के मौजूदा मौज़्ज़िन तब्दील करके दिलकश आवाज़ो वाले मौज़्ज़िन तय कर दिये गए है। तमाम मसाजिद को इस्लामी म्यूज़ियम के तौर पर पेश किया जाएगा जहां किसी भी वक्त कोई भी आकर मालूमात ले सकेंगा। 2/4
मुल्क भर में कुरानी आयात और तारीख ए इस्लामी को नुमाया करके फ्लेक्स और बिलबोर्ड्स पर लगाया गया है कुरआन मजीद के तर्जुमे मुख्तलिफ ज़ुबानों में लगाए गए हैं। 3/4
Sultan of Dilli
जब हज़रत ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी र.अ की वफात हुई तो कोहराम मच गया जनाज़ा तैय्यार हुआ एक बड़े मैदान में लाया गया बेपनाह लोग नमाज़े जनाज़ा पढ़ने के लिए आए हुए थे इंसानों का एक समंदर था जो हद निगाह तक नज़र आता था। 1/6 #BakhtiyarKaki #Shamsud_Din_Iltutmish
जब जनाज़ा पढ़ने का वक्त आया तो एक आदमी आगे बढ़ा और कहने लगा मैं ख्वाजा कुतुबुद्दीन र.अ का वकील हूं। मुझे हज़रत ने एक वसीयत दी थी मैं मजमे तक वो वसीयत पहुंचाना चाहता हूं मजमे पर सन्नाटा छा गया। वकील ने पुकार कर कहा हज़रत ख्वाजा कुतुबुद्दीन र.अ ने ये वसीयत की,,
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के मेरा जनाज़ा वो शख्स पड़ाये जिसके अंदर चार खूबियां मौजूद हो?
जिंदगी में जीसकी तकबीर ए उला कभी कज़ा न हुई हो
जीसकी तहज्जुद की नमाज़ कभी क़ज़ा न हुई हो
उसने किसी गैर महरम को कभी बुरी नज़र से न देखा हो
वो इतना इबादत गुज़ार हो कि उसकी असर की सुन्नत भी कभी छुटी न हो,,
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