रात्रि के अंतिम प्रहर में एक बुझी हुई चिता की भस्म पर अघोरी ने जैसे ही आसन लगाया,
एक प्रेत ने उसकी गर्दन जकड़ ली और बोला- मैं जीवन भर विज्ञान का छात्र रहा और जीवन के उत्तरार्ध में तुम्हारे पुराणों की विचित्र कथाएं पढ़कर भ्रमित होता रहा।
यदि तुम मुझे पौराणिक कथाओं की सार्थकता नहीं समझा सके तो मैं तुम्हे भी इसी भस्म में मिला दूंगा।
अघोरी बोला-
एक कथा सुनो, रैवतक राजा की पुत्री का नाम रेवती था। वह सामान्य कद के पुरुषों से बहुत लंबी थी, राजा उसके विवाह योग्य वर खोजकर थक गये और चिंतित रहने लगे।
थक-हारकर वो योगबल के द्वारा पुत्री को लेकर ब्रह्मलोक गए। राजा जब वहां पहुंचे तब गन्धर्वों का गायन समारोह चल रहा था, राजा ने गायन समाप्त होने की प्रतीक्षा की।
गायन समाप्ति के उपरांत ब्रह्मदेव ने राजा को देखा और पूछा- कहो, कैसे आना हुआ?
राजा ने कहा- मेरी पुत्री के लिए किसी वर को
आपने बनाया अथवा नहीं?
ब्रह्मा जी जोर से हंसे और बोले- जब तुम आये तबतक तो नहीं, पर जिस कालावधि में तुमने यहाँ गन्धर्वगान सुना उतनी ही अवधि में पृथ्वी पर २७ चतुर्युग बीत चुके हैं और २८ वां द्वापर समाप्त होने वाला है, अब तुम वहां जाओ और कृष्ण के बड़े भाई बलराम से इसका विवाह कर दो,
अच्छा हुआ की तुम रेवती को अपने साथ लाए जिससे इसकी आयु नहीं बढ़ी।
इस कथा का वैज्ञानिक संदर्भ समझो- आर्थर सी क्लार्क ने आइंस्टीन की थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी की व्याख्या में एक पुस्तक लिखी है- मैन एंड स्पेस,
उसमे गणना है कि यदि 10 वर्ष का बालक यदि प्रकाश की गति वाले यान में बैठकर
एंड्रोमेडा गैलेक्सी का एक चक्कर लगाये तो वापस आनेपर उसकी आयु ६६ वर्ष की होगी पर धरती पर 40 लाख वर्ष बीत चुके होंगे।
यह आइंस्टीन की time dilation theory ही तो है जिसके लिए जॉर्ज गैमो ने एक मजाकिया कविता लिखी थी-
There was a young girl named Miss Bright,
Who could travel much faster than light
She departed one day in an Einstein way
And came back previous night
प्रेत यह सुनकर चकित था, बोला- यह कथा नहीं है, यह तो पौराणिक विज्ञान है, हमारी सभ्यता इतनी अद्भुत रही है, अविश्वसनीय है।
तभी तो आइंस्टीन पुराणों को अपनी प्रेरणा कहते थे।
अघोरी मुस्कुराता रहा और प्रेत वायु में विलीन हो गया।
🚩🚩जय सियाराम जय हनुमान 🚩🚩
ब्राह्मणों के 8 प्रकार जानिए कौन से
प्राचीन काल में हर जाति, समाज आदि का व्यक्ति ब्राह्मण बनने के लिए उत्सुक रहता था। ब्राह्मण होने का अधिकार सभी को आज भी है। चाहे वह किसी भी जाति, प्रांत या संप्रदाय से हो वह गायत्री दीक्षा लेकर ब्राह्मण बन सकता है,
लेकिन ब्राह्मण होने के लिए कुछ नियमों का पालन करना होता है। हम उस ब्राह्मण समाज की बात नहीं कर रहे हैं जिनमें से अधिकतर ने अपने ब्राह्मण कर्म छोड़कर अन्य कर्मों को अपना लिया है। हालांकि अब वे ब्राह्मण नहीं रहे लेकिन कहलाते अभी भी ब्राह्मण ही है।
👉स्मृति-पुराणों में ब्राह्मण के 8 भेदों का वर्णन मिलता है:- मात्र, ब्राह्मण, श्रोत्रिय, अनुचान, भ्रूण, ऋषिकल्प, ऋषि और मुनि। आठ प्रकार के ब्राह्मण श्रुति में पहले बताए गए हैं। इसके अलावा वंश, विद्या और सदाचार से ऊंचे उठे हुए ब्राह्मण ‘त्रिशुक्ल’ कहलाते हैं। ब्राह्मण को
मुस्लिमों की जातियां कितनी होती हैं, आज देख लो जी भरकर...
खोज के लाये हैं, आप के लिए इस्लाम में कितनी जातियां होती हैं.!
मुसलमान अक्सर हिन्दुओं में ढेर सारी जातियां होने का आरोप लगाते हैं लेकिन जब इस्लामी जातियों पर अध्ययन किया गया तो इस कौम में जातियों की एक लंबी फेहरिस्त
।। सनातन धर्म ।।
• सनातन का अर्थ है शाश्वत या हमेशा बना रहने वाला अर्थात जिसका न आदि है न अन्त*।
• सनातन धर्म जीवन पद्धति है।
• सनातन धर्म विज्ञान है।
• सनातन धर्म सोच है।
• सनातन धर्म द्रष्टि है।
• सनातन धर्म मनोविज्ञान है।
• सनातन धर्म सकारात्मकता है।
• सनातन धर्म प्रचंड ऊर्जा का स्रोत है।
• सनातन धर्म हमेशा युवा बनाये रखता है।
• सनातन धर्म प्रकृति से तालमेल है।
• सनातन धर्म सृष्टि के नियमों का पालन है।
• सनातन धर्म ही आध्यात्मिकता है।
• सनातन धर्म विकास का प्रतीक है।
• सनातन धर्म में सभी प्राणियों और मानव का कल्याण है।
• सनातन धर्म में पर्यावरण संरक्षण है।
• सनातन धर्म से प्रतिबद्धता कर्तव्यनिष्ठा संवेदनशीलता गुणों का विकास होता है।
• सनातन धर्म से जाति प्रांत भाषा पंथ के भेद खत्म हो जाते है।
• सनातन धर्म अपनाने से भष्टाचार भी खत्म हो जाएगा।
• *भारत सनातन धर्म का केन्द्र है।
ट्रेन में दूसरों के सर पर भी पैर रख कर निकल जाने को तैयार हम बीच रास्ते में नमाज़ के लिए बिछाई गयी चटाई को देखते ही पेशाब रोक कर बैठ जाते हैं या लॉन्ग जम्प मार के इस तरह निकलते हैं कि चटाई का कोना भी हमसे छू न जाये।
तो इसलिए नहीं कि हम बड़े धैर्यवान और सहिष्णु हैं।
बल्कि इसलिए कि नमाजी को देखकर हमारी पूँछ हमारे पैरों के बीच आ जाती है।
भीड़ भरी सड़कों पर भी फर्राटा भरती हमारी बाइक या गाड़ी मुस्लिम बस्ती के पास जाते ही रेंगने लगती है और लोगों की जान की परवाह न करने वाले हम वहाँ मुर्गियों और बकरियों तक की जान की परवाह करने लगते हैं ।
तो इसलिए
नहीं कि हम बड़े संस्कारी, नियम पालन करने वाले और अनुशासनप्रिय हैं ।
बल्कि इसलिए कि ऐसी बस्ती के पास पहुँचते ही हमारी जान हलक में आ जाती है।
किसी से बहस होने पर चार गोल टोपी वालों के जुटते ही वहाँ से पुलिस वाले भी रफूचक्कर होने के रास्ते तलाशने लगते हैं ।
तो इसलिए नहीं कि हम सब
अगर कांग्रेस 150 एकड़ जमीन पर नेहरू, संजय, इंदिरा और राजीव गांधी की समाधि न बनवाती तो इस पर 20-30 अस्पताल और बन सकते थे।😂😛🙏🏻 60 साल बाद जिस देश में सरकार बदलने के बाद PM को टॉयलेट बनवाना पड़े। उस देश मे लोग अस्पताल के लिए बोल रहे है सोचो दोष किसका 🤔🤔
राजस्थान का
सीएम अशोक गहलोत सरकार का 100 करोड रुपए दरगाह में देकर आ गया किसी के मुंह से एक शब्द नहीं निकला किसी ने नहीं बोला कि अस्पताल को पैसे देने चाहिए चाहिए। जिस कौम में डॉक्टर कम, आतंकवादी ज़्यादा हैं वो भी हॉस्पिटल पर ज्ञान बांट रहे है 🤦🏻♀️ मतलब हद है बेशर्मी की😷मंद बुद्धियों को मैं
बता दूं कि मंदिर हम अपने पैसों से बनवा रहे है..जनता ने स्वेच्छा से अपना दान दिया। सरकारी पैसे 70 साल में हज हाऊस, हज सब्सिडी और मौलानाओ को पगार देने पर खर्च हुए थे। अस्पतालों पर नहीं ,अखिलेश ने 600 करोड़ का हज हाउस बनवाया..
मायावती बहन जी ने 1200 करोड़ की अपनी