#WamanMeshram
*प्रबोधन सत्र 2*
*बामसेफ एवं राष्ट्रीय मूलनिवासी संघ का 39वां सयुक्त राष्ट्रीय अधिवेशन*
*दि. 24 से 25 दिसंबर 2022*
*स्थान:- मान्यवर कांशीराम जी सांस्कृतिक स्थल, लखनऊ, उत्तरप्रदेश🇮🇳*
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RSS के बामनो द्वारा रखा हुआ व RSS संचालित BJP प्रचारमंत्री मोडी का देश के लोगो को गुमराह व भ्रमित करने व सरासर झूठ परोसने पिछले 8-9 साल मे 6491 करोड रुपये सिर्फ विज्ञापनो पर खर्च किये|
RSSसंचालितBJP ने 2014 मे सत्ता संभालने से लेकर अब तक सरकार ने विज्ञापनो पर 6491 करोड से ज्यादा
रुपये खर्च किए है|
ये जानकारी संसद मे सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी है| अनुराग ठाकुर ने बताया की, ''इलेक्ट्रॉनिक मीडिया(TV-Radio) पर 3260 करोड रुपये के और प्रिंट मीडिया(अखबार-मेगजीन) पर 3230 करोड रुपये के विज्ञापनो दिये गए|''
इससे आप जागरूक लोग आसानी से समज सकते है
कि देश के लोगो के Tax के रुपयो का किस तरह उपयोग किया जा रहा, अब तो आप लोगो को समज जाना चाहिए कि, लोकतंत्र के चारो स्तंभो(मीडिया-पार्लियामेंट-ब्यूरोक्रेसी-ज्यूडिशरी) पर बामनो का अनियंत्रित कब्जा है,वर्तमान मे यह कब्जा EVM मशीन से हो रहे चुनावो की वजह से और पक्का हो रहा है, आनेवाले
#WamanMeshram
चलो कोरेगांव भीमा, चलो कोरेगांव भीमा विजय स्तंभ
भारत मुक्ति मोर्चा, बहुजन क्रांति मोर्चा और छत्रपति क्रांति सेना द्वारा आयोजित भव्य राज्य स्तरीय अभिवादन सभा
दि.1जनवरी2023, सुबह 11 बजे से
प्रमुख मार्गदर्शक:-डॉ.विलास खरात (राष्ट्रीय महासचिव,भारतमुक्तिमोर्चा,नई दिल्ली)
अध्यक्षता:- मा.वामन मेश्राम (राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारत मुक्ति मोर्चा, नई दिल्ली)
विषय:-
1.)ब्राह्मणो ने छत्रपति शिवाजी महाराज के स्वराज की हत्या की| -प्रबोधनकार ठाकरे
अथवा
2.)छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज प्रतापसिंह भोसले महाराज को बालाजी पंत नातू ने पदच्युत कराकर वाराणसी मे
(वनवास मे) सडाकर मारा क्या इससे मराठा तथा बहुजन समाज सबक लेगा?
अथवा
3.)आरएसएस के माधव गोलवकर, पुरंदरे और कोश्यारी ने छत्रपति के घराणे की बदनामी तथा चरित्र हनन कर पेशवाई का खुलकर समर्थन किया|
अथवा
4.)कोरेगाव भिमा विजय स्तंभ के स्मारक का विकास तथा सुरक्षा हेतु 267 एकड जमीन ब्रिटीश
"महाथेरी संघमित्रा गौरव दिवस" की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं |
सम्राट अशोक की पुत्री महाथेरी संघमित्रा ने सिलोन मे जाकर वहाँ भिक्खुणी संघ को स्थापित कर दिया था और बोधिवृक्ष की एक शाखा अनुराधापुर मे लगवाई थी| महाथेरी संघमित्रा की याद मे सिलोन मे आज भी "उदुपव पोया उत्सव" मनाया जाता
है, जिसमे दस नयी श्रामनेरीयो के हाथो उत्सव का उद्घाटन किया जाता है| जादा से ज्यादा लडकियाँ, युवतियाँ और महिलाएं इस दिन श्रामनेरी बनकर दिक्षा लेती है और फिर बुद्ध मुर्ति के सामने बैठकर त्रिशरण, पंचशील और महत्वपूर्ण सुत्तो का पठन करती है| इस उत्सव को महाथेरी संघमित्रा की याद मे
"संघमित्रा दिवस" भी कहा जाता है|
*महाथेरी संघमित्रा ने दुनिया मे पहली बार देश के बाहर जाकर धम्मप्रचार किया था और दुसरे देश मे महिलाओ को सम्मान प्रदान करनेवाले भिक्खुणीसंघ का हिस्सा बनवाया था| इसलिए, महाथेरी संघमित्रा के इस महान कार्य की याद मे यह दिन "अंतरराष्ट्रीय महिला दिन"
सगुण हा घाणा घेऊनि बैसलो ।
तेली जन्मा आलो घाणा घ्याया ।।१।।
नाही तर तुमची आमची एक जात ।
कमी नाही त्यात आणु रेणु ।।२।।
संतु म्हणे जाती दोनच त्या आहे ।
स्री आणि पुरुष शोधुनिया पाहे ।।३।।
मेरा जन्म तेली जाति मे हुआ इसलिए मैं तेल निकालने का काम कर रहा हूं| लेकिन, ब्राह्मणो ने
निर्माण की हुई जातियाँ हमारी असली पहचान नही है| आप हमारे जाति को नीचा मानकर हमे पराया न समझे| आपके और हमारे बीच अनु-रेणू इतना भी फर्क नही है| प्राकृति ने निर्माण किये हुए इंसानो मे स्त्री और पुरुष केवल दो ही जातियाँ है|
राष्ट्रसंत संताजी जगनाडे महाराज जी के 398वे जन्मजयंती के
अवसर पर देश के सभी मूलनिवासी बहुजनो को बहोत बहोत बधाईयां |
ब्राह्मणवाद को प्रतिस्थापित करने के लिए आधुनिक भारत मे जो RSS बनाया उसके द्वितीय सरसंघचालक गुरु-गोलवलकर ने RSS के प्रमुख पदाधिकारियो को निर्देश देने के लिए एवम RSS के उद्देश्य को पूरा करने के लिए जो पुस्तक 'बंच ऑफ थोट' लिखी है उसमे पिछडी जातियो के सत्यानाश
के लिए क्या क्या निर्देश है? उसका जिक्र सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज साहब सार्वजनिक रूप से कर रहे है|
जरा विचार करे?
ब्राह्मणो के पुरखो ने जो शास्त्र संस्कृत मे लिख रखे है उनमे ब्राह्मणो के पुरखो ने हमारे सत्यानाश करने के लिए ब्राह्मणो को क्या क्या निर्देश दे रखे होंगे?
बाबासाहेब
ने सबसे पहले संस्कृत भाषा का अध्ययन किया, फिर ब्राह्मणो के धर्म शास्त्रो का अध्ययन किया तब मूलनिवासियो की तबाही और बर्बादी के कारणो के बारे मे जानकारी प्राप्त हुई तो, बाबासाहेब अम्बेडकर ने मनुस्मृति को सरेआम 25दिसम्बर1927 को जलाया था|
ब्राह्मणो के धार्मिक, सामाजिक एवम राजनीतिक
22नवंबर👉झलकारी बाई जन्मजयंती
वीरांगना झलकारी बाई कोरी (जन्म;22/11/1830-मृत्यु;04-04/1858) झांसी की ब्राह्मण रानी लक्ष्मीबाई की नियमित सेना मे महिला शाखा दुर्गा दल की सेनापति थी| वे लक्ष्मीबाई की हमशक्ल भी थी इस कारण शत्रु को धोखा देने के लिए वे रानी के वेश मे भी युद्ध करती थी|
अपने अंतिम समय मे भी वे रानी के वेश मे ही युद्ध करते हुए अंग्रेजो के हाथो पकडी गयी और रानी को किले से भाग निकलने का अवसर मिल गया| उन्होने प्रथम स्वाधीनता संग्राम मे झांसी की रानी के साथ ब्रिटिश सेना के विरुद्ध अद्भुत वीरता से लडते हुए ब्रिटिश सेना के कई हमलो को विफल किया था| यदि
लक्ष्मीबाई के सेनानायको मे से एक ने उनके साथ विश्वासघात न किया होता तो झांसी का किला ब्रिटिश सेना के लिए प्राय: अभेद्य था| झलकारी बाई की गाथा आज भी बुंदेलखंड की लोकगाथाओ और लोकगीतो मे सुनी जा सकती है| भारत सरकार ने 22जुलाई2001 मे झलकारी बाई के सम्मान मे 4रुपये का एक डाक टिकट जारी