"सम्राट अशोक" की "जन्म- जयंती" हमारे देश में "नहीं मनाई जाती" ??
बहुत सोचने पर भी, "उत्तर" नहीं मिलता! आप भी, इन "प्रश्नों" पर, "विचार" करें!
जिस -"सम्राट" के नाम के साथ, -"संसार" भर के, "इतिहासकार"- “महान” शब्द लगाते हैं
जिस -"सम्राट" का राज चिन्ह "अशोक चक्र"-" भारतीय", "अपने ध्वज" में लगाते है l
जिस -"सम्राट" का -"राज चिन्ह", "चारमुखी शेर" को, "भारतीय",- "राष्ट्रीय प्रतीक" मानकर,:- " सरकार" चलाते हैं l और "सत्यमेव जयते" को "अपनाया" है l
जिस देश में - "सेना का सबसे बड़ा युद्ध सम्मान",
"सम्राट अशोक" के "नाम" पर, "अशोक चक्र" दिया जाता है l
जिस -"सम्राट" से -"पहले या बाद" में :- "कभी कोई ऐसा राजा या सम्राट नहीं हुआ"...l जिसने : -"अखंड भारत" (आज का नेपाल, बांग्लादेश, पूरा भारत, पाकिस्तान, और अफगानिस्तान) जितने, "बड़े भूभाग" पर:-"एक-छत्र राज" किया हो l
सम्राट अशोक" के ही, समय में :- "२३ विश्वविद्यालयों" की "स्थापना" की गई l जिसमें :- तक्षशिला, नालन्दा, विक्रमशिला, कंधार, आदि "विश्वविद्यालय", "प्रमुख" थे इन्हीं "विश्वविद्यालयों" में "विदेश" से "छात्र", "उच्च शिक्षा" पाने, :- "भारत आया करते थे"
जिस -"सम्राट" के "शासन काल" को -
"विश्व" के "बुद्धिजीवी" और "इतिहासकार", "भारतीय इतिहास" का सबसे -"स्वर्णिम काल" मानते हैं
जिस -"सम्राट" के "शासन काल" में :- "भारत"- "विश्व गुरु" था l "सोने की चिड़िया" था l जनता -"खुशहाल" और "भेदभाव-रहित" थी l
जिस सम्राट के शासन काल में, सबसे "प्रख्यात" "महामार्ग", :-
"ग्रेड ट्रंक रोड" जैसे कई -"हाईवे" बने l २,००० किलोमीटर लंबी पूरी "सडक" पर, "दोनों ओर", "पेड़" लगाये गए l "सरायें" बनायीं गईं..l मानव तो मानव..,पशुओं के लिए भी, प्रथम बार "चिकित्सा घर" (हॉस्पिटल) खोले गए l "पशुओं को मारना बंद" करा दिया गया l
ऐसे -"महान सम्राट अशोक", जिनकी -
जयंती" उनके -"अपने देश भारत" में :-"#क्यों नहीं मनायी जाती"#?? न ही, कोई -"छुट्टी" घोषित की गई है?*
दुख: है, कि :-जिन नागरिकों को ये -"जयंती", "मनानी" चाहिए..? वो अपना -"इतिहास" ही, "भुला" बैठे हैं l और , जो :- "जानते" हैं ? "वो":- "ना जाने क्यों" ? "मनाना":- "नहीं चाहते"
*पिताजी का नाम - बिन्दुसार गुप्त
*माताजी का नाम - सुभद्राणी
"जो जीता, वही:- "चंद्रगुप्त" ना होकर ...? "जो जीता", वही :-"सिकन्दर" कैसे हो गया
जबकि - "ये बात" सभी जानते हैं, कि:- "सिकन्दर" की सेना ने -"चन्द्रगुप्त मौर्य" के "प्रभाव" को देखते हुए ही, :- "लड़ने से मना कर दिया" था!
बहुत ही ,"बुरी तरह" से "मनोबल टूट गया था" और "वापस लौटना" पड़ा था
कृपया - अपने सभी समुहों में भेजने का कष्ट करें और हम सब मिल कर, बाक़ी साथियों को भी,"जागरूक" करें
आइए मिल कर - इस "ऐतिहासिक भूल" को, "सही करने" का @narendramodi@AmitShah@ianuragthakur@AMISHDEVGAN@AmanChopra_
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चोलों का इतिहास कितना पुराना?
अशोक के शिलालेखों में इनका नाम दर्ज है, यानी अशोक से भी पहले दक्षिण भारत में चोल थे, अपने धुर प्रतिद्वंद्वी चेरों और पांड्यो के साथ। मेगस्थनीज पाण्ड्य राज्य के बारे में बताता है कि हेराक्लीज(कृष्ण) की पुत्री का यहाँ शासन था
अर्थात मातृ सत्ता यहाँ शुरू से थी। संगमयुग के बाद बीच में बौद्ध और जैन धर्मी कलभ्र शासकों का भी मामूली जिक्र मिलता है उसपे फिर कभी।
अमूमन ये जानिए कि
चोल=तमिल क्षेत्र
चेर=केरल
पाण्ड्य= सुदूर दक्षिण तट कन्याकुमारी/मदुरै का क्षेत्र
पहली सदी ई0 पू0 कलिंग राजा खारवेल के
शिलालेख में 113 साल पुराने तमिल संघ का जिक्र है(यही संगम युग है, अर्थात तब भी ये शक्तिशाली बने रहे इसका महत्वपूर्ण सबूत है ये)।
संगम साहित्य में चोलों की महान शक्ति का जिक्र है, जिसमें चोल राजा करिकाल(190 ई0) जो बाद के आने वाले साम्राज्यवादी चोलों से पहले ही समुद्र का अधिपति बन
वक्फबोर्ड ने चांद की जमीन पर दांवा ठोंका है वक्फबोर्ड ने नासा को दिए नोटिस में कहा कि हम 1400 वर्षो से चांद देखकर त्योहार मना रहे है इसलिए वक्फ एक्ट के मुताबिक चांद की जमीन हमारी हुई
नासा तुरंत अपने सेटेलाइट बटोरकर चांद खाली करें😜
वक्फबोर्ड ने एक नोटिस नील आर्म स्ट्रांग को भी भेजा है जिसमें उनसे जवाब मांगा गया है कि आपने वक्फबोर्ड से बिना पूछे चांद पर पहला कदम क्यों रखा. वक़्फ़ एक्ट मुताबिक आपको 2 साल की सजा हो सकती है अतः तुरंत वक्फ को जुर्माना भरें.
नोटिस के बाद नासा में हड़कंप मचा हुआ है खबरें है कि
वक्फ एक्ट का गहन अध्ययन करने के बाद नासा के वैज्ञानिक बेहोश हो गए उनके मुताबिक नासा ने अरबों डॉलर खर्च कर एक भी सेटेलाइट नही बनाया जो किसी जमीन पर कब्जा कर सके लेकिन वक्फ एक्ट तो अंतरिक्ष की किसी भी जमीन पर कब्जा कर सकता है.
जैसे कश्मीर से भगाया, वैसे ही लेस्टर से ‘हिंदू कुत्तों’ का सफाया करो:9 परिवारों का पलायन,कट्टरपंथियों के आतंक के कारण घरों से हिंदू-प्रतीक गायब
इंग्लैंड के लेस्टर शहर में इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं और मंदिरों पर हमला करने के बाद से वहाँ डर का माहौल है
इस बात का खुलासा हेनरी जैक्सन रिसर्च फेलो शार्लोट लिटिलवुड (Charlotte Littlewood) ने GB News से बातचीत में किया है। उन्होंने बताया कि लेस्टर में हिंदू परिवार दहशत के साए में जीने को मजबूर हैं
9 हिंदू परिवारों ने पलायन कर लिया है। वहाँ कट्टरपंथी मुस्लिमों के आतंक से वे अपने घरों
के बाहर हिंदू-प्रतीक तक नहीं लगा सकते।
लिटिलवुड ने एंकर को बताया कि लेस्टर में हिंदू डर के साए में जी रहे हैं। उन्हें उनके घरों के बाहर हिंदू-प्रतीक तक नहीं लगाने दिया जा रहा है। डर की वजह से 9 हिंदू परिवारों ने पलायन कर लिया है। लिटिलवुड ने 5.22 मिनट के वीडियो में कहा,
हैदराबाद के निजाम ने खुद को भारत से अलग होने का ऐलान कर दिया था
सरदार पटेल ने उसे संधि के लिए दिल्ली बुलाया, निजाम ने अपने दीवान को उनसे मिलने भेजा
जब निजाम पटेल जी से मिलने आया तो पटेल जी ने उनका पूरा आदर सत्कार किया
भोजन किया और उसके बाद मंत्रणा करने बैठे
पटेल जी ने पूछा की जब हैदराबाद के 80% हिन्दू भारत में मिलना चाहते है तो आपके निजाम क्यों पाकिस्तान के बहकावे में आ रहे है। निजाम के दीवान ने कहा की आप हमारे बीच में न पड़े, हम अपनी मर्जी के मालिक है, और रही हिन्दुओ की बात तो इन 1 करोड़ हिन्दुओ की हम लाशें बिछा देंगे
एक भी हिन्दू आपको जिन्दा नहीं मिलेगा, तब किसकी राय पूछेंगे ??
यह सुनकर पटेल जी ने दीवान कहा - आप जाइए वापिस हैदराबाद,
दीवान चला जाता है, अगली सुबह दीवान के हैदराबाद पहुँचने से पहले ही भारतीय सेना हैदराबाद पर धावा बोल देती है, पूरे हैदरबाद पर कब्जा कर लिया जाता है, तब पाकिस्तान
वक्फ एक्ट 1995 सेक्शन 40: वक्फ के सोचने के बाद वक्फ को आपकी जमीन पर अपना दावा साबित नहीं करना है बल्कि जमीन मालिक को ये साबित करना होगा कि ये जमीन वक्फ की नहीं बल्कि उसकी है.
जमीन मालिक अपनी जमीन बचाने के लिए सिविल कोर्ट भी नहीं जा सकता बल्कि उसे वक्फ के ट्रिब्यूनल कोर्ट में
जाकर अपना दावा साबित करना होता है.
अब वक्फ के ट्रिब्यूनल कोर्ट ने कह दिया कि वक्फ का दावा सही तो आप तुरंत भूमिहीन हो जाएंगे, आपकी जमीन वक्फ की हो जाएगी.
स्पष्ट है कि वक्फ एक्ट 1995 दूसरों की जमीन कब्जाने का माध्यम है तथा वक्फ ऐसा कर भी रहा है. आज वक्फ के पास सेना व रेलवे के