ब्रिटेन कैसे डूबा? एक छोटा सा नमूना..ध्यान से पढ़िए..
- भारतीय मूल के उद्योगपति लक्ष्मी निवास मित्तल दुनिया के बड़े उद्योगपतियों में शुमार है..उनके छोटे भाई साहेब है प्रमोद मित्तल..दोनों ब्रिटेन के शहरी/नागरिक हैं..
★ आप लक्ष्मी मित्तल को "मुकेश अंबानी" और प्रमोद मित्तल को
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"अनिल अंबानी" जैसे तसव्वुर/कल्पना कर सकते है..बस कल्पना..
- प्रमोद मित्तल 2020 में दिवालिया हो गए जैसे अनिल अंबानी दिवालिया हुए..क़र्ज़ था 2 बिलियन पाउंड, लगभग 19,800 करोड़ ₹
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- प्रमोद मित्तल इसका 2% चुका कर छुटकारा पाना चाहते थे..सबकुछ तय भी हो गया था..19,800 करोड़ क़र्ज़ का केवल 2% = 40 करोड़ ₹ लगभग🤣
★ पर कोर्ट ने इस सेटलमेंट को रोक दिया है..प्रमोद मित्तल फड़फड़ा रहे है..आगे देखना है क्या होता है..
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✋ भारत मे में यही खेल हो रहा है..मुकेश अंबानी अपने दिवालिया भाई अनिल अंबानी का 100₹ का लोन 8₹ में सेटलमेंट कर रहे है..ऐसे और भी मु'आमले है..
✋ ब्रिटेन डूब कर सम्हलने की कोशिश कर रहा है..पर भारत तो अभी पूरी तरह से डूबा भी नहीं है😊 #krishiyer
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तो दायें बायें अकबर और अमर है,बीच मे अपना एन्थोनी गोन्जाल्विस। ये दुनिया मे अकेला है, दिल भी है खाली, घर भी है खाली, इसमे रहेगी ....
उॅह !!! विषयान्तर हो गया।
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तो बीच वाला अपने परनाना की तरह कश्मीरी पंडित है,या कि दादा की तरह पारसी है,
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(या कि भक्त समाज के बताऐ अनुसार,दादा मुसलमान है)
या कि मां की तरह क्रिश्चियन है,या कि खुद के कहे अनुसार शिवभक्त ??
भारी कनफ्यूजन है।
बावजूद इसके,कि व्हाट्सप यूनिवर्सिटी मे इसके धर्म के सवाल पर लंबी लंबी थीसिस लिखी जा चुकी है। जो फार्वर्ड पढकर लाखो "विषय विशेषज्ञ" पीएचडी करके
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बेरोजगार घूम रहे है ...
सवाल फिर भी बरसों से खड़ा है ,
कड़ा है, बड़ा है, भक्त भीतर लेकर घूम रहे है।
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मेरा मानना है, कि राहुल किसी धर्म का नही है .. इस खून हिंदुस्तान की तरह बहुरंगी है। दिल हमारी संस्कृति की तरह एक मेल्टिंग पॉट है।
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आधुनिक काल की बात है।राजा सावरकर ने, एक संघी बन्दर को पाल पोसकर बड़ा किया था।उसे वह मित्र मानता था।वह बन्दर भी राजा की बहुत सेवा करता था।
राजा सावरकर अपने जमाने मे एक बहुत बड़ा माफीवीर था।
पर अब यह बात भुला दी गई थी। उसके नाम पर डाकटिकट
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वगैरह जारी हो गए थे। पिक्चर-विक्चर भी बन गई थी, और एयरपोर्ट भी उसके नाम पर बने थे। इसलिए अब वह सुख से, चिरनिद्रा में सो रहा था।
और बन्दर उसे पंखा कर रहा था।
इतने में एक चुनावी मक्खी उड़कर बंदर के मुँह पर इधर-उधर बैठने लगी। बन्दर उसे उड़ाने का यत्न करने लगा पर वह मक्खी इतनी
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ढीठ थी कि वह मान ही नहीं रही थी।
बंदर उसे चिल्ला चिल्लाकर गालियां देने लगा। मक्खी भी,मजे लेने के लिए राजा सावरकर की नाक पर बैठ गई।
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मक्खी की इस ढिठाई पर बन्दर को क्रोध आ गया।आखिर राजा की नाक पर मक्खी का बैठना बर्दाश्त कैसे करता।उसने तलवार निकाली और मक्खी पर चला दी। मक्खी तो
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मैं चौकीदार हूँ ... क्या यह जनता का मुद्दा है❓
मैं चाय वाला हूँ
मैं फकीर हूँ
मैं गरीब हूँ मेरे पास तो कार भी नहीं
मैं कामदार आदमी हूँ
वो मुझे काम नहीं करने देते
▪️वो मोदी को हराना चाहते हैं
▪️स से सपा रा रालोद
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ब से बसपा:यानी सराब
उनका गठबंधन मिलावटी है
*#नेहरू* ने अगर ऐसा किया होता,नेहरू ने अगर ऐसा ना किया होता...
कांग्रेस की विधवा माँ...
कांग्रेस खत्म हो गई तो गरीबी भी खत्म
▪️मेरे विरोधी रो रहे हैं
▪️यह मोदी है,बारी-बारी सब का हिसाब लेगा
लेकिन साल में एक बार छपने वाला विशेषांक अपने कवर पेज पर बहुत कुछ इशारे कर जाता है और डिकोड करनेका काम छोड़ जाता है
पोस्ट को सेवकरे जिससे सनद रहे और वक़्त ज़रूरत काम आवे
इसके अनुसार अगले वर्ष केंद्रीय शक्ति पुतिन और शी जिंगपिंग रहने वालेहै,यूक्रेन
विवाद अभी चलेगा लेकिन वर्ष के मध्य से पहले सुलझा लिया जाएगा.
यूरोप की आर्थिक परिस्थितियाँ और ऊर्जा संकट वहाँ के लिए भयावह होगा, सबके बीच ग्रेट ब्रिटेन को कोई स्थान न मिलना भी हैरानी की बात है
जैसी कि उम्मीद है कि अमेरिका कठिनाइयों में फँस सकता है वैसा होने की आशा नहीं है लेकिन
कमज़ोर अवश्य होगा और शायद उसकी कमजोरी का लाभ उठा कर चीन ताइवान का मसला ख़त्म कर दे
चीन और भारत के सम्बंध में पर्दे के पीछे चीन द्वारा कुछ और क्षेत्र क़ब्ज़ाये जाने के संकेत एवम् सरेंडर के साथ ना कोई घुसा है, ना घुस आया है का कलंकित अध्याय दोहराया जा सकता है.
पुनीत शर्मा✍️
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तुम्हारी अर्थियां उठें मगर ये ध्यान में रहे कि
मेरे लिये जो है सजी
वो सेज ना खराब हो
ये बादशा का हुक्म है
और एक हुक्म ये भी है
भले कोई भी मरे
मेरी इमेज ना खराब हो
सुनो मेरे मंत्रियों
सफेदपोश संत्रियो
जहां मिले जमीन खाली
रोप दो कपास को
कपास मिल में डाल कर
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रोप दो कपास को
कपास मिल में डाल कर
बुनो सफेद चादरें
गली गली में जाकर फिर
ढको हरेक लाश को
सवाल जो करे उसे
नरक में तब तलक रखो
कहे न जब तलक मुझे
कि आप लाजबाव हो
ये बादशा का हुक्म है
और एक हुक्म ये भी है
भले कोई मरे
मेरी इमेज ना खराब हो
खरीदो ड्रोन कैमरे
खिंचाओ मेरी फोटुयें
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दिखाओ उसको न्यूज पे
करो मेरा प्रचार फुल
कहीं दिखे जो दाग
तो जबान से ही पौंछ दो
मगर ये ध्यान में रहे
जबान पे हो लार फुल
निकाल हर किसी की रीढ़
भीड़ वो बनाओ तुम
वो जुल्म पे, हिसाब पर
कभी न इंकलाब हो
ये बादशा का हुक्म है
और एक हुक्म ये भी है
भले कोई मरे
मेरी इमेज इमेज ना खराब हो
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